Show HN: A weirdly detailed graphical analysis of women's tops sold by Goodwill https://ift.tt/3egSPOg
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Manish Pethev
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कानपुर के बिकरु गांव में 8 पुलिसवालों की हत्या के मामले में बुधवार को पुलिस महकमे ने बड़ी कार्रवाई की। जिस थाने में ये गांव आता है, उस चौबेपुर थाने के एसओ विनय तिवारी और दरोगाकेके शर्मा को भी गिरफ्तार किया गया है। कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि तिवारी और शर्मा दोनों ही मुठभेड़ के वक्त बिकरु गांव में मौजूद थे। लेकिन, जैसे ही एनकाउंटर शुरू हुआ, दोनों भाग गए थे।
एसएसपी दिनेश प्रभु ने बताया कि जांच में सामने आया है कि विनय तिवारी और केके शर्मा ने विकास दुबे को रेड की जानकारी दी थी।
पूरा चौबेपुर थाना लाइन अटैच
शहीद डीएसपी देंवेंद्र ने एसओ तिवारी पर आरोप लगाया था कि वोगैंगस्टर विकास तिवारी का बचाव करते हैं।पुलिस जांच में यह भी सामने आया था कि मुठभेड़ से पहले विकास ने केके शर्मा को फोनकर धमकाया था और पुलिस टीम को गांव में आने से रोकने को कहा था।इससे पहले चौबेपुर थाने के सभी 68 कर्मचारियों को लाइन अटैच कर दिया गया था।
जांच कर रहे डीआईजी का भी तबादला
इससे पहले मंगलवार को हत्याकांड की जांच कर रहे एसटीएफ के डीआईजी अनंत देव त्रिपाठी को सरकार ने हटाकर पीएसी भेज दिया गया था। हत्याकांड में शहीद हुए डीएसपी देवेंद्र का एक खत सामने आया था। यह खत तत्कालीन कानपुर एसएसपी अनंत देव को लिखा गया था। इसमें कहा गया था कि चौबेपुर के थानेदार विनय तिवारी, विकास दुबे को बचाने का काम कर रहे हैं और इन पर कार्रवाई की जाए।
विकास की तलाश में 3 राज्यों में छापे
विकास की तलाश में बुधवार को राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में छापा मारा गया। सूत्रों के मुताबिक विकास और उसका साथी प्रभात फरीदाबाद के सेक्टर-87 में रिश्तेदार श्रवण के घर रुके थे। पहले उन्होंने होटल में रूम बुक करवाने की कोशिश की, लेकिन आईडी में फोटो क्लियर नहीं होने की वजह से बुकिंग नहीं कर पाए।
सूचना मिलने पर पुलिस ने छापा मार, पर विकास पहले ही भाग गया। पुलिस ने श्रवण, उसके बेटों अंकुर और प्रभात को गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास 4 पिस्टल मिली हैं, इनमें से 2 यूपी पुलिस की हैं।
करीबी अमर एनकाउंटर में मारा गया
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के साथ अमर दुबे (बाएं)।
शूटआउट के 5 दिन बाद पुलिस ने विकास दुबे के करीबी अमर दुबे का एनकाउंटर कर दिया। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने हमीरपुर में अमर को मार गिराया। उसके पास से ऑटोमैटिक गन और एक बैग मिला है। अमर 2 जुलाई को बिकरू गांव में हुए शूटआउट में शामिल था। अमर और उसके साथी सीओ देवेंद्र मिश्र को घसीटकर विकास के मामा प्रेम कुमार पांडे के घर में ले गए और गोलियों से भून दिया था।
कानपुर शूटआउट केस में अब तक क्या हुआ?
