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https://ift.tt/2PcwTte अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर की नींव रखी जाएगी। इससे पहले राम मंदिर नींव के भीतर टाइम कैप्सूल रखे जाने को लेकर खूब चर्चा है। यह कैप्सूल क्या है? क्या ऐसा पहली बार हो रहा है? ऐसे तमाम सवाल लोगों के मन में चल रहे हैं। दरअसल, बताया जा रहा है कि राम मंदिर का इतिहास हजारों साल तक मौजूद रहे, इसके लिए मंदिर के गर्भगृह की 200 फीट गहराई में टाइम कैप्सूल रखा जाएगा। इस टाइम कैप्सूल पर मंदिर का पूरा विवरण और इतिहास लिखा रहेगा, ताकि भविष्य में जन्मभूमि और राम मंदिर का इतिहास देखा जा सके और कोई विवाद न हो। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने मीडिया को सबसे पहले यह जानकारी दी थी। बिहार के रहने वाले कामेश्वर चौपाल वह व्यक्ति हैं, जिन्होंने 9 नवंबर 1989 को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए आधारशिला रखी थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर निर्माण के लिए बने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में उन्हें सदस्य भी बनाया गया है। 1989 में भी भूमि के नीचे दबाया गया था ताम्र लेख राम मंदिर के चीफ आर्किटेक्ट निखिल सोमपुरा बताते हैं कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के बाद मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। उनके मुताबिक 200 मीटर गहराई की मिट्टी का सैंपल लिया गया था, लेकिन अभी उसकी रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट के आधार पर ही मंदिर का निर्माण करने वाली कंपनी एलएनटी नींव की खुदाई शुरू कर देगी। टाइम कैप्सूल क्या होता है? टाइम कैप्सूल एक कंटेनर की तरह होता है और हर तरह के मौसम को सहन करने की इसमें क्षमता होती है। अयोध्या में राम मंदिर के नीचे डाला जाने वाला टाइम कैप्सूल कुछ सदियों के बाद एक ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में जाना जाएगा। टाइम कैप्सूल को एक ऐसे ऐतिहासिक महत्व के दस्तावेज के रूप में जाना जाता है, जिसमें किसी काल की सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक स्थिति का उल्लेख हो। यह दस्तावेज ताम्र पत्र पर लिखा जाएगा। टाइम कैप्सूल पर क्या लिखा जाएगा? इस ताम्र पत्र पर मंदिर का संक्षिप्त इतिहास, शिलान्यास की तारीख, भूमिपूजन करने वाले मुख्य अतिथि, उपस्थित विशिष्टजन का नाम, निर्माण की शैली तथा वास्तुविद का नाम लिखा रहेगा। ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल के अनुसार, ताम्र लेख तैयार करने की जिम्मेदारी दिल्ली की एक कंपनी को सौंपी गई है। 1989 में भी जब राममंदिर का शिलान्यास हुआ था, तब भी एक ताम्र लेख भूमि के नीचे दबाया गया था इस बीच, यह जानकारी भी सामने आई है कि साल 1989 में जब गर्भगृह के सामने राममंदिर का शिलान्यास हुआ था, उस वक्त भी एक ताम्र लेख भूमि के नीचे दबाया गया था। रामलला की ओर से मुकदमे की पैरवी करने वाले वकील त्रिलोकीनाथ पांडेय बताते हैं कि उस वक्त ताम्र लेख विश्व हिन्दू परिषद के महासचिव अशोक सिंहल ने तैयार कराया था। पांडेय बताते हैं कि ताम्रपत्र तांबे से बनाया जाता है, क्योंकि इस धातु में जंग नहीं लगती है। यह लेख मिट्टी में भी हजारों साल तक सुरक्षित रहेगा। जब इंदिरा गांधी ने बनवाया टाइम कैप्सूल भारत में पहले भी ऐसे टाइम कैप्सूल ऐतिहासिक महत्व की इमारतों की नींव में डाले जा चुके हैं। 1973 में इंदिरा गांधी सरकार ने लालकिले की नींव में ऐसा ही एक टाइम कैप्सूल डाला था। तब इसे काल-पत्र का नाम दिया गया था। उस वक्त विपक्ष के लोगों ने इंदिरा गांधी के इस कदम की काफी आलोचना की थी और आरोप लगाया था कि इस काल-पत्र में इंदिरा गांधी ने अपने परिवार का महिमामंडन किया है। इंदिरा सरकार के काल-पत्र में क्या लिखा था, उसका राज आज तक नहीं खुल सका इंदिरा गांधी की सरकार ने अतीत की अहम घटनाओं को दर्ज करने का काम इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च यानी आईसीएचआर को सौंपा था और मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज के इतिहास के प्रोफेसर एस कृष्णासामी को पूरी पाण्डुलिपि तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन यह काम पूरा होने से पहले ही विवादों में फंस गया और इंदिरा सरकार के इस काल-पत्र में क्या लिखा था, उसका राज आज तक नहीं खुल सका। 1977 में कांग्रेस सत्ता से बेदखल हो गई और मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार बनी। सरकार गठन के कुछ दिनों बाद टाइम कैप्सूल को निकाला गया, लेकिन जनता पार्टी की सरकार ने इस बात का रहस्योद्घाटन नहीं किया कि उस टाइम कैप्सूल में क्या था? बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय से मांगी गई एक जानकारी में बताया गया था कि पीएमओ को इसके बारे में कुछ भी पता नहीं है। मोदी भी बनवा चुके हैं टाइम कैप्सूल टाइम कैप्सूल के विवाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी जुड़ा रहा है। नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो 2011 में उन पर भी टाइम कैप्सूल दफनाने का विपक्ष ने आरोप लगाया था। विपक्ष का कहना था कि गांधीनगर में निर्मित महात्मा मंदिर के नीचे टाइम कैप्सूल दफनाया गया है, जिसमें मोदी ने अपनी उपलब्धियों का बखान किया है। 2017 में स्पेन में 400 साल पुराना टाइम कैप्सूल निकला था 30 नवंबर 2017 को स्पेन के बर्गोस में करीब 400 साल पुराना टाइम कैप्सूल निकला था, जो ईसा मसीह की मूर्ति के रूप में था। मूर्ति के भीतर साल 1777 के आसपास की आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जानकारियां थीं। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर की नींव रखी जाएगी। इससे पहले राम मंदिर नींव के भीतर टाइम कैप्सूल रखे जाने को लेकर खूब चर्चा है। from Dainik Bhaskar /utility/news/what-is-a-time-capsule-placed-200-feet-underground-at-ram-temple-construction-site-in-ayodhya-127569559.html via IFTTT https://ift.tt/2P9YStH अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर की नींव रखी जाएगी। इससे पहले राम मंदिर नींव के भीतर टाइम कैप्सूल रखे जाने को लेकर खूब चर्चा है। यह कैप्सूल क्या है? क्या ऐसा पहली बार हो रहा है? ऐसे तमाम सवाल लोगों के मन में चल रहे हैं। दरअसल, बताया जा रहा है कि राम मंदिर का इतिहास हजारों साल तक मौजूद रहे, इसके लिए मंदिर के गर्भगृह की 200 फीट गहराई में टाइम कैप्सूल रखा जाएगा। इस टाइम कैप्सूल पर मंदिर का पूरा विवरण और इतिहास लिखा रहेगा, ताकि भविष्य में जन्मभूमि और राम मंदिर का इतिहास देखा जा सके और कोई विवाद न हो। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने मीडिया को सबसे पहले यह जानकारी दी थी। बिहार के रहने वाले कामेश्वर चौपाल वह व्यक्ति हैं, जिन्होंने 9 नवंबर 1989 को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए आधारशिला रखी थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर निर्माण के लिए बने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में उन्हें सदस्य भी बनाया गया है। 1989 में भी भूमि के नीचे दबाया गया था ताम्र लेख राम मंदिर के चीफ आर्किटेक्ट निखिल सोमपुरा बताते हैं कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के बाद मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। उनके मुताबिक 200 मीटर गहराई की मिट्टी का सैंपल लिया गया था, लेकिन अभी उसकी रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट के आधार पर ही मंदिर का निर्माण करने वाली कंपनी एलएनटी नींव की खुदाई शुरू कर देगी। टाइम कैप्सूल क्या होता है? टाइम कैप्सूल एक कंटेनर की तरह होता है और हर तरह के मौसम को सहन करने की इसमें क्षमता होती है। अयोध्या में राम मंदिर के नीचे डाला जाने वाला टाइम कैप्सूल कुछ सदियों के बाद एक ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में जाना जाएगा। टाइम कैप्सूल को एक ऐसे ऐतिहासिक महत्व के दस्तावेज के रूप में जाना जाता है, जिसमें किसी काल की सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक स्थिति का उल्लेख हो। यह दस्तावेज ताम्र पत्र पर लिखा जाएगा। टाइम कैप्सूल पर क्या लिखा जाएगा? इस ताम्र पत्र पर मंदिर का संक्षिप्त इतिहास, शिलान्यास की तारीख, भूमिपूजन करने वाले मुख्य अतिथि, उपस्थित विशिष्टजन का नाम, निर्माण की शैली तथा वास्तुविद का नाम लिखा रहेगा। ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल के अनुसार, ताम्र लेख तैयार करने की जिम्मेदारी दिल्ली की एक कंपनी को सौंपी गई है। 1989 में भी जब राममंदिर का शिलान्यास हुआ था, तब भी एक ताम्र लेख भूमि के नीचे दबाया गया था इस बीच, यह जानकारी भी सामने आई है कि साल 1989 में जब गर्भगृह के सामने राममंदिर का शिलान्यास हुआ था, उस वक्त भी एक ताम्र लेख भूमि के नीचे दबाया गया था। रामलला की ओर से मुकदमे की पैरवी करने वाले वकील त्रिलोकीनाथ पांडेय बताते हैं कि उस वक्त ताम्र लेख विश्व हिन्दू परिषद के महासचिव अशोक सिंहल ने तैयार कराया था। पांडेय बताते हैं कि ताम्रपत्र तांबे से बनाया जाता है, क्योंकि इस धातु में जंग नहीं लगती है। यह लेख मिट्टी में भी हजारों साल तक सुरक्षित रहेगा। जब इंदिरा गांधी ने बनवाया टाइम कैप्सूल भारत में पहले भी ऐसे टाइम कैप्सूल ऐतिहासिक महत्व की इमारतों की नींव में डाले जा चुके हैं। 1973 में इंदिरा गांधी सरकार ने लालकिले की नींव में ऐसा ही एक टाइम कैप्सूल डाला था। तब इसे काल-पत्र का नाम दिया गया था। उस वक्त विपक्ष के लोगों ने इंदिरा गांधी के इस कदम की काफी आलोचना की थी और आरोप लगाया था कि इस काल-पत्र में इंदिरा गांधी ने अपने परिवार का महिमामंडन किया है। इंदिरा सरकार के काल-पत्र में क्या लिखा था, उसका राज आज तक नहीं खुल सका इंदिरा गांधी की सरकार ने अतीत की अहम घटनाओं को दर्ज करने का काम इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च यानी आईसीएचआर को सौंपा था और मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज के इतिहास के प्रोफेसर एस कृष्णासामी को पूरी पाण्डुलिपि तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन यह काम पूरा होने से पहले ही विवादों में फंस गया और इंदिरा सरकार के इस काल-पत्र में क्या लिखा था, उसका राज आज तक नहीं खुल सका। 1977 में कांग्रेस सत्ता से बेदखल हो गई और मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार बनी। सरकार गठन के कुछ दिनों बाद टाइम कैप्सूल को निकाला गया, लेकिन जनता पार्टी की सरकार ने इस बात का रहस्योद्घाटन नहीं किया कि उस टाइम कैप्सूल में क्या था? बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय से मांगी गई एक जानकारी में बताया गया था कि पीएमओ को इसके बारे में कुछ भी पता नहीं है। मोदी भी बनवा चुके हैं टाइम कैप्सूल टाइम कैप्सूल के विवाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी जुड़ा रहा है। नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो 2011 में उन पर भी टाइम कैप्सूल दफनाने का विपक्ष ने आरोप लगाया था। विपक्ष का कहना था कि गांधीनगर में निर्मित महात्मा मंदिर के नीचे टाइम कैप्सूल दफनाया गया है, जिसमें मोदी ने अपनी उपलब्धियों का बखान किया है। 2017 में स्पेन में 400 साल पुराना टाइम कैप्सूल निकला था 30 नवंबर 2017 को स्पेन के बर्गोस में करीब 400 साल पुराना टाइम कैप्सूल निकला था, जो ईसा मसीह की मूर्ति के रूप में था। मूर्ति के भीतर साल 1777 के आसपास की आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जानकारियां थीं। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर की नींव रखी जाएगी। इससे पहले राम मंदिर नींव के भीतर टाइम कैप्सूल रखे जाने को लेकर खूब चर्चा है। https://ift.tt/2PcwTte Dainik Bhaskar राम मंदिर के गर्भगृह में 200 फीट गहराई में रखा जाएगा टाइम कैप्सूल, इंदिरा गांधी और नरेंद्र मोदी ऐसा पहले भी कर चुके हैं

अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर की नींव रखी जाएगी। इससे पहले राम मंदिर नींव के भीतर टाइम कैप्सूल रखे जाने को लेकर खूब चर्चा है। यह कैप्सूल ...
- July 31, 2020
https://ift.tt/2PcwTte अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर की नींव रखी जाएगी। इससे पहले राम मंदिर नींव के भीतर टाइम कैप्सूल रखे जाने को लेकर खूब चर्चा है। यह कैप्सूल क्या है? क्या ऐसा पहली बार हो रहा है? ऐसे तमाम सवाल लोगों के मन में चल रहे हैं। दरअसल, बताया जा रहा है कि राम मंदिर का इतिहास हजारों साल तक मौजूद रहे, इसके लिए मंदिर के गर्भगृह की 200 फीट गहराई में टाइम कैप्सूल रखा जाएगा। इस टाइम कैप्सूल पर मंदिर का पूरा विवरण और इतिहास लिखा रहेगा, ताकि भविष्य में जन्मभूमि और राम मंदिर का इतिहास देखा जा सके और कोई विवाद न हो। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने मीडिया को सबसे पहले यह जानकारी दी थी। बिहार के रहने वाले कामेश्वर चौपाल वह व्यक्ति हैं, जिन्होंने 9 नवंबर 1989 को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए आधारशिला रखी थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर निर्माण के लिए बने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में उन्हें सदस्य भी बनाया गया है। 1989 में भी भूमि के नीचे दबाया गया था ताम्र लेख राम मंदिर के चीफ आर्किटेक्ट निखिल सोमपुरा बताते हैं कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के बाद मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। उनके मुताबिक 200 मीटर गहराई की मिट्टी का सैंपल लिया गया था, लेकिन अभी उसकी रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट के आधार पर ही मंदिर का निर्माण करने वाली कंपनी एलएनटी नींव की खुदाई शुरू कर देगी। टाइम कैप्सूल क्या होता है? टाइम कैप्सूल एक कंटेनर की तरह होता है और हर तरह के मौसम को सहन करने की इसमें क्षमता होती है। अयोध्या में राम मंदिर के नीचे डाला जाने वाला टाइम कैप्सूल कुछ सदियों के बाद एक ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में जाना जाएगा। टाइम कैप्सूल को एक ऐसे ऐतिहासिक महत्व के दस्तावेज के रूप में जाना जाता है, जिसमें किसी काल की सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक स्थिति का उल्लेख हो। यह दस्तावेज ताम्र पत्र पर लिखा जाएगा। टाइम कैप्सूल पर क्या लिखा जाएगा? इस ताम्र पत्र पर मंदिर का संक्षिप्त इतिहास, शिलान्यास की तारीख, भूमिपूजन करने वाले मुख्य अतिथि, उपस्थित विशिष्टजन का नाम, निर्माण की शैली तथा वास्तुविद का नाम लिखा रहेगा। ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल के अनुसार, ताम्र लेख तैयार करने की जिम्मेदारी दिल्ली की एक कंपनी को सौंपी गई है। 1989 में भी जब राममंदिर का शिलान्यास हुआ था, तब भी एक ताम्र लेख भूमि के नीचे दबाया गया था इस बीच, यह जानकारी भी सामने आई है कि साल 1989 में जब गर्भगृह के सामने राममंदिर का शिलान्यास हुआ था, उस वक्त भी एक ताम्र लेख भूमि के नीचे दबाया गया था। रामलला की ओर से मुकदमे की पैरवी करने वाले वकील त्रिलोकीनाथ पांडेय बताते हैं कि उस वक्त ताम्र लेख विश्व हिन्दू परिषद के महासचिव अशोक सिंहल ने तैयार कराया था। पांडेय बताते हैं कि ताम्रपत्र तांबे से बनाया जाता है, क्योंकि इस धातु में जंग नहीं लगती है। यह लेख मिट्टी में भी हजारों साल तक सुरक्षित रहेगा। जब इंदिरा गांधी ने बनवाया टाइम कैप्सूल भारत में पहले भी ऐसे टाइम कैप्सूल ऐतिहासिक महत्व की इमारतों की नींव में डाले जा चुके हैं। 1973 में इंदिरा गांधी सरकार ने लालकिले की नींव में ऐसा ही एक टाइम कैप्सूल डाला था। तब इसे काल-पत्र का नाम दिया गया था। उस वक्त विपक्ष के लोगों ने इंदिरा गांधी के इस कदम की काफी आलोचना की थी और आरोप लगाया था कि इस काल-पत्र में इंदिरा गांधी ने अपने परिवार का महिमामंडन किया है। इंदिरा सरकार के काल-पत्र में क्या लिखा था, उसका राज आज तक नहीं खुल सका इंदिरा गांधी की सरकार ने अतीत की अहम घटनाओं को दर्ज करने का काम इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च यानी आईसीएचआर को सौंपा था और मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज के इतिहास के प्रोफेसर एस कृष्णासामी को पूरी पाण्डुलिपि तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन यह काम पूरा होने से पहले ही विवादों में फंस गया और इंदिरा सरकार के इस काल-पत्र में क्या लिखा था, उसका राज आज तक नहीं खुल सका। 1977 में कांग्रेस सत्ता से बेदखल हो गई और मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार बनी। सरकार गठन के कुछ दिनों बाद टाइम कैप्सूल को निकाला गया, लेकिन जनता पार्टी की सरकार ने इस बात का रहस्योद्घाटन नहीं किया कि उस टाइम कैप्सूल में क्या था? बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय से मांगी गई एक जानकारी में बताया गया था कि पीएमओ को इसके बारे में कुछ भी पता नहीं है। मोदी भी बनवा चुके हैं टाइम कैप्सूल टाइम कैप्सूल के विवाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी जुड़ा रहा है। नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो 2011 में उन पर भी टाइम कैप्सूल दफनाने का विपक्ष ने आरोप लगाया था। विपक्ष का कहना था कि गांधीनगर में निर्मित महात्मा मंदिर के नीचे टाइम कैप्सूल दफनाया गया है, जिसमें मोदी ने अपनी उपलब्धियों का बखान किया है। 2017 में स्पेन में 400 साल पुराना टाइम कैप्सूल निकला था 30 नवंबर 2017 को स्पेन के बर्गोस में करीब 400 साल पुराना टाइम कैप्सूल निकला था, जो ईसा मसीह की मूर्ति के रूप में था। मूर्ति के भीतर साल 1777 के आसपास की आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जानकारियां थीं। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर की नींव रखी जाएगी। इससे पहले राम मंदिर नींव के भीतर टाइम कैप्सूल रखे जाने को लेकर खूब चर्चा है। from Dainik Bhaskar /utility/news/what-is-a-time-capsule-placed-200-feet-underground-at-ram-temple-construction-site-in-ayodhya-127569559.html via IFTTT https://ift.tt/2P9YStH अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर की नींव रखी जाएगी। इससे पहले राम मंदिर नींव के भीतर टाइम कैप्सूल रखे जाने को लेकर खूब चर्चा है। यह कैप्सूल क्या है? 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टाइम कैप्सूल एक कंटेनर की तरह होता है और हर तरह के मौसम को सहन करने की इसमें क्षमता होती है। अयोध्या में राम मंदिर के नीचे डाला जाने वाला टाइम कैप्सूल कुछ सदियों के बाद एक ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में जाना जाएगा। टाइम कैप्सूल को एक ऐसे ऐतिहासिक महत्व के दस्तावेज के रूप में जाना जाता है, जिसमें किसी काल की सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक स्थिति का उल्लेख हो। यह दस्तावेज ताम्र पत्र पर लिखा जाएगा। टाइम कैप्सूल पर क्या लिखा जाएगा? इस ताम्र पत्र पर मंदिर का संक्षिप्त इतिहास, शिलान्यास की तारीख, भूमिपूजन करने वाले मुख्य अतिथि, उपस्थित विशिष्टजन का नाम, निर्माण की शैली तथा वास्तुविद का नाम लिखा रहेगा। ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल के अनुसार, ताम्र लेख तैयार करने की जिम्मेदारी दिल्ली की एक कंपनी को सौंपी गई है। 1989 में भी जब राममंदिर का शिलान्यास हुआ था, तब भी एक ताम्र लेख भूमि के नीचे दबाया गया था इस बीच, यह जानकारी भी सामने आई है कि साल 1989 में जब गर्भगृह के सामने राममंदिर का शिलान्यास हुआ था, उस वक्त भी एक ताम्र लेख भूमि के नीचे दबाया गया था। रामलला की ओर से मुकदमे की पैरवी करने वाले वकील त्रिलोकीनाथ पांडेय बताते हैं कि उस वक्त ताम्र लेख विश्व हिन्दू परिषद के महासचिव अशोक सिंहल ने तैयार कराया था। पांडेय बताते हैं कि ताम्रपत्र तांबे से बनाया जाता है, क्योंकि इस धातु में जंग नहीं लगती है। यह लेख मिट्टी में भी हजारों साल तक सुरक्षित रहेगा। जब इंदिरा गांधी ने बनवाया टाइम कैप्सूल भारत में पहले भी ऐसे टाइम कैप्सूल ऐतिहासिक महत्व की इमारतों की नींव में डाले जा चुके हैं। 1973 में इंदिरा गांधी सरकार ने लालकिले की नींव में ऐसा ही एक टाइम कैप्सूल डाला था। तब इसे काल-पत्र का नाम दिया गया था। उस वक्त विपक्ष के लोगों ने इंदिरा गांधी के इस कदम की काफी आलोचना की थी और आरोप लगाया था कि इस काल-पत्र में इंदिरा गांधी ने अपने परिवार का महिमामंडन किया है। इंदिरा सरकार के काल-पत्र में क्या लिखा था, उसका राज आज तक नहीं खुल सका इंदिरा गांधी की सरकार ने अतीत की अहम घटनाओं को दर्ज करने का काम इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च यानी आईसीएचआर को सौंपा था और मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज के इतिहास के प्रोफेसर एस कृष्णासामी को पूरी पाण्डुलिपि तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन यह काम पूरा होने से पहले ही विवादों में फंस गया और इंदिरा सरकार के इस काल-पत्र में क्या लिखा था, उसका राज आज तक नहीं खुल सका। 1977 में कांग्रेस सत्ता से बेदखल हो गई और मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार बनी। सरकार गठन के कुछ दिनों बाद टाइम कैप्सूल को निकाला गया, लेकिन जनता पार्टी की सरकार ने इस बात का रहस्योद्घाटन नहीं किया कि उस टाइम कैप्सूल में क्या था? बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय से मांगी गई एक जानकारी में बताया गया था कि पीएमओ को इसके बारे में कुछ भी पता नहीं है। मोदी भी बनवा चुके हैं टाइम कैप्सूल टाइम कैप्सूल के विवाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी जुड़ा रहा है। नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो 2011 में उन पर भी टाइम कैप्सूल दफनाने का विपक्ष ने आरोप लगाया था। विपक्ष का कहना था कि गांधीनगर में निर्मित महात्मा मंदिर के नीचे टाइम कैप्सूल दफनाया गया है, जिसमें मोदी ने अपनी उपलब्धियों का बखान किया है। 2017 में स्पेन में 400 साल पुराना टाइम कैप्सूल निकला था 30 नवंबर 2017 को स्पेन के बर्गोस में करीब 400 साल पुराना टाइम कैप्सूल निकला था, जो ईसा मसीह की मूर्ति के रूप में था। मूर्ति के भीतर साल 1777 के आसपास की आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जानकारियां थीं। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर की नींव रखी जाएगी। इससे पहले राम मंदिर नींव के भीतर टाइम कैप्सूल रखे जाने को लेकर खूब चर्चा है। https://ift.tt/2PcwTte Dainik Bhaskar राम मंदिर के गर्भगृह में 200 फीट गहराई में रखा जाएगा टाइम कैप्सूल, इंदिरा गांधी और नरेंद्र मोदी ऐसा पहले भी कर चुके हैं https://ift.tt/2PcwTte 

अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर की नींव रखी जाएगी। इससे पहले राम मंदिर नींव के भीतर टाइम कैप्सूल रखे जाने को लेकर खूब चर्चा है। यह कैप्सूल क्या है? क्या ऐसा पहली बार हो रहा है? ऐसे तमाम सवाल लोगों के मन में चल रहे हैं। दरअसल, बताया जा रहा है कि राम मंदिर का इतिहास हजारों साल तक मौजूद रहे, इसके लिए मंदिर के गर्भगृह की 200 फीट गहराई में टाइम कैप्सूल रखा जाएगा।

इस टाइम कैप्सूल पर मंदिर का पूरा विवरण और इतिहास लिखा रहेगा, ताकि भविष्य में जन्मभूमि और राम मंदिर का इतिहास देखा जा सके और कोई विवाद न हो। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने मीडिया को सबसे पहले यह जानकारी दी थी।

बिहार के रहने वाले कामेश्वर चौपाल वह व्यक्ति हैं, जिन्होंने 9 नवंबर 1989 को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए आधारशिला रखी थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर निर्माण के लिए बने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में उन्हें सदस्य भी बनाया गया है।

1989 में भी भूमि के नीचे दबाया गया था ताम्र लेख
राम मंदिर के चीफ आर्किटेक्ट निखिल सोमपुरा बताते हैं कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के बाद मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। उनके मुताबिक 200 मीटर गहराई की मिट्टी का सैंपल लिया गया था, लेकिन अभी उसकी रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट के आधार पर ही मंदिर का निर्माण करने वाली कंपनी एलएनटी नींव की खुदाई शुरू कर देगी।

टाइम कैप्सूल क्या होता है?

टाइम कैप्सूल एक कंटेनर की तरह होता है और हर तरह के मौसम को सहन करने की इसमें क्षमता होती है। अयोध्या में राम मंदिर के नीचे डाला जाने वाला टाइम कैप्सूल कुछ सदियों के बाद एक ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में जाना जाएगा। टाइम कैप्सूल को एक ऐसे ऐतिहासिक महत्व के दस्तावेज के रूप में जाना जाता है, जिसमें किसी काल की सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक स्थिति का उल्लेख हो। यह दस्तावेज ताम्र पत्र पर लिखा जाएगा।

टाइम कैप्सूल पर क्या लिखा जाएगा?

