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(अविनाश रावत). एप्पल हॉस्पिटल द्वारा कोरोना के मरीज को छह लाख का बिल देने के बाद भास्कर ने आठ अस्पतालों का स्टिंग किया। इसमें उनकी मनमानी वसूली का खुलासा हुआ। कुछ मरीजों को भी ढूंढा, जो गंभीर नहीं थे, फिर भी अस्पतालों ने उनसे लाखों रुपए वसूल लिए। कुछ तो ऐसे भी अस्पताल हैं, जो कोरोना मरीजों से मेडिकल वेस्ट के नाम पर शुल्क वसूल रहे हैं। बिलों में इसकी राशि 10 गुना तक बढ़ा दी। अस्पतालों का कहना है कि स्टाफ कम हो गया है, खर्च बढ़ गए हैं। वहीं कचरा इकट्ठा कर जलाने वाली कंपनी का कहना है कि उन्हें अस्पतालों ने चार महीने से पेमेंट ही नहीं किया। डॉक्टरों ने कोरोना से हमारी लड़ाई का नेतृत्व किया है। जो संवेदनशीलता उन्होंने दिखाई वही अस्पताल भी रखें, इस उम्मीद के साथ यह रिपोर्ट... कोरोना के बाद पेट दर्द, बिल 5.5 लाख भोपाल के अल नूर खान कोरोना पॉजिटिव निकले। 23 जुलाई से 5 अगस्त तक मेदांता अस्पताल में भर्ती रहे। बिल साढ़े पांच लाख रु. का बना। यहां से डिस्चार्ज हो 5 से 21 अगस्त तक एप्पल हॉस्पिटल में भर्ती रहे। उन्हें बस पेट दर्द था। यहां बिल साढ़े पांच लाख का बना। कुल खर्च 11 लाख रुपए आया। केवल चार दिन में बिल 1.63 लाख काेरोना पीड़ित खुशबू अग्रवाल 21 अगस्त को शैल्बी हॉस्पिटल में भर्ती हुई थीं। यहां उन्हें रूम रेंट के 15 हजार 375 रुपए रोज देना पड़े। डॉक्टर विजिट के नाम पर 5000 रुपए रोज अलग से देना पड़े। महज चार दिन में ही उनका बिल एक लाख 63 हजार रु. हो गया। पांच दिन में थमाया 3 लाख का बिल महू के दुर्गालाल वर्मा 25 अगस्त को एप्पल अस्पताल में भर्ती हुए और 30 अगस्त को डिस्चार्ज हो गए। अस्पताल में उन्हें एक दिन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी। बाकी समय प्राइवेट रूम में दवाई चलती रही। पांच दिन में उनका बिल तीन लाख रुपए हो गया। दवाई का खर्च अलग। क्या वायरस घुस गया है अस्पतालों के बिल सिस्टम में! अस्पताल एप्पल बाॅम्बे मेदांता राजश्री अरिहंत शैल्बी सीएचएल चोइथराम एडवांस 1 लाख 1 लाख 1 लाख 1 लाख 40 हजार 1 लाख 1 लाख 50000 इमरजेंसी चार्ज 5000 3000 3000 3000 1500 3000 3000 0 डॉक्टर प्रति विजिट 3000 2500 2000 3000 2000 2500 5000 2500 रूम रेंट 10500 8500 6500 8500 5000 7500 10000 5500 नर्सिंग केयर कुल बिल का 21% 3500 3500 4000 2500 स्पेशल केयर नाम दिया 1875 700 10% पूरे बिल का आईसीयू बेड चार्ज 12500 15000 10500 12500 6000 12000 1200 6000 वेंटिलेटर 8000 8000 7000 8000 5000 8000 6000 4500 ऑक्सीजन 2800 3000 3000 3500 1800 3500 3000 1500 आईसीयू नर्सिंग केयर कुल बिल का 21% 5000 5000 5000 3500 5000 7000 10% पूरे बिल का बायो मेडिकल चार्ज नहीं 500 500 500 500 500 नहीं 500 यूनिवर्सल प्रोटेक्शन चार्ज 1500 नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं आइसोलेशन चार्ज 2000 2000 2000 2000 2000 2000 2000 नहीं नेबुलाइजेशन एक बार 450 450 320 350 300 450 350 300 रूम की उपलब्धा नहीं नहीं फुल फुल फुल फुल फुल फुल निजी रूम, औसत एक दिन 33164 25400 21820 27350 17800 21825 31050 15150 आईसीयू वेंटिलेटर 49912 44400 40820 43850 26600 42950 42050 22300 कुल 228826 221200 205960 221550 114500 211100 205050 108250 एप्पल हॉस्पिटल में बातचीत: रूम रेंट साढ़े 10 हजार रु. लगेगा रिपोर्टर : हमारे रिश्तेदार को कोरोना हो गया है। भर्ती कराना है। चार्ज बता दीजिए। अस्पताल : रूम खाली नहीं है। चार्ज एक लाख रुपए एडवांस लगेंगे। प्राइवेट रूम लेना होगा साढ़े 10 हजार में। आईसीयू के साढ़े 12, वेंटिलेटर के आठ, यूनिवर्सल प्रोटेक्शन चार्ज के 15 सौ रुपए रोज देना होगा। बिल का 21% नर्सिंग चार्ज भी लगेगा। रिपोर्टर : एक दिन का औसत खर्च कितना आएगा ? अस्पताल : प्राइवेट रूम में 33-35 हजार। आईसीयू में 48-49 हजार रुपए रोज। मेदांता हॉस्पिटल में बातचीत: हर दिन नर्सिंग चार्ज के 3500 रिपोर्टर : रिश्तेदार को कोरोना है। भर्ती करवाना है। अस्पताल : रूम खाली नहीं है। रिपोर्टर : मरीज को होम क्वारैंटाइन किया है। इमरजेंसी के लिए चार्ज तो बता दीजिए। अस्पताल : एक लाख एडवांस लगेगा। प्राइवेट रूम लेना होगा। रिपोर्टर : रूम रेंट क्या है? अस्पताल : साढ़े छह हजार। रोज 35 सौ रुपए नर्सिंग चार्ज भी लगेगा। इसके अलावा