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CBSE ने नए सत्र के लिए अपने सिलेबस में 30% कटौती का ऐलान किया है। एकेडमिक सत्र 2020-21 के लिए 9वीं से 12वीं के कोर्स में लगभग एक-तिहाई कमी की गई है। NCERT और CBSE बोर्ड के विशेषज्ञों की एक कमेटी ने पाठ्यक्रम में कटौती का ड्राफ्ट तैयार किया था। इसके बाद यह फैसला लिया गया। 8वीं तक की कक्षाओं के लिए CBSE ने स्कूलों को खुद सिलेबस तैयार करने की छूट दी है। हालांकि, कई स्टूडेंट्स के लिए ये समझना थोड़ी मुश्किल हो रहा है कि किस कक्षा से किन-किन टॉपिक्स को सिलेबस से हटाया गया है।इस साल 10वीं कक्षा में प्रमोट होने जा रहे स्टूडेंट्स यहां आसान भाषा में समझ सकते हैं कि उन्हेंं कोन-से टॉपिक पढ़ने होंगे और कौन-से नहीं। कंप्यूटर एप्लीकेशन- एनिमेशन से जुड़े टॉपिक्स को हटाया थ्योरी और प्रैक्टिकल मिलाकर कुल 9 टॉपिक हटाए गए हैं। कॉर्डिनेट्स एंड कंडीशनल, एनिमेटेड इमेजेस, स्टोरी, सॉन्ग, स्प्रिट ऑफ बेसिक स्क्रैच, ड्रॉइंग विद इटरेशन जैसे टॉपिक इस साल स्टूडेंट्स को नहीं पढ़ने होंगे। इंग्लिश में इस बार नहीं होंगे पैसिव वॉइस, प्रिपोजिशन और द फर्स्ट फ्लाइट इंग्लिश में ग्रामर से चार और लिटरेचर से पांच टॉपिक हटाए गए हैं। ग्रामर में स्टूडेंट्स को नए सत्र में नाउन, एडवर्ब क्लॉजेस, प्रिपोजिशन, फर्स्ट फ्लाइट टॉपिक नहीं पढ़ने होंगे। इंग्लिश के साहित्य वाले हिस्से से How to Tell Wild Animals, Trees. Fog. Mijbil the Otter. For Anne Gregory हट गए हैं।वहीं, The Midnight Visitor. A Question of Trust, The Book That Saved The Earth कहानियां भी सिलेबस में इस बार नहीं होंगी। हिंदी ए- पांच कविताएं और चार कहानियां इस बार सिलेबस में नहीं होंगी पांच कविताओं और चार कहानियों समेत हिंदी-ए के सिलेबस से कुल 11 पाठ नए सिलेबस सेहटा लिए गए हैं। गिरि राजकुमार माथुर की कविता- छाया मत छूना, मंगेश डबराल की संगतकार और जयशंकर प्रसाद की आत्मकथ्य भी नए सिलेबस में नहीं रहेगी। महावीर प्रसाद द्विदेदी की कहानी- स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन, यतीन्द्र मिश्र की- नौबत खाने में इबादत को भी हटा लिया गया है। हिंदी बी - रवींद्रनाथ ठाकुर और महादेवी वर्मा की कविताएं हटीं कक्षा 10 में हिंदी बी के सिलेबस से व्याकरण, पद्द खंड और गद्ध खंड को मिलाकर कुल 9 पाठ हटाएगए हैं। व्याकरण में, अलंकार इस बार स्टूडेंट्स को नहीं पढ़ना होगा। वहीं रवींद्रनाथ ठाकुर की कविता 'आत्मत्राण' और महादेवी वर्मा की 'मधुर-मधुर मेरे दीपक जल' समेत कुल तीन कविताओं के अलावा बिहारी के दोहे भी इस बार सिलेबस में नहीं होंगे। चार कहानियां 'डायरी का एक पन्ना' (सीताराम सेकसरिया), 'तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र' ( प्रहलाद अग्रवाल), 'गिरगिट' ( अंतोन चेखव), 'पतझड़ में टूटी पत्तियां' ( रवींद्र केलकर) को भी हटा लिया गया है। होम साइंस में इस बार फैमिली इनकम और रेडीमेड गारमेंट्स शामिल नहीं होम साइंस के स्टूडेंट्स को 10वीं में अब तक फैमिली इनकम और रेडीमेंट गारमेंट्स के बारे में भी पढ़ाया जाता था। ये टॉपिक इस बार सिलेबस से हटा लिए गए हैं। इसके अलावा प्रॉबलम्स ऑफ एडोलसेंट्स और कंज्यूमर एजुकेशन टॉपिक भी हटाए गए हैं। 10वीं में होम साइंस के सिलेबस से कुल चार टॉपिक हटे हैं। मैथेमैटिक्स : ज्योमेट्री और अलजेब्रा के सबसे ज्यादा टॉपिक हटाए गए 10वीं के सिलेबस में मैथ्स से कुल 15 टॉपिक हटाए गए हैं। सबसे ज्यादा टॉपिक अलजेब्रा और ज्योमेट्री के हटे हैं। अलजेब्रा से स्टेटमेंट एंड सिम्पल प्रॉब्लम, क्रॉस मल्टीप्लीकेशन मैथड हट गए हैं। वहीं, ज्योमेट्री में कंस्ट्रक्शन ऑफ ट्राएंगल इस बार नहीं होंगे। साइंस में सात प्रैक्टिकल्स और सात थ्योरी के टॉपिक नहीं पढ़ने होंगे साइंस में थ्योरी के सात टॉपिक हटाए गए हैं। सात एक्सपेरिमेंट्स से जुड़े टॉपिक्ससे भी स्टूडेंट्स को राहत मिलेगी। इंटरनल असेसमेंट का भी एक टॉपिक हटा है।इस तरह 10वीं के साइंस के सिलेबस से कुल 15 टॉपिक हटे हैं। थ्योरी में इस बार स्टूडेंट्स को मेटल एंड नॉन मेटल, कार्बन एंड इट्स कम्पाउंड्स, द ह्यूमन आई एंड द कलरफुल वर्ल्ड, मैगनेटिक इफेक्ट ऑफ इलेक्ट्रिक करंट नहीं पढ़ने होंगे। वहीं, प्रैक्टिकल्स में एसिड से pH ढूंढने, लीफ पील बनाने और एसिटिक एसिड से जुड़े एक्सपेरिमेंट हटा दिए गए हैं। इंटरनल असेसमेंट से मैनेजमेंट ऑफ नैचुरल रिसोर्सेस नाम का टॉपिक भी इस बार सिलेबस में नहीं होगा। सोशल साइंस - लोकतंत्र की चुनौतियां, आंदोलन, धर्म व जाति और वन्य जीवन वाले चैप्टर नहीं होंगे 10वीं कक्षा में सोशल साइंस के सिलेबस से आठ चैप्टर पूरी तरह हटा दिए गए हैं। ये टैप्टर अर्थशास्त्र, समाज, वैश्विकरणउद्योगीकरण, जल, वन्य जीवन, लोकतंत्र की चुनौतियां, धर्म व जाति पर आधारित थे। Livelihoods, Economies and Societies चैप्टर पीरियॉडिक टेस्ट में शामिल रहेगा। लेकिन, बोर्ड परीक्षाओं में इसे भी शामिल नहीं किया जाएगा। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें CBSE has announced a cut in the syllabus. Understand in detail what changes have taken place in the 10th syllabus. https://ift.tt/3f7LJwy Dainik Bhaskar साइंस से मेटल, कार्बन और इलेक्ट्रिक करंट वाले टॉपिक हटे, मैथ्स से ज्योमेट्री और अलजेब्रा से जुड़े टॉपिक भी कम हुए

CBSE ने नए सत्र के लिए अपने सिलेबस में 30% कटौती का ऐलान किया है। एकेडमिक सत्र 2020-21 के लिए 9वीं से 12वीं के कोर्स में लगभग एक-तिहाई कमी ...
- July 09, 2020
CBSE ने नए सत्र के लिए अपने सिलेबस में 30% कटौती का ऐलान किया है। एकेडमिक सत्र 2020-21 के लिए 9वीं से 12वीं के कोर्स में लगभग एक-तिहाई कमी की गई है। NCERT और CBSE बोर्ड के विशेषज्ञों की एक कमेटी ने पाठ्यक्रम में कटौती का ड्राफ्ट तैयार किया था। इसके बाद यह फैसला लिया गया। 8वीं तक की कक्षाओं के लिए CBSE ने स्कूलों को खुद सिलेबस तैयार करने की छूट दी है। हालांकि, कई स्टूडेंट्स के लिए ये समझना थोड़ी मुश्किल हो रहा है कि किस कक्षा से किन-किन टॉपिक्स को सिलेबस से हटाया गया है।इस साल 10वीं कक्षा में प्रमोट होने जा रहे स्टूडेंट्स यहां आसान भाषा में समझ सकते हैं कि उन्हेंं कोन-से टॉपिक पढ़ने होंगे और कौन-से नहीं। कंप्यूटर एप्लीकेशन- एनिमेशन से जुड़े टॉपिक्स को हटाया थ्योरी और प्रैक्टिकल मिलाकर कुल 9 टॉपिक हटाए गए हैं। कॉर्डिनेट्स एंड कंडीशनल, एनिमेटेड इमेजेस, स्टोरी, सॉन्ग, स्प्रिट ऑफ बेसिक स्क्रैच, ड्रॉइंग विद इटरेशन जैसे टॉपिक इस साल स्टूडेंट्स को नहीं पढ़ने होंगे। इंग्लिश में इस बार नहीं होंगे पैसिव वॉइस, प्रिपोजिशन और द फर्स्ट फ्लाइट इंग्लिश में ग्रामर से चार और लिटरेचर से पांच टॉपिक हटाए गए हैं। ग्रामर में स्टूडेंट्स को नए सत्र में नाउन, एडवर्ब क्लॉजेस, प्रिपोजिशन, फर्स्ट फ्लाइट टॉपिक नहीं पढ़ने होंगे। इंग्लिश के साहित्य वाले हिस्से से How to Tell Wild Animals, Trees. Fog. Mijbil the Otter. For Anne Gregory हट गए हैं।वहीं, The Midnight Visitor. A Question of Trust, The Book That Saved The Earth कहानियां भी सिलेबस में इस बार नहीं होंगी। हिंदी ए- पांच कविताएं और चार कहानियां इस बार सिलेबस में नहीं होंगी पांच कविताओं और चार कहानियों समेत हिंदी-ए के सिलेबस से कुल 11 पाठ नए सिलेबस सेहटा लिए गए हैं। गिरि राजकुमार माथुर की कविता- छाया मत छूना, मंगेश डबराल की संगतकार और जयशंकर प्रसाद की आत्मकथ्य भी नए सिलेबस में नहीं रहेगी। महावीर प्रसाद द्विदेदी की कहानी- स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन, यतीन्द्र मिश्र की- नौबत खाने में इबादत को भी हटा लिया गया है। हिंदी बी - रवींद्रनाथ ठाकुर और महादेवी वर्मा की कविताएं हटीं कक्षा 10 में हिंदी बी के सिलेबस से व्याकरण, पद्द खंड और गद्ध खंड को मिलाकर कुल 9 पाठ हटाएगए हैं। व्याकरण में, अलंकार इस बार स्टूडेंट्स को नहीं पढ़ना होगा। वहीं रवींद्रनाथ ठाकुर की कविता 'आत्मत्राण' और महादेवी वर्मा की 'मधुर-मधुर मेरे दीपक जल' समेत कुल तीन कविताओं के अलावा बिहारी के दोहे भी इस बार सिलेबस में नहीं होंगे। चार कहानियां 'डायरी का एक पन्ना' (सीताराम सेकसरिया), 'तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र' ( प्रहलाद अग्रवाल), 'गिरगिट' ( अंतोन चेखव), 'पतझड़ में टूटी पत्तियां' ( रवींद्र केलकर) को भी हटा लिया गया है। होम साइंस में इस बार फैमिली इनकम और रेडीमेड गारमेंट्स शामिल नहीं होम साइंस के स्टूडेंट्स को 10वीं में अब तक फैमिली इनकम और रेडीमेंट गारमेंट्स के बारे में भी पढ़ाया जाता था। ये टॉपिक इस बार सिलेबस से हटा लिए गए हैं। इसके अलावा प्रॉबलम्स ऑफ एडोलसेंट्स और कंज्यूमर एजुकेशन टॉपिक भी हटाए गए हैं। 10वीं में होम साइंस के सिलेबस से कुल चार टॉपिक हटे हैं। मैथेमैटिक्स : ज्योमेट्री और अलजेब्रा के सबसे ज्यादा टॉपिक हटाए गए 10वीं के सिलेबस में मैथ्स से कुल 15 टॉपिक हटाए गए हैं। सबसे ज्यादा टॉपिक अलजेब्रा और ज्योमेट्री के हटे हैं। अलजेब्रा से स्टेटमेंट एंड सिम्पल प्रॉब्लम, क्रॉस मल्टीप्लीकेशन मैथड हट गए हैं। वहीं, ज्योमेट्री में कंस्ट्रक्शन ऑफ ट्राएंगल इस बार नहीं होंगे। साइंस में सात प्रैक्टिकल्स और सात थ्योरी के टॉपिक नहीं पढ़ने होंगे साइंस में थ्योरी के सात टॉपिक हटाए गए हैं। सात एक्सपेरिमेंट्स से जुड़े टॉपिक्ससे भी स्टूडेंट्स को राहत मिलेगी। इंटरनल असेसमेंट का भी एक टॉपिक हटा है।इस तरह 10वीं के साइंस के सिलेबस से कुल 15 टॉपिक हटे हैं। थ्योरी में इस बार स्टूडेंट्स को मेटल एंड नॉन मेटल, कार्बन एंड इट्स कम्पाउंड्स, द ह्यूमन आई एंड द कलरफुल वर्ल्ड, मैगनेटिक इफेक्ट ऑफ इलेक्ट्रिक करंट नहीं पढ़ने होंगे। वहीं, प्रैक्टिकल्स में एसिड से pH ढूंढने, लीफ पील बनाने और एसिटिक एसिड से जुड़े एक्सपेरिमेंट हटा दिए गए हैं। इंटरनल असेसमेंट से मैनेजमेंट ऑफ नैचुरल रिसोर्सेस नाम का टॉपिक भी इस बार सिलेबस में नहीं होगा। सोशल साइंस - लोकतंत्र की चुनौतियां, आंदोलन, धर्म व जाति और वन्य जीवन वाले चैप्टर नहीं होंगे 10वीं कक्षा में सोशल साइंस के सिलेबस से आठ चैप्टर पूरी तरह हटा दिए गए हैं। ये टैप्टर अर्थशास्त्र, समाज, वैश्विकरणउद्योगीकरण, जल, वन्य जीवन, लोकतंत्र की चुनौतियां, धर्म व जाति पर आधारित थे। Livelihoods, Economies and Societies चैप्टर पीरियॉडिक टेस्ट में शामिल रहेगा। लेकिन, बोर्ड परीक्षाओं में इसे भी शामिल नहीं किया जाएगा। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें CBSE has announced a cut in the syllabus. Understand in detail what changes have taken place in the 10th syllabus. https://ift.tt/3f7LJwy Dainik Bhaskar साइंस से मेटल, कार्बन और इलेक्ट्रिक करंट वाले टॉपिक हटे, मैथ्स से ज्योमेट्री और अलजेब्रा से जुड़े टॉपिक भी कम हुए 

