टिम हर्रेरा. कोरोना ने दुनिया को तबाह कर दिया। चार करोड़ से ज्यादा लोग बीमार हुए। तमाम देशों की इकोनॉमी ठहर गई। लाखों लोगों की नौकरियां चलीं गईं। स्कूल-कॉलेज आज तक बंद हैं। करीब 7 महीने से तमाम लोग तनाव और डिप्रेशन से जूझ रहे हैं। ऐसे में जरूरत है खुद को मोटिवेट करने की। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर डेनियल्ले कहते हैं कि हम खुद को अभी भी उसी तरह से ट्रीट कर रहे हैं, जैसे महामारी से पहले करते आए हैं। यह तनाव और डी-मोटिवेट होने की सबसे बड़ी वजह है। अभी तनाव से बचने और मोटिवेट रहने के लिए हमें खुद को नए माहौल के मुताबिक ढलना होगा, नए तरीके से सोचना होगा। उन्होंने कहा- आप जितना ज्यादा इंगेज रहेंगे, कम सोचेंगे और खुश रहेंगे, उतना ही ज्यादा मोटिवेट रहेंगे। मोटिवेट रहने के लिए आप परिवार और दोस्तों का भी सहारा ले सकते हैं। इन 4 तरीकों से खुद और दोस्तों को रखें मोटिवेट 1- समय के साथ खुद को बदलें हमें जबरदस्ती समान्य महसूस नहीं करना चाहिए, बल्कि बदले हुए माहौल में सही तरीके से ढलने की कोशिश करनी चाहिए। जब तक हम बदलाव से दूर भागते रहेंगे, तब-तक हम खुद को नए माहौल में ढाल नहीं सकेंगे। यह विरोधाभास हमारे स्वभाव में भी दिखेगा, जो हमें परेशान कर सकता है। डॉ. डेनियल्ले कहते हैं कि हमें अपनी उम्मीदों को भी बदले हुए माहौल के हिसाब से ढाल लेना चाहिए। यह बिलकुल नहीं सोचना चाहिए कि आप अभी कुछ नहीं कर रहे हैं। ऐसा सोचने से हम और ज्यादा डी-मोटिवेट होंगे। 2- परिवार और दोस्तों का सहारा लें हमें हर परिस्थिति को फेस करने के लिए खुद को फ्लेक्सिबल बनाना चाहिए, लेकिन दो फैक्टर हमारी फ्लेक्सिब्लिटी को प्रभावित कर सकते हैं। पहली हमारी बॉडी लैंग्वेज और दूसरी हमारी मानसिकता। इन दोनों को किसी भी माहौल में ढालना बेहद अहम होता है। अगर हम ऐसा कर लेते हैं तो हम फ्लेक्सिबल हो सकते हैं। हमें स्ट्रेस से भी डील करना आना चाहिए, क्योंकि जब भी लाइफ में मुश्किलें आएंगी, हमें तनाव होना स्वाभाविक है। आप चाहें तो अपनी मुश्किलों को परिवार और दोस्तों से शेयर कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको सोशल सपोर्ट मिलेगा, जो आपके तनाव को कम करने में मददगार होगा और आप मोटिवेट भी होंगे। 3- खुश रहने की वजह ढूंढें नो हार्ड फीलिंग के राइटर लिज फॉसलिन लिखते हैं- अगर आप एंग्जाइटी या तनाव से परेशान हैं तो हर वो छोटी-छोटी चीजें करें, जिनसे आपको खुशी मिलती हो। उन्होंने लिखा है- आप एन्जॉय करने के लिए मानसिक तौर पर तैयार हैं तो आपको बाहर जाने या कुछ बड़ा करने की जरूरत नहीं है। हर इंसान के पास खुश होने की वजह होती है, अगर वह चाहे तो उसे ढूंढ भी सकता है। ये तरीके तनाव और एंग्जाइटी का सामना कर रहे लोगों के लिए किसी दवा से कम नहीं हैं और शायद सबसे ज्यादा कारगर भी हैं। 