आईसीयू के साढ़े 10 और वेंटिलेटर के सात हजार। एक दिन में कम से कम तीन डॉक्टर विजिट होंगी। प्रत्येक के दो हजार लगेंगे। अस्पतालों का तर्क : दूसरों के यहां तो लूट मची है, हमारे यहां इलाज सबसे सस्ता तीन गुना वेतन देना पड़ रहा स्टाफ की कमी है। जो स्टाफ है, उसे तीन गुना वेतन दे रहे हैं। इलाज भी महंगा है। अलग से चार्ज नहीं ले रहे। - डॉ. राजेश भार्गव, डायरेक्टर, सीएचएल किट का खर्च सभी में बांट रहे पीपीई किट का चार्ज मरीजों की संख्या में बांटकर ले रहे हैं। मरीज ज्यादा दिन भर्ती हो तो बिल अधिक हो सकता है। - राहुल पाराशर, जीएम बॉम्बे हॉस्पिटल एपल हॉस्पिटल : जरूरत के हिसाब से चार्ज लगते हैं हमारे यहां मरीज की जरूरत के हिसाब से ही मैनेजमेंट ने चार्ज तय किए हैं। कोरोना काल में स्टाफ का संकट बढ़ गया है। खर्च भी ज्यादा है। इसी मान से बिल बनाए जा रहे हैं। प्रशासन को भी बता दिया। - शुभम येवले, कोरोना वार्ड के एचओडी अपोलो हॉस्पिटल : हमारे रेट हैदराबाद से तय होते हैं अस्पताल की सभी व्यवस्थाएं हैदराबाद से को-आर्डिनेट होती हैं। वहीं से रेट तय किए जाते हैं। कोरोना मरीजों के ज्यादा बिलों के संबंध में हैदराबाद से बात करने के बाद ही बता पाऊंगा। - अभिलाष पिल्लै, सीईओ राजश्री अपोलो हॉस्पिटल अरिहंत हॉस्पिटल : स्पेशल केयर चार्ज अलग से लेते हैं कोरोना मरीजों के लिए हमारे अस्पताल में रूम रेंट और अन्य चार्ज पहले की तरह ही हैं। सिर्फ 2500 रुपए रोज के हिसाब से स्पेशल केयर चार्ज ले रहे हैं। यह पीपीई किट और अन्य जरूरी चीजों के लिए हैं। - महेंद्र बांगानी, संचालक मेदांता हॉस्पिटल : हमारे चार्ज कम, दूसरे के यहां लूट हमारे यहां के चार्ज दूसरे अस्पतालों की तुलना में कम हैं। जो लगता है, उसी का चार्ज मरीजों से लिया जा रहा है। पीपीई किट के चार्ज हम सबसे कम ले रहे हैं। दूसरे अस्पतालों में तो लूट मची है। - डॉ. वीरेंद्र चौधरी, कोरोना व्यवस्था को-ऑर्डिनेटर चोइथराम अस्पताल : खर्च निकल सके, उतना ही ले रहे हम कोविड मरीजों से उतना चार्ज ही ले रहे हैं, जितने में अस्पताल के सारे खर्च और कर्मचारियों का वेतन निकल सके। हमारे चार्ज दूसरे अस्पतालों की तुलना में सबसे कम हैं। - अमित भाटिया, डिप्टी डायरेक्टर शैल्बी हॉस्पिटल : हमारे रूम प्रीमियर हैं, यही चार्ज थे हम कोरोना के नाम पर अलग से चार्ज नहीं कर रहे हैं। हमारे रूम प्रीमियर हैं। इसलिए रेंट ज्यादा है। नर्सिंग और अन्य सेवाओं के चार्ज अलग से देना होता है। कोविड आने से पहले भी यही चार्ज थे। -डॉ. नरेंद्र पटेल, कोरोना व्यवस्था को-ऑर्डिनेटर कैंसर सर्जन : कैंसर इलाज का खर्च करीब 10 हजार रुपए रोज कैंसर के मरीजों को एक दिन आईसीयू में रखने का खर्च करीब आठ हजार रुपए होता है। उन्हें प्राइवेट रूम में शिफ्ट करने पर पांच छह हजार रुपए रूम रेंट और चार हजार रुपए में डॉक्टर विजिट, नर्सिंग केयर, दवाई व अन्य तमाम खर्च आ जाते हैं। कैंसर का मरीज अच्छे से अच्छे अस्पताल में भर्ती हो तब भी औसत खर्च करीब 10 हजार रुपए प्रतिदिन ही आता है। 10 दिन में उसे इलाज के नाम पर करीब एक लाख रुपए ही चुकाने होते हैं। - डॉ. नितिन तोमर, कैंसर सर्जन सीएमएचओ : शिकायत मिलेगी तो जांच करेंगे शहर के अस्पतालों में कोरोना के इलाज के नाम पर मरीजों से मनमानी वसूली की शिकायत किसी ने नहीं की है। हालांकि इन हालातों में लाखों रुपए के बिल देना गलत बात है। कोई शिकायत करेगा तो हम अस्पतालों की जांच कराने के बाद कार्रवाई करेंगे। - डाॅ. पूर्णिमा गाडरिया, सीएमएचएओ सांसद : मई में प्रस्ताव बनाया था, लेकिन अमल नहीं हुआ अस्पतालों की मनमानी को लेकर हमने मई में प्रस्ताव बनाया था। इसके मुताबिक कोरोना के इलाज के लिए पैकेज तय करना था। प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया था, लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ है। मुझे नहीं पता कि प्रस्ताव कहां है? इस संबंध में मुख्यमंत्री से बात की है। दो-चार दिन में ठोस निर्णय ले लिया जाएगा। - शंकर लालवानी, सांसद आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर प्राइवेट रूम में 33-35 हजार और आईसीयू में 48-49 हजार रुपए तक हर दिन चार्ज लग रहा है। -फाइल फोटो https://ift.tt/3i151Fw Dainik Bhaskar इंदौर में आपदा में अमानवीयता, न मरीज गंभीर न वेंटिलेटर लगा; दो जगह इलाज, बिल बना 11 लाख रुपए