CBSE ने नए सत्र के लिए अपने सिलेबस में 30% कटौती का ऐलान किया है। एकेडमिक सत्र 2020-21 के लिए 9वीं से 12वीं के कोर्स में लगभग एक-तिहाई कमी की गई है।

NCERT और CBSE बोर्ड के विशेषज्ञों की एक कमेटी ने पाठ्यक्रम में कटौती का ड्राफ्ट तैयार किया था। इसके बाद यह फैसला लिया गया। 8वीं तक की कक्षाओं के लिए CBSE ने स्कूलों को खुद सिलेबस तैयार करने की छूट दी है।

हालांकि, कई स्टूडेंट्स के लिए ये समझना थोड़ी मुश्किल हो रहा है कि किस कक्षा से किन-किन टॉपिक्स को सिलेबस से हटाया गया है।इस साल 10वीं कक्षा में प्रमोट होने जा रहे स्टूडेंट्स यहां आसान भाषा में समझ सकते हैं कि उन्हेंं कोन-से टॉपिक पढ़ने होंगे और कौन-से नहीं।

कंप्यूटर एप्लीकेशन- एनिमेशन से जुड़े टॉपिक्स को हटाया

थ्योरी और प्रैक्टिकल मिलाकर कुल 9 टॉपिक हटाए गए हैं। कॉर्डिनेट्स एंड कंडीशनल, एनिमेटेड इमेजेस, स्टोरी, सॉन्ग, स्प्रिट ऑफ बेसिक स्क्रैच, ड्रॉइंग विद इटरेशन जैसे टॉपिक इस साल स्टूडेंट्स को नहीं पढ़ने होंगे।

इंग्लिश में इस बार नहीं होंगे पैसिव वॉइस, प्रिपोजिशन और द फर्स्ट फ्लाइट

इंग्लिश में ग्रामर से चार और लिटरेचर से पांच टॉपिक हटाए गए हैं। ग्रामर में स्टूडेंट्स को नए सत्र में नाउन, एडवर्ब क्लॉजेस, प्रिपोजिशन, फर्स्ट फ्लाइट टॉपिक नहीं पढ़ने होंगे।

इंग्लिश के साहित्य वाले हिस्से से How to Tell Wild Animals, Trees. Fog. Mijbil the Otter. For Anne Gregory हट गए हैं।वहीं, The Midnight Visitor. A Question of Trust, The Book That Saved The Earth कहानियां भी सिलेबस में इस बार नहीं होंगी।

हिंदी ए- पांच कविताएं और चार कहानियां इस बार सिलेबस में नहीं होंगी

पांच कविताओं और चार कहानियों समेत हिंदी-ए के सिलेबस से कुल 11 पाठ नए सिलेबस सेहटा लिए गए हैं। गिरि राजकुमार माथुर की कविता- छाया मत छूना, मंगेश डबराल की संगतकार और जयशंकर प्रसाद की आत्मकथ्य भी नए सिलेबस में नहीं रहेगी।

महावीर प्रसाद द्विदेदी की कहानी- स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन, यतीन्द्र मिश्र की- नौबत खाने में इबादत को भी हटा लिया गया है।

हिंदी बी - रवींद्रनाथ ठाकुर और महादेवी वर्मा की कविताएं हटीं

कक्षा 10 में हिंदी बी के सिलेबस से व्याकरण, पद्द खंड और गद्ध खंड को मिलाकर कुल 9 पाठ हटाएगए हैं। व्याकरण में, अलंकार इस बार स्टूडेंट्स को नहीं पढ़ना होगा। वहीं रवींद्रनाथ ठाकुर की कविता 'आत्मत्राण' और महादेवी वर्मा की 'मधुर-मधुर मेरे दीपक जल' समेत कुल तीन कविताओं के अलावा बिहारी के दोहे भी इस बार सिलेबस में नहीं होंगे।

चार कहानियां 'डायरी का एक पन्ना' (सीताराम सेकसरिया), 'तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र' ( प्रहलाद अग्रवाल), 'गिरगिट' ( अंतोन चेखव), 'पतझड़ में टूटी पत्तियां' ( रवींद्र केलकर) को भी हटा लिया गया है।

होम साइंस में इस बार फैमिली इनकम और रेडीमेड गारमेंट्स शामिल नहीं

होम साइंस के स्टूडेंट्स को 10वीं में अब तक फैमिली इनकम और रेडीमेंट गारमेंट्स के बारे में भी पढ़ाया जाता था। ये टॉपिक इस बार सिलेबस से हटा लिए गए हैं।

इसके अलावा प्रॉबलम्स ऑफ एडोलसेंट्स और कंज्यूमर एजुकेशन टॉपिक भी हटाए गए हैं। 10वीं में होम साइंस के सिलेबस से कुल चार टॉपिक हटे हैं।

मैथेमैटिक्स : ज्योमेट्री और अलजेब्रा के सबसे ज्यादा टॉपिक हटाए गए

10वीं के सिलेबस में मैथ्स से कुल 15 टॉपिक हटाए गए हैं। सबसे ज्यादा टॉपिक अलजेब्रा और ज्योमेट्री के हटे हैं। अलजेब्रा से स्टेटमेंट एंड सिम्पल प्रॉब्लम, क्रॉस मल्टीप्लीकेशन मैथड हट गए हैं। वहीं, ज्योमेट्री में कंस्ट्रक्शन ऑफ ट्राएंगल इस बार नहीं होंगे।

साइंस में सात प्रैक्टिकल्स और सात थ्योरी के टॉपिक नहीं पढ़ने होंगे

साइंस में थ्योरी के सात टॉपिक हटाए गए हैं। सात एक्सपेरिमेंट्स से जुड़े टॉपिक्ससे भी स्टूडेंट्स को राहत मिलेगी। इंटरनल असेसमेंट का भी एक टॉपिक हटा है।इस तरह 10वीं के साइंस के सिलेबस से कुल 15 टॉपिक हटे हैं।

थ्योरी में इस बार स्टूडेंट्स को मेटल एंड नॉन मेटल, कार्बन एंड इट्स कम्पाउंड्स, द ह्यूमन आई एंड द कलरफुल वर्ल्ड, मैगनेटिक इफेक्ट ऑफ इलेक्ट्रिक करंट नहीं पढ़ने होंगे।

वहीं, प्रैक्टिकल्स में एसिड से pH ढूंढने, लीफ पील बनाने और एसिटिक एसिड से जुड़े एक्सपेरिमेंट हटा दिए गए हैं। इंटरनल असेसमेंट से मैनेजमेंट ऑफ नैचुरल रिसोर्सेस नाम का टॉपिक भी इस बार सिलेबस में नहीं होगा।

सोशल साइंस - लोकतंत्र की चुनौतियां, आंदोलन, धर्म व जाति और वन्य जीवन वाले चैप्टर नहीं होंगे

10वीं कक्षा में सोशल साइंस के सिलेबस से आठ चैप्टर पूरी तरह हटा दिए गए हैं। ये टैप्टर अर्थशास्त्र, समाज, वैश्विकरणउद्योगीकरण, जल, वन्य जीवन, लोकतंत्र की चुनौतियां, धर्म व जाति पर आधारित थे। Livelihoods, Economies and Societies चैप्टर पीरियॉडिक टेस्ट में शामिल रहेगा। लेकिन, बोर्ड परीक्षाओं में इसे भी शामिल नहीं किया जाएगा।

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CBSE has announced a cut in the syllabus. Understand in detail what changes have taken place in the 10th syllabus.

https://ift.tt/3f7LJwy Dainik Bhaskar साइंस से मेटल, कार्बन और इलेक्ट्रिक करंट वाले टॉपिक हटे, मैथ्स से ज्योमेट्री और अलजेब्रा से जुड़े टॉपिक भी कम हुए Reviewed by Manish Pethev on July 09, 2020 Rating: 5

कोरोना महामारी के कारण स्कूलों में नया सत्र जुलाई में भी शुरू नहीं हो सका है। जाहिर है स्टूडेंट्स के पास सिलेबस पूरा करने के लिए पर्याप्त समय नहीं है। इन हालातों को देखते हुए CBSE बोर्ड ने मंगलवार को कक्षा 9 से 12 तक के सिलेबस में कटौती की है। बोर्ड ने सिलेबस से करीब 30 प्रतिशत तक का हिस्सा कम कर दिया गया है। हालांकि, सिलेबस कटौती को लेकर स्टूडेंट्स के बीच यह कन्फ्यूजन है कि किस कक्षा से सिलेबस का कौन-सा हिस्सा हटाया गया है।कक्षा 9 के स्टूडेंट्स यहां आसान भाषा में समझ सकते हैं कि उन्हें नए सत्र से क्या पढ़ना होगा और क्या नहीं। जानें किस विषय से कौन-से टॉपिक्स को सिलेबस से हटा दिया गया है। कम्प्यूटर एप्लीकेशंस - प्रोग्रामिंग लैंग्वेज से जुड़े टॉपिक्स हटे कम्प्यूटर एप्लीकेशंस से कुल 9 टॉपिक्स हटा लिए गए हैं। यह टॉपिक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज से जुड़े हैं। इस साल से स्टूडेंट्स को इंट्रोडक्शन टू स्क्रेच, ड्रेग एंड ड्रॉप कमांड्स,डिस्कस एक्स-वाय प्लेन, स्क्रिप्ट टू डायग्राम नहीं पढ़ने होंगे। प्रोग्रामिंग बेसिक्स, एलगॉरिदम्स एंड फ्लोचार्ट, इंट्रोडक्शन टू पायथोन, कैरेक्टरस्टिक्स ऑफ गुड प्रोग्राम और हेलोवर्ल्ड प्रोग्राम को भी सिलेबस से हटा लिया गया है। इंग्लिश लैंग्वेज एंड लिटरेचर - 12 टॉपिक्स हटे इंग्लिश में ग्रामर से 3, राइटिंग से 2 और लिटरेचर से 7 टॉपिक्स को इस साल के सिलेबस से हटा लिया गया है। ग्रामर से नाउन, एडवर्ब क्लॉजेस, प्रिपोजीशन जैसे बेसिक टॉपिक्स हट गए हैं। वहीं, राइटिंग वाले हिस्से से लेटर ऑन ए सिचएशन और पैरग्राफ राइटिंग को भी हटाया गया है। लिटरेचर वाले हिस्से से सबसे ज्यादा टॉपिक हटे हैं। यहां से The Lake Isle of Innisfree, The Snake & The Mirror, The Duck & The Kangaroo, Kathmandu, A Slumber Did My Spirit Seal MOMENTS, Ishwaran the Storyteller, The Accidental Tourist इस साल के सिलेबस में नहीं होंगे। हिंदी ए - हजारीप्रसाद, महादेवी वर्मा की कहानियों समेत कुल 11 टॉपिक हटाए गए इस साल स्टूडेंट्स हिंदी- ए विषय के सिलेबस से हजारी प्रसाद द्विवेदी, महादेवी वर्मा, चपला देवी जैसे साहित्यकारों की रचनाएं हटा ली गई हैं। काव्य खंड से पांच और गद्य खंड से चार रचनाएं हट गई हैं। काव्य खंड से कबीर साखियां, सुमित्रानंद पंथ की ग्राम श्री, केदारनाथ अग्रवाल की चंद्रगहना से लौटती बेर हट गई है। वहीं, गद्य खंड से श्यामाचरण दुबे की रचना - उपभोक्तावाद की संस्कृति, मेरे बचपन के दिन (महादेवी वर्मा), एक कुत्ता और एक मैना ( हजारीप्रसाद द्विवेदी) हटा ली गई हैं। इसके अलावा फणीश्वरनाथ रेणु की रचना - ‘इस जल प्रलय में’ और शमसेर बहादुर की - ‘कैसे में हिंदी भाषा में आया’ को भी हटा लिया गया है। हिंदी बी- दिनकर और हरिवंश की कविताएं हटीं, कुल 9 पाठ हटाए गए हरिवंश राय बच्चन की प्रसिद्ध कविता ‘अग्निपथ’ को इस साल सिलेबस से हटा दिया गया है। रामधारी सिंह दिनकर की कविता ‘गीत – अगीत’ भी इस साल बच्चे नहीं पढ़ेंगे। इसी तरह कीचड़ का काव्य (काका कालेलकर), शुक्रतारे के समान ( स्वामी आनंद). आदमी नामा ( नजीर अकबराबादी) और नए इलाके में ( अरुण कमल) कविताओं को भी सिलेबस से हटा लिया गया है। कल्लू कुम्हार की उनाकोटी और मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय भी इस साल सिलेबस से हट गए हैं। होम साइंस - दो यूनिट के तीन टॉपिक हटाए गए होम साइंस विषय में दोयूनिट से तीन टॉपिक हटाए गए हैं। छटे यूनिट फूड न्यूट्रिशन एंड हेल्थ से‘मेथड ऑफ कुकिंग एंड प्रोसेसिंग’ हटा लिया गया गया है। इसी तरह फाइबर एंड फेबरिक यूनिट से ‘मेथड ऑफ फेब्रिक कंसट्रक्शन ‘ और ‘सिलेक्शन ऑफ फैबरिक’ हटा लिए गए हैं। मैथेमैटिक्स से 15 टॉपिक कम हुए, दो चैप्टर पूरी तरह हटे मैथेमैटिक्स के सिलेबस से 5 यूनिट से 15 टॉपिक कम कर दिए गए हैं। वहीं, दो चैप्टर ऐसे हैं, जिन्हें पूरी तरह सिलेबस से हटा दिया गया है। नंबर सिस्टम यूनिट से तीन, अलजेब्रा से तीन, ज्योमैट्री से पांच, मेनसुरेशन से एक और स्टेटिस्टिक्स से तीन टॉपिक हटा लिए गए हैं। इंट्रोडक्शन टू यूक्लिड ज्योमैट्री, एरिया वो चैप्टर हैं। जिन्हें पूरी तरह हटा लिया गया है। साइंस से थ्योरी के पांच और प्रैक्टिकल के 7 टॉपिक हटे कक्षा 9 के साइंस विषय के सिलेबस से कुल 14 टॉपिक हटा लिए गए हैं। इनमें से पांच टॉपिक थ्योरी के, 7 प्रैक्टिकल के और 2 इंटरनल असेसमेंट के हैं। थ्योरी से हटे हुए टॉपिक हैं- मैटर इन अवर सराउंडिंग, डायवर्सिटी इन लिविंग ऑर्गेनाइजेशन, फ्लोटेशन, साउंड, इम्प्रूवमेंट इन फूड रिसोर्स। इंटरनल असेसमेंट वाले टॉपिक्स से ‘फिजिकल रिसोर्सेस’ और ‘बायो जियो केमिकल साइकल्स इन नेचर’ को हटा लिया गया है। सोशल साइंस- इस साल जनसंख्या, संवैधानिक ढांचा और ड्रेनेज के बारे में नहीं पढ़ेंगे स्टूडेंट्स सोशल साइंस से चार चैप्टर पूरी तरह हटा लिए गए हैं।ये चैप्टर ड्रेनेज, जनसंख्या, लोकतांत्रिक अधिकार, खाद्य सुरक्षा और उपनिवेशवाद जैसे टॉपिक्स पर आधारित हैं। वहीं, संवैधानिक ढांचे वाले चैप्टर से एक टॉपिक हटाया गया है। ये टॉपिक दक्षिण अफ्रीका के संविधान पर आधारित था। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें CBSE has reduced the syllabus by up to 30 percent. Find out what changes have been made in the syllabus of 9th grade https://ift.tt/3fdN3OD Dainik Bhaskar कम्प्यूटर से प्रोग्रामिंग लैंग्वेज, सोशल साइंस से लोकतांत्रिक अधिकार और हिंदी से बच्चन व दिनकर की रचनाएं हटीं