इस ताम्र पत्र पर मंदिर का संक्षिप्त इतिहास, शिलान्यास की तारीख, भूमिपूजन करने वाले मुख्य अतिथि, उपस्थित विशिष्टजन का नाम, निर्माण की शैली तथा वास्तुविद का नाम लिखा रहेगा। ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल के अनुसार, ताम्र लेख तैयार करने की जिम्मेदारी दिल्ली की एक कंपनी को सौंपी गई है।

1989 में भी जब राममंदिर का शिलान्यास हुआ था, तब भी एक ताम्र लेख भूमि के नीचे दबाया गया था

इस बीच, यह जानकारी भी सामने आई है कि साल 1989 में जब गर्भगृह के सामने राममंदिर का शिलान्यास हुआ था, उस वक्त भी एक ताम्र लेख भूमि के नीचे दबाया गया था। रामलला की ओर से मुकदमे की पैरवी करने वाले वकील त्रिलोकीनाथ पांडेय बताते हैं कि उस वक्त ताम्र लेख विश्व हिन्दू परिषद के महासचिव अशोक सिंहल ने तैयार कराया था। पांडेय बताते हैं कि ताम्रपत्र तांबे से बनाया जाता है, क्योंकि इस धातु में जंग नहीं लगती है। यह लेख मिट्टी में भी हजारों साल तक सुरक्षित रहेगा।

जब इंदिरा गांधी ने बनवाया टाइम कैप्सूल
भारत में पहले भी ऐसे टाइम कैप्सूल ऐतिहासिक महत्व की इमारतों की नींव में डाले जा चुके हैं। 1973 में इंदिरा गांधी सरकार ने लालकिले की नींव में ऐसा ही एक टाइम कैप्सूल डाला था। तब इसे काल-पत्र का नाम दिया गया था। उस वक्त विपक्ष के लोगों ने इंदिरा गांधी के इस कदम की काफी आलोचना की थी और आरोप लगाया था कि इस काल-पत्र में इंदिरा गांधी ने अपने परिवार का महिमामंडन किया है।

इंदिरा सरकार के काल-पत्र में क्या लिखा था, उसका राज आज तक नहीं खुल सका

इंदिरा गांधी की सरकार ने अतीत की अहम घटनाओं को दर्ज करने का काम इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च यानी आईसीएचआर को सौंपा था और मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज के इतिहास के प्रोफेसर एस कृष्णासामी को पूरी पाण्डुलिपि तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन यह काम पूरा होने से पहले ही विवादों में फंस गया और इंदिरा सरकार के इस काल-पत्र में क्या लिखा था, उसका राज आज तक नहीं खुल सका।

1977 में कांग्रेस सत्ता से बेदखल हो गई और मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार बनी। सरकार गठन के कुछ दिनों बाद टाइम कैप्सूल को निकाला गया, लेकिन जनता पार्टी की सरकार ने इस बात का रहस्योद्घाटन नहीं किया कि उस टाइम कैप्सूल में क्या था? बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय से मांगी गई एक जानकारी में बताया गया था कि पीएमओ को इसके बारे में कुछ भी पता नहीं है।

मोदी भी बनवा चुके हैं टाइम कैप्सूल
टाइम कैप्सूल के विवाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी जुड़ा रहा है। नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो 2011 में उन पर भी टाइम कैप्सूल दफनाने का विपक्ष ने आरोप लगाया था। विपक्ष का कहना था कि गांधीनगर में निर्मित महात्मा मंदिर के नीचे टाइम कैप्सूल दफनाया गया है, जिसमें मोदी ने अपनी उपलब्धियों का बखान किया है।

2017 में स्पेन में 400 साल पुराना टाइम कैप्सूल निकला था
30 नवंबर 2017 को स्पेन के बर्गोस में करीब 400 साल पुराना टाइम कैप्सूल निकला था, जो ईसा मसीह की मूर्ति के रूप में था। मूर्ति के भीतर साल 1777 के आसपास की आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जानकारियां थीं।

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अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर की नींव रखी जाएगी। इससे पहले राम मंदिर नींव के भीतर टाइम कैप्सूल रखे जाने को लेकर खूब चर्चा है।

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via IFTTT https://ift.tt/2P9YStH अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर की नींव रखी जाएगी। इससे पहले राम मंदिर नींव के भीतर टाइम कैप्सूल रखे जाने को लेकर खूब चर्चा है। यह कैप्सूल क्या है? क्या ऐसा पहली बार हो रहा है? ऐसे तमाम सवाल लोगों के मन में चल रहे हैं। दरअसल, बताया जा रहा है कि राम मंदिर का इतिहास हजारों साल तक मौजूद रहे, इसके लिए मंदिर के गर्भगृह की 200 फीट गहराई में टाइम कैप्सूल रखा जाएगा। इस टाइम कैप्सूल पर मंदिर का पूरा विवरण और इतिहास लिखा रहेगा, ताकि भविष्य में जन्मभूमि और राम मंदिर का इतिहास देखा जा सके और कोई विवाद न हो। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने मीडिया को सबसे पहले यह जानकारी दी थी। बिहार के रहने वाले कामेश्वर चौपाल वह व्यक्ति हैं, जिन्होंने 9 नवंबर 1989 को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए आधारशिला रखी थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर निर्माण के लिए बने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में उन्हें सदस्य भी बनाया गया है। 1989 में भी भूमि के नीचे दबाया गया था ताम्र लेख राम मंदिर के चीफ आर्किटेक्ट निखिल सोमपुरा बताते हैं कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के बाद मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। उनके मुताबिक 200 मीटर गहराई की मिट्टी का सैंपल लिया गया था, लेकिन अभी उसकी रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट के आधार पर ही मंदिर का निर्माण करने वाली कंपनी एलएनटी नींव की खुदाई शुरू कर देगी। टाइम कैप्सूल क्या होता है? टाइम कैप्सूल एक कंटेनर की तरह होता है और हर तरह के मौसम को सहन करने की इसमें क्षमता होती है। अयोध्या में राम मंदिर के नीचे डाला जाने वाला टाइम कैप्सूल कुछ सदियों के बाद एक ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में जाना जाएगा। टाइम कैप्सूल को एक ऐसे ऐतिहासिक महत्व के दस्तावेज के रूप में जाना जाता है, जिसमें किसी काल की सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक स्थिति का उल्लेख हो। यह दस्तावेज ताम्र पत्र पर लिखा जाएगा। टाइम कैप्सूल पर क्या लिखा जाएगा? इस ताम्र पत्र पर मंदिर का संक्षिप्त इतिहास, शिलान्यास की तारीख, भूमिपूजन करने वाले मुख्य अतिथि, उपस्थित विशिष्टजन का नाम, निर्माण की शैली तथा वास्तुविद का नाम लिखा रहेगा। ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल के अनुसार, ताम्र लेख तैयार करने की जिम्मेदारी दिल्ली की एक कंपनी को सौंपी गई है। 1989 में भी जब राममंदिर का शिलान्यास हुआ था, तब भी एक ताम्र लेख भूमि के नीचे दबाया गया था इस बीच, यह जानकारी भी सामने आई है कि साल 1989 में जब गर्भगृह के सामने राममंदिर का शिलान्यास हुआ था, उस वक्त भी एक ताम्र लेख भूमि के नीचे दबाया गया था। रामलला की ओर से मुकदमे की पैरवी करने वाले वकील त्रिलोकीनाथ पांडेय बताते हैं कि उस वक्त ताम्र लेख विश्व हिन्दू परिषद के महासचिव अशोक सिंहल ने तैयार कराया था। पांडेय बताते हैं कि ताम्रपत्र तांबे से बनाया जाता है, क्योंकि इस धातु में जंग नहीं लगती है। यह लेख मिट्टी में भी हजारों साल तक सुरक्षित रहेगा। जब इंदिरा गांधी ने बनवाया टाइम कैप्सूल भारत में पहले भी ऐसे टाइम कैप्सूल ऐतिहासिक महत्व की इमारतों की नींव में डाले जा चुके हैं। 1973 में इंदिरा गांधी सरकार ने लालकिले की नींव में ऐसा ही एक टाइम कैप्सूल डाला था। तब इसे काल-पत्र का नाम दिया गया था। उस वक्त विपक्ष के लोगों ने इंदिरा गांधी के इस कदम की काफी आलोचना की थी और आरोप लगाया था कि इस काल-पत्र में इंदिरा गांधी ने अपने परिवार का महिमामंडन किया है। इंदिरा सरकार के काल-पत्र में क्या लिखा था, उसका राज आज तक नहीं खुल सका इंदिरा गांधी की सरकार ने अतीत की अहम घटनाओं को दर्ज करने का काम इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च यानी आईसीएचआर को सौंपा था और मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज के इतिहास के प्रोफेसर एस कृष्णासामी को पूरी पाण्डुलिपि तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन यह काम पूरा होने से पहले ही विवादों में फंस गया और इंदिरा सरकार के इस काल-पत्र में क्या लिखा था, उसका राज आज तक नहीं खुल सका। 1977 में कांग्रेस सत्ता से बेदखल हो गई और मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार बनी। सरकार गठन के कुछ दिनों बाद टाइम कैप्सूल को निकाला गया, लेकिन जनता पार्टी की सरकार ने इस बात का रहस्योद्घाटन नहीं किया कि उस टाइम कैप्सूल में क्या था? बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय से मांगी गई एक जानकारी में बताया गया था कि पीएमओ को इसके बारे में कुछ भी पता नहीं है। मोदी भी बनवा चुके हैं टाइम कैप्सूल टाइम कैप्सूल के विवाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी जुड़ा रहा है। नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो 2011 में उन पर भी टाइम कैप्सूल दफनाने का विपक्ष ने आरोप लगाया था। विपक्ष का कहना था कि गांधीनगर में निर्मित महात्मा मंदिर के नीचे टाइम कैप्सूल दफनाया गया है, जिसमें मोदी ने अपनी उपलब्धियों का बखान किया है। 2017 में स्पेन में 400 साल पुराना टाइम कैप्सूल निकला था 30 नवंबर 2017 को स्पेन के बर्गोस में करीब 400 साल पुराना टाइम कैप्सूल निकला था, जो ईसा मसीह की मूर्ति के रूप में था। मूर्ति के भीतर साल 1777 के आसपास की आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जानकारियां थीं। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर की नींव रखी जाएगी। इससे पहले राम मंदिर नींव के भीतर टाइम कैप्सूल रखे जाने को लेकर खूब चर्चा है। https://ift.tt/2PcwTte Dainik Bhaskar राम मंदिर के गर्भगृह में 200 फीट गहराई में रखा जाएगा टाइम कैप्सूल, इंदिरा गांधी और नरेंद्र मोदी ऐसा पहले भी कर चुके हैं Reviewed by Manish Pethev on July 31, 2020 Rating: 5