(अविनाश रावत). एप्पल हॉस्पिटल द्वारा कोरोना के मरीज को छह लाख का बिल देने के बाद भास्कर ने आठ अस्पतालों का स्टिंग किया। इसमें उनकी मनमानी वसूली का खुलासा हुआ। कुछ मरीजों को भी ढूंढा, जो गंभीर नहीं थे, फिर भी अस्पतालों ने उनसे लाखों रुपए वसूल लिए। कुछ तो ऐसे भी अस्पताल हैं, जो कोरोना मरीजों से मेडिकल वेस्ट के नाम पर शुल्क वसूल रहे हैं।

बिलों में इसकी राशि 10 गुना तक बढ़ा दी। अस्पतालों का कहना है कि स्टाफ कम हो गया है, खर्च बढ़ गए हैं। वहीं कचरा इकट्ठा कर जलाने वाली कंपनी का कहना है कि उन्हें अस्पतालों ने चार महीने से पेमेंट ही नहीं किया। डॉक्टरों ने कोरोना से हमारी लड़ाई का नेतृत्व किया है। जो संवेदनशीलता उन्होंने दिखाई वही अस्पताल भी रखें, इस उम्मीद के साथ यह रिपोर्ट...

कोरोना के बाद पेट दर्द, बिल 5.5 लाख
भोपाल के अल नूर खान कोरोना पॉजिटिव निकले। 23 जुलाई से 5 अगस्त तक मेदांता अस्पताल में भर्ती रहे। बिल साढ़े पांच लाख रु. का बना। यहां से डिस्चार्ज हो 5 से 21 अगस्त तक एप्पल हॉस्पिटल में भर्ती रहे। उन्हें बस पेट दर्द था। यहां बिल साढ़े पांच लाख का बना। कुल खर्च 11 लाख रुपए आया।

केवल चार दिन में बिल 1.63 लाख

काेरोना पीड़ित खुशबू अग्रवाल 21 अगस्त को शैल्बी हॉस्पिटल में भर्ती हुई थीं। यहां उन्हें रूम रेंट के 15 हजार 375 रुपए रोज देना पड़े। डॉक्टर विजिट के नाम पर 5000 रुपए रोज अलग से देना पड़े। महज चार दिन में ही उनका बिल एक लाख 63 हजार रु. हो गया।

पांच दिन में थमाया 3 लाख का बिल
महू के दुर्गालाल वर्मा 25 अगस्त को एप्पल अस्पताल में भर्ती हुए और 30 अगस्त को डिस्चार्ज हो गए। अस्पताल में उन्हें एक दिन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी। बाकी समय प्राइवेट रूम में दवाई चलती रही। पांच दिन में उनका बिल तीन लाख रुपए हो गया। दवाई का खर्च अलग।

क्या वायरस घुस गया है अस्पतालों के बिल सिस्टम में!

अस्पताल एप्पल बाॅम्बे मेदांता राजश्री अरिहंत शैल्बी सीएचएल चोइथराम
एडवांस 1 लाख 1 लाख 1 लाख 1 लाख 40 हजार 1 लाख 1 लाख 50000
इमरजेंसी चार्ज 5000 3000 3000 3000 1500 3000 3000 0
डॉक्टर प्रति विजिट 3000 2500 2000 3000 2000 2500 5000 2500
रूम रेंट 10500 8500 6500 8500 5000 7500 10000 5500
नर्सिंग केयर कुल बिल का 21% 3500 3500 4000 2500 स्पेशल केयर नाम दिया 1875 700 10% पूरे बिल का
आईसीयू बेड चार्ज 12500 15000 10500 12500 6000 12000 1200 6000
वेंटिलेटर 8000 8000 7000 8000 5000 8000 6000 4500
ऑक्सीजन 2800 3000 3000 3500 1800 3500 3000 1500
आईसीयू नर्सिंग केयर कुल बिल का 21% 5000 5000 5000 3500 5000 7000 10% पूरे बिल का
बायो मेडिकल चार्ज नहीं 500 500 500 500 500 नहीं 500
यूनिवर्सल प्रोटेक्शन चार्ज 1500 नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं
आइसोलेशन चार्ज 2000 2000 2000 2000 2000 2000 2000 नहीं
नेबुलाइजेशन एक बार 450 450 320 350 300 450 350 300
रूम की उपलब्धा नहीं नहीं फुल फुल फुल फुल फुल फुल
निजी रूम, औसत एक दिन 33164 25400 21820 27350 17800 21825 31050 15150
आईसीयू वेंटिलेटर 49912 44400 40820 43850 26600 42950 42050 22300
कुल 228826 221200 205960 221550 114500 211100 205050 108250

एप्पल हॉस्पिटल में बातचीत: रूम रेंट साढ़े 10 हजार रु. लगेगा

  • रिपोर्टर : हमारे रिश्तेदार को कोरोना हो गया है। भर्ती कराना है। चार्ज बता दीजिए।
  • अस्पताल : रूम खाली नहीं है। चार्ज एक लाख रुपए एडवांस लगेंगे। प्राइवेट रूम लेना होगा साढ़े 10 हजार में। आईसीयू के साढ़े 12, वेंटिलेटर के आठ, यूनिवर्सल प्रोटेक्शन चार्ज के 15 सौ रुपए रोज देना होगा। बिल का 21% नर्सिंग चार्ज भी लगेगा।
  • रिपोर्टर : एक दिन का औसत खर्च कितना आएगा ?
  • अस्पताल : प्राइवेट रूम में 33-35 हजार। आईसीयू में 48-49 हजार रुपए रोज।

मेदांता हॉस्पिटल में बातचीत: हर दिन नर्सिंग चार्ज के 3500

  • रिपोर्टर : रिश्तेदार को कोरोना है। भर्ती करवाना है।
  • अस्पताल : रूम खाली नहीं है।
  • रिपोर्टर : मरीज को होम क्वारैंटाइन किया है। इमरजेंसी के लिए चार्ज तो बता दीजिए।
  • अस्पताल : एक लाख एडवांस लगेगा। प्राइवेट रूम लेना होगा।
  • रिपोर्टर : रूम रेंट क्या है?
  • अस्पताल : साढ़े छह हजार। रोज 35 सौ रुपए नर्सिंग चार्ज भी लगेगा। इसके अलावा आईसीयू के साढ़े 10 और वेंटिलेटर के सात हजार। एक दिन में कम से कम तीन डॉक्टर विजिट होंगी। प्रत्येक के दो हजार लगेंगे।