कोरोना महामारी के कारण स्कूलों में नया सत्र जुलाई में भी शुरू नहीं हो सका है। जाहिर है स्टूडेंट्स के पास सिलेबस पूरा करने के लिए पर्याप्त स...
- July 09, 2020
कोरोना महामारी के कारण स्कूलों में नया सत्र जुलाई में भी शुरू नहीं हो सका है। जाहिर है स्टूडेंट्स के पास सिलेबस पूरा करने के लिए पर्याप्त समय नहीं है। इन हालातों को देखते हुए CBSE बोर्ड ने मंगलवार को कक्षा 9 से 12 तक के सिलेबस में कटौती की है। बोर्ड ने सिलेबस से करीब 30 प्रतिशत तक का हिस्सा कम कर दिया गया है। हालांकि, सिलेबस कटौती को लेकर स्टूडेंट्स के बीच यह कन्फ्यूजन है कि किस कक्षा से सिलेबस का कौन-सा हिस्सा हटाया गया है।कक्षा 9 के स्टूडेंट्स यहां आसान भाषा में समझ सकते हैं कि उन्हें नए सत्र से क्या पढ़ना होगा और क्या नहीं। जानें किस विषय से कौन-से टॉपिक्स को सिलेबस से हटा दिया गया है। कम्प्यूटर एप्लीकेशंस - प्रोग्रामिंग लैंग्वेज से जुड़े टॉपिक्स हटे कम्प्यूटर एप्लीकेशंस से कुल 9 टॉपिक्स हटा लिए गए हैं। यह टॉपिक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज से जुड़े हैं। इस साल से स्टूडेंट्स को इंट्रोडक्शन टू स्क्रेच, ड्रेग एंड ड्रॉप कमांड्स,डिस्कस एक्स-वाय प्लेन, स्क्रिप्ट टू डायग्राम नहीं पढ़ने होंगे। प्रोग्रामिंग बेसिक्स, एलगॉरिदम्स एंड फ्लोचार्ट, इंट्रोडक्शन टू पायथोन, कैरेक्टरस्टिक्स ऑफ गुड प्रोग्राम और हेलोवर्ल्ड प्रोग्राम को भी सिलेबस से हटा लिया गया है। इंग्लिश लैंग्वेज एंड लिटरेचर - 12 टॉपिक्स हटे इंग्लिश में ग्रामर से 3, राइटिंग से 2 और लिटरेचर से 7 टॉपिक्स को इस साल के सिलेबस से हटा लिया गया है। ग्रामर से नाउन, एडवर्ब क्लॉजेस, प्रिपोजीशन जैसे बेसिक टॉपिक्स हट गए हैं। वहीं, राइटिंग वाले हिस्से से लेटर ऑन ए सिचएशन और पैरग्राफ राइटिंग को भी हटाया गया है। लिटरेचर वाले हिस्से से सबसे ज्यादा टॉपिक हटे हैं। यहां से The Lake Isle of Innisfree, The Snake & The Mirror, The Duck & The Kangaroo, Kathmandu, A Slumber Did My Spirit Seal MOMENTS, Ishwaran the Storyteller, The Accidental Tourist इस साल के सिलेबस में नहीं होंगे। हिंदी ए - हजारीप्रसाद, महादेवी वर्मा की कहानियों समेत कुल 11 टॉपिक हटाए गए इस साल स्टूडेंट्स हिंदी- ए विषय के सिलेबस से हजारी प्रसाद द्विवेदी, महादेवी वर्मा, चपला देवी जैसे साहित्यकारों की रचनाएं हटा ली गई हैं। काव्य खंड से पांच और गद्य खंड से चार रचनाएं हट गई हैं। काव्य खंड से कबीर साखियां, सुमित्रानंद पंथ की ग्राम श्री, केदारनाथ अग्रवाल की चंद्रगहना से लौटती बेर हट गई है। वहीं, गद्य खंड से श्यामाचरण दुबे की रचना - उपभोक्तावाद की संस्कृति, मेरे बचपन के दिन (महादेवी वर्मा), एक कुत्ता और एक मैना ( हजारीप्रसाद द्विवेदी) हटा ली गई हैं। इसके अलावा फणीश्वरनाथ रेणु की रचना - ‘इस जल प्रलय में’ और शमसेर बहादुर की - ‘कैसे में हिंदी भाषा में आया’ को भी हटा लिया गया है। हिंदी बी- दिनकर और हरिवंश की कविताएं हटीं, कुल 9 पाठ हटाए गए हरिवंश राय बच्चन की प्रसिद्ध कविता ‘अग्निपथ’ को इस साल सिलेबस से हटा दिया गया है। रामधारी सिंह दिनकर की कविता ‘गीत – अगीत’ भी इस साल बच्चे नहीं पढ़ेंगे। इसी तरह कीचड़ का काव्य (काका कालेलकर), शुक्रतारे के समान ( स्वामी आनंद). आदमी नामा ( नजीर अकबराबादी) और नए इलाके में ( अरुण कमल) कविताओं को भी सिलेबस से हटा लिया गया है। कल्लू कुम्हार की उनाकोटी और मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय भी इस साल सिलेबस से हट गए हैं। होम साइंस - दो यूनिट के तीन टॉपिक हटाए गए होम साइंस विषय में दोयूनिट से तीन टॉपिक हटाए गए हैं। छटे यूनिट फूड न्यूट्रिशन एंड हेल्थ से‘मेथड ऑफ कुकिंग एंड प्रोसेसिंग’ हटा लिया गया गया है। इसी तरह फाइबर एंड फेबरिक यूनिट से ‘मेथड ऑफ फेब्रिक कंसट्रक्शन ‘ और ‘सिलेक्शन ऑफ फैबरिक’ हटा लिए गए हैं। मैथेमैटिक्स से 15 टॉपिक कम हुए, दो चैप्टर पूरी तरह हटे मैथेमैटिक्स के सिलेबस से 5 यूनिट से 15 टॉपिक कम कर दिए गए हैं। वहीं, दो चैप्टर ऐसे हैं, जिन्हें पूरी तरह सिलेबस से हटा दिया गया है। नंबर सिस्टम यूनिट से तीन, अलजेब्रा से तीन, ज्योमैट्री से पांच, मेनसुरेशन से एक और स्टेटिस्टिक्स से तीन टॉपिक हटा लिए गए हैं। इंट्रोडक्शन टू यूक्लिड ज्योमैट्री, एरिया वो चैप्टर हैं। जिन्हें पूरी तरह हटा लिया गया है। साइंस से थ्योरी के पांच और प्रैक्टिकल के 7 टॉपिक हटे कक्षा 9 के साइंस विषय के सिलेबस से कुल 14 टॉपिक हटा लिए गए हैं। इनमें से पांच टॉपिक थ्योरी के, 7 प्रैक्टिकल के और 2 इंटरनल असेसमेंट के हैं। थ्योरी से हटे हुए टॉपिक हैं- मैटर इन अवर सराउंडिंग, डायवर्सिटी इन लिविंग ऑर्गेनाइजेशन, फ्लोटेशन, साउंड, इम्प्रूवमेंट इन फूड रिसोर्स। इंटरनल असेसमेंट वाले टॉपिक्स से ‘फिजिकल रिसोर्सेस’ और ‘बायो जियो केमिकल साइकल्स इन नेचर’ को हटा लिया गया है। सोशल साइंस- इस साल जनसंख्या, संवैधानिक ढांचा और ड्रेनेज के बारे में नहीं पढ़ेंगे स्टूडेंट्स सोशल साइंस से चार चैप्टर पूरी तरह हटा लिए गए हैं।ये चैप्टर ड्रेनेज, जनसंख्या, लोकतांत्रिक अधिकार, खाद्य सुरक्षा और उपनिवेशवाद जैसे टॉपिक्स पर आधारित हैं। वहीं, संवैधानिक ढांचे वाले चैप्टर से एक टॉपिक हटाया गया है। ये टॉपिक दक्षिण अफ्रीका के संविधान पर आधारित था। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें CBSE has reduced the syllabus by up to 30 percent. Find out what changes have been made in the syllabus of 9th grade https://ift.tt/3fdN3OD Dainik Bhaskar कम्प्यूटर से प्रोग्रामिंग लैंग्वेज, सोशल साइंस से लोकतांत्रिक अधिकार और हिंदी से बच्चन व दिनकर की रचनाएं हटीं 

कोरोना महामारी के कारण स्कूलों में नया सत्र जुलाई में भी शुरू नहीं हो सका है। जाहिर है स्टूडेंट्स के पास सिलेबस पूरा करने के लिए पर्याप्त समय नहीं है। इन हालातों को देखते हुए CBSE बोर्ड ने मंगलवार को कक्षा 9 से 12 तक के सिलेबस में कटौती की है। बोर्ड ने सिलेबस से करीब 30 प्रतिशत तक का हिस्सा कम कर दिया गया है।

हालांकि, सिलेबस कटौती को लेकर स्टूडेंट्स के बीच यह कन्फ्यूजन है कि किस कक्षा से सिलेबस का कौन-सा हिस्सा हटाया गया है।कक्षा 9 के स्टूडेंट्स यहां आसान भाषा में समझ सकते हैं कि उन्हें नए सत्र से क्या पढ़ना होगा और क्या नहीं। जानें किस विषय से कौन-से टॉपिक्स को सिलेबस से हटा दिया गया है।

कम्प्यूटर एप्लीकेशंस - प्रोग्रामिंग लैंग्वेज से जुड़े टॉपिक्स हटे

कम्प्यूटर एप्लीकेशंस से कुल 9 टॉपिक्स हटा लिए गए हैं। यह टॉपिक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज से जुड़े हैं। इस साल से स्टूडेंट्स को इंट्रोडक्शन टू स्क्रेच, ड्रेग एंड ड्रॉप कमांड्स,डिस्कस एक्स-वाय प्लेन, स्क्रिप्ट टू डायग्राम नहीं पढ़ने होंगे।

प्रोग्रामिंग बेसिक्स, एलगॉरिदम्स एंड फ्लोचार्ट, इंट्रोडक्शन टू पायथोन, कैरेक्टरस्टिक्स ऑफ गुड प्रोग्राम और हेलोवर्ल्ड प्रोग्राम को भी सिलेबस से हटा लिया गया है।

इंग्लिश लैंग्वेज एंड लिटरेचर - 12 टॉपिक्स हटे

इंग्लिश में ग्रामर से 3, राइटिंग से 2 और लिटरेचर से 7 टॉपिक्स को इस साल के सिलेबस से हटा लिया गया है। ग्रामर से नाउन, एडवर्ब क्लॉजेस, प्रिपोजीशन जैसे बेसिक टॉपिक्स हट गए हैं।

वहीं, राइटिंग वाले हिस्से से लेटर ऑन ए सिचएशन और पैरग्राफ राइटिंग को भी हटाया गया है। लिटरेचर वाले हिस्से से सबसे ज्यादा टॉपिक हटे हैं। यहां से

The Lake Isle of Innisfree, The Snake & The Mirror, The Duck & The Kangaroo, Kathmandu, A Slumber Did My Spirit Seal MOMENTS, Ishwaran the Storyteller, The Accidental Tourist इस साल के सिलेबस में नहीं होंगे।

हिंदी ए - हजारीप्रसाद, महादेवी वर्मा की कहानियों समेत कुल 11 टॉपिक हटाए गए

इस साल स्टूडेंट्स हिंदी- ए विषय के सिलेबस से हजारी प्रसाद द्विवेदी, महादेवी वर्मा, चपला देवी जैसे साहित्यकारों की रचनाएं हटा ली गई हैं। काव्य खंड से पांच और गद्य खंड से चार रचनाएं हट गई हैं।

काव्य खंड से कबीर साखियां, सुमित्रानंद पंथ की ग्राम श्री, केदारनाथ अग्रवाल की चंद्रगहना से लौटती बेर हट गई है।

वहीं, गद्य खंड से श्यामाचरण दुबे की रचना - उपभोक्तावाद की संस्कृति, मेरे बचपन के दिन (महादेवी वर्मा), एक कुत्ता और एक मैना ( हजारीप्रसाद द्विवेदी) हटा ली गई हैं। इसके अलावा फणीश्वरनाथ रेणु की रचना - ‘इस जल प्रलय में’ और शमसेर बहादुर की - ‘कैसे में हिंदी भाषा में आया’ को भी हटा लिया गया है।

हिंदी बी- दिनकर और हरिवंश की कविताएं हटीं, कुल 9 पाठ हटाए गए

हरिवंश राय बच्चन की प्रसिद्ध कविता ‘अग्निपथ’ को इस साल सिलेबस से हटा दिया गया है। रामधारी सिंह दिनकर की कविता ‘गीत – अगीत’ भी इस साल बच्चे नहीं पढ़ेंगे। इसी तरह कीचड़ का काव्य (काका कालेलकर), शुक्रतारे के समान ( स्वामी आनंद). आदमी नामा ( नजीर अकबराबादी) और नए इलाके में ( अरुण कमल) कविताओं को भी सिलेबस से हटा लिया गया है।

कल्लू कुम्हार की उनाकोटी और मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय भी इस साल सिलेबस से हट गए हैं।

होम साइंस - दो यूनिट के तीन टॉपिक हटाए गए

होम साइंस विषय में दोयूनिट से तीन टॉपिक हटाए गए हैं। छटे यूनिट फूड न्यूट्रिशन एंड हेल्थ से‘मेथड ऑफ कुकिंग एंड प्रोसेसिंग’ हटा लिया गया गया है। इसी तरह फाइबर एंड फेबरिक यूनिट से ‘मेथड ऑफ फेब्रिक कंसट्रक्शन ‘ और ‘सिलेक्शन ऑफ फैबरिक’ हटा लिए गए हैं।