2 जुलाई: विकास दुबे को गिरफ्तार करने 3 थानों की पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश दी, विकास की गैंग ने 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी।
3 जुलाई: पुलिस ने सुबह 7 बजे विकास के मामा प्रेमप्रकाश पांडे और सहयोगी अतुल दुबे का एनकाउंटर कर दिया। 20-22 नामजद समेत 60 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। विकास पर 2.5 लाख, अमर पर 25 हजार और दूसरे लोगों पर 18-18 हजार रुपए का इनाम घोषित।
5 जुलाई: पुलिस ने विकास के नौकर और खास सहयोगी दयाशंकर उर्फ कल्लू अग्निहोत्री को घेर लिया। पुलिस की गोली लगने से दयाशंकर जख्मी हो गया। उसने खुलासा किया कि विकास ने पहले से प्लानिंगकर पुलिसकर्मियों पर हमला किया था।
6 जुलाई: पुलिस ने अमर की मां क्षमा दुबे और दयाशंकर की पत्नी रेखा समेत 3 को गिरफ्तार किया। शूटआउट की घटना के वक्त पुलिस ने बदमाशों सेबचने के लिए क्षमा दुबे का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन क्षमा ने मदद करने की बजाय बदमाशों को पुलिस की लोकेशन बता दी। रेखा भी बदमाशों की मदद कर रही थी।
8 जुलाई: एसटीएफ ने विकास के करीबी अमर दुबे को मार गिराया।
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1.निशाना लगाने में माहिर था अमर, विकास के लिए वसूली करता था; दादी ने कहा- मेरी बात नहीं मानी, इसलिए मारा गया
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3.कानपुर पुलिस की रडार पर अब सहयोगी: विकास दुबे के लिए काम करने वाली दो महिलाओं समेत 3 गिरफ्तार; 10 पुलिसवालों की चौबेपुर थाने में पोस्टिंग
4.मुठभेड़ से पहले गैंगस्टर ने पार्टी दी थी: 2 जून की रात विकास की शराब पार्टी में 20-25 गुर्गे शामिल हुए थे; 10 पुलिसवालों की चौबेपुर थाने में पोस्टिंग
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Vikas Dubey Kanpur Shootout [updates]; Chaubepur Station Police Daroga Vinay Tiwari And KK Sharma Arrested By Uttar Pradesh STF
https://ift.tt/3iI3Z1O Dainik Bhaskar चौबेपुर थाने के एसओ और दरोगा गिरफ्तार, विकास को इन्हीं दोनों ने रेड की जानकारी दी थी और एनकाउंटर के वक्त भाग गए थे
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीएनबी घोटाले में आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी पर बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने बताया कि भगोड़े आर्थिक अपराध अधिनियम के तहत नीरव मोदी की 300 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त की गई है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, ईडी ने नीरव की 329.66करोड़ की संपत्ति जब्त की है।इन संपत्तियों में वर्ली मुंबई की आइकॉनिक बिल्डिंग समुद्र महल के चार फ्लैट, एक सी-साइड फार्महाउस, अलीबाग में जमीन, जैसलमेर में पवन चक्की, लंदन में फ्लैट और संयुक्त अरब अमीरात में रेजिडेंशियलफ्लैट, शेयर और बैंक में जमा राशि भी शामिल है।
पहले भी हो चुकी नीलामी
मार्च 2020 में ईडी ने नीरव मोदी की कई संपत्तियों को जब्त कर नीलाम किया था। इनमें महंगी पेंटिंग्स, घड़ी, पर्स, महंगी कारें, हैंडबैग जैसी चीजें शामिल थीं। ईडी के मुताबिक, इस नीलामी के दौरान करीब 51 करोड़ मिल थे।
लंदन की वांड्सवर्थ जेल में है नीरव
