(अनिरुद्ध शर्मा) देश में मानसूनी सीजन में 88 सेंटीमीटर बारिश को सामान्य माना जाता है। अब तक मानसून के 88 दिनों में 74 सेमी बारिश हो चुकी है। यानी कोटे का 81% पानी बरस चुका है और अभी मानसून की वापसी शुरू होने में 20 दिन बचे हैं। मौसम विभाग कह रहा है कि यही दौर जारी रहेगा और इस बार विदाई तक मानसून सामान्य से 4 से 6% तक ज्यादा भिगोएगा। सिर्फ अगस्त की बात करें तो अब तक 123% फीसदी बारिश हो चुकी है, जो पिछले 25 वर्षों में सर्वाधिक है। भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्रा बताते हैं कि 3, 9, 13, 19 और 24 अगस्त को निम्न दबाव का क्षेत्र पैदा हो गया और हर बार ओडिशा से शुरू होकर छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र से होते हुए गुजरात तक गया। यह क्षेत्र जैसे-जैसे आगे बढ़ा, हर इलाके में लंबी अवधि की बारिशें हुईं। निम्न दबाव का क्षेत्र बारबार बनने और उसके मानसूनी टर्फ के साथ जुड़ने से इस बार एकाएक भारी बारिश के बजाय कई-कई घंटों की रिमझिम बारिश का ट्रेंड दिखा। बीते 50 साल में केवल 5 बार मानसून में अत्यधिक बारिश मौसम विभाग के मुताबिक, मानसून के दौरान जब बारिश सामान्य से 90 फीसदी या उससे भी कम होती है, तब उसे सूखा कहा जाता है और जब बारिश 110 या उससे अधिक हो तो उसे अतिवृष्टि वाला साल माना जाता है। इंडियन डायपोल निगेटिव, फिर भी ला-नीना सितंबर में कराएगा ज्यादा बारिश इंडियन ओशीन डायपोल के निगेटिव (जब हिंद महासागर के पूर्वी सिरे पर समुद्री सतह का तापमान पश्चिमी सिरे की तुलना में ज्यादा गर्म हो जाता है) होने का दक्षिण पश्चिमी मानसून पर विपरीत असर पड़ता है, लेकिन प्रशांत महासागर में ला-नीना की वजह से संभावना बनी हुई है कि सितंबर में भी सामान्य से कुछ अधिक ही बारिश होगी। मौसम विभाग के 36 सब-डिवीजन में से सिर्फ 4 में सामान्य से कम बारिश मानसून की वापसी की शुरुआत राजस्थान के पोकरण से 17 सितंबर को होगी और 15 अक्टूबर तक यह पूरे देश से विदा हो जाएगा। मौसम विभाग के 36 सब-डिवीजन में से 32 मंे अब तक सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। केवल 4 सब-डिवीजन जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पश्चिमी यूपी और नगालैंड-मिजोरम-त्रिपुरा में सामान्य से कम बारिश हुई है। 7 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई पिछले वर्ष मानसून में 10% ज्यादा जबकि इस बार अब तक 7% ज्यादा बारिश हो चुकी है। पिछले साल जून में बहुत कम और विदाई के वक्त भारी बारिश हुई थी। इस साल जून में अच्छी बारिश के बाद जुलाई कमजोर रहा, फिर अगस्त में मानसून सक्रिय है। - डॉ. मृत्युंजय महापात्रा, महानिदेशक, मौसम विभाग आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें तस्वीर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की। नदी उफान पर है। ग्रामीण जान जोखिम में डालकर इसे पार करते हैं। https://ift.tt/3hBR9Bg Dainik Bhaskar देश में मानसून के 88 दिनों में 82% बारिश, मानसून वापसी में 20 दिन बाकी, तब तक 106% बारिश की संभावना
(अनिरुद्ध शर्मा) देश में मानसूनी सीजन में 88 सेंटीमीटर बारिश को सामान्य माना जाता है। अब तक मानसून के 88 दिनों में 74 सेमी बारिश हो चुकी है। यानी कोटे का 81% पानी बरस चुका है और अभी मानसून की वापसी शुरू होने में 20 दिन बचे हैं। मौसम विभाग कह रहा है कि यही दौर जारी रहेगा और इस बार विदाई तक मानसून सामान्य से 4 से 6% तक ज्यादा भिगोएगा।
सिर्फ अगस्त की बात करें तो अब तक 123% फीसदी बारिश हो चुकी है, जो पिछले 25 वर्षों में सर्वाधिक है। भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्रा बताते हैं कि 3, 9, 13, 19 और 24 अगस्त को निम्न दबाव का क्षेत्र पैदा हो गया और हर बार ओडिशा से शुरू होकर छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र से होते हुए गुजरात तक गया।
यह क्षेत्र जैसे-जैसे आगे बढ़ा, हर इलाके में लंबी अवधि की बारिशें हुईं। निम्न दबाव का क्षेत्र बारबार बनने और उसके मानसूनी टर्फ के साथ जुड़ने से इस बार एकाएक भारी बारिश के बजाय कई-कई घंटों की रिमझिम बारिश का ट्रेंड दिखा।
बीते 50 साल में केवल 5 बार मानसून में अत्यधिक बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक, मानसून के दौरान जब बारिश सामान्य से 90 फीसदी या उससे भी कम होती है, तब उसे सूखा कहा जाता है और जब बारिश 110 या उससे अधिक हो तो उसे अतिवृष्टि वाला साल माना जाता है।
इंडियन डायपोल निगेटिव, फिर भी ला-नीना सितंबर में कराएगा ज्यादा बारिश
इंडियन ओशीन डायपोल के निगेटिव (जब हिंद महासागर के पूर्वी सिरे पर समुद्री सतह का तापमान पश्चिमी सिरे की तुलना में ज्यादा गर्म हो जाता है) होने का दक्षिण पश्चिमी मानसून पर विपरीत असर पड़ता है, लेकिन प्रशांत महासागर में ला-नीना की वजह से संभावना बनी हुई है कि सितंबर में भी सामान्य से कुछ अधिक ही बारिश होगी।
मौसम विभाग के 36 सब-डिवीजन में से सिर्फ 4 में सामान्य से कम बारिश
मानसून की वापसी की शुरुआत राजस्थान के पोकरण से 17 सितंबर को होगी और 15 अक्टूबर तक यह पूरे देश से विदा हो जाएगा। मौसम विभाग के 36 सब-डिवीजन में से 32 मंे अब तक सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। केवल 4 सब-डिवीजन जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पश्चिमी यूपी और नगालैंड-मिजोरम-त्रिपुरा में सामान्य से कम बारिश हुई है।
7 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई
पिछले वर्ष मानसून में 10% ज्यादा जबकि इस बार अब तक 7% ज्यादा बारिश हो चुकी है। पिछले साल जून में बहुत कम और विदाई के वक्त भारी बारिश हुई थी। इस साल जून में अच्छी बारिश के बाद जुलाई कमजोर रहा, फिर अगस्त में मानसून सक्रिय है।
- डॉ. मृत्युंजय महापात्रा, महानिदेशक, मौसम विभाग
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