7 महीने में बहुत कुछ बदल गया है, लेकिन मोटिवेट होने का एलिमेंट अभी भी पुराना है। हमें इसे बदलने और समझने की जरूरत है। कम सोचना सबसे जरूरी काम है। ज्यादा सोचने से करियर, जॉब और फैमिली को लेकर मन में असुरक्षा के भाव आने लगते हैं। इसी से तनाव पैदा होता है। सोचना कम करने के लिए सबसे कारगर उपाय है कि आप ज्यादा से ज्यादा खुद को व्यस्त रखें। खुद को कुछ इस तरह का टास्क भी दे सकते हैं, जो आपको पूरे दिन व्यस्त रखे। 4- लाइफस्टाइल को बदलें हम अब अपनी लाइफ उस तरह से नहीं जी सकते हैं, जिस तरह महामारी से पहले जीते आए हैं। दुनिया दूसरे तरीके से ही सही, लेकिन चल रही है। आप हाथ पर हाथ रखे बैठे रहेंगे और खुद को मोटिवेट नहीं करेंगे तो सिर्फ तनाव को गले लगाएंगे। अब हमें अपनी लाइफस्टाइल को बदलना चाहिए। डॉ. डेनियल्ले कहते हैं कि यह चुनौती भरा काम जरूर है, लेकिन हमारे पास और कोई विकल्प भी नहीं है। हमें तनाव कम करने के लिए लाइफ में और ज्यादा अनुशासन लाना होगा। छोटी सी भी लापरवाही हम पर और भारी पड़ सकती है। एक छोटा सा ब्रेक हमारे तनाव और डिप्रेशन का कारण भी बन सकता है। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Millions of people around the world have lost hope due to coronavirus; Learn 4 ways to keep yourself fat https://ift.tt/3ou4kb7 Dainik Bhaskar महामारी के बाद हम खुद को नहीं बदल रहे, इसलिए तनाव में; 4 तरीकों से खुद को मोटिवेट करें
टिम हर्रेरा. कोरोना ने दुनिया को तबाह कर दिया। चार करोड़ से ज्यादा लोग बीमार हुए। तमाम देशों की इकोनॉमी ठहर गई। लाखों लोगों की नौकरियां चलीं गईं। स्कूल-कॉलेज आज तक बंद हैं। करीब 7 महीने से तमाम लोग तनाव और डिप्रेशन से जूझ रहे हैं। ऐसे में जरूरत है खुद को मोटिवेट करने की।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर डेनियल्ले कहते हैं कि हम खुद को अभी भी उसी तरह से ट्रीट कर रहे हैं, जैसे महामारी से पहले करते आए हैं। यह तनाव और डी-मोटिवेट होने की सबसे बड़ी वजह है। अभी तनाव से बचने और मोटिवेट रहने के लिए हमें खुद को नए माहौल के मुताबिक ढलना होगा, नए तरीके से सोचना होगा।
उन्होंने कहा- आप जितना ज्यादा इंगेज रहेंगे, कम सोचेंगे और खुश रहेंगे, उतना ही ज्यादा मोटिवेट रहेंगे। मोटिवेट रहने के लिए आप परिवार और दोस्तों का भी सहारा ले सकते हैं।
इन 4 तरीकों से खुद और दोस्तों को रखें मोटिवेट
1- समय के साथ खुद को बदलें
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हमें जबरदस्ती समान्य महसूस नहीं करना चाहिए, बल्कि बदले हुए माहौल में सही तरीके से ढलने की कोशिश करनी चाहिए। जब तक हम बदलाव से दूर भागते रहेंगे, तब-तक हम खुद को नए माहौल में ढाल नहीं सकेंगे। यह विरोधाभास हमारे स्वभाव में भी दिखेगा, जो हमें परेशान कर सकता है।
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डॉ. डेनियल्ले कहते हैं कि हमें अपनी उम्मीदों को भी बदले हुए माहौल के हिसाब से ढाल लेना चाहिए। यह बिलकुल नहीं सोचना चाहिए कि आप अभी कुछ नहीं कर रहे हैं। ऐसा सोचने से हम और ज्यादा डी-मोटिवेट होंगे।
2- परिवार और दोस्तों का सहारा लें