13 हजार 700 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले का आरोपी नीरव लंदन की वांड्सवर्थ जेल में है। भारत की अपील पर प्रत्यर्पण वारंट जारी होने के बाद लंदन पुलिस ने पिछले साल 19 मार्च को उसे गिरफ्तार किया था। उसकी जमानत अर्जी 5 बार खारिज हो चुकी।
भारतीय एजेंसियां उसके प्रत्यर्पण की कोशिश में जुटी हैं। लंदन की एक अदालत में इस मामले की सुनवाई चल रही है। पिछले महीने लंदन की वेस्टमिंस्टर अदालत ने नीरव मोदी को 9 जुलाई तक और न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया था।
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भारत की अपील पर प्रत्यर्पण वारंट जारी होने के बाद लंदन पुलिस ने नीरव मोदी को पिछले साल 19 मार्च को गिरफ्तार किया था। -फाइल फोटो
https://ift.tt/2ZaLg7u Dainik Bhaskar भगोड़े कारोबारी की 300 करोड़ से ज्यादा की सम्पत्ति ईडी ने जब्त की, इसमें लंदन और यूएई के फ्लैट भी शामिल
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीएनबी घोटाले में आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी पर बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने बताया कि भगोड़े आर्थिक अपराध अधिनियम के तहत नीरव मोदी की 300 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त की गई है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, ईडी ने नीरव की 329.66करोड़ की संपत्ति जब्त की है।इन संपत्तियों में वर्ली मुंबई की आइकॉनिक बिल्डिंग समुद्र महल के चार फ्लैट, एक सी-साइड फार्महाउस, अलीबाग में जमीन, जैसलमेर में पवन चक्की, लंदन में फ्लैट और संयुक्त अरब अमीरात में रेजिडेंशियलफ्लैट, शेयर और बैंक में जमा राशि भी शामिल है।
पहले भी हो चुकी नीलामी
मार्च 2020 में ईडी ने नीरव मोदी की कई संपत्तियों को जब्त कर नीलाम किया था। इनमें महंगी पेंटिंग्स, घड़ी, पर्स, महंगी कारें, हैंडबैग जैसी चीजें शामिल थीं। ईडी के मुताबिक, इस नीलामी के दौरान करीब 51 करोड़ मिल थे।
लंदन की वांड्सवर्थ जेल में है नीरव
13 हजार 700 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले का आरोपी नीरव लंदन की वांड्सवर्थ जेल में है। भारत की अपील पर प्रत्यर्पण वारंट जारी होने के बाद लंदन पुलिस ने पिछले साल 19 मार्च को उसे गिरफ्तार किया था। उसकी जमानत अर्जी 5 बार खारिज हो चुकी।
भारतीय एजेंसियां उसके प्रत्यर्पण की कोशिश में जुटी हैं। लंदन की एक अदालत में इस मामले की सुनवाई चल रही है। पिछले महीने लंदन की वेस्टमिंस्टर अदालत ने नीरव मोदी को 9 जुलाई तक और न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया था।
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भारत की अपील पर प्रत्यर्पण वारंट जारी होने के बाद लंदन पुलिस ने नीरव मोदी को पिछले साल 19 मार्च को गिरफ्तार किया था। -फाइल फोटो
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पाकिस्तानी सेना ने बुधवार को लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) के पास सीजफायर तोड़ा। फायरिंग में 65 साल की महिला की मौत हो गई और एक अन्य गंभीर है। एलओसी के पास पुंछ जिले में बालाकोट सेक्टर के गांवों में पाकिस्तानी फौजों ने तड़के 3 बजे फायरिंग शुरू कर दी थी।