https://ift.tt/39Iam0U हाल ही में जारी की गई लैंसेट की रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया की आबादी 2064 में पीक पर होगी। इसके बाद ये घटने लगेगी। इससे पहले यूएन ने 2100 में इसके पीक पर पहुंचने का अनुमान लगाया था। रिपोर्ट के मुताबिक 2064 में दुनिया की आबादी 973 करोड़ हो जाएगी। 2100 तक ये घटकर 879 रह जाएगी। भारत दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश होगा। लेकिन, उसकी आबादी 2048 के बाद घटने लगेगी। इस ग्लोबल पॉपुलेशन प्रोजेक्शन रिपोर्ट में आने वाले 80 सालों में दुनिया की आबादी के बारे में कई तरह के फैक्ट्स हैं। जैसे- आने वाले 80 साल बाद भारत और दुनिया के अन्य देशों की आबादी कितनी होगी। कब तक बढ़ेगी और कब से घटेगी? किन देशों की आबादी तेजी से घटेगी? कौन से देश ऐसे हैं जिनकी आबादी आज की आबादी से आधी रह जाएगी? ग्लोबल फर्टीलिटी रेट 2100 तक घटकर 1.66 हो जाएगा। भारत समेत दुनिया के उन देशों में फर्टिलिटी रेट 70% तक कम होगा जिनकी आबादी ज्यादा है। 2100 भारत की फर्टिलिटी रेट में 68% तक घट जाएगा। 138 करोड़ आबादी वाले देश भारत में 2100 तक 28% लोग कम हो जाएंगे। सबसे ज्यादा आबादी वाले देशों में शामिल रूस, जापान, ब्राजील 2100 तक टॉप टेन से बाहर हो जाएंगे 21 करोड़ आबादी वाला देश ब्राजील आबादी के लिहाज से इस वक्त दुनिया का 6वां सबसे बड़ा देश है। 2100 में इसकी आबादी घटकर 16.5 करोड़ रह जाएगी। जापान की आबादी 80 साल में आधी से कम हो 6 करोड़ हो जाएगी और वो दुनिया में 38वें नंबर पर आ जाएगा। 2017 के बाद से रूस और जापान की आबादी लगातार घट रही है। पाकिस्तान को छोड़कर दक्षिण एशिया के हर देश की आबादी घटेगी 2100 में पाकिस्तान को छोड़कर दक्षिण एशिया के सभी देशों की आबादी आज के मुकाबले कम होगी। भारत की आबादी आज के मुकाबले करीब 21% कम होगी तो बांग्‍लादेश में आज के मुकाबले आधे लोग रह जाएंगे। वहीं, पाकिस्तान की आबादी 80 साल बाद 16% बढ़ेगी। हालांकि, वहां पीक 2062 में आएगा। जब वहां आज के मुकाबले करीब 47% ज्यादा आबादी होगी। 2100 तक चीन की आबादी लगभग आधी हो जाएगी। भारत की आबादी 32% घटेगी। बांग्लादेश की आबादी भी करीब आधी हो जाएगी। जबकि इंडोनेशिया आबादी मामूली घटेगी। तो पाकिस्तान की बढ़ेगी। इसके बाद भी बांग्लादेश को छोड़कर, एशिया के इन पांच देशों में से चार देश विश्व के सबसे ज्यादा आबादी वाले दस देशों में अभी की तरह बने रहेंगे। पाकिस्तान इंडोनेशिया से ऊपर चला जाएगा, लेकिन एशिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले पांच देशों की लिस्ट में कोई बदलाव नहीं होगा। 2017 में दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले 10 देशों में से चार देश जापान, रूस, बांग्लादेश, और ब्राजील 2100 में टॉप 10 से बाहर हो जाएंगे। 2100 में इनकी जगह, तंजानिया, मिस्र, इथोपिया और कांगो दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले दस देशों में होंगे। अभी कांगो की आबादी 8 करोड़ 80 लाख है। वो आबादी के लिहाज से 18वें नंबर पर है। इथोपिया की आबादी अभी 10 करोड़ 2 लाख है जो दुनिया में 13 वें नंबर पर है,मिस्र की आबादी अभी 9 करोड़ 60 लाख है जो कि दुनिया में 14वें नंबर पर है और तंजानिया की आबादी 5 करोड़ 30 लाख है जो दुनिया में 24वें नंबर पर है। मिस्र को छोड़कर बाकी तीन देश अफ्रीका से हैं। वर्किंग एज पॉपुलेशन मतलब 20-64 साल के उम्र के लोगों की आबादी। 2100 में भारत वर्किंग एज पॉपुलेशन में भी दुनिया में नंबर एक पर होगा। चीन की वर्किंग एज पॉपुलेशन करीब 70% घटेगी लेकिन चीन की जनसंख्या ज्यादा होने के कारण, वह 2100 में भी दुनिया में दूसरे नंबर पर बना रहेगा। नोट- 2017 में चाइल्ड एज पॉपुलेशन और वर्किंग एज पॉपुलेशन को वर्ल्ड बैंक के मुताबिक है। जो 0-14 और 15-64 होती है। लैंटस की रिपोर्ट में इसे 0-19 और 20-65 लिया गया है। 2017 की तुलना में 2100 के प्रोजेक्शन के अंतर में थोड़ा बदलाव हो सकता है। पहले भी रिसर्च में देखा गया है कि हर शताब्दी में, हर देश के सामने दो बार उतार-चढ़ाव आते हैं। एक बार आबादी घटती है जबकि एक ही शताब्दी में दूसरी बार आबादी बढ़ती है। जिस साल में सबसे ज्यादा होती है उसे पीक ईयर पॉपुलेशन कहा जाता है। चीन में सबसे ज्यादा आबादी अभी के दशक में बढ़ रही है। जापान में पीक ईयर 2017 में था, स्पेन और थाईलैंड भी पीक ईयर क्रॉस कर चुके हैं। अब इस प्वाइंट से आबादी घटेगी। ग्लोबल लाइफ एक्सपेक्टेंसी 70-80 साल की होती है, इसीलिए आने वाले 50 साल से 80 साल तक इन सभी देशों में नेचुरल डेथ रेट पीक पर होगा और 2100 तक आबादी आधी हो जाएगी आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें World (India) Population Projections 2100 Update | What Will Be World and India Population Be In 2100? Everything Thing You Need To Know In Latest Research from Dainik Bhaskar /national/news/world-population-projections-in-2100-everything-thing-you-need-to-know-in-latest-research-127569556.html via IFTTT https://ift.tt/33axTq4 हाल ही में जारी की गई लैंसेट की रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया की आबादी 2064 में पीक पर होगी। इसके बाद ये घटने लगेगी। इससे पहले यूएन ने 2100 में इसके पीक पर पहुंचने का अनुमान लगाया था। रिपोर्ट के मुताबिक 2064 में दुनिया की आबादी 973 करोड़ हो जाएगी। 2100 तक ये घटकर 879 रह जाएगी। भारत दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश होगा। लेकिन, उसकी आबादी 2048 के बाद घटने लगेगी। इस ग्लोबल पॉपुलेशन प्रोजेक्शन रिपोर्ट में आने वाले 80 सालों में दुनिया की आबादी के बारे में कई तरह के फैक्ट्स हैं। जैसे- आने वाले 80 साल बाद भारत और दुनिया के अन्य देशों की आबादी कितनी होगी। कब तक बढ़ेगी और कब से घटेगी? किन देशों की आबादी तेजी से घटेगी? कौन से देश ऐसे हैं जिनकी आबादी आज की आबादी से आधी रह जाएगी? ग्लोबल फर्टीलिटी रेट 2100 तक घटकर 1.66 हो जाएगा। भारत समेत दुनिया के उन देशों में फर्टिलिटी रेट 70% तक कम होगा जिनकी आबादी ज्यादा है। 2100 भारत की फर्टिलिटी रेट में 68% तक घट जाएगा। 138 करोड़ आबादी वाले देश भारत में 2100 तक 28% लोग कम हो जाएंगे। सबसे ज्यादा आबादी वाले देशों में शामिल रूस, जापान, ब्राजील 2100 तक टॉप टेन से बाहर हो जाएंगे 21 करोड़ आबादी वाला देश ब्राजील आबादी के लिहाज से इस वक्त दुनिया का 6वां सबसे बड़ा देश है। 2100 में इसकी आबादी घटकर 16.5 करोड़ रह जाएगी। जापान की आबादी 80 साल में आधी से कम हो 6 करोड़ हो जाएगी और वो दुनिया में 38वें नंबर पर आ जाएगा। 2017 के बाद से रूस और जापान की आबादी लगातार घट रही है। पाकिस्तान को छोड़कर दक्षिण एशिया के हर देश की आबादी घटेगी 2100 में पाकिस्तान को छोड़कर दक्षिण एशिया के सभी देशों की आबादी आज के मुकाबले कम होगी। भारत की आबादी आज के मुकाबले करीब 21% कम होगी तो बांग्‍लादेश में आज के मुकाबले आधे लोग रह जाएंगे। वहीं, पाकिस्तान की आबादी 80 साल बाद 16% बढ़ेगी। हालांकि, वहां पीक 2062 में आएगा। जब वहां आज के मुकाबले करीब 47% ज्यादा आबादी होगी। 2100 तक चीन की आबादी लगभग आधी हो जाएगी। भारत की आबादी 32% घटेगी। बांग्लादेश की आबादी भी करीब आधी हो जाएगी। जबकि इंडोनेशिया आबादी मामूली घटेगी। तो पाकिस्तान की बढ़ेगी। इसके बाद भी बांग्लादेश को छोड़कर, एशिया के इन पांच देशों में से चार देश विश्व के सबसे ज्यादा आबादी वाले दस देशों में अभी की तरह बने रहेंगे। पाकिस्तान इंडोनेशिया से ऊपर चला जाएगा, लेकिन एशिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले पांच देशों की लिस्ट में कोई बदलाव नहीं होगा। 2017 में दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले 10 देशों में से चार देश जापान, रूस, बांग्लादेश, और ब्राजील 2100 में टॉप 10 से बाहर हो जाएंगे। 2100 में इनकी जगह, तंजानिया, मिस्र, इथोपिया और कांगो दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले दस देशों में होंगे। अभी कांगो की आबादी 8 करोड़ 80 लाख है। वो आबादी के लिहाज से 18वें नंबर पर है। इथोपिया की आबादी अभी 10 करोड़ 2 लाख है जो दुनिया में 13 वें नंबर पर है,मिस्र की आबादी अभी 9 करोड़ 60 लाख है जो कि दुनिया में 14वें नंबर पर है और तंजानिया की आबादी 5 करोड़ 30 लाख है जो दुनिया में 24वें नंबर पर है। मिस्र को छोड़कर बाकी तीन देश अफ्रीका से हैं। वर्किंग एज पॉपुलेशन मतलब 20-64 साल के उम्र के लोगों की आबादी। 2100 में भारत वर्किंग एज पॉपुलेशन में भी दुनिया में नंबर एक पर होगा। चीन की वर्किंग एज पॉपुलेशन करीब 70% घटेगी लेकिन चीन की जनसंख्या ज्यादा होने के कारण, वह 2100 में भी दुनिया में दूसरे नंबर पर बना रहेगा। नोट- 2017 में चाइल्ड एज पॉपुलेशन और वर्किंग एज पॉपुलेशन को वर्ल्ड बैंक के मुताबिक है। जो 0-14 और 15-64 होती है। लैंटस की रिपोर्ट में इसे 0-19 और 20-65 लिया गया है। 2017 की तुलना में 2100 के प्रोजेक्शन के अंतर में थोड़ा बदलाव हो सकता है। पहले भी रिसर्च में देखा गया है कि हर शताब्दी में, हर देश के सामने दो बार उतार-चढ़ाव आते हैं। एक बार आबादी घटती है जबकि एक ही शताब्दी में दूसरी बार आबादी बढ़ती है। जिस साल में सबसे ज्यादा होती है उसे पीक ईयर पॉपुलेशन कहा जाता है। चीन में सबसे ज्यादा आबादी अभी के दशक में बढ़ रही है। जापान में पीक ईयर 2017 में था, स्पेन और थाईलैंड भी पीक ईयर क्रॉस कर चुके हैं। अब इस प्वाइंट से आबादी घटेगी। ग्लोबल लाइफ एक्सपेक्टेंसी 70-80 साल की होती है, इसीलिए आने वाले 50 साल से 80 साल तक इन सभी देशों में नेचुरल डेथ रेट पीक पर होगा और 2100 तक आबादी आधी हो जाएगी आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें World (India) Population Projections 2100 Update | What Will Be World and India Population Be In 2100? 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हाल ही में जारी की गई लैंसेट की रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया की आबादी 2064 में पीक पर होगी। इसके बाद ये घटने लगेगी। इससे पहले यूएन ने 21...
- July 31, 2020
https://ift.tt/39Iam0U हाल ही में जारी की गई लैंसेट की रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया की आबादी 2064 में पीक पर होगी। इसके बाद ये घटने लगेगी। इससे पहले यूएन ने 2100 में इसके पीक पर पहुंचने का अनुमान लगाया था। रिपोर्ट के मुताबिक 2064 में दुनिया की आबादी 973 करोड़ हो जाएगी। 2100 तक ये घटकर 879 रह जाएगी। भारत दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश होगा। लेकिन, उसकी आबादी 2048 के बाद घटने लगेगी। इस ग्लोबल पॉपुलेशन प्रोजेक्शन रिपोर्ट में आने वाले 80 सालों में दुनिया की आबादी के बारे में कई तरह के फैक्ट्स हैं। जैसे- आने वाले 80 साल बाद भारत और दुनिया के अन्य देशों की आबादी कितनी होगी। कब तक बढ़ेगी और कब से घटेगी? किन देशों की आबादी तेजी से घटेगी? कौन से देश ऐसे हैं जिनकी आबादी आज की आबादी से आधी रह जाएगी? ग्लोबल फर्टीलिटी रेट 2100 तक घटकर 1.66 हो जाएगा। भारत समेत दुनिया के उन देशों में फर्टिलिटी रेट 70% तक कम होगा जिनकी आबादी ज्यादा है। 2100 भारत की फर्टिलिटी रेट में 68% तक घट जाएगा। 138 करोड़ आबादी वाले देश भारत में 2100 तक 28% लोग कम हो जाएंगे। सबसे ज्यादा आबादी वाले देशों में शामिल रूस, जापान, ब्राजील 2100 तक टॉप टेन से बाहर हो जाएंगे 21 करोड़ आबादी वाला देश ब्राजील आबादी के लिहाज से इस वक्त दुनिया का 6वां सबसे बड़ा देश है। 2100 में इसकी आबादी घटकर 16.5 करोड़ रह जाएगी। जापान की आबादी 80 साल में आधी से कम हो 6 करोड़ हो जाएगी और वो दुनिया में 38वें नंबर पर आ जाएगा। 2017 के बाद से रूस और जापान की आबादी लगातार घट रही है। पाकिस्तान को छोड़कर दक्षिण एशिया के हर देश की आबादी घटेगी 2100 में पाकिस्तान को छोड़कर दक्षिण एशिया के सभी देशों की आबादी आज के मुकाबले कम होगी। भारत की आबादी आज के मुकाबले करीब 21% कम होगी तो बांग्‍लादेश में आज के मुकाबले आधे लोग रह जाएंगे। वहीं, पाकिस्तान की आबादी 80 साल बाद 16% बढ़ेगी। हालांकि, वहां पीक 2062 में आएगा। जब वहां आज के मुकाबले करीब 47% ज्यादा आबादी होगी। 2100 तक चीन की आबादी लगभग आधी हो जाएगी। भारत की आबादी 32% घटेगी। बांग्लादेश की आबादी भी करीब आधी हो जाएगी। जबकि इंडोनेशिया आबादी मामूली घटेगी। तो पाकिस्तान की बढ़ेगी। इसके बाद भी बांग्लादेश को छोड़कर, एशिया के इन पांच देशों में से चार देश विश्व के सबसे ज्यादा आबादी वाले दस देशों में अभी की तरह बने रहेंगे। पाकिस्तान इंडोनेशिया से ऊपर चला जाएगा, लेकिन एशिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले पांच देशों की लिस्ट में कोई बदलाव नहीं होगा। 2017 में दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले 10 देशों में से चार देश जापान, रूस, बांग्लादेश, और ब्राजील 2100 में टॉप 10 से बाहर हो जाएंगे। 2100 में इनकी जगह, तंजानिया, मिस्र, इथोपिया और कांगो दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले दस देशों में होंगे। अभी कांगो की आबादी 8 करोड़ 80 लाख है। वो आबादी के लिहाज से 18वें नंबर पर है। इथोपिया की आबादी अभी 10 करोड़ 2 लाख है जो दुनिया में 13 वें नंबर पर है,मिस्र की आबादी अभी 9 करोड़ 60 लाख है जो कि दुनिया में 14वें नंबर पर है और तंजानिया की आबादी 5 करोड़ 30 लाख है जो दुनिया में 24वें नंबर पर है। मिस्र को छोड़कर बाकी तीन देश अफ्रीका से हैं। वर्किंग एज पॉपुलेशन मतलब 20-64 साल के उम्र के लोगों की आबादी। 2100 में भारत वर्किंग एज पॉपुलेशन में भी दुनिया में नंबर एक पर होगा। चीन की वर्किंग एज पॉपुलेशन करीब 70% घटेगी लेकिन चीन की जनसंख्या ज्यादा होने के कारण, वह 2100 में भी दुनिया में दूसरे नंबर पर बना रहेगा। नोट- 2017 में चाइल्ड एज पॉपुलेशन और वर्किंग एज पॉपुलेशन को वर्ल्ड बैंक के मुताबिक है। जो 0-14 और 15-64 होती है। लैंटस की रिपोर्ट में इसे 0-19 और 20-65 लिया गया है। 2017 की तुलना में 2100 के प्रोजेक्शन के अंतर में थोड़ा बदलाव हो सकता है। पहले भी रिसर्च में देखा गया है कि हर शताब्दी में, हर देश के सामने दो बार उतार-चढ़ाव आते हैं। एक बार आबादी घटती है जबकि एक ही शताब्दी में दूसरी बार आबादी बढ़ती है। जिस साल में सबसे ज्यादा होती है उसे पीक ईयर पॉपुलेशन कहा जाता है। चीन में सबसे ज्यादा आबादी अभी के दशक में बढ़ रही है। जापान में पीक ईयर 2017 में था, स्पेन और थाईलैंड भी पीक ईयर क्रॉस कर चुके हैं। अब इस प्वाइंट से आबादी घटेगी। ग्लोबल लाइफ एक्सपेक्टेंसी 70-80 साल की होती है, इसीलिए आने वाले 50 साल से 80 साल तक इन सभी देशों में नेचुरल डेथ रेट पीक पर होगा और 2100 तक आबादी आधी हो जाएगी आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें World (India) Population Projections 2100 Update | What Will Be World and India Population Be In 2100? Everything Thing You Need To Know In Latest Research from Dainik Bhaskar /national/news/world-population-projections-in-2100-everything-thing-you-need-to-know-in-latest-research-127569556.html via IFTTT https://ift.tt/33axTq4 हाल ही में जारी की गई लैंसेट की रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया की आबादी 2064 में पीक पर होगी। इसके बाद ये घटने लगेगी। इससे पहले यूएन ने 2100 में इसके पीक पर पहुंचने का अनुमान लगाया था। रिपोर्ट के मुताबिक 2064 में दुनिया की आबादी 973 करोड़ हो जाएगी। 2100 तक ये घटकर 879 रह जाएगी। भारत दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश होगा। लेकिन, उसकी आबादी 2048 के बाद घटने लगेगी। इस ग्लोबल पॉपुलेशन प्रोजेक्शन रिपोर्ट में आने वाले 80 सालों में दुनिया की आबादी के बारे में कई तरह के फैक्ट्स हैं। जैसे- आने वाले 80 साल बाद भारत और दुनिया के अन्य देशों की आबादी कितनी होगी। कब तक बढ़ेगी और कब से घटेगी? किन देशों की आबादी तेजी से घटेगी? कौन से देश ऐसे हैं जिनकी आबादी आज की आबादी से आधी रह जाएगी? ग्लोबल फर्टीलिटी रेट 2100 तक घटकर 1.66 हो जाएगा। भारत समेत दुनिया के उन देशों में फर्टिलिटी रेट 70% तक कम होगा जिनकी आबादी ज्यादा है। 2100 भारत की फर्टिलिटी रेट में 68% तक घट जाएगा। 138 करोड़ आबादी वाले देश भारत में 2100 तक 28% लोग कम हो जाएंगे। सबसे ज्यादा आबादी वाले देशों में शामिल रूस, जापान, ब्राजील 2100 तक टॉप टेन से बाहर हो जाएंगे 21 करोड़ आबादी वाला देश ब्राजील आबादी के लिहाज से इस वक्त दुनिया का 6वां सबसे बड़ा देश है। 2100 में इसकी आबादी घटकर 16.5 करोड़ रह जाएगी। जापान की आबादी 80 साल में आधी से कम हो 6 करोड़ हो जाएगी और वो दुनिया में 38वें नंबर पर आ जाएगा। 2017 के बाद से रूस और जापान की आबादी लगातार घट रही है। पाकिस्तान को छोड़कर दक्षिण एशिया के हर देश की आबादी घटेगी 2100 में पाकिस्तान को छोड़कर दक्षिण एशिया के सभी देशों की आबादी आज के मुकाबले कम होगी। भारत की आबादी आज के मुकाबले करीब 21% कम होगी तो बांग्‍लादेश में आज के मुकाबले आधे लोग रह जाएंगे। वहीं, पाकिस्तान की आबादी 80 साल बाद 16% बढ़ेगी। हालांकि, वहां पीक 2062 में आएगा। जब वहां आज के मुकाबले करीब 47% ज्यादा आबादी होगी। 2100 तक चीन की आबादी लगभग आधी हो जाएगी। भारत की आबादी 32% घटेगी। बांग्लादेश की आबादी भी करीब आधी हो जाएगी। जबकि इंडोनेशिया आबादी मामूली घटेगी। तो पाकिस्तान की बढ़ेगी। इसके बाद भी बांग्लादेश को छोड़कर, एशिया के इन पांच देशों में से चार देश विश्व के सबसे ज्यादा आबादी वाले दस देशों में अभी की तरह बने रहेंगे। पाकिस्तान इंडोनेशिया से ऊपर चला जाएगा, लेकिन एशिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले पांच देशों की लिस्ट में कोई बदलाव नहीं होगा। 2017 में दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले 10 देशों में से चार देश जापान, रूस, बांग्लादेश, और ब्राजील 2100 में टॉप 10 से बाहर हो जाएंगे। 2100 में इनकी जगह, तंजानिया, मिस्र, इथोपिया और कांगो दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले दस देशों में होंगे। अभी कांगो की आबादी 8 करोड़ 80 लाख है। वो आबादी के लिहाज से 18वें नंबर पर है। इथोपिया की आबादी अभी 10 करोड़ 2 लाख है जो दुनिया में 13 वें नंबर पर है,मिस्र की आबादी अभी 9 करोड़ 60 लाख है जो कि दुनिया में 14वें नंबर पर है और तंजानिया की आबादी 5 करोड़ 30 लाख है जो दुनिया में 24वें नंबर पर है। मिस्र को छोड़कर बाकी तीन देश अफ्रीका से हैं। वर्किंग एज पॉपुलेशन मतलब 20-64 साल के उम्र के लोगों की आबादी। 2100 में भारत वर्किंग एज पॉपुलेशन में भी दुनिया में नंबर एक पर होगा। चीन की वर्किंग एज पॉपुलेशन करीब 70% घटेगी लेकिन चीन की जनसंख्या ज्यादा होने के कारण, वह 2100 में भी दुनिया में दूसरे नंबर पर बना रहेगा। नोट- 2017 में चाइल्ड एज पॉपुलेशन और वर्किंग एज पॉपुलेशन को वर्ल्ड बैंक के मुताबिक है। जो 0-14 और 15-64 होती है। लैंटस की रिपोर्ट में इसे 0-19 और 20-65 लिया गया है। 2017 की तुलना में 2100 के प्रोजेक्शन के अंतर में थोड़ा बदलाव हो सकता है। पहले भी रिसर्च में देखा गया है कि हर शताब्दी में, हर देश के सामने दो बार उतार-चढ़ाव आते हैं। एक बार आबादी घटती है जबकि एक ही शताब्दी में दूसरी बार आबादी बढ़ती है। जिस साल में सबसे ज्यादा होती है उसे पीक ईयर पॉपुलेशन कहा जाता है। चीन में सबसे ज्यादा आबादी अभी के दशक में बढ़ रही है। जापान में पीक ईयर 2017 में था, स्पेन और थाईलैंड भी पीक ईयर क्रॉस कर चुके हैं। अब इस प्वाइंट से आबादी घटेगी। ग्लोबल लाइफ एक्सपेक्टेंसी 70-80 साल की होती है, इसीलिए आने वाले 50 साल से 80 साल तक इन सभी देशों में नेचुरल डेथ रेट पीक पर होगा और 2100 तक आबादी आधी हो जाएगी आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें World (India) Population Projections 2100 Update | What Will Be World and India Population Be In 2100? Everything Thing You Need To Know In Latest Research https://ift.tt/39Iam0U Dainik Bhaskar 2100 तक भारत में लोगों की संख्या घटकर 109 करोड़ रह जाएगी, सबसे अधिक आबादी वाले चीन में 80 साल बाद जनसंख्या आधी हो जाएगी https://ift.tt/39Iam0U 