मैथेमैटिक्स से 15 टॉपिक कम हुए, दो चैप्टर पूरी तरह हटे

मैथेमैटिक्स के सिलेबस से 5 यूनिट से 15 टॉपिक कम कर दिए गए हैं। वहीं, दो चैप्टर ऐसे हैं, जिन्हें पूरी तरह सिलेबस से हटा दिया गया है।

नंबर सिस्टम यूनिट से तीन, अलजेब्रा से तीन, ज्योमैट्री से पांच, मेनसुरेशन से एक और स्टेटिस्टिक्स से तीन टॉपिक हटा लिए गए हैं।

इंट्रोडक्शन टू यूक्लिड ज्योमैट्री, एरिया वो चैप्टर हैं। जिन्हें पूरी तरह हटा लिया गया है।

साइंस से थ्योरी के पांच और प्रैक्टिकल के 7 टॉपिक हटे

कक्षा 9 के साइंस विषय के सिलेबस से कुल 14 टॉपिक हटा लिए गए हैं। इनमें से पांच टॉपिक थ्योरी के, 7 प्रैक्टिकल के और 2 इंटरनल असेसमेंट के हैं।

थ्योरी से हटे हुए टॉपिक हैं- मैटर इन अवर सराउंडिंग, डायवर्सिटी इन लिविंग ऑर्गेनाइजेशन, फ्लोटेशन, साउंड, इम्प्रूवमेंट इन फूड रिसोर्स।

इंटरनल असेसमेंट वाले टॉपिक्स से ‘फिजिकल रिसोर्सेस’ और ‘बायो जियो केमिकल साइकल्स इन नेचर’ को हटा लिया गया है।

सोशल साइंस- इस साल जनसंख्या, संवैधानिक ढांचा और ड्रेनेज के बारे में नहीं पढ़ेंगे स्टूडेंट्स

सोशल साइंस से चार चैप्टर पूरी तरह हटा लिए गए हैं।ये चैप्टर ड्रेनेज, जनसंख्या, लोकतांत्रिक अधिकार, खाद्य सुरक्षा और उपनिवेशवाद जैसे टॉपिक्स पर आधारित हैं। वहीं, संवैधानिक ढांचे वाले चैप्टर से एक टॉपिक हटाया गया है। ये टॉपिक दक्षिण अफ्रीका के संविधान पर आधारित था।

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CBSE has reduced the syllabus by up to 30 percent. Find out what changes have been made in the syllabus of 9th grade

https://ift.tt/3fdN3OD Dainik Bhaskar कम्प्यूटर से प्रोग्रामिंग लैंग्वेज, सोशल साइंस से लोकतांत्रिक अधिकार और हिंदी से बच्चन व दिनकर की रचनाएं हटीं Reviewed by Manish Pethev on July 09, 2020 Rating: 5

गैंगस्टर विकास दुबे की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो पाने पर खूब हो-हल्ला मचा हुआ है। ये हो-हल्ला मचाने वाले भी वही राजनेता और राजनीतिक पार्टियां हैं, जो चुनावों में खुलकर आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों को उतारती हैं। इनमें से कई उम्मीदवार जीतकर लोकसभा और विधानसभा पहुंच भी जाते हैं। लेकिन, जब यही आपराधिक रिकॉर्ड वाले राजनेता कहीं के विधायक या सांसद बनते हैं, तो अपराधियों के खिलाफ जमकर बोलते हैं। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है, जहां की आबादी 22 करोड़ से ज्यादा है। इतनी आबादी पाकिस्तान के बराबर है। यहां सबसे ज्यादा विधानसभा और लोकसभा की सीट हैं। यहां से 80 लोकसभा सांसद और 403 विधायक चुनकर आते हैं। इनमें से कई सांसद और विधायक आपराधिक रिकॉर्ड वाले भी होते हैं। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां के 2019 में चुनकर आए यहां के 80 लोकसभा सांसदों में से 44 सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज थे। जबकि, 2017 के विधानसभा चुनाव में चुनकर आए 403 विधायकों में से 147 विधायकों पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं। विधानसभा चुनाव : कितने आपराधिक मामले वाले उम्मीदवार उतरे और कितने जीते? 1. उम्मीदवार : 4823 में से 859 पर आपराधिक मामले थे 2017 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए। इस चुनाव में 403 सीटों के लिए 4 हजार 823 उम्मीदवार उतरे थे। उसमें से 17% यानी 859 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज थे। इन 859 में से भी 704 तो ऐसे थे, जिनपर गंभीर आपराधिक मामले थे। गंभीर अपराध यानी ऐसे अपराध जिनमें 5 साल या उससे ज्यादा की सजा मिलती हो या गैर-जमानती हो। ये तो हो गई कुल उम्मीदवारों की बात। जबकि, यहां के विधानसभा चुनाव में भाजपा, सपा, बसपा, आरएलडी और कांग्रेस ने 1 हजार 480 उम्मीदवार उतारे थे। उसमें से 492 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले थे। इस हिसाब से विधानसभा चुनाव में इन पांचों पार्टियों ने जितने उम्मीदवार उतारे थे, उसमें से 33% से ज्यादा पर आपराधिक मामले दर्ज थे। 2. जीते : 859 उम्मीदवारों में से 143 जीतकर भी आए विधानसभा चुनाव में जिन 859 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज थे, उनमें से 143 तो जीतकर विधानसभा भी पहुंच गए। मतलब 2017 के विधानसभा चुनाव में जो 403 विधायक चुनकर आए थे, उनमें से 143 यानी 36% पर आपराधिक मामले दर्ज थे। हालांकि, 2012 की तुलना में ये आंकड़ा कम था। 2012 में 189 विधायक क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले थे। इस चुनाव में भाजपा ने सबसे ज्यादा 312 सीटें जीती थीं। उसके ही सबसे ज्यादा 114 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसके अलावा बसपा, सपा और कांग्रेस ने 72 सीटें जीती थीं। इन तीनों पार्टियों के 20 विधायक क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले थे। लोकसभा चुनाव : कितने आपराधिक मामले वाले उम्मीदवार उतरे और कितने जीते? 1. उम्मीदवार : 80 सीटों पर उतरे 220 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले थे 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर 979 उम्मीदवार उतरे थे। हालांकि, इनमें से 958 उम्मीदवारों के ही एफिडेविट का एनालिसिस हुआ था। इन 958 उम्मीदवारों में से 220 उम्मीदवार ऐसे थे, जिनपर आपराधिक मामले दर्ज थे। भाजपा, कांग्रेस, सपा और बसपा के 216 उम्मीदवारों के एफिडेविट का एनालिसिस हुआ था। इन चारों पार्टियों के 117 उम्मीदवार क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले थे। यानी इन चार पार्टियों ने जितने उम्मीदवार उतारे थे, उनमें से 54% से ज्यादा पर आपराधिक मामले थे। 2. जीते : जो सांसद चुनकर आए, उनमें से 56% पर आपराधिक मामले थे लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 सीटों पर चुनकर आए सांसदों में से 79 सांसदों के एफिडेविट का एनालिसिस हुआ था। इन 79 सांसदों में से 44 सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज थे। यानी, जितने सांसद जीतकर आए थे, उनमें से 56% क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले थे। विधानसभा चुनाव की तरह ही लोकसभा में भी भाजपा ने ही सबसे ज्यादा सीटें जीती थीं। इस चुनाव में भाजपा ने 61 सीटें जीतीं, जिनमें से 35 सीटों पर आपराधिक उम्मीदवार वाले उम्मीदवार जीतकर आए थे। इस चुनाव में कांग्रेस ने सिर्फ एक सीट जीत सकी थी। कांग्रेस की तरफ से सोनिया गांधी ने रायबरेली सीट जीती थी और उनके एफिडेविट के मुताबिक, उन पर भी आपराधिक मामला दर्ज है। #1. उत्तर प्रदेश या अपराध प्रदेश? / देशभर में सबसे ज्यादा क्राइम यूपी में दर्ज होते हैं; ड्यूटी में सबसे ज्यादा जान भी यहीं के पुलिसवालों की गई #2. यूपी के 5 बड़े गैंगस्टर्स की कहानी / किसी ने 22 ठाकुरों को लाइन में खड़ा कर मार दी गोली तो किसी ने मुख्यमंत्री की हत्या की सुपारी ली थी #3. यूपी के 5 बड़े माफिया की कहानी / इन पर हत्या, लूट और वसूली के 200 से ज्यादा मामले, कोई 5 बार विधायक रहा तो कोई 24 साल से लगातार जीत रहा चुनाव आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें UP Crime News: Uttar Pradesh (UP) 143 MLA With Criminal Cases | List of Uttar Pradesh (UP) BJP BSP and Congress, Samajwadi Party MLAs with Criminal Records https://ift.tt/3iCKLdQ Dainik Bhaskar 403 विधायकों में से 143 पर आपराधिक मामले, भाजपा के 37% विधायकों का क्रिमिनल रिकॉर्ड; भाजपा के ही 61 में से 35 लोकसभा सांसदों पर केस

गैंगस्टर विकास दुबे की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो पाने पर खूब हो-हल्ला मचा हुआ है। ये हो-हल्ला मचाने वाले भी वही राजनेता और राजनीतिक पार्टिया...
- July 09, 2020
गैंगस्टर विकास दुबे की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो पाने पर खूब हो-हल्ला मचा हुआ है। ये हो-हल्ला मचाने वाले भी वही राजनेता और राजनीतिक पार्टियां हैं, जो चुनावों में खुलकर आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों को उतारती हैं। इनमें से कई उम्मीदवार जीतकर लोकसभा और विधानसभा पहुंच भी जाते हैं। लेकिन, जब यही आपराधिक रिकॉर्ड वाले राजनेता कहीं के विधायक या सांसद बनते हैं, तो अपराधियों के खिलाफ जमकर बोलते हैं। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है, जहां की आबादी 22 करोड़ से ज्यादा है। इतनी आबादी पाकिस्तान के बराबर है। यहां सबसे ज्यादा विधानसभा और लोकसभा की सीट हैं। यहां से 80 लोकसभा सांसद और 403 विधायक चुनकर आते हैं। इनमें से कई सांसद और विधायक आपराधिक रिकॉर्ड वाले भी होते हैं। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां के 2019 में चुनकर आए यहां के 80 लोकसभा सांसदों में से 44 सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज थे। जबकि, 2017 के विधानसभा चुनाव में चुनकर आए 403 विधायकों में से 147 विधायकों पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं। विधानसभा चुनाव : कितने आपराधिक मामले वाले उम्मीदवार उतरे और कितने जीते? 1. उम्मीदवार : 4823 में से 859 पर आपराधिक मामले थे 2017 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए। इस चुनाव में 403 सीटों के लिए 4 हजार 823 उम्मीदवार उतरे थे। उसमें से 17% यानी 859 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज थे। इन 859 में से भी 704 तो ऐसे थे, जिनपर गंभीर आपराधिक मामले थे। गंभीर अपराध यानी ऐसे अपराध जिनमें 5 साल या उससे ज्यादा की सजा मिलती हो या गैर-जमानती हो। ये तो हो गई कुल उम्मीदवारों की बात। जबकि, यहां के विधानसभा चुनाव में भाजपा, सपा, बसपा, आरएलडी और कांग्रेस ने 1 हजार 480 उम्मीदवार उतारे थे। उसमें से 492 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले थे। इस हिसाब से विधानसभा चुनाव में इन पांचों पार्टियों ने जितने उम्मीदवार उतारे थे, उसमें से 33% से ज्यादा पर आपराधिक मामले दर्ज थे। 2. जीते : 859 उम्मीदवारों में से 143 जीतकर भी आए विधानसभा चुनाव में जिन 859 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज थे, उनमें से 143 तो जीतकर विधानसभा भी पहुंच गए। मतलब 2017 के विधानसभा चुनाव में जो 403 विधायक चुनकर आए थे, उनमें से 143 यानी 36% पर आपराधिक मामले दर्ज थे। हालांकि, 2012 की तुलना में ये आंकड़ा कम था। 2012 में 189 विधायक क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले थे। इस चुनाव में भाजपा ने सबसे ज्यादा 312 सीटें जीती थीं। उसके ही सबसे ज्यादा 114 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसके अलावा बसपा, सपा और कांग्रेस ने 72 सीटें जीती थीं। इन तीनों पार्टियों के 20 विधायक क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले थे। लोकसभा चुनाव : कितने आपराधिक मामले वाले उम्मीदवार उतरे और कितने जीते? 1. उम्मीदवार : 80 सीटों पर उतरे 220 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले थे 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर 979 उम्मीदवार उतरे थे। हालांकि, इनमें से 958 उम्मीदवारों के ही एफिडेविट का एनालिसिस हुआ था। इन 958 उम्मीदवारों में से 220 उम्मीदवार ऐसे थे, जिनपर आपराधिक मामले दर्ज थे। भाजपा, कांग्रेस, सपा और बसपा के 216 उम्मीदवारों के एफिडेविट का एनालिसिस हुआ था। इन चारों पार्टियों के 117 उम्मीदवार क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले थे। यानी इन चार पार्टियों ने जितने उम्मीदवार उतारे थे, उनमें से 54% से ज्यादा पर आपराधिक मामले थे। 2. जीते : जो सांसद चुनकर आए, उनमें से 56% पर आपराधिक मामले थे लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 सीटों पर चुनकर आए सांसदों में से 79 सांसदों के एफिडेविट का एनालिसिस हुआ था। इन 79 सांसदों में से 44 सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज थे। यानी, जितने सांसद जीतकर आए थे, उनमें से 56% क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले थे। विधानसभा चुनाव की तरह ही लोकसभा में भी भाजपा ने ही सबसे ज्यादा सीटें जीती थीं। इस चुनाव में भाजपा ने 61 सीटें जीतीं, जिनमें से 35 सीटों पर आपराधिक उम्मीदवार वाले उम्मीदवार जीतकर आए थे। इस चुनाव में कांग्रेस ने सिर्फ एक सीट जीत सकी थी। कांग्रेस की तरफ से सोनिया गांधी ने रायबरेली सीट जीती थी और उनके एफिडेविट के मुताबिक, उन पर भी आपराधिक मामला दर्ज है। #1. उत्तर प्रदेश या अपराध प्रदेश? / देशभर में सबसे ज्यादा क्राइम यूपी में दर्ज होते हैं; ड्यूटी में सबसे ज्यादा जान भी यहीं के पुलिसवालों की गई #2. यूपी के 5 बड़े गैंगस्टर्स की कहानी / किसी ने 22 ठाकुरों को लाइन में खड़ा कर मार दी गोली तो किसी ने मुख्यमंत्री की हत्या की सुपारी ली थी #3. यूपी के 5 बड़े माफिया की कहानी / इन पर हत्या, लूट और वसूली के 200 से ज्यादा मामले, कोई 5 बार विधायक रहा तो कोई 24 साल से लगातार जीत रहा चुनाव आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें UP Crime News: Uttar Pradesh (UP) 143 MLA With Criminal Cases | List of Uttar Pradesh (UP) BJP BSP and Congress, Samajwadi Party MLAs with Criminal Records https://ift.tt/3iCKLdQ Dainik Bhaskar 403 विधायकों में से 143 पर आपराधिक मामले, भाजपा के 37% विधायकों का क्रिमिनल रिकॉर्ड; भाजपा के ही 61 में से 35 लोकसभा सांसदों पर केस 