पाकिस्तान ने 45 मिनट फायरिंग की
अधिकारियों ने बताया कि दो बुजुर्ग महिलाओं रेशम बी और हाकम बी को गोलियां लगीं। रेशम बी की मौत हो गई। भारतीय सेना ने सीजफायर उल्लंघन का जवाब दिया। करीब 45 मिनट बाद पाकिस्तान ने फायरिंग बंद कर दी थी।
मंधेर के स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर परवेज ने बताया कि फायरिंग इतनी ज्यादा हो रही थी कि हमें घायलों को वक्त पर अस्पताल लाने के लिए 8 एंबुलेंस भेजनी पड़ीं।
3 दिन पहले भारत का जवान शहीद हुआ था
5 जुलाई को पुंछ सेक्टर में ही पाकिस्तानी फौज ने सीजफायर वॉयलेशन किया था। इसमें एक जवान शहीद हो गया था। इससे पहले 10 जूून को राजौरी सेक्टर में नायक गुरुचरण सिंह ऐसे ही हमले में शहीद हुए थे।
इस साल सीजफायर वॉयलेशन में बढ़ोतरी
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस साल पाकिस्तान की ओर से सीजफायर वॉयलेशन के मामले तेजी से बढ़े हैं। केवल जून में ही पाकिस्तान ने 411 बार उल्लंघन किया है। इस साल 2300 बार सीजफायर वॉयलेशन किया गया। पिछले साल इनकी संख्या 3168 और 2018 में 1629 थी।
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पाकिस्तान ने बुधवार तड़के तीन बजे फायरिंग शुरू की। इस दौरान बुजुर्ग रेशम बी की गोली लगने से मौत हो गई। एक अन्य महिला हाकम बी की हालत गंभीर है।
https://ift.tt/3e9dJyF Dainik Bhaskar पुंछ में पाकिस्तानी सेना की फायरिंग में बुजुर्ग महिला की मौत, जून महीने में ही पाकिस्तान ने 411 बार संघर्ष विराम तोड़ा
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भारत-चीन सीमा पर 22 दिन से जारी तनाव के बाद दोनों देशों की सेनाएं टकराव वाले प्वॉइंट से पीछे हटने को राजी हो गई हैं। हॉट स्प्रिंग और गोगरा इलाके में भी सेनाएं पीछे हट रही हैं। यह प्रक्रिया कुछ दिनों में पूरी हो जाएगी। तनाव के दौरान चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में लगातार भारत के खिलाफ लिखा गया। इसी ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में दावा किया गया कि 1962 में भारत और चीन की अर्थव्यवस्था लगभग बराबर थी। इस वक्त चीन भारत के मुकाबले बहुत बड़ी इकोनॉमी है। अगर भारत और चीन के बीच युद्ध होता है तो भारत को बहुत नुकसान होगा।
आइए जानते हैं 1962 में कैसी थी दोनों देशों की आर्थिक स्थिति, तब से आज तक किस तरह बदली दोनों देशों की अर्थव्यवस्था की हालत। इसके लिए हम दोनों देशों की जीडीपी, पर कैपिटा जीडीपी, एक्सपोर्ट और इंपोर्ट में जीडीपी में हिस्सेदारी, उद्योग का जीडीपी में योगदान, दोनों देशों की आबादी और डिफेंस बजट में आए बदलाव का एनालिसिस करेंगे।
जीडीपी : ओपन करने के बाद चीन की इकोनॉमी 39 गुना और भारत की 9 गुना बढ़ी
1962 में भारत-चीन के बीच युद्ध हुआ। उस वक्त दोनों देशों की ताकत में ज्यादा फर्क नहीं था। तब चीन की जीडीपी भारत से करीब 12% ज्यादा थी। आज दोनों देशों की जीडीपी में 5 गुने से ज्यादा का फर्क हो गया है। चीन ने अपनी इकोनॉमी 1980 में ओपन की। तब से अब तक 39 साल में उसकी इकोनॉमी 75 गुना बढ़ी। वहीं, भारत ने 1991 में अपनी इकोनॉमी ओपन की। इसके बाद 28 साल में भारत की इकोनॉमी 9 गुना बढ़ी है।
2019 में भारत की इकोनॉमी में एक्सपोर्ट की हिस्सेदारी चीन से 0.24% ज्यादा
