कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने एक बार फिर पार्टी की वर्किंग कमेटी और प्रमुख पदों पर चुनाव की जरूरत बताई है। आजाद ने गुरुवार को कहा "चुने हुए लोग लीड करेंगे तो पार्टी के लिए अच्छा होगा, नहीं तो कांग्रेस अगले 50 साल तक विपक्ष में बैठी रहेगी। हो सकता है कि नियुक्त (अपॉइंट) किए जाने वाले पार्टी अध्यक्ष को 1% लोगों का भी समर्थन नहीं हो।" वफादार होने का दावा करने वाले ओछी राजनीति कर रहे आजाद ने कहा, "कांग्रेस वर्किंग कमेटी समेत, राज्यों के प्रमुख, जिला अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष के पदों पर भी चुनाव करवाने पर जोर दिया। साथ ही कहा कि जो लोग चुनाव करवाने का विरोध कर रहे हैं, उन्हें अपने पद खोने का डर है। जो वफादारी होने का दावा कर रहे हैं, वे हकीकत में ओछी राजनीति कर रहे हैं। इससे पार्टी और देश को नुकसान होगा।" "आंतरिक चुनाव में 51% वोट मिलने वाले की जीत होती है। इसका मतलब ये हुआ कि चुने हुए अध्यक्ष के साथ 51% लोग होते हैं। अगर कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य चुनाव से तय होंगे, तो उन्हें हटाया नहीं जा सकता। इस बात में परेशानी क्या है?" आजाद का बयान कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की मीटिंग के 3 दिन बाद आया है। सीडब्ल्यूसी की सोमवार को हुई मीटिंग में रिजॉल्यूशन पास कर सोनिया गांधी से अपील की गई कि जब तक ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) का सेशन बुलाने की स्थितियां नहीं बनें, तब तक आप ही अध्यक्ष बनी रहें। आजाद ने कहा था- राहुल के आरोप साबित हुए तो इस्तीफा दे दूंगा आजाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने सीडब्ल्यूसी की मीटिंग से पहले सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी में ऊपर से नीचे तक बदलाव करने की मांग की थी। मीटिंग में यह बात सामने आई कि चिट्ठी लिखने वाले नेताओं पर राहुल गांधी ने भाजपा से मिलीभगत के आरोप लगा दिए। इस पर आजाद ने कहा था कि, आरोप साबित हुए तो पार्टी छोड़ देंगे। हालांकि, बाद में आजाद ने सफाई दी कि राहुल ने मिलीभगत जैसी कोई बात नहीं कही थी। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें आजाद समेत 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी में ऊपर से नीचे तक बदलाव करने की मांग की थी। (फाइल फोटो) https://ift.tt/2QvHArx Dainik Bhaskar पार्टी नेता गुलाम नबी आजाद बोले- कांग्रेस में प्रमुख पदों पर चुनाव नहीं हुए, तो अगले 50 साल तक विपक्ष में ही बैठे रहेंगे
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने एक बार फिर पार्टी की वर्किंग कमेटी और प्रमुख पदों पर चुनाव की जरूरत बताई है। आजाद ने गुरुवार को कहा "चुने हुए लोग लीड करेंगे तो पार्टी के लिए अच्छा होगा, नहीं तो कांग्रेस अगले 50 साल तक विपक्ष में बैठी रहेगी। हो सकता है कि नियुक्त (अपॉइंट) किए जाने वाले पार्टी अध्यक्ष को 1% लोगों का भी समर्थन नहीं हो।"
वफादार होने का दावा करने वाले ओछी राजनीति कर रहे
आजाद ने कहा, "कांग्रेस वर्किंग कमेटी समेत, राज्यों के प्रमुख, जिला अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष के पदों पर भी चुनाव करवाने पर जोर दिया। साथ ही कहा कि जो लोग चुनाव करवाने का विरोध कर रहे हैं, उन्हें अपने पद खोने का डर है। जो वफादारी होने का दावा कर रहे हैं, वे हकीकत में ओछी राजनीति कर रहे हैं। इससे पार्टी और देश को नुकसान होगा।"
"आंतरिक चुनाव में 51% वोट मिलने वाले की जीत होती है। इसका मतलब ये हुआ कि चुने हुए अध्यक्ष के साथ 51% लोग होते हैं। अगर कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य चुनाव से तय होंगे, तो उन्हें हटाया नहीं जा सकता। इस बात में परेशानी क्या है?"
आजाद का बयान कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की मीटिंग के 3 दिन बाद आया है। सीडब्ल्यूसी की सोमवार को हुई मीटिंग में रिजॉल्यूशन पास कर सोनिया गांधी से अपील की गई कि जब तक ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) का सेशन बुलाने की स्थितियां नहीं बनें, तब तक आप ही अध्यक्ष बनी रहें।
आजाद ने कहा था- राहुल के आरोप साबित हुए तो इस्तीफा दे दूंगा
आजाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने सीडब्ल्यूसी की मीटिंग से पहले सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी में ऊपर से नीचे तक बदलाव करने की मांग की थी। मीटिंग में यह बात सामने आई कि चिट्ठी लिखने वाले नेताओं पर राहुल गांधी ने भाजपा से मिलीभगत के आरोप लगा दिए। इस पर आजाद ने कहा था कि, आरोप साबित हुए तो पार्टी छोड़ देंगे। हालांकि, बाद में आजाद ने सफाई दी कि राहुल ने मिलीभगत जैसी कोई बात नहीं कही थी।
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