गैंगस्टर विकास दुबे की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो पाने पर खूब हो-हल्ला मचा हुआ है। ये हो-हल्ला मचाने वाले भी वही राजनेता और राजनीतिक पार्टियां हैं, जो चुनावों में खुलकर आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों को उतारती हैं। इनमें से कई उम्मीदवार जीतकर लोकसभा और विधानसभा पहुंच भी जाते हैं। लेकिन, जब यही आपराधिक रिकॉर्ड वाले राजनेता कहीं के विधायक या सांसद बनते हैं, तो अपराधियों के खिलाफ जमकर बोलते हैं।

उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है, जहां की आबादी 22 करोड़ से ज्यादा है। इतनी आबादी पाकिस्तान के बराबर है। यहां सबसे ज्यादा विधानसभा और लोकसभा की सीट हैं। यहां से 80 लोकसभा सांसद और 403 विधायक चुनकर आते हैं। इनमें से कई सांसद और विधायक आपराधिक रिकॉर्ड वाले भी होते हैं।

एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां के 2019 में चुनकर आए यहां के 80 लोकसभा सांसदों में से 44 सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज थे। जबकि, 2017 के विधानसभा चुनाव में चुनकर आए 403 विधायकों में से 147 विधायकों पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं।

विधानसभा चुनाव : कितने आपराधिक मामले वाले उम्मीदवार उतरे और कितने जीते?
1. उम्मीदवार : 4823 में से 859 पर आपराधिक मामले थे
2017 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए। इस चुनाव में 403 सीटों के लिए 4 हजार 823 उम्मीदवार उतरे थे। उसमें से 17% यानी 859 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज थे। इन 859 में से भी 704 तो ऐसे थे, जिनपर गंभीर आपराधिक मामले थे। गंभीर अपराध यानी ऐसे अपराध जिनमें 5 साल या उससे ज्यादा की सजा मिलती हो या गैर-जमानती हो।

ये तो हो गई कुल उम्मीदवारों की बात। जबकि, यहां के विधानसभा चुनाव में भाजपा, सपा, बसपा, आरएलडी और कांग्रेस ने 1 हजार 480 उम्मीदवार उतारे थे। उसमें से 492 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले थे। इस हिसाब से विधानसभा चुनाव में इन पांचों पार्टियों ने जितने उम्मीदवार उतारे थे, उसमें से 33% से ज्यादा पर आपराधिक मामले दर्ज थे।

2. जीते : 859 उम्मीदवारों में से 143 जीतकर भी आए
विधानसभा चुनाव में जिन 859 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज थे, उनमें से 143 तो जीतकर विधानसभा भी पहुंच गए। मतलब 2017 के विधानसभा चुनाव में जो 403 विधायक चुनकर आए थे, उनमें से 143 यानी 36% पर आपराधिक मामले दर्ज थे। हालांकि, 2012 की तुलना में ये आंकड़ा कम था। 2012 में 189 विधायक क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले थे।

इस चुनाव में भाजपा ने सबसे ज्यादा 312 सीटें जीती थीं। उसके ही सबसे ज्यादा 114 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसके अलावा बसपा, सपा और कांग्रेस ने 72 सीटें जीती थीं। इन तीनों पार्टियों के 20 विधायक क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले थे।

लोकसभा चुनाव : कितने आपराधिक मामले वाले उम्मीदवार उतरे और कितने जीते?
1. उम्मीदवार : 80 सीटों पर उतरे 220 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले थे
2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर 979 उम्मीदवार उतरे थे। हालांकि, इनमें से 958 उम्मीदवारों के ही एफिडेविट का एनालिसिस हुआ था। इन 958 उम्मीदवारों में से 220 उम्मीदवार ऐसे थे, जिनपर आपराधिक मामले दर्ज थे।

भाजपा, कांग्रेस, सपा और बसपा के 216 उम्मीदवारों के एफिडेविट का एनालिसिस हुआ था। इन चारों पार्टियों के 117 उम्मीदवार क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले थे। यानी इन चार पार्टियों ने जितने उम्मीदवार उतारे थे, उनमें से 54% से ज्यादा पर आपराधिक मामले थे।

2. जीते : जो सांसद चुनकर आए, उनमें से 56% पर आपराधिक मामले थे
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 सीटों पर चुनकर आए सांसदों में से 79 सांसदों के एफिडेविट का एनालिसिस हुआ था। इन 79 सांसदों में से 44 सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज थे। यानी, जितने सांसद जीतकर आए थे, उनमें से 56% क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले थे।

विधानसभा चुनाव की तरह ही लोकसभा में भी भाजपा ने ही सबसे ज्यादा सीटें जीती थीं। इस चुनाव में भाजपा ने 61 सीटें जीतीं, जिनमें से 35 सीटों पर आपराधिक उम्मीदवार वाले उम्मीदवार जीतकर आए थे।

इस चुनाव में कांग्रेस ने सिर्फ एक सीट जीत सकी थी। कांग्रेस की तरफ से सोनिया गांधी ने रायबरेली सीट जीती थी और उनके एफिडेविट के मुताबिक, उन पर भी आपराधिक मामला दर्ज है।

#1. उत्तर प्रदेश या अपराध प्रदेश? / देशभर में सबसे ज्यादा क्राइम यूपी में दर्ज होते हैं; ड्यूटी में सबसे ज्यादा जान भी यहीं के पुलिसवालों की गई
#2. यूपी के 5 बड़े गैंगस्टर्स की कहानी / किसी ने 22 ठाकुरों को लाइन में खड़ा कर मार दी गोली तो किसी ने मुख्यमंत्री की हत्या की सुपारी ली थी
#3. यूपी के 5 बड़े माफिया की कहानी / इन पर हत्या, लूट और वसूली के 200 से ज्यादा मामले, कोई 5 बार विधायक रहा तो कोई 24 साल से लगातार जीत रहा चुनाव

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UP Crime News: Uttar Pradesh (UP) 143 MLA With Criminal Cases | List of Uttar Pradesh (UP) BJP BSP and Congress, Samajwadi Party MLAs with Criminal Records

https://ift.tt/3iCKLdQ Dainik Bhaskar 403 विधायकों में से 143 पर आपराधिक मामले, भाजपा के 37% विधायकों का क्रिमिनल रिकॉर्ड; भाजपा के ही 61 में से 35 लोकसभा सांसदों पर केस Reviewed by Manish Pethev on July 09, 2020 Rating: 5

ब्राजील का एक शख्स एड्स के वायरस से मुक्त हो गया है। यह दावा साओ पाउलो की फेडरल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, HIV पीड़ित को कई तरह की एंटीरेट्रोवायरल दवाओं और निकोटिनामाइड ड्रग का कॉम्बिनेशन दिया गया। दावा है कि मरीज वायरसमुक्त हो गया है। शोधकर्ताओं ने मरीज का नाम नहीं बताया है। हर दो महीने पर दवा का कॉम्बिनेशन दिया गया इस बात खुलासा शोधकर्ताओं ने हाल ही में ऑनलाइन हुई एड्स 2020 कॉन्फ्रेंस में किया। शोधकर्ता डॉ. रिकार्डों डियाज के मुताबिक, ब्राजील के शख्स को अक्टूबर 2012 में एचआईवी डायग्नोज हुआ था। ट्रायल में मरीज ने एड्स के इलाज के दौरान ली जाने वाली दवाएं बंद कर दीं। रिसर्च के दौरान मरीज को लम्बे समय तक हर दो महीने पर एंटीरेट्रोवायरल दवाओं और निकोटिनामाइड ड्रग का कॉम्बिनेशन दिया गया। एक साल बाद जब मरीज का ब्लड टेस्ट किया गया तो रिपोर्ट निगेटिव आई। मरीज के शरीर में वायरस को खत्म करने के लिए एंटीबॉडी का स्तर क्या रहा, यह पता नहीं चल पाया। शोधकर्ताओं के मुताबिक, दवाओं के कॉम्बिनेशन ने बेहतर काम किया। मरीज ने कहा, यह जीवन गिफ्ट जैसा रिकवरी के बाद मरीज का कहना है कि मुझे दूसरी जिंदगी मिली है। मैं वायरस मुक्त हो गया हूं, लाखों एचआईवी संक्रमित मरीज ऐसा चाहते हैं। यह जीवन एक गिफ्ट जैसा है। अगर इस मामले की पुष्टि होती है तो यह एड्स का पहला मामला होगा, जहां बिना स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के एचआईवी को शरीर से बाहर निकाला गया। स्टेम सेल ट्रांसप्लांट से लंदन के एक इंसान को वायरसमुक्त किया गया था। दोबारा वायरस के दिखता है या नहीं, नजर रखी जा रही शोधकर्ता एडम कास्टिलेजा के मुताबिक, मरीज जिंदा है और वायरस मुक्त है।यह साबित करता है कि एड्स का इलाज किया जा सकता है। फिलहाल विशेषज्ञ इस मामले पर लगातार नजर रख रहे हैं कि ब्राजील के शख्स में दोबारा वायरस मिलने का खतरा है या नहीं। यह आगे होने वाली टेस्टिंग में सामने आएगा। दवाओं से सामान्य जीवन जी सकते हैं एड्स के मरीज शोधकर्ताओं के मुताबिक, एक बार इंसान संक्रमित हो गया तो एड्स के वायरस एचआईवी को बाहर निकालना या मारना मुश्किल हो जाता है क्योंकि ये ब्लड सेल्स में घर बना लेते हैं। यहां से लम्बे समय तक रहते हैं और दवाओं से अपनी जगह नहीं छोड़ते। दवाओं से सिर्फ संक्रमण को कंट्रोल किया जा सकता है। अगर मरीज ने एक बार दवाएं बंद की तो वायरस खुद को एक्टिवेट करता है और बीमारी दोबारा अपना असर दिखाना शुरू करती है। एडवांस दवाओं से मरीज सामान्य जीवन जी सकता है। एक्सपर्ट कमेंट : जानकारी दिलचस्प लेकिन सिर्फ एक ही मामला ऐसा सामने आया है कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की एड्स स्पेशलिस्ट डॉ. मोनिका गांधी के मुताबिक, यह जानकारी काफी दिलचस्प है लेकिन अभी शुरुआती स्तर पर है क्योंकि ऐसा सिर्फ एक इंसान के साथ हुआ है। 4 अन्य लोगों को यही ट्रीटमेंट दिया गया लेकिन वो सफल नहीं हुआ। यह तरह का पायलट प्रोजेक्ट है। एचआईवी वायरस को तत्काल खत्म करने का तरीका नहीं है। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें HIV Patient Success Story | HIV recovered patients share Story of survival; Researchers given a combination of antiretroviral drugs https://ift.tt/38IVxdZ Dainik Bhaskar सिर्फ दवा से एड्स ठीक होने का पहला मामला, दो ड्रग्स के कॉम्बिनेशन से मिला HIV वायरस से छुटकारा

ब्राजील का एक शख्स एड्स के वायरस से मुक्त हो गया है। यह दावा साओ पाउलो की फेडरल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक...
- July 09, 2020
ब्राजील का एक शख्स एड्स के वायरस से मुक्त हो गया है। यह दावा साओ पाउलो की फेडरल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, HIV पीड़ित को कई तरह की एंटीरेट्रोवायरल दवाओं और निकोटिनामाइड ड्रग का कॉम्बिनेशन दिया गया। दावा है कि मरीज वायरसमुक्त हो गया है। शोधकर्ताओं ने मरीज का नाम नहीं बताया है। हर दो महीने पर दवा का कॉम्बिनेशन दिया गया इस बात खुलासा शोधकर्ताओं ने हाल ही में ऑनलाइन हुई एड्स 2020 कॉन्फ्रेंस में किया। शोधकर्ता डॉ. रिकार्डों डियाज के मुताबिक, ब्राजील के शख्स को अक्टूबर 2012 में एचआईवी डायग्नोज हुआ था। ट्रायल में मरीज ने एड्स के इलाज के दौरान ली जाने वाली दवाएं बंद कर दीं। रिसर्च के दौरान मरीज को लम्बे समय तक हर दो महीने पर एंटीरेट्रोवायरल दवाओं और निकोटिनामाइड ड्रग का कॉम्बिनेशन दिया गया। एक साल बाद जब मरीज का ब्लड टेस्ट किया गया तो रिपोर्ट निगेटिव आई। मरीज के शरीर में वायरस को खत्म करने के लिए एंटीबॉडी का स्तर क्या रहा, यह पता नहीं चल पाया। शोधकर्ताओं के मुताबिक, दवाओं के कॉम्बिनेशन ने बेहतर काम किया। मरीज ने कहा, यह जीवन गिफ्ट जैसा रिकवरी के बाद मरीज का कहना है कि मुझे दूसरी जिंदगी मिली है। मैं वायरस मुक्त हो गया हूं, लाखों एचआईवी संक्रमित मरीज ऐसा चाहते हैं। यह जीवन एक गिफ्ट जैसा है। अगर इस मामले की पुष्टि होती है तो यह एड्स का पहला मामला होगा, जहां बिना स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के एचआईवी को शरीर से बाहर निकाला गया। स्टेम सेल ट्रांसप्लांट से लंदन के एक इंसान को वायरसमुक्त किया गया था। दोबारा वायरस के दिखता है या नहीं, नजर रखी जा रही शोधकर्ता एडम कास्टिलेजा के मुताबिक, मरीज जिंदा है और वायरस मुक्त है।यह साबित करता है कि एड्स का इलाज किया जा सकता है। फिलहाल विशेषज्ञ इस मामले पर लगातार नजर रख रहे हैं कि ब्राजील के शख्स में दोबारा वायरस मिलने का खतरा है या नहीं। यह आगे होने वाली टेस्टिंग में सामने आएगा। दवाओं से सामान्य जीवन जी सकते हैं एड्स के मरीज शोधकर्ताओं के मुताबिक, एक बार इंसान संक्रमित हो गया तो एड्स के वायरस एचआईवी को बाहर निकालना या मारना मुश्किल हो जाता है क्योंकि ये ब्लड सेल्स में घर बना लेते हैं। यहां से लम्बे समय तक रहते हैं और दवाओं से अपनी जगह नहीं छोड़ते। दवाओं से सिर्फ संक्रमण को कंट्रोल किया जा सकता है। अगर मरीज ने एक बार दवाएं बंद की तो वायरस खुद को एक्टिवेट करता है और बीमारी दोबारा अपना असर दिखाना शुरू करती है। एडवांस दवाओं से मरीज सामान्य जीवन जी सकता है। एक्सपर्ट कमेंट : जानकारी दिलचस्प लेकिन सिर्फ एक ही मामला ऐसा सामने आया है कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की एड्स स्पेशलिस्ट डॉ. मोनिका गांधी के मुताबिक, यह जानकारी काफी दिलचस्प है लेकिन अभी शुरुआती स्तर पर है क्योंकि ऐसा सिर्फ एक इंसान के साथ हुआ है। 4 अन्य लोगों को यही ट्रीटमेंट दिया गया लेकिन वो सफल नहीं हुआ। यह तरह का पायलट प्रोजेक्ट है। एचआईवी वायरस को तत्काल खत्म करने का तरीका नहीं है। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें HIV Patient Success Story | HIV recovered patients share Story of survival; Researchers given a combination of antiretroviral drugs https://ift.tt/38IVxdZ Dainik Bhaskar सिर्फ दवा से एड्स ठीक होने का पहला मामला, दो ड्रग्स के कॉम्बिनेशन से मिला HIV वायरस से छुटकारा 