हाल ही में जारी की गई लैंसेट की रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया की आबादी 2064 में पीक पर होगी। इसके बाद ये घटने लगेगी। इससे पहले यूएन ने 2100 में इसके पीक पर पहुंचने का अनुमान लगाया था। रिपोर्ट के मुताबिक 2064 में दुनिया की आबादी 973 करोड़ हो जाएगी। 2100 तक ये घटकर 879 रह जाएगी। भारत दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश होगा। लेकिन, उसकी आबादी 2048 के बाद घटने लगेगी।

इस ग्लोबल पॉपुलेशन प्रोजेक्शन रिपोर्ट में आने वाले 80 सालों में दुनिया की आबादी के बारे में कई तरह के फैक्ट्स हैं। जैसे- आने वाले 80 साल बाद भारत और दुनिया के अन्य देशों की आबादी कितनी होगी। कब तक बढ़ेगी और कब से घटेगी? किन देशों की आबादी तेजी से घटेगी? कौन से देश ऐसे हैं जिनकी आबादी आज की आबादी से आधी रह जाएगी?

ग्लोबल फर्टीलिटी रेट 2100 तक घटकर 1.66 हो जाएगा। भारत समेत दुनिया के उन देशों में फर्टिलिटी रेट 70% तक कम होगा जिनकी आबादी ज्यादा है। 2100 भारत की फर्टिलिटी रेट में 68% तक घट जाएगा। 138 करोड़ आबादी वाले देश भारत में 2100 तक 28% लोग कम हो जाएंगे।

सबसे ज्यादा आबादी वाले देशों में शामिल रूस, जापान, ब्राजील 2100 तक टॉप टेन से बाहर हो जाएंगे

21 करोड़ आबादी वाला देश ब्राजील आबादी के लिहाज से इस वक्त दुनिया का 6वां सबसे बड़ा देश है। 2100 में इसकी आबादी घटकर 16.5 करोड़ रह जाएगी। जापान की आबादी 80 साल में आधी से कम हो 6 करोड़ हो जाएगी और वो दुनिया में 38वें नंबर पर आ जाएगा। 2017 के बाद से रूस और जापान की आबादी लगातार घट रही है।

पाकिस्तान को छोड़कर दक्षिण एशिया के हर देश की आबादी घटेगी

2100 में पाकिस्तान को छोड़कर दक्षिण एशिया के सभी देशों की आबादी आज के मुकाबले कम होगी। भारत की आबादी आज के मुकाबले करीब 21% कम होगी तो बांग्‍लादेश में आज के मुकाबले आधे लोग रह जाएंगे। वहीं, पाकिस्तान की आबादी 80 साल बाद 16% बढ़ेगी। हालांकि, वहां पीक 2062 में आएगा। जब वहां आज के मुकाबले करीब 47% ज्यादा आबादी होगी।

2100 तक चीन की आबादी लगभग आधी हो जाएगी। भारत की आबादी 32% घटेगी। बांग्लादेश की आबादी भी करीब आधी हो जाएगी। जबकि इंडोनेशिया आबादी मामूली घटेगी। तो पाकिस्तान की बढ़ेगी। इसके बाद भी बांग्लादेश को छोड़कर, एशिया के इन पांच देशों में से चार देश विश्व के सबसे ज्यादा आबादी वाले दस देशों में अभी की तरह बने रहेंगे। पाकिस्तान इंडोनेशिया से ऊपर चला जाएगा, लेकिन एशिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले पांच देशों की लिस्ट में कोई बदलाव नहीं होगा।

2017 में दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले 10 देशों में से चार देश जापान, रूस, बांग्लादेश, और ब्राजील 2100 में टॉप 10 से बाहर हो जाएंगे। 2100 में इनकी जगह, तंजानिया, मिस्र, इथोपिया और कांगो दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले दस देशों में होंगे। अभी कांगो की आबादी 8 करोड़ 80 लाख है। वो आबादी के लिहाज से 18वें नंबर पर है।

इथोपिया की आबादी अभी 10 करोड़ 2 लाख है जो दुनिया में 13 वें नंबर पर है,मिस्र की आबादी अभी 9 करोड़ 60 लाख है जो कि दुनिया में 14वें नंबर पर है और तंजानिया की आबादी 5 करोड़ 30 लाख है जो दुनिया में 24वें नंबर पर है। मिस्र को छोड़कर बाकी तीन देश अफ्रीका से हैं।

वर्किंग एज पॉपुलेशन मतलब 20-64 साल के उम्र के लोगों की आबादी। 2100 में भारत वर्किंग एज पॉपुलेशन में भी दुनिया में नंबर एक पर होगा। चीन की वर्किंग एज पॉपुलेशन करीब 70% घटेगी लेकिन चीन की जनसंख्या ज्यादा होने के कारण, वह 2100 में भी दुनिया में दूसरे नंबर पर बना रहेगा।

नोट- 2017 में चाइल्ड एज पॉपुलेशन और वर्किंग एज पॉपुलेशन को वर्ल्ड बैंक के मुताबिक है। जो 0-14 और 15-64 होती है। लैंटस की रिपोर्ट में इसे 0-19 और 20-65 लिया गया है। 2017 की तुलना में 2100 के प्रोजेक्शन के अंतर में थोड़ा बदलाव हो सकता है।

पहले भी रिसर्च में देखा गया है कि हर शताब्दी में, हर देश के सामने दो बार उतार-चढ़ाव आते हैं। एक बार आबादी घटती है जबकि एक ही शताब्दी में दूसरी बार आबादी बढ़ती है। जिस साल में सबसे ज्यादा होती है उसे पीक ईयर पॉपुलेशन कहा जाता है। चीन में सबसे ज्यादा आबादी अभी के दशक में बढ़ रही है।

जापान में पीक ईयर 2017 में था, स्पेन और थाईलैंड भी पीक ईयर क्रॉस कर चुके हैं। अब इस प्वाइंट से आबादी घटेगी। ग्लोबल लाइफ एक्सपेक्टेंसी 70-80 साल की होती है, इसीलिए आने वाले 50 साल से 80 साल तक इन सभी देशों में नेचुरल डेथ रेट पीक पर होगा और 2100 तक आबादी आधी हो जाएगी

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World (India) Population Projections 2100 Update | What Will Be World and India Population Be In 2100? Everything Thing You Need To Know In Latest Research