अस्पतालों का तर्क : दूसरों के यहां तो लूट मची है, हमारे यहां इलाज सबसे सस्ता

तीन गुना वेतन देना पड़ रहा
स्टाफ की कमी है। जो स्टाफ है, उसे तीन गुना वेतन दे रहे हैं। इलाज भी महंगा है। अलग से चार्ज नहीं ले रहे।
- डॉ. राजेश भार्गव, डायरेक्टर, सीएचएल

किट का खर्च सभी में बांट रहे
पीपीई किट का चार्ज मरीजों की संख्या में बांटकर ले रहे हैं। मरीज ज्यादा दिन भर्ती हो तो बिल अधिक हो सकता है।
- राहुल पाराशर, जीएम बॉम्बे हॉस्पिटल

एपल हॉस्पिटल : जरूरत के हिसाब से चार्ज लगते हैं
हमारे यहां मरीज की जरूरत के हिसाब से ही मैनेजमेंट ने चार्ज तय किए हैं। कोरोना काल में स्टाफ का संकट बढ़ गया है। खर्च भी ज्यादा है। इसी मान से बिल बनाए जा रहे हैं। प्रशासन को भी बता दिया।
- शुभम येवले, कोरोना वार्ड के एचओडी

अपोलो हॉस्पिटल : हमारे रेट हैदराबाद से तय होते हैं

अस्पताल की सभी व्यवस्थाएं हैदराबाद से को-आर्डिनेट होती हैं। वहीं से रेट तय किए जाते हैं। कोरोना मरीजों के ज्यादा बिलों के संबंध में हैदराबाद से बात करने के बाद ही बता पाऊंगा।
- अभिलाष पिल्लै, सीईओ राजश्री अपोलो हॉस्पिटल

अरिहंत हॉस्पिटल : स्पेशल केयर चार्ज अलग से लेते हैं

कोरोना मरीजों के लिए हमारे अस्पताल में रूम रेंट और अन्य चार्ज पहले की तरह ही हैं। सिर्फ 2500 रुपए रोज के हिसाब से स्पेशल केयर चार्ज ले रहे हैं। यह पीपीई किट और अन्य जरूरी चीजों के लिए हैं।
- महेंद्र बांगानी, संचालक

मेदांता हॉस्पिटल : हमारे चार्ज कम, दूसरे के यहां लूट

हमारे यहां के चार्ज दूसरे अस्पतालों की तुलना में कम हैं। जो लगता है, उसी का चार्ज मरीजों से लिया जा रहा है। पीपीई किट के चार्ज हम सबसे कम ले रहे हैं। दूसरे अस्पतालों में तो लूट मची है।
- डॉ. वीरेंद्र चौधरी, कोरोना व्यवस्था को-ऑर्डिनेटर

चोइथराम अस्पताल : खर्च निकल सके, उतना ही ले रहे

हम कोविड मरीजों से उतना चार्ज ही ले रहे हैं, जितने में अस्पताल के सारे खर्च और कर्मचारियों का वेतन निकल सके। हमारे चार्ज दूसरे अस्पतालों की तुलना में सबसे कम हैं।
- अमित भाटिया, डिप्टी डायरेक्टर

शैल्बी हॉस्पिटल : हमारे रूम प्रीमियर हैं, यही चार्ज थे

हम कोरोना के नाम पर अलग से चार्ज नहीं कर रहे हैं। हमारे रूम प्रीमियर हैं। इसलिए रेंट ज्यादा है। नर्सिंग और अन्य सेवाओं के चार्ज अलग से देना होता है। कोविड आने से पहले भी यही चार्ज थे।
-डॉ. नरेंद्र पटेल, कोरोना व्यवस्था को-ऑर्डिनेटर

कैंसर सर्जन : कैंसर इलाज का खर्च करीब 10 हजार रुपए रोज

कैंसर के मरीजों को एक दिन आईसीयू में रखने का खर्च करीब आठ हजार रुपए होता है। उन्हें प्राइवेट रूम में शिफ्ट करने पर पांच छह हजार रुपए रूम रेंट और चार हजार रुपए में डॉक्टर विजिट, नर्सिंग केयर, दवाई व अन्य तमाम खर्च आ जाते हैं। कैंसर का मरीज अच्छे से अच्छे अस्पताल में भर्ती हो तब भी औसत खर्च करीब 10 हजार रुपए प्रतिदिन ही आता है। 10 दिन में उसे इलाज के नाम पर करीब एक लाख रुपए ही चुकाने होते हैं।
- डॉ. नितिन तोमर, कैंसर सर्जन

सीएमएचओ : शिकायत मिलेगी तो जांच करेंगे
शहर के अस्पतालों में कोरोना के इलाज के नाम पर मरीजों से मनमानी वसूली की शिकायत किसी ने नहीं की है। हालांकि इन हालातों में लाखों रुपए के बिल देना गलत बात है। कोई शिकायत करेगा तो हम अस्पतालों की जांच कराने के बाद कार्रवाई करेंगे।
- डाॅ. पूर्णिमा गाडरिया, सीएमएचएओ

सांसद : मई में प्रस्ताव बनाया था, लेकिन अमल नहीं हुआ

अस्पतालों की मनमानी को लेकर हमने मई में प्रस्ताव बनाया था। इसके मुताबिक कोरोना के इलाज के लिए पैकेज तय करना था। प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया था, लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ है। मुझे नहीं पता कि प्रस्ताव कहां है? इस संबंध में मुख्यमंत्री से बात की है। दो-चार दिन में ठोस निर्णय ले लिया जाएगा।
- शंकर लालवानी, सांसद



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हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर प्राइवेट रूम में 33-35 हजार और आईसीयू में 48-49 हजार रुपए तक हर दिन चार्ज लग रहा है। -फाइल फोटो