ब्राजील का एक शख्स एड्स के वायरस से मुक्त हो गया है। यह दावा साओ पाउलो की फेडरल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, HIV पीड़ित को कई तरह की एंटीरेट्रोवायरल दवाओं और निकोटिनामाइड ड्रग का कॉम्बिनेशन दिया गया। दावा है कि मरीज वायरसमुक्त हो गया है। शोधकर्ताओं ने मरीज का नाम नहीं बताया है।

हर दो महीने पर दवा का कॉम्बिनेशन दिया गया
इस बात खुलासा शोधकर्ताओं ने हाल ही में ऑनलाइन हुई एड्स 2020 कॉन्फ्रेंस में किया। शोधकर्ता डॉ. रिकार्डों डियाज के मुताबिक, ब्राजील के शख्स को अक्टूबर 2012 में एचआईवी डायग्नोज हुआ था। ट्रायल में मरीज ने एड्स के इलाज के दौरान ली जाने वाली दवाएं बंद कर दीं। रिसर्च के दौरान मरीज को लम्बे समय तक हर दो महीने पर एंटीरेट्रोवायरल दवाओं और निकोटिनामाइड ड्रग का कॉम्बिनेशन दिया गया।

एक साल बाद जब मरीज का ब्लड टेस्ट किया गया तो रिपोर्ट निगेटिव आई। मरीज के शरीर में वायरस को खत्म करने के लिए एंटीबॉडी का स्तर क्या रहा, यह पता नहीं चल पाया। शोधकर्ताओं के मुताबिक, दवाओं के कॉम्बिनेशन ने बेहतर काम किया।

मरीज ने कहा, यह जीवन गिफ्ट जैसा
रिकवरी के बाद मरीज का कहना है कि मुझे दूसरी जिंदगी मिली है। मैं वायरस मुक्त हो गया हूं, लाखों एचआईवी संक्रमित मरीज ऐसा चाहते हैं। यह जीवन एक गिफ्ट जैसा है।

अगर इस मामले की पुष्टि होती है तो यह एड्स का पहला मामला होगा, जहां बिना स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के एचआईवी को शरीर से बाहर निकाला गया। स्टेम सेल ट्रांसप्लांट से लंदन के एक इंसान को वायरसमुक्त किया गया था।

दोबारा वायरस के दिखता है या नहीं, नजर रखी जा रही
शोधकर्ता एडम कास्टिलेजा के मुताबिक, मरीज जिंदा है और वायरस मुक्त है।यह साबित करता है कि एड्स का इलाज किया जा सकता है। फिलहाल विशेषज्ञ इस मामले पर लगातार नजर रख रहे हैं कि ब्राजील के शख्स में दोबारा वायरस मिलने का खतरा है या नहीं। यह आगे होने वाली टेस्टिंग में सामने आएगा।

दवाओं से सामान्य जीवन जी सकते हैं एड्स के मरीज
शोधकर्ताओं के मुताबिक, एक बार इंसान संक्रमित हो गया तो एड्स के वायरस एचआईवी को बाहर निकालना या मारना मुश्किल हो जाता है क्योंकि ये ब्लड सेल्स में घर बना लेते हैं। यहां से लम्बे समय तक रहते हैं और दवाओं से अपनी जगह नहीं छोड़ते। दवाओं से सिर्फ संक्रमण को कंट्रोल किया जा सकता है।

अगर मरीज ने एक बार दवाएं बंद की तो वायरस खुद को एक्टिवेट करता है और बीमारी दोबारा अपना असर दिखाना शुरू करती है। एडवांस दवाओं से मरीज सामान्य जीवन जी सकता है।

एक्सपर्ट कमेंट : जानकारी दिलचस्प लेकिन सिर्फ एक ही मामला ऐसा सामने आया है
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की एड्स स्पेशलिस्ट डॉ. मोनिका गांधी के मुताबिक, यह जानकारी काफी दिलचस्प है लेकिन अभी शुरुआती स्तर पर है क्योंकि ऐसा सिर्फ एक इंसान के साथ हुआ है। 4 अन्य लोगों को यही ट्रीटमेंट दिया गया लेकिन वो सफल नहीं हुआ। यह तरह का पायलट प्रोजेक्ट है। एचआईवी वायरस को तत्काल खत्म करने का तरीका नहीं है।

आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें

HIV Patient Success Story | HIV recovered patients share Story of survival; Researchers given a combination of antiretroviral drugs

https://ift.tt/38IVxdZ Dainik Bhaskar सिर्फ दवा से एड्स ठीक होने का पहला मामला, दो ड्रग्स के कॉम्बिनेशन से मिला HIV वायरस से छुटकारा Reviewed by Manish Pethev on July 09, 2020 Rating: 5

ब्रिटेन में आज से इंडिया ग्लोबल वीक 2020 शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्रोग्राम में वीडियो लिंक के जरिए शामिल होंगे। उनका भाषण सबसे पहले होगा। माना जा रहा है कि मोदी इस मौके पर भारत में ट्रेड और फॉरेन इन्वेस्टमेंट्स का जिक्र कर सकते हैं। महामारी के दौर में भारत समेत दुनिया के सभी देशों की इकोनॉमी पर असर पड़ा है। लिहाजा, मोदी के इस भाषण पर सभी की निगाहें होंगी। भारत की भूमिका अहम दुनिया इस वक्त कोरोनावायरस से उबरने की कोशिश में जुटी है। 2008 जैसी आर्थिक मंदी की आशंकाएं जताई जा रही हैं। भारत में फॉरेन इन्वेस्टमेंट की काफी संभावनाएं हैं। माना जा रहा है कि मोदी अपने भाषण में इसका जिक्र करेंगे। इंडिया इंक ग्रुप के सीईओ मनोज लाडवा ने कहा, “यह महामारी का दौर है। हर देश इससे बाहर आने की कोशिश कर रहा है। भारत के पास टैलेंट पूल है। हमारे पास ग्लोबल अफेयर्स को अच्छे तरीके से डील करने वाली लीडरशिप भी है। टेक्नोलॉजी के मामले में हम किसी से पीछे नहीं हैं। मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री इन मुद्दों पर जरूर फोकस करेंगे।” तीन दिन चलेगी समिट इंडिया ग्लोबल वीक समिट 2020 तीन दिन चलेगी। इसे वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर ऑर्गनाइज किया जा रहा है। मोदी सरकार के कई मंत्री इसमें शामिल होंगे। विदेश मंत्री एस. जयशंकर, रेलवे एंड कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल, सिविल एविएशन मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी, आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद और स्किल डेवलपमेंट मिनिस्टर महेंद्र नाथ पांडेय ग्लोबल वीक में हिस्सा लेंगे। प्रिंस चार्ल्स भी शामिल होंगे ब्रिटिश रॉयल फैमिली के प्रिंस चार्ल्स भी इस समिट में शामिल होंगे। इसके अलावा विदेश मंत्री डोमिनिक रॉब, होम मिनिस्टर प्रीति पटेल, हेल्थ मिनिस्टर मैट हेनकॉक और ट्रेड मिनिस्टर लिज ट्रूस भी समिट में हिस्सा लेंगे। भारत और ब्रिटेन के कारोबारी रिश्तों के लिहाज से भी यह समिट अहम हो सकती है। ब्रिटेन यूरोपीय यूनियन और इसकी ट्रेड यूनिट से बाहर हो चुका है। यहां के ट्रेड मिनिस्टर पहले ही कह चुके हैं कि भारत के अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और जापान से जिस तरह के ट्रेड रिलेशन हैं, ब्रिटेन भी इसी तरह के रिश्ते चाहता है। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Narendra Modi Speech/India Global Week Update | India Global Week 2020 Latest News Updates; PM Modi, Prince Charles, British Prime Minister Boris Johnson https://ift.tt/3gG36oK Dainik Bhaskar मोदी आज ब्रिटेन में शुरू होने जा रहे इंडिया ग्लोबल वीक 2020 को संबोधित करेंगे; प्रिंस चार्ल्स के अलावा ब्रिटिश मिनिस्टर भी शामिल होंगे

ब्रिटेन में आज से इंडिया ग्लोबल वीक 2020 शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्रोग्राम में वीडियो लिंक के जरिए शामिल होंगे। उनका भ...
- July 09, 2020
ब्रिटेन में आज से इंडिया ग्लोबल वीक 2020 शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्रोग्राम में वीडियो लिंक के जरिए शामिल होंगे। उनका भाषण सबसे पहले होगा। माना जा रहा है कि मोदी इस मौके पर भारत में ट्रेड और फॉरेन इन्वेस्टमेंट्स का जिक्र कर सकते हैं। महामारी के दौर में भारत समेत दुनिया के सभी देशों की इकोनॉमी पर असर पड़ा है। लिहाजा, मोदी के इस भाषण पर सभी की निगाहें होंगी। भारत की भूमिका अहम दुनिया इस वक्त कोरोनावायरस से उबरने की कोशिश में जुटी है। 2008 जैसी आर्थिक मंदी की आशंकाएं जताई जा रही हैं। भारत में फॉरेन इन्वेस्टमेंट की काफी संभावनाएं हैं। माना जा रहा है कि मोदी अपने भाषण में इसका जिक्र करेंगे। इंडिया इंक ग्रुप के सीईओ मनोज लाडवा ने कहा, “यह महामारी का दौर है। हर देश इससे बाहर आने की कोशिश कर रहा है। भारत के पास टैलेंट पूल है। हमारे पास ग्लोबल अफेयर्स को अच्छे तरीके से डील करने वाली लीडरशिप भी है। टेक्नोलॉजी के मामले में हम किसी से पीछे नहीं हैं। मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री इन मुद्दों पर जरूर फोकस करेंगे।” तीन दिन चलेगी समिट इंडिया ग्लोबल वीक समिट 2020 तीन दिन चलेगी। इसे वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर ऑर्गनाइज किया जा रहा है। मोदी सरकार के कई मंत्री इसमें शामिल होंगे। विदेश मंत्री एस. जयशंकर, रेलवे एंड कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल, सिविल एविएशन मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी, आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद और स्किल डेवलपमेंट मिनिस्टर महेंद्र नाथ पांडेय ग्लोबल वीक में हिस्सा लेंगे। प्रिंस चार्ल्स भी शामिल होंगे ब्रिटिश रॉयल फैमिली के प्रिंस चार्ल्स भी इस समिट में शामिल होंगे। इसके अलावा विदेश मंत्री डोमिनिक रॉब, होम मिनिस्टर प्रीति पटेल, हेल्थ मिनिस्टर मैट हेनकॉक और ट्रेड मिनिस्टर लिज ट्रूस भी समिट में हिस्सा लेंगे। भारत और ब्रिटेन के कारोबारी रिश्तों के लिहाज से भी यह समिट अहम हो सकती है। ब्रिटेन यूरोपीय यूनियन और इसकी ट्रेड यूनिट से बाहर हो चुका है। यहां के ट्रेड मिनिस्टर पहले ही कह चुके हैं कि भारत के अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और जापान से जिस तरह के ट्रेड रिलेशन हैं, ब्रिटेन भी इसी तरह के रिश्ते चाहता है। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Narendra Modi Speech/India Global Week Update | India Global Week 2020 Latest News Updates; PM Modi, Prince Charles, British Prime Minister Boris Johnson https://ift.tt/3gG36oK Dainik Bhaskar मोदी आज ब्रिटेन में शुरू होने जा रहे इंडिया ग्लोबल वीक 2020 को संबोधित करेंगे; प्रिंस चार्ल्स के अलावा ब्रिटिश मिनिस्टर भी शामिल होंगे 

ब्रिटेन में आज से इंडिया ग्लोबल वीक 2020 शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्रोग्राम में वीडियो लिंक के जरिए शामिल होंगे। उनका भाषण सबसे पहले होगा। माना जा रहा है कि मोदी इस मौके पर भारत में ट्रेड और फॉरेन इन्वेस्टमेंट्स का जिक्र कर सकते हैं। महामारी के दौर में भारत समेत दुनिया के सभी देशों की इकोनॉमी पर असर पड़ा है। लिहाजा, मोदी के इस भाषण पर सभी की निगाहें होंगी।

भारत की भूमिका अहम
दुनिया इस वक्त कोरोनावायरस से उबरने की कोशिश में जुटी है। 2008 जैसी आर्थिक मंदी की आशंकाएं जताई जा रही हैं। भारत में फॉरेन इन्वेस्टमेंट की काफी संभावनाएं हैं। माना जा रहा है कि मोदी अपने भाषण में इसका जिक्र करेंगे।

इंडिया इंक ग्रुप के सीईओ मनोज लाडवा ने कहा, “यह महामारी का दौर है। हर देश इससे बाहर आने की कोशिश कर रहा है। भारत के पास टैलेंट पूल है। हमारे पास ग्लोबल अफेयर्स को अच्छे तरीके से डील करने वाली लीडरशिप भी है। टेक्नोलॉजी के मामले में हम किसी से पीछे नहीं हैं। मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री इन मुद्दों पर जरूर फोकस करेंगे।”

तीन दिन चलेगी समिट
इंडिया ग्लोबल वीक समिट 2020 तीन दिन चलेगी। इसे वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर ऑर्गनाइज किया जा रहा है। मोदी सरकार के कई मंत्री इसमें शामिल होंगे। विदेश मंत्री एस. जयशंकर, रेलवे एंड कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल, सिविल एविएशन मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी, आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद और स्किल डेवलपमेंट मिनिस्टर महेंद्र नाथ पांडेय ग्लोबल वीक में हिस्सा लेंगे।