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https://ift.tt/3hQ1j0O तारीख है 31 जुलाई और दिन है शुक्रवार का। अगर कोरोनावायरस नहीं आया होता, तो आज नई फिल्म रिलीज होती। खैर, आज हॉटस्टार पर कुणाल खेमू और रसिका दुग्गल की लूटकेस फिल्म रिलीज होगी। ये कॉमेडी फिल्म है। कोरोना के टाइम में तो देख ही सकते हैं। ये तो हो गई फिल्म की बात। अब जल्दी से कुछ खबरों से भी गुजर लेते हैं। 1. अयोध्या में क्या चल रहा है? राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को भूमि पूजन होना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें शामिल होंगे। लेकिन, पूजन होता, उससे पहले ही यहां कोरोना पहुंच गया है। खबर आई है कि रामलला मंदिर के प्रधान पुजारी आचार्य सतेंद्र दास के शिष्य प्रदीप दास कोरोना संक्रमित हो गए हैं। प्रदीप दास रामलला मंदिर के सहायक पुजारी भी हैं। सिर्फ पुजारी ही नहीं, बल्कि राम जन्मभूमि में तैनात 16 पुलिसवालों के भी कोरोना पॉजिटिव होने की खबर है। हालांकि, पुजारी और पुलिसवालों के कोरोना पॉजिटिव होने की बात यहां के सीडीओ प्रथमेश कुमार खारिज कर चुके हैं। पूरी खबर पढ़ें 2. राजस्थान के बवाल में नया क्या? अब बात राजस्थान की। 20 दिन से ज्यादा हो गए, लेकिन यहां का बवाल शांत होता नहीं दिख रहा है। या तो सरकार गिरेगी? या तो बचेगी? तभी शांत होगा। खैर, इस घमासान के बीच राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत भी हैं। असल में ये वीडियो दोनों की बातचीत का है। इस वायरल वीडियो में स्पीकर सीपी जोशी मुख्यमंत्री के बेटे वैभव से कह रहे हैं 'मामला टफ हो गया है।' फिर वैभव कहते हैं 'राज्यसभा के वक्त ही खबरें आ गई थीं। जिस तरह से माहौल खराब हो रहा है। इन्होंने 10 दिन राज्यसभा चुनाव के निकाले, फिर वापस।' वैभव को सीपी जोशी जवाब देते हैं '30 आदमी निकल जाते हैं, तो आप कुछ नहीं कर सकते। हल्ला करते रहते। वो सरकार गिरा देते। अपने हिसाब से उन्होंने कॉन्टैक्ट करके करवा लिया है। बाकी दूसरे के बस की बात नहीं है।' पूरी खबर पढ़ें 3. सुशांत की मौत का मामला कहां तक पहुंचा? सुशांत सिंह राजपूत की मौत को डेढ़ महीने से ज्यादा हो गए और हर दिन इस मामले में कुछ न कुछ नया मोड़ आ ही रहा है। अब सुप्रीम कोर्ट ने सुशांत की मौत की सीबीआई जांच कराने से साफ इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में अल्का प्रिया ने पीआईएल लगाई थी और मांग की थी कि इसकी जांच सीबीआई करे। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया कि पुलिस को उनका काम करने दीजिए। उससे पहले महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भी कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है। मुंबई पुलिस इसकी जांच में सक्षम है। उधर सुशांत के पिता केके सिंह का कहना है कि उन्हें मुंबई में हो रही जांच पर भरोसा नहीं है। इसलिए वो चाहते हैं कि पटना पुलिस भी मामले की जांच करे। कहा तो ये भी जा रहा है कि सुशांत ने मुंबई में आत्महत्या की थी। ऐसे में पटना में जो एफआईआर दर्ज हुई, वो जीरो एफआईआर मानी जाएगी और जांच मुंबई पुलिस ही करेगी। पूरी खबर पढ़ें 4. मणिपुर में असम राइफल्स पर किसने हमला किया? ये खबर बुरी है। दरअसल, 29 जुलाई की शाम पौन 7 बजे मणिपुर में असम राइफल्स के जवानों पर हमला हुआ। इस हमले में 3 जवान शहीद हो गए। 5 जख्मी भी हुए हैं, जिन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती किया गया है। ये हमला जहां हुआ है, वो जगह भारत-म्यांमार सीमा से बस 3 किमी दूर है। हमला खोंगताल में हुआ, जो मणिपुर के चंदेल जिले में पड़ता है। अब जो पता चला है, वो ये कि असम राइफल्स के 13 जवानों की टुकड़ी अपनी पोस्ट पर लौट रही थी। रास्ते में आईईडी ब्लास्ट हो गया। इसके बाद घात लगाकर बैठे उग्रवादियों ने फायरिंग कर दी। ये हमला किसने किया? अभी तक पता नहीं चला है। हालांकि, शक है कि इस हमले के पीछे मणिपुर का लोकल्स ग्रुप पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का हाथ हो सकता है। पूरी खबर पढ़ें 5. कब होगी नेशनल स्पोर्ट्स अवॉर्ड सेरेमनी? कोरोनावायरस का असर खेलों पर तो पड़ा और अब अवॉर्ड सेरेमनी पर भी पड़ने वाला है। एक खबर आई है कि इस साल 29 अगस्त को जो नेशनल स्पोर्ट्स अवॉर्ड सेरेमनी होनी थी, उसकी तारीख कोरोना की वजह से एक या दो महीने आगे बढ़ सकती है। हालांकि, राष्ट्रपति भवन की तरफ से अभी जवाब आना बाकी है। 29 अगस्त को हॉकी के खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती है। इसी दिन राष्ट्रीय खेल दिवस भी होता है। इसलिए इस दिन राष्ट्रपति राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन, द्रोणाचार्य और ध्यानचंद अवॉर्ड देते हैं। ये सेरेमनी भी राष्ट्रपति भवन में ही होती है। पूरी खबर पढ़ें 6. कैसा होगा आज का दिन? जाते-जाते सबसे जरूरी बात कि आज का राशिफल क्या कहता है? तो आज शुक्रवार को ज्येष्ठा नक्षत्र में चंद्रमा होने से चर और इंद्र नाम के दो शुभ योग बन रहे हैं। इनका असर मेष, वृषभ, सिंह, वृश्चिक, मकर, कुंभ और मीन राशि वाले लोगों पर पड़ेगा। इसका फायदा भी है। इन 7 राशि वाले लोगों को जॉब और बिजनेस में आगे बढ़ने के मौके मिल सकते हैं। लेकिन, अगर आपकी राशि मिथुन, कर्क, कन्या, तुला या धनु है, तो आपको आज थोड़ा संभलकर रहना होगा। क्योंकि इन 5 राशि वालों के कामकाज में रुकावटें आने की आशंका है। पूरी खबर पढ़ें आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें morning news brief sushant singh rajput rajasthan political crisis ram janmbhoomi coronavirus from Dainik Bhaskar /national/news/morning-news-brief-sushant-singh-rajput-rajasthan-political-crisis-ram-janmbhoomi-coronavirus-127569554.html via IFTTT https://ift.tt/311ODND तारीख है 31 जुलाई और दिन है शुक्रवार का। अगर कोरोनावायरस नहीं आया होता, तो आज नई फिल्म रिलीज होती। खैर, आज हॉटस्टार पर कुणाल खेमू और रसिका दुग्गल की लूटकेस फिल्म रिलीज होगी। ये कॉमेडी फिल्म है। कोरोना के टाइम में तो देख ही सकते हैं। ये तो हो गई फिल्म की बात। अब जल्दी से कुछ खबरों से भी गुजर लेते हैं। 1. अयोध्या में क्या चल रहा है? राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को भूमि पूजन होना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें शामिल होंगे। लेकिन, पूजन होता, उससे पहले ही यहां कोरोना पहुंच गया है। खबर आई है कि रामलला मंदिर के प्रधान पुजारी आचार्य सतेंद्र दास के शिष्य प्रदीप दास कोरोना संक्रमित हो गए हैं। प्रदीप दास रामलला मंदिर के सहायक पुजारी भी हैं। सिर्फ पुजारी ही नहीं, बल्कि राम जन्मभूमि में तैनात 16 पुलिसवालों के भी कोरोना पॉजिटिव होने की खबर है। हालांकि, पुजारी और पुलिसवालों के कोरोना पॉजिटिव होने की बात यहां के सीडीओ प्रथमेश कुमार खारिज कर चुके हैं। पूरी खबर पढ़ें 2. राजस्थान के बवाल में नया क्या? अब बात राजस्थान की। 20 दिन से ज्यादा हो गए, लेकिन यहां का बवाल शांत होता नहीं दिख रहा है। या तो सरकार गिरेगी? या तो बचेगी? तभी शांत होगा। खैर, इस घमासान के बीच राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत भी हैं। असल में ये वीडियो दोनों की बातचीत का है। इस वायरल वीडियो में स्पीकर सीपी जोशी मुख्यमंत्री के बेटे वैभव से कह रहे हैं 'मामला टफ हो गया है।' फिर वैभव कहते हैं 'राज्यसभा के वक्त ही खबरें आ गई थीं। जिस तरह से माहौल खराब हो रहा है। इन्होंने 10 दिन राज्यसभा चुनाव के निकाले, फिर वापस।' वैभव को सीपी जोशी जवाब देते हैं '30 आदमी निकल जाते हैं, तो आप कुछ नहीं कर सकते। हल्ला करते रहते। वो सरकार गिरा देते। अपने हिसाब से उन्होंने कॉन्टैक्ट करके करवा लिया है। बाकी दूसरे के बस की बात नहीं है।' पूरी खबर पढ़ें 3. सुशांत की मौत का मामला कहां तक पहुंचा? सुशांत सिंह राजपूत की मौत को डेढ़ महीने से ज्यादा हो गए और हर दिन इस मामले में कुछ न कुछ नया मोड़ आ ही रहा है। अब सुप्रीम कोर्ट ने सुशांत की मौत की सीबीआई जांच कराने से साफ इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में अल्का प्रिया ने पीआईएल लगाई थी और मांग की थी कि इसकी जांच सीबीआई करे। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया कि पुलिस को उनका काम करने दीजिए। उससे पहले महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भी कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है। मुंबई पुलिस इसकी जांच में सक्षम है। उधर सुशांत के पिता केके सिंह का कहना है कि उन्हें मुंबई में हो रही जांच पर भरोसा नहीं है। इसलिए वो चाहते हैं कि पटना पुलिस भी मामले की जांच करे। कहा तो ये भी जा रहा है कि सुशांत ने मुंबई में आत्महत्या की थी। ऐसे में पटना में जो एफआईआर दर्ज हुई, वो जीरो एफआईआर मानी जाएगी और जांच मुंबई पुलिस ही करेगी। पूरी खबर पढ़ें 4. मणिपुर में असम राइफल्स पर किसने हमला किया? ये खबर बुरी है। दरअसल, 29 जुलाई की शाम पौन 7 बजे मणिपुर में असम राइफल्स के जवानों पर हमला हुआ। इस हमले में 3 जवान शहीद हो गए। 5 जख्मी भी हुए हैं, जिन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती किया गया है। ये हमला जहां हुआ है, वो जगह भारत-म्यांमार सीमा से बस 3 किमी दूर है। हमला खोंगताल में हुआ, जो मणिपुर के चंदेल जिले में पड़ता है। अब जो पता चला है, वो ये कि असम राइफल्स के 13 जवानों की टुकड़ी अपनी पोस्ट पर लौट रही थी। रास्ते में आईईडी ब्लास्ट हो गया। इसके बाद घात लगाकर बैठे उग्रवादियों ने फायरिंग कर दी। ये हमला किसने किया? अभी तक पता नहीं चला है। हालांकि, शक है कि इस हमले के पीछे मणिपुर का लोकल्स ग्रुप पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का हाथ हो सकता है। पूरी खबर पढ़ें 5. कब होगी नेशनल स्पोर्ट्स अवॉर्ड सेरेमनी? कोरोनावायरस का असर खेलों पर तो पड़ा और अब अवॉर्ड सेरेमनी पर भी पड़ने वाला है। एक खबर आई है कि इस साल 29 अगस्त को जो नेशनल स्पोर्ट्स अवॉर्ड सेरेमनी होनी थी, उसकी तारीख कोरोना की वजह से एक या दो महीने आगे बढ़ सकती है। हालांकि, राष्ट्रपति भवन की तरफ से अभी जवाब आना बाकी है। 29 अगस्त को हॉकी के खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती है। इसी दिन राष्ट्रीय खेल दिवस भी होता है। इसलिए इस दिन राष्ट्रपति राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन, द्रोणाचार्य और ध्यानचंद अवॉर्ड देते हैं। ये सेरेमनी भी राष्ट्रपति भवन में ही होती है। पूरी खबर पढ़ें 6. कैसा होगा आज का दिन? जाते-जाते सबसे जरूरी बात कि आज का राशिफल क्या कहता है? तो आज शुक्रवार को ज्येष्ठा नक्षत्र में चंद्रमा होने से चर और इंद्र नाम के दो शुभ योग बन रहे हैं। इनका असर मेष, वृषभ, सिंह, वृश्चिक, मकर, कुंभ और मीन राशि वाले लोगों पर पड़ेगा। इसका फायदा भी है। इन 7 राशि वाले लोगों को जॉब और बिजनेस में आगे बढ़ने के मौके मिल सकते हैं। लेकिन, अगर आपकी राशि मिथुन, कर्क, कन्या, तुला या धनु है, तो आपको आज थोड़ा संभलकर रहना होगा। क्योंकि इन 5 राशि वालों के कामकाज में रुकावटें आने की आशंका है। पूरी खबर पढ़ें आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें morning news brief sushant singh rajput rajasthan political crisis ram janmbhoomi coronavirus https://ift.tt/3hQ1j0O Dainik Bhaskar सुशांत की मौत की सीबीआई जांच नहीं होगी, राजस्थान में वीडियो से बवाल; इन 5 राशि वालों को आज थोड़ा संभलकर रहना होगा