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(अविनाश रावत). एप्पल हॉस्पिटल द्वारा कोरोना के मरीज को छह लाख का बिल देने के बाद भास्कर ने आठ अस्पतालों का स्टिंग किया। इसमें उनकी मनमानी वसूली का खुलासा हुआ। कुछ मरीजों को भी ढूंढा, जो गंभीर नहीं थे, फिर भी अस्पतालों ने उनसे लाखों रुपए वसूल लिए। कुछ तो ऐसे भी अस्पताल हैं, जो कोरोना मरीजों से मेडिकल वेस्ट के नाम पर शुल्क वसूल रहे हैं। बिलों में इसकी राशि 10 गुना तक बढ़ा दी। अस्पतालों का कहना है कि स्टाफ कम हो गया है, खर्च बढ़ गए हैं। वहीं कचरा इकट्ठा कर जलाने वाली कंपनी का कहना है कि उन्हें अस्पतालों ने चार महीने से पेमेंट ही नहीं किया। डॉक्टरों ने कोरोना से हमारी लड़ाई का नेतृत्व किया है। जो संवेदनशीलता उन्होंने दिखाई वही अस्पताल भी रखें, इस उम्मीद के साथ यह रिपोर्ट... कोरोना के बाद पेट दर्द, बिल 5.5 लाख भोपाल के अल नूर खान कोरोना पॉजिटिव निकले। 23 जुलाई से 5 अगस्त तक मेदांता अस्पताल में भर्ती रहे। बिल साढ़े पांच लाख रु. का बना। यहां से डिस्चार्ज हो 5 से 21 अगस्त तक एप्पल हॉस्पिटल में भर्ती रहे। उन्हें बस पेट दर्द था। यहां बिल साढ़े पांच लाख का बना। कुल खर्च 11 लाख रुपए आया। केवल चार दिन में बिल 1.63 लाख काेरोना पीड़ित खुशबू अग्रवाल 21 अगस्त को शैल्बी हॉस्पिटल में भर्ती हुई थीं। यहां उन्हें रूम रेंट के 15 हजार 375 रुपए रोज देना पड़े। डॉक्टर विजिट के नाम पर 5000 रुपए रोज अलग से देना पड़े। महज चार दिन में ही उनका बिल एक लाख 63 हजार रु. हो गया। पांच दिन में थमाया 3 लाख का बिल महू के दुर्गालाल वर्मा 25 अगस्त को एप्पल अस्पताल में भर्ती हुए और 30 अगस्त को डिस्चार्ज हो गए। अस्पताल में उन्हें एक दिन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी। बाकी समय प्राइवेट रूम में दवाई चलती रही। पांच दिन में उनका बिल तीन लाख रुपए हो गया। दवाई का खर्च अलग। क्या वायरस घुस गया है अस्पतालों के बिल सिस्टम में! अस्पताल एप्पल बाॅम्बे मेदांता राजश्री अरिहंत शैल्बी सीएचएल चोइथराम एडवांस 1 लाख 1 लाख 1 लाख 1 लाख 40 हजार 1 लाख 1 लाख 50000 इमरजेंसी चार्ज 5000 3000 3000 3000 1500 3000 3000 0 डॉक्टर प्रति विजिट 3000 2500 2000 3000 2000 2500 5000 2500 रूम रेंट 10500 8500 6500 8500 5000 7500 10000 5500 नर्सिंग केयर कुल बिल का 21% 3500 3500 4000 2500 स्पेशल केयर नाम दिया 1875 700 10% पूरे बिल का आईसीयू बेड चार्ज 12500 15000 10500 12500 6000 12000 1200 6000 वेंटिलेटर 8000 8000 7000 8000 5000 8000 6000 4500 ऑक्सीजन 2800 3000 3000 3500 1800 3500 3000 1500 आईसीयू नर्सिंग केयर कुल बिल का 21% 5000 5000 5000 3500 5000 7000 10% पूरे बिल का बायो मेडिकल चार्ज नहीं 500 500 500 500 500 नहीं 500 यूनिवर्सल प्रोटेक्शन चार्ज 1500 नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं आइसोलेशन चार्ज 2000 2000 2000 2000 2000 2000 2000 नहीं नेबुलाइजेशन एक बार 450 450 320 350 300 450 350 300 रूम की उपलब्धा नहीं नहीं फुल फुल फुल फुल फुल फुल निजी रूम, औसत एक दिन 33164 25400 21820 27350 17800 21825 31050 15150 आईसीयू वेंटिलेटर 49912 44400 40820 43850 26600 42950 42050 22300 कुल 228826 221200 205960 221550 114500 211100 205050 108250 एप्पल हॉस्पिटल में बातचीत: रूम रेंट साढ़े 10 हजार रु. लगेगा रिपोर्टर : हमारे रिश्तेदार को कोरोना हो गया है। भर्ती कराना है। चार्ज बता दीजिए। अस्पताल : रूम खाली नहीं है। चार्ज एक लाख रुपए एडवांस लगेंगे। प्राइवेट रूम लेना होगा साढ़े 10 हजार में। आईसीयू के साढ़े 12, वेंटिलेटर के आठ, यूनिवर्सल प्रोटेक्शन चार्ज के 15 सौ रुपए रोज देना होगा। बिल का 21% नर्सिंग चार्ज भी लगेगा। रिपोर्टर : एक दिन का औसत खर्च कितना आएगा ? अस्पताल : प्राइवेट रूम में 33-35 हजार। आईसीयू में 48-49 हजार रुपए रोज। मेदांता हॉस्पिटल में बातचीत: हर दिन नर्सिंग चार्ज के 3500 रिपोर्टर : रिश्तेदार को कोरोना है। भर्ती करवाना है। अस्पताल : रूम खाली नहीं है। रिपोर्टर : मरीज को होम क्वारैंटाइन किया है। इमरजेंसी के लिए चार्ज तो बता दीजिए। अस्पताल : एक लाख एडवांस लगेगा। प्राइवेट रूम लेना होगा। रिपोर्टर : रूम रेंट क्या है? अस्पताल : साढ़े छह हजार। रोज 35 सौ रुपए नर्सिंग चार्ज भी लगेगा। इसके अलावा