प्रिंस चार्ल्स भी शामिल होंगे
ब्रिटिश रॉयल फैमिली के प्रिंस चार्ल्स भी इस समिट में शामिल होंगे। इसके अलावा विदेश मंत्री डोमिनिक रॉब, होम मिनिस्टर प्रीति पटेल, हेल्थ मिनिस्टर मैट हेनकॉक और ट्रेड मिनिस्टर लिज ट्रूस भी समिट में हिस्सा लेंगे। भारत और ब्रिटेन के कारोबारी रिश्तों के लिहाज से भी यह समिट अहम हो सकती है।

ब्रिटेन यूरोपीय यूनियन और इसकी ट्रेड यूनिट से बाहर हो चुका है। यहां के ट्रेड मिनिस्टर पहले ही कह चुके हैं कि भारत के अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और जापान से जिस तरह के ट्रेड रिलेशन हैं, ब्रिटेन भी इसी तरह के रिश्ते चाहता है।

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Narendra Modi Speech/India Global Week Update | India Global Week 2020 Latest News Updates; PM Modi, Prince Charles, British Prime Minister Boris Johnson

https://ift.tt/3gG36oK Dainik Bhaskar मोदी आज ब्रिटेन में शुरू होने जा रहे इंडिया ग्लोबल वीक 2020 को संबोधित करेंगे; प्रिंस चार्ल्स के अलावा ब्रिटिश मिनिस्टर भी शामिल होंगे Reviewed by Manish Pethev on July 09, 2020 Rating: 5

1. नजर आया, हाथ न लगा आगे अपराधी, पीछे सिपाही। यूपी में ऐसा ही हाे रहा है। एक गैंगस्टर गोलियां बरसाकर आठ पुलिसवालों की जान लेने के बाद भाग निकलता है और छह दिन तक पुलिस उसे नहीं पकड़ पाती। वह पुलिस से आगे है... पुलिस उसके पीछे है। ...और ऐसा भी नहीं है कि उसका पता नहीं चल रहा। गैंगस्टर विकास दुबे यूपी से निकलकर फरीदाबाद पहुंच गया। होटल में कमरा लेने गया। अंकुर नाम बताकर वहां रुका। हरियाणा पुलिस और यूपी एसटीएफ वहां पहुंचती, इससे पहले निकल गया। सीसीटीवी में बस उसकी एक झलक दिखाई दी, जो दिनभर चैनलों, सोशल मीडिया पर चलती रही। फुटेज में वह सड़क पर आराम से खड़ा दिखता है। एक-दो ऑटो वालों को हाथ दिखाने के बाद तीसरे ऑटो में बैठकर निकल जाता है। थोड़ा और बताते चलें। ...चौंकाने वाली तीन बातें। पहली- इस तरह की खबरें आईं कि एक बार विकास पुलिस के ठीक सामने था, लेकिन पुलिस उसे नहीं पहचान सकी। सच है या नहीं, यह विकास या पुलिस ही बता सकती है। दूसरी- विकास दो दिन से फरीदाबाद में एक रिश्तेदार के घर में था, यहां भी पुलिस देर से पहुंची। इससे भी पहले वह दो दिन कानपुर के शिवली में था। तीसरी- विकास फरीदाबाद मेंजिस रिश्तेदार के घर रुका, वह भी कोई कम नहीं था। उसके घर से चार पिस्तौल मिलीं। इनमें से दो यूपी पुलिस से लूटी गई थीं। ऐसा भी नहीं है कि पुलिस की हर एक्शन में देरी हो रही है। विकास दुबे के सबसे भरोसेमंद शार्प शूटर गुर्गे को यूपी पुलिस ने बुधवार को ढेर कर दिया। इसका नाम था अमर दुबे। पुलिस कह रही है, ‘हम ऐसी कार्रवाई करेंगे कि अपराधियों को पछतावा होगा।’ पढ़ें: एसटीएफ की छापेमारी से पहले गुड़गांव की तरफ भाग निकला विकास दुबे 2. नेशनलिज्म, सेक्युलरिज्म और सिटीजनशिप को पढ़ने की जरूरत नहीं सीबीएसई के 9वीं से 12वीं के सिलेबस में हुई 30 फीसदी की कटौती की परतें खुल रही हैं। सीबीएसई ने एक्सपर्ट्स की सिफारिशों और सरकार को मिले डेढ़ हजार से ज्यादा सुझावों के आधार पर ये कटौती है। ठीक भी है। जिसका काम उसी को साजे, लेकिन फिर भी कटौती दिलचस्प है। जैसे- 11वीं के सिलेबस से नेशनलिज्म, सेक्युलरिज्म और सिटीजनशिप हटा लिया गया है। ये तीनों वही शब्द हैं, जो पिछले 6 साल से सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। तीनों टॉपिक्स के आगे बेदर्दी से लिखा गया है- कम्प्लीटली डिलीटेड। खैर, आगे चलते हैं। अंग्रेजी के सिलेबस से लेटर टू एडिटर और नौकरी के लिए रिज्यूम के साथ अप्लाई करें जैसे टॉपिक्स हटा लिए गए हैं। सीबीएसई को इस पूरे मामले पर जवाब भी देना पड़ा। बोर्ड ने कहा- ये कटौती तो सिर्फ एक बार के लिए है, हमेशा के लिए थोड़ी है। पढ़ें: 10वीं से डेमोक्रेसी से जुड़े चैप्टर्स भी हटाए गए 3. ड्रॉपलेट्स से ज्यादा खतरनाक एयरोसोल कोरोना हवा से फैलता है या नहीं, यह बहस बुधवार को और तेज हो गई। दरअसल 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने कहा था- कोरोना हवा से भी फैल सकता है। तब डब्ल्यूएचओ ने इसे खारिज कर यह कहा था- ये खतरा सिर्फ मेडिकल फैसिलिटीज जैसे अस्पताल, क्लिनिक या डिस्पेंसरी में ही है। अब डब्ल्यूएचओ का कहना है कि सभी जगहों पर एयरोसोल ट्रांसमिशन के खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता। अब समझते चलें कि एयरोसोल किसे कहते हैं। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इनमें और ड्रॉपलेट्स में ज्यादा फर्क नहीं है। जब खांसते या छींकते हैं तो ड्रॉपलेट्स निकलती हैं। जब सांस छोड़ते हैं, बोलते हैं या गाना गाते हैं तो एयरोसोल निकलते हैं। ड्रॉपलेट्स अगर पांच माइक्रोन से कम आकार के हैं तो एयरोसोल कहलाते हैं। एयरोसोल बंद कमरे में भी कुछ दूर तक सफर कर सकते हैं। इनमें मौजूद वायरस हवा में तीन घंटों तक जिंदा रह सकता है। इसलिए ये ड्रॉपलेट्स से ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं। पढ़ें: भास्कर एक्सप्लेनर- कोरोना पॉजिटिव मरीज इतने एयरोसोल छोड़ सकता है कि वह भीड़ में कई लोगों को बीमार कर दे 4. आज के दो इवेंट्स आज मोदी बोलेंगे मोदी का आज दोपहर डेढ़ बजे भाषण है। मौका है इंडिया ग्लोबल वीक 2020 का। यह इवेंट ब्रिटेन में आज से शुरू हो रहा है। इसमें मोदी भारत में ट्रेड और फॉरेन इन्वेस्टमेंट्स पर बात कर सकते हैं। तीन दिन चलने वाली इस समिट में विदेश मंत्री एस जयशंकर, रेल मंत्री पीयूष गोयल, सिविल एविएशन मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी, आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद और स्किल डेवलपमेंट मिनिस्टर महेंद्र नाथ पांडेय भी शामिल होंगे। ये सभी दिल्ली में ही बैठे-बैठे हिस्सा लेंगे, क्योंकि ये समिट वर्चुअल है। बंगाल में आज से टोटल लॉकडाउन बंगाल आज शाम 5 बजे से टोटल लॉकडाउन लगाने जा रहा है, लेकिन रुकिए। यह पूरे राज्य के लिए नहीं है। यह कंटेनमेंट जोन और बफर जोन के लिए है। कंटेनमेंट जोन यानी रेड जोन में आने वाले ऐसे इलाके जहां संक्रमण के मामले सबसे ज्यादा हैं। बफर जोन यानी कंटेनमेंट जोन के आसपास का कुछ किलोमीटर का इलाका। 5. आज का दिन कैसा रहेगा? बात राशिफल की। आज कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु और मीन राशि वालों को पूरे दिन संभलकर रहना होगा। जॉब-बिजनेस और लेन-देन में सावधानी रखनी होगी। मेष, वृष, कर्क और कुंभ राशि वाले लोगों के लिए दिन शुभ रहेगा। मिथुन, सिंह और मकर राशि वाले लोगों के लिए दिन मिला-जुला रहेगा। पढ़ें: पूरी 12 राशियां आज क्या कह रही हैं 6. चलते-चलते तीन खबरें, शायद आप पढ़ना चाहें 1962 से अब तक भारत-चीन का सफर दोनों देशों में 1962 में जंग हुई थी। तब चीन की जीडीपी हमसे सिर्फ 12% ज्यादा थी। आज भारत से 5 गुना बड़ी इकोनॉमी चीन की है। इकोनॉमी खुलने के बाद भारत के मुकाबले चीन ज्यादा आगे बढ़ गया। चीन की इकोनॉमी 39 गुना बढ़ी, जबकि भारत की 9 गुना बढ़ी। चीन की तुलना में दूसरे देशों से खरीद पर भारत ज्यादा निर्भर... यूपी के बड़े माफिया हम यूपी के कुछ ऐसे माफिया की कहानी बता रहे हैं, जिनका न सिर्फ खौफ है, बल्कि सत्ता के गलियारों में भी रसूख है। एक नाम है अतीक अहमद। 10 जजों ने उसके केस की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। 11वें जज ने सुनवाई की और अतीक को जमानत मिल गई। बाकी 4 बड़े माफिया की कहानी भी ऐसी ही है... इंस्टाग्राम का नया फीचर इंस्टाग्राम ने 'पिन कमेंट फीचर' को अब सभी के लिए रोल आउट कर दिया है। इसकी मई से ही टेस्टिंग चल रही थी। यूजर्स अब अपने अकाउंट पर निगेटिव कमेंट्स एक साथ डिलीट कर सकेंगे। ट्रोल करने वाले यूजर्स को ब्लॉक भी कर पाएंगे। एक बार में 25 ट्रोल कमेंट्स को डिलीट कर सकेंगे... आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें News Brief/Dainik Bhaskar Morning Latest [Updates]; UP Gangster Vikas Dubey Story, CBSE Syllabus 2020-21 and Aaj Ka Rashifal (Horoscope Today) https://ift.tt/3iMhz42 Dainik Bhaskar विकास चित्र कथा: आगे अपराधी, पीछे सिपाही; नेशनलिज्म, सेक्युलरिज्म और सिटीजनशिप का सीबीएसई कनेक्शन