तारीख है 31 जुलाई और दिन है शुक्रवार का। अगर कोरोनावायरस नहीं आया होता, तो आज नई फिल्म रिलीज होती। खैर, आज हॉटस्टार पर कुणाल खेमू और रसिका द...
- July 31, 2020
https://ift.tt/3hQ1j0O तारीख है 31 जुलाई और दिन है शुक्रवार का। अगर कोरोनावायरस नहीं आया होता, तो आज नई फिल्म रिलीज होती। खैर, आज हॉटस्टार पर कुणाल खेमू और रसिका दुग्गल की लूटकेस फिल्म रिलीज होगी। ये कॉमेडी फिल्म है। कोरोना के टाइम में तो देख ही सकते हैं। ये तो हो गई फिल्म की बात। अब जल्दी से कुछ खबरों से भी गुजर लेते हैं। 1. अयोध्या में क्या चल रहा है? राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को भूमि पूजन होना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें शामिल होंगे। लेकिन, पूजन होता, उससे पहले ही यहां कोरोना पहुंच गया है। खबर आई है कि रामलला मंदिर के प्रधान पुजारी आचार्य सतेंद्र दास के शिष्य प्रदीप दास कोरोना संक्रमित हो गए हैं। प्रदीप दास रामलला मंदिर के सहायक पुजारी भी हैं। सिर्फ पुजारी ही नहीं, बल्कि राम जन्मभूमि में तैनात 16 पुलिसवालों के भी कोरोना पॉजिटिव होने की खबर है। हालांकि, पुजारी और पुलिसवालों के कोरोना पॉजिटिव होने की बात यहां के सीडीओ प्रथमेश कुमार खारिज कर चुके हैं। पूरी खबर पढ़ें 2. राजस्थान के बवाल में नया क्या? अब बात राजस्थान की। 20 दिन से ज्यादा हो गए, लेकिन यहां का बवाल शांत होता नहीं दिख रहा है। या तो सरकार गिरेगी? या तो बचेगी? तभी शांत होगा। खैर, इस घमासान के बीच राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत भी हैं। असल में ये वीडियो दोनों की बातचीत का है। इस वायरल वीडियो में स्पीकर सीपी जोशी मुख्यमंत्री के बेटे वैभव से कह रहे हैं 'मामला टफ हो गया है।' फिर वैभव कहते हैं 'राज्यसभा के वक्त ही खबरें आ गई थीं। जिस तरह से माहौल खराब हो रहा है। इन्होंने 10 दिन राज्यसभा चुनाव के निकाले, फिर वापस।' वैभव को सीपी जोशी जवाब देते हैं '30 आदमी निकल जाते हैं, तो आप कुछ नहीं कर सकते। हल्ला करते रहते। वो सरकार गिरा देते। अपने हिसाब से उन्होंने कॉन्टैक्ट करके करवा लिया है। बाकी दूसरे के बस की बात नहीं है।' पूरी खबर पढ़ें 3. सुशांत की मौत का मामला कहां तक पहुंचा? सुशांत सिंह राजपूत की मौत को डेढ़ महीने से ज्यादा हो गए और हर दिन इस मामले में कुछ न कुछ नया मोड़ आ ही रहा है। अब सुप्रीम कोर्ट ने सुशांत की मौत की सीबीआई जांच कराने से साफ इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में अल्का प्रिया ने पीआईएल लगाई थी और मांग की थी कि इसकी जांच सीबीआई करे। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया कि पुलिस को उनका काम करने दीजिए। उससे पहले महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भी कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है। मुंबई पुलिस इसकी जांच में सक्षम है। उधर सुशांत के पिता केके सिंह का कहना है कि उन्हें मुंबई में हो रही जांच पर भरोसा नहीं है। इसलिए वो चाहते हैं कि पटना पुलिस भी मामले की जांच करे। कहा तो ये भी जा रहा है कि सुशांत ने मुंबई में आत्महत्या की थी। ऐसे में पटना में जो एफआईआर दर्ज हुई, वो जीरो एफआईआर मानी जाएगी और जांच मुंबई पुलिस ही करेगी। पूरी खबर पढ़ें 4. मणिपुर में असम राइफल्स पर किसने हमला किया? ये खबर बुरी है। दरअसल, 29 जुलाई की शाम पौन 7 बजे मणिपुर में असम राइफल्स के जवानों पर हमला हुआ। इस हमले में 3 जवान शहीद हो गए। 5 जख्मी भी हुए हैं, जिन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती किया गया है। ये हमला जहां हुआ है, वो जगह भारत-म्यांमार सीमा से बस 3 किमी दूर है। हमला खोंगताल में हुआ, जो मणिपुर के चंदेल जिले में पड़ता है। अब जो पता चला है, वो ये कि असम राइफल्स के 13 जवानों की टुकड़ी अपनी पोस्ट पर लौट रही थी। रास्ते में आईईडी ब्लास्ट हो गया। इसके बाद घात लगाकर बैठे उग्रवादियों ने फायरिंग कर दी। ये हमला किसने किया? अभी तक पता नहीं चला है। हालांकि, शक है कि इस हमले के पीछे मणिपुर का लोकल्स ग्रुप पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का हाथ हो सकता है। पूरी खबर पढ़ें 5. कब होगी नेशनल स्पोर्ट्स अवॉर्ड सेरेमनी? कोरोनावायरस का असर खेलों पर तो पड़ा और अब अवॉर्ड सेरेमनी पर भी पड़ने वाला है। एक खबर आई है कि इस साल 29 अगस्त को जो नेशनल स्पोर्ट्स अवॉर्ड सेरेमनी होनी थी, उसकी तारीख कोरोना की वजह से एक या दो महीने आगे बढ़ सकती है। हालांकि, राष्ट्रपति भवन की तरफ से अभी जवाब आना बाकी है। 29 अगस्त को हॉकी के खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती है। इसी दिन राष्ट्रीय खेल दिवस भी होता है। इसलिए इस दिन राष्ट्रपति राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन, द्रोणाचार्य और ध्यानचंद अवॉर्ड देते हैं। ये सेरेमनी भी राष्ट्रपति भवन में ही होती है। पूरी खबर पढ़ें 6. कैसा होगा आज का दिन? जाते-जाते सबसे जरूरी बात कि आज का राशिफल क्या कहता है? तो आज शुक्रवार को ज्येष्ठा नक्षत्र में चंद्रमा होने से चर और इंद्र नाम के दो शुभ योग बन रहे हैं। इनका असर मेष, वृषभ, सिंह, वृश्चिक, मकर, कुंभ और मीन राशि वाले लोगों पर पड़ेगा। इसका फायदा भी है। इन 7 राशि वाले लोगों को जॉब और बिजनेस में आगे बढ़ने के मौके मिल सकते हैं। लेकिन, अगर आपकी राशि मिथुन, कर्क, कन्या, तुला या धनु है, तो आपको आज थोड़ा संभलकर रहना होगा। क्योंकि इन 5 राशि वालों के कामकाज में रुकावटें आने की आशंका है। पूरी खबर पढ़ें आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें morning news brief sushant singh rajput rajasthan political crisis ram janmbhoomi coronavirus from Dainik Bhaskar /national/news/morning-news-brief-sushant-singh-rajput-rajasthan-political-crisis-ram-janmbhoomi-coronavirus-127569554.html via IFTTT https://ift.tt/311ODND तारीख है 31 जुलाई और दिन है शुक्रवार का। अगर कोरोनावायरस नहीं आया होता, तो आज नई फिल्म रिलीज होती। खैर, आज हॉटस्टार पर कुणाल खेमू और रसिका दुग्गल की लूटकेस फिल्म रिलीज होगी। ये कॉमेडी फिल्म है। कोरोना के टाइम में तो देख ही सकते हैं। ये तो हो गई फिल्म की बात। अब जल्दी से कुछ खबरों से भी गुजर लेते हैं। 1. अयोध्या में क्या चल रहा है? राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को भूमि पूजन होना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें शामिल होंगे। लेकिन, पूजन होता, उससे पहले ही यहां कोरोना पहुंच गया है। खबर आई है कि रामलला मंदिर के प्रधान पुजारी आचार्य सतेंद्र दास के शिष्य प्रदीप दास कोरोना संक्रमित हो गए हैं। प्रदीप दास रामलला मंदिर के सहायक पुजारी भी हैं। सिर्फ पुजारी ही नहीं, बल्कि राम जन्मभूमि में तैनात 16 पुलिसवालों के भी कोरोना पॉजिटिव होने की खबर है। हालांकि, पुजारी और पुलिसवालों के कोरोना पॉजिटिव होने की बात यहां के सीडीओ प्रथमेश कुमार खारिज कर चुके हैं। पूरी खबर पढ़ें 2. राजस्थान के बवाल में नया क्या? अब बात राजस्थान की। 20 दिन से ज्यादा हो गए, लेकिन यहां का बवाल शांत होता नहीं दिख रहा है। या तो सरकार गिरेगी? या तो बचेगी? तभी शांत होगा। खैर, इस घमासान के बीच राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत भी हैं। असल में ये वीडियो दोनों की बातचीत का है। इस वायरल वीडियो में स्पीकर सीपी जोशी मुख्यमंत्री के बेटे वैभव से कह रहे हैं 'मामला टफ हो गया है।' फिर वैभव कहते हैं 'राज्यसभा के वक्त ही खबरें आ गई थीं। जिस तरह से माहौल खराब हो रहा है। इन्होंने 10 दिन राज्यसभा चुनाव के निकाले, फिर वापस।' वैभव को सीपी जोशी जवाब देते हैं '30 आदमी निकल जाते हैं, तो आप कुछ नहीं कर सकते। हल्ला करते रहते। वो सरकार गिरा देते। अपने हिसाब से उन्होंने कॉन्टैक्ट करके करवा लिया है। बाकी दूसरे के बस की बात नहीं है।' पूरी खबर पढ़ें 3. सुशांत की मौत का मामला कहां तक पहुंचा? सुशांत सिंह राजपूत की मौत को डेढ़ महीने से ज्यादा हो गए और हर दिन इस मामले में कुछ न कुछ नया मोड़ आ ही रहा है। अब सुप्रीम कोर्ट ने सुशांत की मौत की सीबीआई जांच कराने से साफ इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में अल्का प्रिया ने पीआईएल लगाई थी और मांग की थी कि इसकी जांच सीबीआई करे। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया कि पुलिस को उनका काम करने दीजिए। उससे पहले महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भी कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है। मुंबई पुलिस इसकी जांच में सक्षम है। उधर सुशांत के पिता केके सिंह का कहना है कि उन्हें मुंबई में हो रही जांच पर भरोसा नहीं है। इसलिए वो चाहते हैं कि पटना पुलिस भी मामले की जांच करे। कहा तो ये भी जा रहा है कि सुशांत ने मुंबई में आत्महत्या की थी। ऐसे में पटना में जो एफआईआर दर्ज हुई, वो जीरो एफआईआर मानी जाएगी और जांच मुंबई पुलिस ही करेगी। पूरी खबर पढ़ें 4. मणिपुर में असम राइफल्स पर किसने हमला किया? ये खबर बुरी है। दरअसल, 29 जुलाई की शाम पौन 7 बजे मणिपुर में असम राइफल्स के जवानों पर हमला हुआ। इस हमले में 3 जवान शहीद हो गए। 5 जख्मी भी हुए हैं, जिन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती किया गया है। ये हमला जहां हुआ है, वो जगह भारत-म्यांमार सीमा से बस 3 किमी दूर है। हमला खोंगताल में हुआ, जो मणिपुर के चंदेल जिले में पड़ता है। अब जो पता चला है, वो ये कि असम राइफल्स के 13 जवानों की टुकड़ी अपनी पोस्ट पर लौट रही थी। रास्ते में आईईडी ब्लास्ट हो गया। इसके बाद घात लगाकर बैठे उग्रवादियों ने फायरिंग कर दी। ये हमला किसने किया? अभी तक पता नहीं चला है। हालांकि, शक है कि इस हमले के पीछे मणिपुर का लोकल्स ग्रुप पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का हाथ हो सकता है। पूरी खबर पढ़ें 5. कब होगी नेशनल स्पोर्ट्स अवॉर्ड सेरेमनी? कोरोनावायरस का असर खेलों पर तो पड़ा और अब अवॉर्ड सेरेमनी पर भी पड़ने वाला है। एक खबर आई है कि इस साल 29 अगस्त को जो नेशनल स्पोर्ट्स अवॉर्ड सेरेमनी होनी थी, उसकी तारीख कोरोना की वजह से एक या दो महीने आगे बढ़ सकती है। हालांकि, राष्ट्रपति भवन की तरफ से अभी जवाब आना बाकी है। 29 अगस्त को हॉकी के खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती है। इसी दिन राष्ट्रीय खेल दिवस भी होता है। इसलिए इस दिन राष्ट्रपति राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन, द्रोणाचार्य और ध्यानचंद अवॉर्ड देते हैं। ये सेरेमनी भी राष्ट्रपति भवन में ही होती है। पूरी खबर पढ़ें 6. कैसा होगा आज का दिन? जाते-जाते सबसे जरूरी बात कि आज का राशिफल क्या कहता है? तो आज शुक्रवार को ज्येष्ठा नक्षत्र में चंद्रमा होने से चर और इंद्र नाम के दो शुभ योग बन रहे हैं। इनका असर मेष, वृषभ, सिंह, वृश्चिक, मकर, कुंभ और मीन राशि वाले लोगों पर पड़ेगा। इसका फायदा भी है। इन 7 राशि वाले लोगों को जॉब और बिजनेस में आगे बढ़ने के मौके मिल सकते हैं। लेकिन, अगर आपकी राशि मिथुन, कर्क, कन्या, तुला या धनु है, तो आपको आज थोड़ा संभलकर रहना होगा। क्योंकि इन 5 राशि वालों के कामकाज में रुकावटें आने की आशंका है। पूरी खबर पढ़ें आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें morning news brief sushant singh rajput rajasthan political crisis ram janmbhoomi coronavirus https://ift.tt/3hQ1j0O Dainik Bhaskar सुशांत की मौत की सीबीआई जांच नहीं होगी, राजस्थान में वीडियो से बवाल; इन 5 राशि वालों को आज थोड़ा संभलकर रहना होगा https://ift.tt/3hQ1j0O 