आईसीयू के साढ़े 10 और वेंटिलेटर के सात हजार। एक दिन में कम से कम तीन डॉक्टर विजिट होंगी। प्रत्येक के दो हजार लगेंगे। अस्पतालों का तर्क : दूसरों के यहां तो लूट मची है, हमारे यहां इलाज सबसे सस्ता तीन गुना वेतन देना पड़ रहा स्टाफ की कमी है। जो स्टाफ है, उसे तीन गुना वेतन दे रहे हैं। इलाज भी महंगा है। अलग से चार्ज नहीं ले रहे। - डॉ. राजेश भार्गव, डायरेक्टर, सीएचएल किट का खर्च सभी में बांट रहे पीपीई किट का चार्ज मरीजों की संख्या में बांटकर ले रहे हैं। मरीज ज्यादा दिन भर्ती हो तो बिल अधिक हो सकता है। - राहुल पाराशर, जीएम बॉम्बे हॉस्पिटल एपल हॉस्पिटल : जरूरत के हिसाब से चार्ज लगते हैं हमारे यहां मरीज की जरूरत के हिसाब से ही मैनेजमेंट ने चार्ज तय किए हैं। कोरोना काल में स्टाफ का संकट बढ़ गया है। खर्च भी ज्यादा है। इसी मान से बिल बनाए जा रहे हैं। प्रशासन को भी बता दिया। - शुभम येवले, कोरोना वार्ड के एचओडी अपोलो हॉस्पिटल : हमारे रेट हैदराबाद से तय होते हैं अस्पताल की सभी व्यवस्थाएं हैदराबाद से को-आर्डिनेट होती हैं। वहीं से रेट तय किए जाते हैं। कोरोना मरीजों के ज्यादा बिलों के संबंध में हैदराबाद से बात करने के बाद ही बता पाऊंगा। - अभिलाष पिल्लै, सीईओ राजश्री अपोलो हॉस्पिटल अरिहंत हॉस्पिटल : स्पेशल केयर चार्ज अलग से लेते हैं कोरोना मरीजों के लिए हमारे अस्पताल में रूम रेंट और अन्य चार्ज पहले की तरह ही हैं। सिर्फ 2500 रुपए रोज के हिसाब से स्पेशल केयर चार्ज ले रहे हैं। यह पीपीई किट और अन्य जरूरी चीजों के लिए हैं। - महेंद्र बांगानी, संचालक मेदांता हॉस्पिटल : हमारे चार्ज कम, दूसरे के यहां लूट हमारे यहां के चार्ज दूसरे अस्पतालों की तुलना में कम हैं। जो लगता है, उसी का चार्ज मरीजों से लिया जा रहा है। पीपीई किट के चार्ज हम सबसे कम ले रहे हैं। दूसरे अस्पतालों में तो लूट मची है। - डॉ. वीरेंद्र चौधरी, कोरोना व्यवस्था को-ऑर्डिनेटर चोइथराम अस्पताल : खर्च निकल सके, उतना ही ले रहे हम कोविड मरीजों से उतना चार्ज ही ले रहे हैं, जितने में अस्पताल के सारे खर्च और कर्मचारियों का वेतन निकल सके। हमारे चार्ज दूसरे अस्पतालों की तुलना में सबसे कम हैं। - अमित भाटिया, डिप्टी डायरेक्टर शैल्बी हॉस्पिटल : हमारे रूम प्रीमियर हैं, यही चार्ज थे हम कोरोना के नाम पर अलग से चार्ज नहीं कर रहे हैं। हमारे रूम प्रीमियर हैं। इसलिए रेंट ज्यादा है। नर्सिंग और अन्य सेवाओं के चार्ज अलग से देना होता है। कोविड आने से पहले भी यही चार्ज थे। -डॉ. नरेंद्र पटेल, कोरोना व्यवस्था को-ऑर्डिनेटर कैंसर सर्जन : कैंसर इलाज का खर्च करीब 10 हजार रुपए रोज कैंसर के मरीजों को एक दिन आईसीयू में रखने का खर्च करीब आठ हजार रुपए होता है। उन्हें प्राइवेट रूम में शिफ्ट करने पर पांच छह हजार रुपए रूम रेंट और चार हजार रुपए में डॉक्टर विजिट, नर्सिंग केयर, दवाई व अन्य तमाम खर्च आ जाते हैं। कैंसर का मरीज अच्छे से अच्छे अस्पताल में भर्ती हो तब भी औसत खर्च करीब 10 हजार रुपए प्रतिदिन ही आता है। 10 दिन में उसे इलाज के नाम पर करीब एक लाख रुपए ही चुकाने होते हैं। - डॉ. नितिन तोमर, कैंसर सर्जन सीएमएचओ : शिकायत मिलेगी तो जांच करेंगे शहर के अस्पतालों में कोरोना के इलाज के नाम पर मरीजों से मनमानी वसूली की शिकायत किसी ने नहीं की है। हालांकि इन हालातों में लाखों रुपए के बिल देना गलत बात है। कोई शिकायत करेगा तो हम अस्पतालों की जांच कराने के बाद कार्रवाई करेंगे। - डाॅ. पूर्णिमा गाडरिया, सीएमएचएओ सांसद : मई में प्रस्ताव बनाया था, लेकिन अमल नहीं हुआ अस्पतालों की मनमानी को लेकर हमने मई में प्रस्ताव बनाया था। इसके मुताबिक कोरोना के इलाज के लिए पैकेज तय करना था। प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया था, लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ है। मुझे नहीं पता कि प्रस्ताव कहां है? इस संबंध में मुख्यमंत्री से बात की है। दो-चार दिन में ठोस निर्णय ले लिया जाएगा। - शंकर लालवानी, सांसद आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर प्राइवेट रूम में 33-35 हजार और आईसीयू में 48-49 हजार रुपए तक हर दिन चार्ज लग रहा है। -फाइल फोटो https://ift.tt/3i151Fw Dainik Bhaskar इंदौर में आपदा में अमानवीयता, न मरीज गंभीर न वेंटिलेटर लगा; दो जगह इलाज, बिल बना 11 लाख रुपए 