1962 में दोनों देशों की इकोनॉमी में एक्सपोर्ट की हिस्सेदारी जीडीपी का 4% से कुछ ज्यादा थी। युद्ध के बाद के सालों में दोनों का एक्सपोर्ट घटा। लेकिन 1980 के बाद चीन ने पूरी ताकत के साथ सस्ते सामान और लेबर के जरिए दुनियाभर के बाजारों में अपनी पकड़ बढ़ानी शुरू की। 2010 में उसकी जीडीपी का 27% हिस्सा एक्सपोर्ट से ही आया। हालांकि, बाद के सालों में चीन ने बाकी क्षेत्रों से कमाई बढ़ाई तो एक्सपोर्ट का जीडीपी में योगदान प्रतिशत घटा है।
भारत ने भी 1991 में जब अपनी अर्थव्यवस्था खोली तो उसकी इकोनॉमी में भी एक्सपोर्ट की हिस्सेदारी बढ़ी। 2019 में भारत ने एक्सपोर्ट से अपने जीडीपी में 18.66% जोड़ा तो वहीं चीन 18.42% जोड़ सका। भारत ने 2019 में चीन से 0.24% ज्यादा अपनी जीडीपी में जोड़ा लेकिन, चीन भारत से पांच गुना बड़ी अर्थव्यवस्था है इसलिए उसका 18.41% भी हमारे 18.66% से करीब चार गुना ज्यादा है।
चीन के तुलना में दूसरे देशों से खरीद पर भारत ज्यादा निर्भर, लेकिन इसे घटाने की कोशिश कर रहा
1962 युद्ध के वक्त चीन की तुलना में भारत की जीडीपी में इंपोर्ट की हिस्सेदारी दोगुने से ज्यादा थी। उस वक्त भारत की जीडीपी में इंपोर्ट का हिस्सा 6.03% था तो चीन का 2.91% था। बाद के सालों में दोनों देशों की इकोनॉमी में इंपोर्ट की हिस्सेदारी बढ़ती गई। 2019 में भारत की जीडीपी में इंपोर्ट की हिस्सेदारी चीन से 123% ज्यादा रह गई है। चीन की इकोनॉमी में जहां इंपोर्ट का हिस्सा 17.26% है वहीं, भारत की इकोनॉमी में ये 21.36% है। यानि, भारत और चीन दोनों की दूसरो देशों से खरीद पर निर्भरता बढ़ी है। हालांकि, दोनों देशों ने पिछले दस साल में ये निर्भरता घटाई है।
ग्लोबल ट्रेड में चीन से 14.4% पीछे है भारत
दुनिया को सर्विसेस और समान एक्सपोर्ट से कमाने में भारत से चीन आगे है और दूसरों से खरीदने में भारत से पीछे है, एक मजबूत इकोनॉमी ज्यादा बेचती है और कम खरीदती है, चीन भारत से पांच गुनी बड़ी इकोनॉमी है इसलिए उसने ज्यादा बेचा और कम खरीदा। चीन का ग्लोबल ट्रेड में योगदान 17% है जबकि भारत का ग्लोबल ट्रेड में योगदान 2.6% है।
1962 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी चीन से ज्यादा थी, अब हमसे पांच गुना ज्यादा है चीन
1962 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी चीन से ज्यादा थी। आज चीन हमसे करीब पांच गुना ज्यादा है।1990 तक हमारी प्रति व्यक्ति जीडीपी चीन से ज्यादा थी। चीन की इकोनॉमी ओपन होने और जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सख्त कदम उठाने के कारण चीन की प्रति व्यक्ति जीडीपी बहुत तेजी से बढ़ी।
चीन ने 29 साल में उद्योगों की हिस्सेदारी 5.47% बढ़ाई, भारत 2.57% बढ़ा पाया
इकोनॉमी ओपन करने के बाद चीन की जीडीपी 3200% बढ़ी
भारत से 2 साल बाद 1949 में चीन में व्यवस्था परिवर्तन हुआ। चीन का फोकस डोमेस्टिक इकोनॉमी पर था। उसने यह तय किया कि कहां फॉरेन इन्वेस्टमेंट लाना है और कहां नहीं। उसने इकोनॉमिकल एरिया डेवलप किए, जिसके लिए उसने चीन के दक्षिण तटीय क्षेत्रों को चुना।
चीन में आर्थिक क्रांति लाने वाले डांग श्याओपिंग ने 1978 से कम्युनिस्ट सोशलिस्ट पॉलिटिकल स्ट्रक्चर में सुधार शुरू किया और इकोनॉमी में मॉडर्नाईजेशन लाए। उस वक्त चीन का दुनिया की अर्थव्यवस्था में हिस्सा 1.8% था। श्याओपिंग के सुधारों के बाद चीन की इकोनॉमी में बहुत बड़ा बदलाव आया। इसके कारण 1980 से लेकर 2016 तक चीन की जीडीपी 3200% बढ़ी।