तारीख है 31 जुलाई और दिन है शुक्रवार का। अगर कोरोनावायरस नहीं आया होता, तो आज नई फिल्म रिलीज होती। खैर, आज हॉटस्टार पर कुणाल खेमू और रसिका दुग्गल की लूटकेस फिल्म रिलीज होगी। ये कॉमेडी फिल्म है। कोरोना के टाइम में तो देख ही सकते हैं। ये तो हो गई फिल्म की बात। अब जल्दी से कुछ खबरों से भी गुजर लेते हैं।

1. अयोध्या में क्या चल रहा है?
राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को भूमि पूजन होना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें शामिल होंगे। लेकिन, पूजन होता, उससे पहले ही यहां कोरोना पहुंच गया है।

खबर आई है कि रामलला मंदिर के प्रधान पुजारी आचार्य सतेंद्र दास के शिष्य प्रदीप दास कोरोना संक्रमित हो गए हैं। प्रदीप दास रामलला मंदिर के सहायक पुजारी भी हैं। सिर्फ पुजारी ही नहीं, बल्कि राम जन्मभूमि में तैनात 16 पुलिसवालों के भी कोरोना पॉजिटिव होने की खबर है।

हालांकि, पुजारी और पुलिसवालों के कोरोना पॉजिटिव होने की बात यहां के सीडीओ प्रथमेश कुमार खारिज कर चुके हैं।

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2. राजस्थान के बवाल में नया क्या?
अब बात राजस्थान की। 20 दिन से ज्यादा हो गए, लेकिन यहां का बवाल शांत होता नहीं दिख रहा है। या तो सरकार गिरेगी? या तो बचेगी? तभी शांत होगा। खैर, इस घमासान के बीच राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत भी हैं। असल में ये वीडियो दोनों की बातचीत का है।

इस वायरल वीडियो में स्पीकर सीपी जोशी मुख्यमंत्री के बेटे वैभव से कह रहे हैं 'मामला टफ हो गया है।' फिर वैभव कहते हैं 'राज्यसभा के वक्त ही खबरें आ गई थीं। जिस तरह से माहौल खराब हो रहा है। इन्होंने 10 दिन राज्यसभा चुनाव के निकाले, फिर वापस।'

वैभव को सीपी जोशी जवाब देते हैं '30 आदमी निकल जाते हैं, तो आप कुछ नहीं कर सकते। हल्ला करते रहते। वो सरकार गिरा देते। अपने हिसाब से उन्होंने कॉन्टैक्ट करके करवा लिया है। बाकी दूसरे के बस की बात नहीं है।'

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3. सुशांत की मौत का मामला कहां तक पहुंचा?
सुशांत सिंह राजपूत की मौत को डेढ़ महीने से ज्यादा हो गए और हर दिन इस मामले में कुछ न कुछ नया मोड़ आ ही रहा है। अब सुप्रीम कोर्ट ने सुशांत की मौत की सीबीआई जांच कराने से साफ इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में अल्का प्रिया ने पीआईएल लगाई थी और मांग की थी कि इसकी जांच सीबीआई करे। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया कि पुलिस को उनका काम करने दीजिए।

उससे पहले महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भी कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है। मुंबई पुलिस इसकी जांच में सक्षम है।

उधर सुशांत के पिता केके सिंह का कहना है कि उन्हें मुंबई में हो रही जांच पर भरोसा नहीं है। इसलिए वो चाहते हैं कि पटना पुलिस भी मामले की जांच करे।

कहा तो ये भी जा रहा है कि सुशांत ने मुंबई में आत्महत्या की थी। ऐसे में पटना में जो एफआईआर दर्ज हुई, वो जीरो एफआईआर मानी जाएगी और जांच मुंबई पुलिस ही करेगी।

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4. मणिपुर में असम राइफल्स पर किसने हमला किया?
ये खबर बुरी है। दरअसल, 29 जुलाई की शाम पौन 7 बजे मणिपुर में असम राइफल्स के जवानों पर हमला हुआ। इस हमले में 3 जवान शहीद हो गए। 5 जख्मी भी हुए हैं, जिन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती किया गया है।

ये हमला जहां हुआ है, वो जगह भारत-म्यांमार सीमा से बस 3 किमी दूर है। हमला खोंगताल में हुआ, जो मणिपुर के चंदेल जिले में पड़ता है। अब जो पता चला है, वो ये कि असम राइफल्स के 13 जवानों की टुकड़ी अपनी पोस्ट पर लौट रही थी। रास्ते में आईईडी ब्लास्ट हो गया। इसके बाद घात लगाकर बैठे उग्रवादियों ने फायरिंग कर दी।

ये हमला किसने किया? अभी तक पता नहीं चला है। हालांकि, शक है कि इस हमले के पीछे मणिपुर का लोकल्स ग्रुप पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का हाथ हो सकता है।

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5. कब होगी नेशनल स्पोर्ट्स अवॉर्ड सेरेमनी?
कोरोनावायरस का असर खेलों पर तो पड़ा और अब अवॉर्ड सेरेमनी पर भी पड़ने वाला है। एक खबर आई है कि इस साल 29 अगस्त को जो नेशनल स्पोर्ट्स अवॉर्ड सेरेमनी होनी थी, उसकी तारीख कोरोना की वजह से एक या दो महीने आगे बढ़ सकती है। हालांकि, राष्ट्रपति भवन की तरफ से अभी जवाब आना बाकी है।

29 अगस्त को हॉकी के खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती है। इसी दिन राष्ट्रीय खेल दिवस भी होता है। इसलिए इस दिन राष्ट्रपति राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन, द्रोणाचार्य और ध्यानचंद अवॉर्ड देते हैं। ये सेरेमनी भी राष्ट्रपति भवन में ही होती है।

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6. कैसा होगा आज का दिन?
जाते-जाते सबसे जरूरी बात कि आज का राशिफल क्या कहता है? तो आज शुक्रवार को ज्येष्ठा नक्षत्र में चंद्रमा होने से चर और इंद्र नाम के दो शुभ योग बन रहे हैं। इनका असर मेष, वृषभ, सिंह, वृश्चिक, मकर, कुंभ और मीन राशि वाले लोगों पर पड़ेगा। इसका फायदा भी है। इन 7 राशि वाले लोगों को जॉब और बिजनेस में आगे बढ़ने के मौके मिल सकते हैं।

लेकिन, अगर आपकी राशि मिथुन, कर्क, कन्या, तुला या धनु है, तो आपको आज थोड़ा संभलकर रहना होगा। क्योंकि इन 5 राशि वालों के कामकाज में रुकावटें आने की आशंका है।

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morning news brief sushant singh rajput rajasthan political crisis ram janmbhoomi coronavirus

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via IFTTT https://ift.tt/311ODND तारीख है 31 जुलाई और दिन है शुक्रवार का। अगर कोरोनावायरस नहीं आया होता, तो आज नई फिल्म रिलीज होती। खैर, आज हॉटस्टार पर कुणाल खेमू और रसिका दुग्गल की लूटकेस फिल्म रिलीज होगी। ये कॉमेडी फिल्म है। कोरोना के टाइम में तो देख ही सकते हैं। ये तो हो गई फिल्म की बात। अब जल्दी से कुछ खबरों से भी गुजर लेते हैं। 1. अयोध्या में क्या चल रहा है? राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को भूमि पूजन होना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें शामिल होंगे। लेकिन, पूजन होता, उससे पहले ही यहां कोरोना पहुंच गया है। खबर आई है कि रामलला मंदिर के प्रधान पुजारी आचार्य सतेंद्र दास के शिष्य प्रदीप दास कोरोना संक्रमित हो गए हैं। प्रदीप दास रामलला मंदिर के सहायक पुजारी भी हैं। सिर्फ पुजारी ही नहीं, बल्कि राम जन्मभूमि में तैनात 16 पुलिसवालों के भी कोरोना पॉजिटिव होने की खबर है। हालांकि, पुजारी और पुलिसवालों के कोरोना पॉजिटिव होने की बात यहां के सीडीओ प्रथमेश कुमार खारिज कर चुके हैं। पूरी खबर पढ़ें 2. राजस्थान के बवाल में नया क्या? अब बात राजस्थान की। 20 दिन से ज्यादा हो गए, लेकिन यहां का बवाल शांत होता नहीं दिख रहा है। या तो सरकार गिरेगी? या तो बचेगी? तभी शांत होगा। खैर, इस घमासान के बीच राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत भी हैं। असल में ये वीडियो दोनों की बातचीत का है। इस वायरल वीडियो में स्पीकर सीपी जोशी मुख्यमंत्री के बेटे वैभव से कह रहे हैं 'मामला टफ हो गया है।' फिर वैभव कहते हैं 'राज्यसभा के वक्त ही खबरें आ गई थीं। जिस तरह से माहौल खराब हो रहा है। इन्होंने 10 दिन राज्यसभा चुनाव के निकाले, फिर वापस।' वैभव को सीपी जोशी जवाब देते हैं '30 आदमी निकल जाते हैं, तो आप कुछ नहीं कर सकते। हल्ला करते रहते। वो सरकार गिरा देते। अपने हिसाब से उन्होंने कॉन्टैक्ट करके करवा लिया है। बाकी दूसरे के बस की बात नहीं है।' पूरी खबर पढ़ें 3. सुशांत की मौत का मामला कहां तक पहुंचा? सुशांत सिंह राजपूत की मौत को डेढ़ महीने से ज्यादा हो गए और हर दिन इस मामले में कुछ न कुछ नया मोड़ आ ही रहा है। अब सुप्रीम कोर्ट ने सुशांत की मौत की सीबीआई जांच कराने से साफ इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में अल्का प्रिया ने पीआईएल लगाई थी और मांग की थी कि इसकी जांच सीबीआई करे। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया कि पुलिस को उनका काम करने दीजिए। उससे पहले महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भी कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है। मुंबई पुलिस इसकी जांच में सक्षम है। उधर सुशांत के पिता केके सिंह का कहना है कि उन्हें मुंबई में हो रही जांच पर भरोसा नहीं है। इसलिए वो चाहते हैं कि पटना पुलिस भी मामले की जांच करे। कहा तो ये भी जा रहा है कि सुशांत ने मुंबई में आत्महत्या की थी। ऐसे में पटना में जो एफआईआर दर्ज हुई, वो जीरो एफआईआर मानी जाएगी और जांच मुंबई पुलिस ही करेगी। पूरी खबर पढ़ें 4. मणिपुर में असम राइफल्स पर किसने हमला किया? ये खबर बुरी है। दरअसल, 29 जुलाई की शाम पौन 7 बजे मणिपुर में असम राइफल्स के जवानों पर हमला हुआ। इस हमले में 3 जवान शहीद हो गए। 5 जख्मी भी हुए हैं, जिन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती किया गया है। ये हमला जहां हुआ है, वो जगह भारत-म्यांमार सीमा से बस 3 किमी दूर है। हमला खोंगताल में हुआ, जो मणिपुर के चंदेल जिले में पड़ता है। अब जो पता चला है, वो ये कि असम राइफल्स के 13 जवानों की टुकड़ी अपनी पोस्ट पर लौट रही थी। रास्ते में आईईडी ब्लास्ट हो गया। इसके बाद घात लगाकर बैठे उग्रवादियों ने फायरिंग कर दी। ये हमला किसने किया? अभी तक पता नहीं चला है। हालांकि, शक है कि इस हमले के पीछे मणिपुर का लोकल्स ग्रुप पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का हाथ हो सकता है। पूरी खबर पढ़ें 5. कब होगी नेशनल स्पोर्ट्स अवॉर्ड सेरेमनी? कोरोनावायरस का असर खेलों पर तो पड़ा और अब अवॉर्ड सेरेमनी पर भी पड़ने वाला है। एक खबर आई है कि इस साल 29 अगस्त को जो नेशनल स्पोर्ट्स अवॉर्ड सेरेमनी होनी थी, उसकी तारीख कोरोना की वजह से एक या दो महीने आगे बढ़ सकती है। हालांकि, राष्ट्रपति भवन की तरफ से अभी जवाब आना बाकी है। 29 अगस्त को हॉकी के खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती है। इसी दिन राष्ट्रीय खेल दिवस भी होता है। इसलिए इस दिन राष्ट्रपति राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन, द्रोणाचार्य और ध्यानचंद अवॉर्ड देते हैं। ये सेरेमनी भी राष्ट्रपति भवन में ही होती है। पूरी खबर पढ़ें 6. कैसा होगा आज का दिन? जाते-जाते सबसे जरूरी बात कि आज का राशिफल क्या कहता है? तो आज शुक्रवार को ज्येष्ठा नक्षत्र में चंद्रमा होने से चर और इंद्र नाम के दो शुभ योग बन रहे हैं। इनका असर मेष, वृषभ, सिंह, वृश्चिक, मकर, कुंभ और मीन राशि वाले लोगों पर पड़ेगा। इसका फायदा भी है। इन 7 राशि वाले लोगों को जॉब और बिजनेस में आगे बढ़ने के मौके मिल सकते हैं। लेकिन, अगर आपकी राशि मिथुन, कर्क, कन्या, तुला या धनु है, तो आपको आज थोड़ा संभलकर रहना होगा। क्योंकि इन 5 राशि वालों के कामकाज में रुकावटें आने की आशंका है। पूरी खबर पढ़ें आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें morning news brief sushant singh rajput rajasthan political crisis ram janmbhoomi coronavirus https://ift.tt/3hQ1j0O Dainik Bhaskar सुशांत की मौत की सीबीआई जांच नहीं होगी, राजस्थान में वीडियो से बवाल; इन 5 राशि वालों को आज थोड़ा संभलकर रहना होगा Reviewed by Manish Pethev on July 31, 2020 Rating: 5
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