(अविनाश रावत). एप्पल हॉस्पिटल द्वारा कोरोना के मरीज को छह लाख का बिल देने के बाद भास्कर ने आठ अस्पतालों का स्टिंग किया। इसमें उनकी मनमानी वसूली का खुलासा हुआ। कुछ मरीजों को भी ढूंढा, जो गंभीर नहीं थे, फिर भी अस्पतालों ने उनसे लाखों रुपए वसूल लिए। कुछ तो ऐसे भी अस्पताल हैं, जो कोरोना मरीजों से मेडिकल वेस्ट के नाम पर शुल्क वसूल रहे हैं।

बिलों में इसकी राशि 10 गुना तक बढ़ा दी। अस्पतालों का कहना है कि स्टाफ कम हो गया है, खर्च बढ़ गए हैं। वहीं कचरा इकट्ठा कर जलाने वाली कंपनी का कहना है कि उन्हें अस्पतालों ने चार महीने से पेमेंट ही नहीं किया। डॉक्टरों ने कोरोना से हमारी लड़ाई का नेतृत्व किया है। जो संवेदनशीलता उन्होंने दिखाई वही अस्पताल भी रखें, इस उम्मीद के साथ यह रिपोर्ट...

कोरोना के बाद पेट दर्द, बिल 5.5 लाख
भोपाल के अल नूर खान कोरोना पॉजिटिव निकले। 23 जुलाई से 5 अगस्त तक मेदांता अस्पताल में भर्ती रहे। बिल साढ़े पांच लाख रु. का बना। यहां से डिस्चार्ज हो 5 से 21 अगस्त तक एप्पल हॉस्पिटल में भर्ती रहे। उन्हें बस पेट दर्द था। यहां बिल साढ़े पांच लाख का बना। कुल खर्च 11 लाख रुपए आया।

केवल चार दिन में बिल 1.63 लाख

काेरोना पीड़ित खुशबू अग्रवाल 21 अगस्त को शैल्बी हॉस्पिटल में भर्ती हुई थीं। यहां उन्हें रूम रेंट के 15 हजार 375 रुपए रोज देना पड़े। डॉक्टर विजिट के नाम पर 5000 रुपए रोज अलग से देना पड़े। महज चार दिन में ही उनका बिल एक लाख 63 हजार रु. हो गया।

पांच दिन में थमाया 3 लाख का बिल
महू के दुर्गालाल वर्मा 25 अगस्त को एप्पल अस्पताल में भर्ती हुए और 30 अगस्त को डिस्चार्ज हो गए। अस्पताल में उन्हें एक दिन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी। बाकी समय प्राइवेट रूम में दवाई चलती रही। पांच दिन में उनका बिल तीन लाख रुपए हो गया। दवाई का खर्च अलग।

क्या वायरस घुस गया है अस्पतालों के बिल सिस्टम में!

अस्पताल

एप्पल

बाॅम्बे

मेदांता

राजश्री

अरिहंत

शैल्बी

सीएचएल

चोइथराम

एडवांस

1 लाख

1 लाख

1 लाख

1 लाख

40 हजार

1 लाख

1 लाख

50000

इमरजेंसी चार्ज

5000

3000

3000

3000

1500

3000

3000

0

डॉक्टर प्रति विजिट

3000

2500

2000

3000

2000

2500

5000

2500

रूम रेंट

10500

8500

6500

8500

5000

7500

10000

5500

नर्सिंग केयर

कुल बिल का 21%

3500

3500

4000

2500 स्पेशल केयर नाम दिया

1875

700

10% पूरे बिल का

आईसीयू बेड चार्ज

12500

15000

10500

12500

6000

12000

1200

6000

वेंटिलेटर

8000

8000

7000

8000

5000

8000

6000

4500

ऑक्सीजन

2800

3000

3000

3500

1800

3500

3000

1500

आईसीयू नर्सिंग केयर

कुल बिल का 21%

5000

5000

5000

3500

5000

7000

10% पूरे बिल का

बायो मेडिकल चार्ज

नहीं

500

500

500

500

500

नहीं

500

यूनिवर्सल प्रोटेक्शन चार्ज

1500

नहीं

नहीं

नहीं

नहीं

नहीं

नहीं

नहीं

आइसोलेशन चार्ज

2000

2000

2000

2000

2000

2000

2000

नहीं

नेबुलाइजेशन एक बार

450

450

320

350

300

450

350

300

रूम की उपलब्धा

नहीं

नहीं

फुल

फुल

फुल

फुल

फुल

फुल

निजी रूम, औसत एक दिन

33164

25400

21820

27350

17800

21825

31050

15150

आईसीयू वेंटिलेटर

49912

44400

40820

43850

26600

42950

42050

22300

कुल

228826

221200

205960

221550

114500

211100

205050

108250

एप्पल हॉस्पिटल में बातचीत: रूम रेंट साढ़े 10 हजार रु. लगेगा

रिपोर्टर : हमारे रिश्तेदार को कोरोना हो गया है। भर्ती कराना है। चार्ज बता दीजिए।

अस्पताल : रूम खाली नहीं है। चार्ज एक लाख रुपए एडवांस लगेंगे। प्राइवेट रूम लेना होगा साढ़े 10 हजार में। आईसीयू के साढ़े 12, वेंटिलेटर के आठ, यूनिवर्सल प्रोटेक्शन चार्ज के 15 सौ रुपए रोज देना होगा। बिल का 21% नर्सिंग चार्ज भी लगेगा।

रिपोर्टर : एक दिन का औसत खर्च कितना आएगा ?

अस्पताल : प्राइवेट रूम में 33-35 हजार। आईसीयू में 48-49 हजार रुपए रोज।

मेदांता हॉस्पिटल में बातचीत: हर दिन नर्सिंग चार्ज के 3500

रिपोर्टर : रिश्तेदार को कोरोना है। भर्ती करवाना है।

अस्पताल : रूम खाली नहीं है।

रिपोर्टर : मरीज को होम क्वारैंटाइन किया है। इमरजेंसी के लिए चार्ज तो बता दीजिए।

अस्पताल : एक लाख एडवांस लगेगा। प्राइवेट रूम लेना होगा।

रिपोर्टर : रूम रेंट क्या है?