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हमें हर परिस्थिति को फेस करने के लिए खुद को फ्लेक्सिबल बनाना चाहिए, लेकिन दो फैक्टर हमारी फ्लेक्सिब्लिटी को प्रभावित कर सकते हैं। पहली हमारी बॉडी लैंग्वेज और दूसरी हमारी मानसिकता। इन दोनों को किसी भी माहौल में ढालना बेहद अहम होता है। अगर हम ऐसा कर लेते हैं तो हम फ्लेक्सिबल हो सकते हैं।
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हमें स्ट्रेस से भी डील करना आना चाहिए, क्योंकि जब भी लाइफ में मुश्किलें आएंगी, हमें तनाव होना स्वाभाविक है। आप चाहें तो अपनी मुश्किलों को परिवार और दोस्तों से शेयर कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको सोशल सपोर्ट मिलेगा, जो आपके तनाव को कम करने में मददगार होगा और आप मोटिवेट भी होंगे।
3- खुश रहने की वजह ढूंढें
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नो हार्ड फीलिंग के राइटर लिज फॉसलिन लिखते हैं- अगर आप एंग्जाइटी या तनाव से परेशान हैं तो हर वो छोटी-छोटी चीजें करें, जिनसे आपको खुशी मिलती हो।
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उन्होंने लिखा है- आप एन्जॉय करने के लिए मानसिक तौर पर तैयार हैं तो आपको बाहर जाने या कुछ बड़ा करने की जरूरत नहीं है। हर इंसान के पास खुश होने की वजह होती है, अगर वह चाहे तो उसे ढूंढ भी सकता है। ये तरीके तनाव और एंग्जाइटी का सामना कर रहे लोगों के लिए किसी दवा से कम नहीं हैं और शायद सबसे ज्यादा कारगर भी हैं।
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7 महीने में बहुत कुछ बदल गया है, लेकिन मोटिवेट होने का एलिमेंट अभी भी पुराना है। हमें इसे बदलने और समझने की जरूरत है। कम सोचना सबसे जरूरी काम है। ज्यादा सोचने से करियर, जॉब और फैमिली को लेकर मन में असुरक्षा के भाव आने लगते हैं। इसी से तनाव पैदा होता है।
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सोचना कम करने के लिए सबसे कारगर उपाय है कि आप ज्यादा से ज्यादा खुद को व्यस्त रखें। खुद को कुछ इस तरह का टास्क भी दे सकते हैं, जो आपको पूरे दिन व्यस्त रखे।
4- लाइफस्टाइल को बदलें
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हम अब अपनी लाइफ उस तरह से नहीं जी सकते हैं, जिस तरह महामारी से पहले जीते आए हैं। दुनिया दूसरे तरीके से ही सही, लेकिन चल रही है। आप हाथ पर हाथ रखे बैठे रहेंगे और खुद को मोटिवेट नहीं करेंगे तो सिर्फ तनाव को गले लगाएंगे। अब हमें अपनी लाइफस्टाइल को बदलना चाहिए।
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डॉ. डेनियल्ले कहते हैं कि यह चुनौती भरा काम जरूर है, लेकिन हमारे पास और कोई विकल्प भी नहीं है। हमें तनाव कम करने के लिए लाइफ में और ज्यादा अनुशासन लाना होगा। छोटी सी भी लापरवाही हम पर और भारी पड़ सकती है। एक छोटा सा ब्रेक हमारे तनाव और डिप्रेशन का कारण भी बन सकता है।
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