1. नजर आया, हाथ न लगा आगे अपराधी, पीछे सिपाही। यूपी में ऐसा ही हाे रहा है। एक गैंगस्टर गोलियां बरसाकर आठ पुलिसवालों की जान लेने के बाद भाग...
- July 09, 2020
1. नजर आया, हाथ न लगा आगे अपराधी, पीछे सिपाही। यूपी में ऐसा ही हाे रहा है। एक गैंगस्टर गोलियां बरसाकर आठ पुलिसवालों की जान लेने के बाद भाग निकलता है और छह दिन तक पुलिस उसे नहीं पकड़ पाती। वह पुलिस से आगे है... पुलिस उसके पीछे है। ...और ऐसा भी नहीं है कि उसका पता नहीं चल रहा। गैंगस्टर विकास दुबे यूपी से निकलकर फरीदाबाद पहुंच गया। होटल में कमरा लेने गया। अंकुर नाम बताकर वहां रुका। हरियाणा पुलिस और यूपी एसटीएफ वहां पहुंचती, इससे पहले निकल गया। सीसीटीवी में बस उसकी एक झलक दिखाई दी, जो दिनभर चैनलों, सोशल मीडिया पर चलती रही। फुटेज में वह सड़क पर आराम से खड़ा दिखता है। एक-दो ऑटो वालों को हाथ दिखाने के बाद तीसरे ऑटो में बैठकर निकल जाता है। थोड़ा और बताते चलें। ...चौंकाने वाली तीन बातें। पहली- इस तरह की खबरें आईं कि एक बार विकास पुलिस के ठीक सामने था, लेकिन पुलिस उसे नहीं पहचान सकी। सच है या नहीं, यह विकास या पुलिस ही बता सकती है। दूसरी- विकास दो दिन से फरीदाबाद में एक रिश्तेदार के घर में था, यहां भी पुलिस देर से पहुंची। इससे भी पहले वह दो दिन कानपुर के शिवली में था। तीसरी- विकास फरीदाबाद मेंजिस रिश्तेदार के घर रुका, वह भी कोई कम नहीं था। उसके घर से चार पिस्तौल मिलीं। इनमें से दो यूपी पुलिस से लूटी गई थीं। ऐसा भी नहीं है कि पुलिस की हर एक्शन में देरी हो रही है। विकास दुबे के सबसे भरोसेमंद शार्प शूटर गुर्गे को यूपी पुलिस ने बुधवार को ढेर कर दिया। इसका नाम था अमर दुबे। पुलिस कह रही है, ‘हम ऐसी कार्रवाई करेंगे कि अपराधियों को पछतावा होगा।’ पढ़ें: एसटीएफ की छापेमारी से पहले गुड़गांव की तरफ भाग निकला विकास दुबे 2. नेशनलिज्म, सेक्युलरिज्म और सिटीजनशिप को पढ़ने की जरूरत नहीं सीबीएसई के 9वीं से 12वीं के सिलेबस में हुई 30 फीसदी की कटौती की परतें खुल रही हैं। सीबीएसई ने एक्सपर्ट्स की सिफारिशों और सरकार को मिले डेढ़ हजार से ज्यादा सुझावों के आधार पर ये कटौती है। ठीक भी है। जिसका काम उसी को साजे, लेकिन फिर भी कटौती दिलचस्प है। जैसे- 11वीं के सिलेबस से नेशनलिज्म, सेक्युलरिज्म और सिटीजनशिप हटा लिया गया है। ये तीनों वही शब्द हैं, जो पिछले 6 साल से सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। तीनों टॉपिक्स के आगे बेदर्दी से लिखा गया है- कम्प्लीटली डिलीटेड। खैर, आगे चलते हैं। अंग्रेजी के सिलेबस से लेटर टू एडिटर और नौकरी के लिए रिज्यूम के साथ अप्लाई करें जैसे टॉपिक्स हटा लिए गए हैं। सीबीएसई को इस पूरे मामले पर जवाब भी देना पड़ा। बोर्ड ने कहा- ये कटौती तो सिर्फ एक बार के लिए है, हमेशा के लिए थोड़ी है। पढ़ें: 10वीं से डेमोक्रेसी से जुड़े चैप्टर्स भी हटाए गए 3. ड्रॉपलेट्स से ज्यादा खतरनाक एयरोसोल कोरोना हवा से फैलता है या नहीं, यह बहस बुधवार को और तेज हो गई। दरअसल 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने कहा था- कोरोना हवा से भी फैल सकता है। तब डब्ल्यूएचओ ने इसे खारिज कर यह कहा था- ये खतरा सिर्फ मेडिकल फैसिलिटीज जैसे अस्पताल, क्लिनिक या डिस्पेंसरी में ही है। अब डब्ल्यूएचओ का कहना है कि सभी जगहों पर एयरोसोल ट्रांसमिशन के खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता। अब समझते चलें कि एयरोसोल किसे कहते हैं। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इनमें और ड्रॉपलेट्स में ज्यादा फर्क नहीं है। जब खांसते या छींकते हैं तो ड्रॉपलेट्स निकलती हैं। जब सांस छोड़ते हैं, बोलते हैं या गाना गाते हैं तो एयरोसोल निकलते हैं। ड्रॉपलेट्स अगर पांच माइक्रोन से कम आकार के हैं तो एयरोसोल कहलाते हैं। एयरोसोल बंद कमरे में भी कुछ दूर तक सफर कर सकते हैं। इनमें मौजूद वायरस हवा में तीन घंटों तक जिंदा रह सकता है। इसलिए ये ड्रॉपलेट्स से ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं। पढ़ें: भास्कर एक्सप्लेनर- कोरोना पॉजिटिव मरीज इतने एयरोसोल छोड़ सकता है कि वह भीड़ में कई लोगों को बीमार कर दे 4. आज के दो इवेंट्स आज मोदी बोलेंगे मोदी का आज दोपहर डेढ़ बजे भाषण है। मौका है इंडिया ग्लोबल वीक 2020 का। यह इवेंट ब्रिटेन में आज से शुरू हो रहा है। इसमें मोदी भारत में ट्रेड और फॉरेन इन्वेस्टमेंट्स पर बात कर सकते हैं। तीन दिन चलने वाली इस समिट में विदेश मंत्री एस जयशंकर, रेल मंत्री पीयूष गोयल, सिविल एविएशन मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी, आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद और स्किल डेवलपमेंट मिनिस्टर महेंद्र नाथ पांडेय भी शामिल होंगे। ये सभी दिल्ली में ही बैठे-बैठे हिस्सा लेंगे, क्योंकि ये समिट वर्चुअल है। बंगाल में आज से टोटल लॉकडाउन बंगाल आज शाम 5 बजे से टोटल लॉकडाउन लगाने जा रहा है, लेकिन रुकिए। यह पूरे राज्य के लिए नहीं है। यह कंटेनमेंट जोन और बफर जोन के लिए है। कंटेनमेंट जोन यानी रेड जोन में आने वाले ऐसे इलाके जहां संक्रमण के मामले सबसे ज्यादा हैं। बफर जोन यानी कंटेनमेंट जोन के आसपास का कुछ किलोमीटर का इलाका। 5. आज का दिन कैसा रहेगा? बात राशिफल की। आज कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु और मीन राशि वालों को पूरे दिन संभलकर रहना होगा। जॉब-बिजनेस और लेन-देन में सावधानी रखनी होगी। मेष, वृष, कर्क और कुंभ राशि वाले लोगों के लिए दिन शुभ रहेगा। मिथुन, सिंह और मकर राशि वाले लोगों के लिए दिन मिला-जुला रहेगा। पढ़ें: पूरी 12 राशियां आज क्या कह रही हैं 6. चलते-चलते तीन खबरें, शायद आप पढ़ना चाहें 1962 से अब तक भारत-चीन का सफर दोनों देशों में 1962 में जंग हुई थी। तब चीन की जीडीपी हमसे सिर्फ 12% ज्यादा थी। आज भारत से 5 गुना बड़ी इकोनॉमी चीन की है। इकोनॉमी खुलने के बाद भारत के मुकाबले चीन ज्यादा आगे बढ़ गया। चीन की इकोनॉमी 39 गुना बढ़ी, जबकि भारत की 9 गुना बढ़ी। चीन की तुलना में दूसरे देशों से खरीद पर भारत ज्यादा निर्भर... यूपी के बड़े माफिया हम यूपी के कुछ ऐसे माफिया की कहानी बता रहे हैं, जिनका न सिर्फ खौफ है, बल्कि सत्ता के गलियारों में भी रसूख है। एक नाम है अतीक अहमद। 10 जजों ने उसके केस की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। 11वें जज ने सुनवाई की और अतीक को जमानत मिल गई। बाकी 4 बड़े माफिया की कहानी भी ऐसी ही है... इंस्टाग्राम का नया फीचर इंस्टाग्राम ने 'पिन कमेंट फीचर' को अब सभी के लिए रोल आउट कर दिया है। इसकी मई से ही टेस्टिंग चल रही थी। यूजर्स अब अपने अकाउंट पर निगेटिव कमेंट्स एक साथ डिलीट कर सकेंगे। ट्रोल करने वाले यूजर्स को ब्लॉक भी कर पाएंगे। एक बार में 25 ट्रोल कमेंट्स को डिलीट कर सकेंगे... आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें News Brief/Dainik Bhaskar Morning Latest [Updates]; UP Gangster Vikas Dubey Story, CBSE Syllabus 2020-21 and Aaj Ka Rashifal (Horoscope Today) https://ift.tt/3iMhz42 Dainik Bhaskar विकास चित्र कथा: आगे अपराधी, पीछे सिपाही; नेशनलिज्म, सेक्युलरिज्म और सिटीजनशिप का सीबीएसई कनेक्शन 

1. नजर आया, हाथ न लगा
आगे अपराधी, पीछे सिपाही। यूपी में ऐसा ही हाे रहा है। एक गैंगस्टर गोलियां बरसाकर आठ पुलिसवालों की जान लेने के बाद भाग निकलता है और छह दिन तक पुलिस उसे नहीं पकड़ पाती। वह पुलिस से आगे है... पुलिस उसके पीछे है।

...और ऐसा भी नहीं है कि उसका पता नहीं चल रहा। गैंगस्टर विकास दुबे यूपी से निकलकर फरीदाबाद पहुंच गया। होटल में कमरा लेने गया। अंकुर नाम बताकर वहां रुका। हरियाणा पुलिस और यूपी एसटीएफ वहां पहुंचती, इससे पहले निकल गया। सीसीटीवी में बस उसकी एक झलक दिखाई दी, जो दिनभर चैनलों, सोशल मीडिया पर चलती रही। फुटेज में वह सड़क पर आराम से खड़ा दिखता है। एक-दो ऑटो वालों को हाथ दिखाने के बाद तीसरे ऑटो में बैठकर निकल जाता है।

थोड़ा और बताते चलें। ...चौंकाने वाली तीन बातें।

पहली- इस तरह की खबरें आईं कि एक बार विकास पुलिस के ठीक सामने था, लेकिन पुलिस उसे नहीं पहचान सकी। सच है या नहीं, यह विकास या पुलिस ही बता सकती है।

दूसरी- विकास दो दिन से फरीदाबाद में एक रिश्तेदार के घर में था, यहां भी पुलिस देर से पहुंची। इससे भी पहले वह दो दिन कानपुर के शिवली में था।

तीसरी- विकास फरीदाबाद मेंजिस रिश्तेदार के घर रुका, वह भी कोई कम नहीं था। उसके घर से चार पिस्तौल मिलीं। इनमें से दो यूपी पुलिस से लूटी गई थीं।

ऐसा भी नहीं है कि पुलिस की हर एक्शन में देरी हो रही है। विकास दुबे के सबसे भरोसेमंद शार्प शूटर गुर्गे को यूपी पुलिस ने बुधवार को ढेर कर दिया। इसका नाम था अमर दुबे। पुलिस कह रही है, ‘हम ऐसी कार्रवाई करेंगे कि अपराधियों को पछतावा होगा।’

पढ़ें: एसटीएफ की छापेमारी से पहले गुड़गांव की तरफ भाग निकला विकास दुबे

2. नेशनलिज्म, सेक्युलरिज्म और सिटीजनशिप को पढ़ने की जरूरत नहीं
सीबीएसई के 9वीं से 12वीं के सिलेबस में हुई 30 फीसदी की कटौती की परतें खुल रही हैं। सीबीएसई ने एक्सपर्ट्स की सिफारिशों और सरकार को मिले डेढ़ हजार से ज्यादा सुझावों के आधार पर ये कटौती है। ठीक भी है। जिसका काम उसी को साजे, लेकिन फिर भी कटौती दिलचस्प है। जैसे- 11वीं के सिलेबस से नेशनलिज्म, सेक्युलरिज्म और सिटीजनशिप हटा लिया गया है।

ये तीनों वही शब्द हैं, जो पिछले 6 साल से सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। तीनों टॉपिक्स के आगे बेदर्दी से लिखा गया है- कम्प्लीटली डिलीटेड। खैर, आगे चलते हैं। अंग्रेजी के सिलेबस से लेटर टू एडिटर और नौकरी के लिए रिज्यूम के साथ अप्लाई करें जैसे टॉपिक्स हटा लिए गए हैं। सीबीएसई को इस पूरे मामले पर जवाब भी देना पड़ा। बोर्ड ने कहा- ये कटौती तो सिर्फ एक बार के लिए है, हमेशा के लिए थोड़ी है।

पढ़ें: 10वीं से डेमोक्रेसी से जुड़े चैप्टर्स भी हटाए गए

3. ड्रॉपलेट्स से ज्यादा खतरनाक एयरोसोल
कोरोना हवा से फैलता है या नहीं, यह बहस बुधवार को और तेज हो गई। दरअसल 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने कहा था- कोरोना हवा से भी फैल सकता है। तब डब्ल्यूएचओ ने इसे खारिज कर यह कहा था- ये खतरा सिर्फ मेडिकल फैसिलिटीज जैसे अस्पताल, क्लिनिक या डिस्पेंसरी में ही है। अब डब्ल्यूएचओ का कहना है कि सभी जगहों पर एयरोसोल ट्रांसमिशन के खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता।

अब समझते चलें कि एयरोसोल किसे कहते हैं। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इनमें और ड्रॉपलेट्स में ज्यादा फर्क नहीं है। जब खांसते या छींकते हैं तो ड्रॉपलेट्स निकलती हैं। जब सांस छोड़ते हैं, बोलते हैं या गाना गाते हैं तो एयरोसोल निकलते हैं। ड्रॉपलेट्स अगर पांच माइक्रोन से कम आकार के हैं तो एयरोसोल कहलाते हैं।

एयरोसोल बंद कमरे में भी कुछ दूर तक सफर कर सकते हैं। इनमें मौजूद वायरस हवा में तीन घंटों तक जिंदा रह सकता है। इसलिए ये ड्रॉपलेट्स से ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं।

पढ़ें: भास्कर एक्सप्लेनर- कोरोना पॉजिटिव मरीज इतने एयरोसोल छोड़ सकता है कि वह भीड़ में कई लोगों को बीमार कर दे

4. आज के दो इवेंट्स

आज मोदी बोलेंगे

मोदी का आज दोपहर डेढ़ बजे भाषण है। मौका है इंडिया ग्लोबल वीक 2020 का। यह इवेंट ब्रिटेन में आज से शुरू हो रहा है। इसमें मोदी भारत में ट्रेड और फॉरेन इन्वेस्टमेंट्स पर बात कर सकते हैं। तीन दिन चलने वाली इस समिट में विदेश मंत्री एस जयशंकर, रेल मंत्री पीयूष गोयल, सिविल एविएशन मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी, आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद और स्किल डेवलपमेंट मिनिस्टर महेंद्र नाथ पांडेय भी शामिल होंगे। ये सभी दिल्ली में ही बैठे-बैठे हिस्सा लेंगे, क्योंकि ये समिट वर्चुअल है।

बंगाल में आज से टोटल लॉकडाउन
बंगाल आज शाम 5 बजे से टोटल लॉकडाउन लगाने जा रहा है, लेकिन रुकिए। यह पूरे राज्य के लिए नहीं है। यह कंटेनमेंट जोन और बफर जोन के लिए है। कंटेनमेंट जोन यानी रेड जोन में आने वाले ऐसे इलाके जहां संक्रमण के मामले सबसे ज्यादा हैं। बफर जोन यानी कंटेनमेंट जोन के आसपास का कुछ किलोमीटर का इलाका।

5. आज का दिन कैसा रहेगा?
बात राशिफल की। आज कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु और मीन राशि वालों को पूरे दिन संभलकर रहना होगा। जॉब-बिजनेस और लेन-देन में सावधानी रखनी होगी। मेष, वृष, कर्क और कुंभ राशि वाले लोगों के लिए दिन शुभ रहेगा। मिथुन, सिंह और मकर राशि वाले लोगों के लिए दिन मिला-जुला रहेगा।

पढ़ें: पूरी 12 राशियां आज क्या कह रही हैं

6. चलते-चलते तीन खबरें, शायद आप पढ़ना चाहें

1962 से अब तक भारत-चीन का सफर
दोनों देशों में 1962 में जंग हुई थी। तब चीन की जीडीपी हमसे सिर्फ 12% ज्यादा थी। आज भारत से 5 गुना बड़ी इकोनॉमी चीन की है। इकोनॉमी खुलने के बाद भारत के मुकाबले चीन ज्यादा आगे बढ़ गया। चीन की इकोनॉमी 39 गुना बढ़ी, जबकि भारत की 9 गुना बढ़ी। चीन की तुलना में दूसरे देशों से खरीद पर भारत ज्यादा निर्भर...

यूपी के बड़े माफिया
हम यूपी के कुछ ऐसे माफिया की कहानी बता रहे हैं, जिनका न सिर्फ खौफ है, बल्कि सत्ता के गलियारों में भी रसूख है। एक नाम है अतीक अहमद। 10 जजों ने उसके केस की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। 11वें जज ने सुनवाई की और अतीक को जमानत मिल गई। बाकी 4 बड़े माफिया की कहानी भी ऐसी ही है...

इंस्टाग्राम का नया फीचर
इंस्टाग्राम ने 'पिन कमेंट फीचर' को अब सभी के लिए रोल आउट कर दिया है। इसकी मई से ही टेस्टिंग चल रही थी। यूजर्स अब अपने अकाउंट पर निगेटिव कमेंट्स एक साथ डिलीट कर सकेंगे। ट्रोल करने वाले यूजर्स को ब्लॉक भी कर पाएंगे। एक बार में 25 ट्रोल कमेंट्स को डिलीट कर सकेंगे...

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News Brief/Dainik Bhaskar Morning Latest [Updates]; UP Gangster Vikas Dubey Story, CBSE Syllabus 2020-21 and Aaj Ka Rashifal (Horoscope Today)

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