2017 में दुनिया की अर्थव्यवस्था में उसकी हिस्सेदारी 18.2% हो गई। इसी बीच चीन की आधी से ज्यादा आबादी यानी लगभग 70 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर लाया गया और 38.5 करोड़ लोग मिडल क्लास में शामिल हुए।
चीन का फॉरेन ट्रेड 17,500% बढ़ा और 2015 तक चीन फॉरेन ट्रेड में वर्ल्ड लीडर के तौर पर उभरा। 1978 में चीन ने पूरे वित्त वर्ष में जितने का ट्रेड किया था, अब वह उतना 48 घंटे में करता है।
वहीं, भारत ने चीन से 11 साल बाद 1991 में विदेशी निवेश के लिए दरवाजे खोले। भारत ग्लोबलाइजेशन की तरफ बढ़ना एक फाइनेंसियल इमर्जेंसी थी। चीन ने अपनी इकोनॉमी में सुधार के लिए जो बदलाव किए उसे सख्ती से लागू किया। वहीं, लोकतांत्रिक देश भारत उदारवादी नीति के तहत आगे बढ़ा।
1962 में हमसे 41% ज्यादा आबादी वाला देश था चीन, अब सिर्फ 4% का अंतर
भारत का डिफेंस बजट 4.71 लाख करोड़, चीन का डिफेंस बजट हमसे चार गुना ज्यादा
इस साल का भारत का कुल बजट 30.42 लाख करोड़ रुपए का है। जबकि, चीन का 258.40 लाख करोड़ रुपए है। चीन का बजट भारत के मुकाबले 8 गुना से भी ज्यादा है। चीन लगातार अपना डिफेंस बजट भी बढ़ा रहा है। इस वक्त उसका कुल डिफेंस बजट 13.47 लाख करोड़ रुपए का है। वहीं, भारत का डिफेंस बजट चीन के मुकाबले करीब 25% 4.71 लाख करोड़ रुपए है। 1962 में भारत का डिफेंस बजट कुल जीडीपी का 1.5% था। हालांकि, अक्टूबर 1962 में चीन से युद्ध के कारण ये बढकर 2.34% हो गया था। 2018-19 में ये घटकर 1.49 हो गया। 56 साल में पहली बार ऐसा हुआ। 2020-21 के बजट में ये जीडीपी का 2.1% है।
ग्लोबल टाइम्स के इस दावे में कुछ नया नहीं है कि भारत चीन से छोटी इकोनॉमी है, लेकिन सैन्य शक्ति में भारत चीन से कमजोर नहीं है। भारत का डिफेंस बजट चीन से छोटा इसलिए भी है क्योंकि चीन भारत से बड़ी इकोनॉमी है। दूसरी वजह यह भी है कि चीन एक दमनकारी और विस्तारवादी कम्युनिस्ट साम्राज्य है और इस सब को बनाए रखने के लिए उसे एक दमनकारी सेना की जरूरत है, जबकि भारत एक सामाजवादी लोकतंत्र है। अगर चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना है तो भारत भी दुनिया में तीसरे नंबर पर है। ग्लोबल टाइम के इस दावे में कोई दम नहीं है की नुकसान सिर्फ भारत का होगा बल्कि दो बड़ी शक्तियों के टकराव से नुकसान दोनों का होता है। चीन अमेरिका से ट्रेड वार का सामना कर रहा है , ऐसे में उसे निवेश के लिए भारत जैसी बड़ी बाजार की जरूरत है। बॉर्डर पर चीन के तरफ से बढ़ाया गया तनाव भारत पर दबाव बनाने का एक तरीका था जिससे कि भारत अपने बाजार के दरवाजे चीन के लिए खोल दे।
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India GDP vs China GDP Growth Rate Comparison 1961-2020 | China Defence Budget Latest News | Know How Much Does China Spends On Defence
https://ift.tt/3iGJN06 Dainik Bhaskar 1962 युद्ध के समय हमसे सिर्फ 12% ज्यादा थी चीन की जीडीपी, आज भारत से 5 गुना बड़ी इकोनॉमी, डिफेंस बजट हमसे 8 गुना
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