अस्पताल : साढ़े छह हजार। रोज 35 सौ रुपए नर्सिंग चार्ज भी लगेगा। इसके अलावा आईसीयू के साढ़े 10 और वेंटिलेटर के सात हजार। एक दिन में कम से कम तीन डॉक्टर विजिट होंगी। प्रत्येक के दो हजार लगेंगे।

अस्पतालों का तर्क : दूसरों के यहां तो लूट मची है, हमारे यहां इलाज सबसे सस्ता

तीन गुना वेतन देना पड़ रहा
स्टाफ की कमी है। जो स्टाफ है, उसे तीन गुना वेतन दे रहे हैं। इलाज भी महंगा है। अलग से चार्ज नहीं ले रहे।
- डॉ. राजेश भार्गव, डायरेक्टर, सीएचएल

किट का खर्च सभी में बांट रहे
पीपीई किट का चार्ज मरीजों की संख्या में बांटकर ले रहे हैं। मरीज ज्यादा दिन भर्ती हो तो बिल अधिक हो सकता है।
- राहुल पाराशर, जीएम बॉम्बे हॉस्पिटल

एपल हॉस्पिटल : जरूरत के हिसाब से चार्ज लगते हैं
हमारे यहां मरीज की जरूरत के हिसाब से ही मैनेजमेंट ने चार्ज तय किए हैं। कोरोना काल में स्टाफ का संकट बढ़ गया है। खर्च भी ज्यादा है। इसी मान से बिल बनाए जा रहे हैं। प्रशासन को भी बता दिया।
- शुभम येवले, कोरोना वार्ड के एचओडी

अपोलो हॉस्पिटल : हमारे रेट हैदराबाद से तय होते हैं

अस्पताल की सभी व्यवस्थाएं हैदराबाद से को-आर्डिनेट होती हैं। वहीं से रेट तय किए जाते हैं। कोरोना मरीजों के ज्यादा बिलों के संबंध में हैदराबाद से बात करने के बाद ही बता पाऊंगा।
- अभिलाष पिल्लै, सीईओ राजश्री अपोलो हॉस्पिटल

अरिहंत हॉस्पिटल : स्पेशल केयर चार्ज अलग से लेते हैं

कोरोना मरीजों के लिए हमारे अस्पताल में रूम रेंट और अन्य चार्ज पहले की तरह ही हैं। सिर्फ 2500 रुपए रोज के हिसाब से स्पेशल केयर चार्ज ले रहे हैं। यह पीपीई किट और अन्य जरूरी चीजों के लिए हैं।
- महेंद्र बांगानी, संचालक

मेदांता हॉस्पिटल : हमारे चार्ज कम, दूसरे के यहां लूट

हमारे यहां के चार्ज दूसरे अस्पतालों की तुलना में कम हैं। जो लगता है, उसी का चार्ज मरीजों से लिया जा रहा है। पीपीई किट के चार्ज हम सबसे कम ले रहे हैं। दूसरे अस्पतालों में तो लूट मची है।
- डॉ. वीरेंद्र चौधरी, कोरोना व्यवस्था को-ऑर्डिनेटर

चोइथराम अस्पताल : खर्च निकल सके, उतना ही ले रहे

हम कोविड मरीजों से उतना चार्ज ही ले रहे हैं, जितने में अस्पताल के सारे खर्च और कर्मचारियों का वेतन निकल सके। हमारे चार्ज दूसरे अस्पतालों की तुलना में सबसे कम हैं।
- अमित भाटिया, डिप्टी डायरेक्टर

शैल्बी हॉस्पिटल : हमारे रूम प्रीमियर हैं, यही चार्ज थे

हम कोरोना के नाम पर अलग से चार्ज नहीं कर रहे हैं। हमारे रूम प्रीमियर हैं। इसलिए रेंट ज्यादा है। नर्सिंग और अन्य सेवाओं के चार्ज अलग से देना होता है। कोविड आने से पहले भी यही चार्ज थे।
-डॉ. नरेंद्र पटेल, कोरोना व्यवस्था को-ऑर्डिनेटर

कैंसर सर्जन : कैंसर इलाज का खर्च करीब 10 हजार रुपए रोज

कैंसर के मरीजों को एक दिन आईसीयू में रखने का खर्च करीब आठ हजार रुपए होता है। उन्हें प्राइवेट रूम में शिफ्ट करने पर पांच छह हजार रुपए रूम रेंट और चार हजार रुपए में डॉक्टर विजिट, नर्सिंग केयर, दवाई व अन्य तमाम खर्च आ जाते हैं। कैंसर का मरीज अच्छे से अच्छे अस्पताल में भर्ती हो तब भी औसत खर्च करीब 10 हजार रुपए प्रतिदिन ही आता है। 10 दिन में उसे इलाज के नाम पर करीब एक लाख रुपए ही चुकाने होते हैं।
- डॉ. नितिन तोमर, कैंसर सर्जन

सीएमएचओ : शिकायत मिलेगी तो जांच करेंगे
शहर के अस्पतालों में कोरोना के इलाज के नाम पर मरीजों से मनमानी वसूली की शिकायत किसी ने नहीं की है। हालांकि इन हालातों में लाखों रुपए के बिल देना गलत बात है। कोई शिकायत करेगा तो हम अस्पतालों की जांच कराने के बाद कार्रवाई करेंगे।
- डाॅ. पूर्णिमा गाडरिया, सीएमएचएओ

सांसद : मई में प्रस्ताव बनाया था, लेकिन अमल नहीं हुआ

अस्पतालों की मनमानी को लेकर हमने मई में प्रस्ताव बनाया था। इसके मुताबिक कोरोना के इलाज के लिए पैकेज तय करना था। प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया था, लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ है। मुझे नहीं पता कि प्रस्ताव कहां है? इस संबंध में मुख्यमंत्री से बात की है। दो-चार दिन में ठोस निर्णय ले लिया जाएगा।
- शंकर लालवानी, सांसद

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हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर प्राइवेट रूम में 33-35 हजार और आईसीयू में 48-49 हजार रुपए तक हर दिन चार्ज लग रहा है। -फाइल फोटो

https://ift.tt/3i151Fw Dainik Bhaskar इंदौर में आपदा में अमानवीयता, न मरीज गंभीर न वेंटिलेटर लगा; दो जगह इलाज, बिल बना 11 लाख रुपए Reviewed by Manish Pethev on September 04, 2020 Rating: 5

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