क्या हो रहा है वायरल: सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है। फोटो में हाथ में बैनर लिए तीन लोग शरणार्थियों का स्वागत करते दिख रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि फोटो में दो महिलाओं के बीच खड़ा शख्स वही टीचर है, जिसे बीते दिनों पेरिस में हज़रत मोहम्मद का कार्टून दिखाने की वजह से कट्टरपंथियों ने बेरहमी से मार दिया था। फोटो के साथ मैसेज शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर शरणार्थियों का समर्थन करने वालों का ऐसा ही अंजाम होने की नसीहतें दी जा रही हैं। भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी और भाजपा प्रवक्ता मेजर सुरेंद्र पुनिया ने फोटो इसी दावे के साथ शेयर किया। फ़ोटो में जो बीच में खड़ा है वो वही टीचर है जिसका एक जिहादी ने पेरिस में सर काट दिया था...कुछ साल पहले वो फ़्रांस में आने वाले Refugees का स्वागत कर रहा था पर उसे क्या पता था कि वो refugee उसी का गला काट देंगे ये उन लिबरांडुओं के लिये है जो भारत में रोहिंग्या को बसाना चाहते हैं pic.twitter.com/u10T8CmOPo — Major Surendra Poonia (@MajorPoonia) October 22, 2020 और सच क्या है? मेजर सुरेंद्र पूनिया ने फोटो को कुछ साल पहले का बताया है। ट्वीट में लिखा है- कुछ साल पहले वो फ्रांस में आने वाले Refugees का स्वागत कर रहा था । जबकि वायरल हो रही फोटो में तीनों लोग मास्क लगाए हुए हैं, जिससे स्पष्ट हो रहा है कि फोटो कुछ साल पहले की नहीं कोरोना काल की ही है। फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें 17 अक्टूबर को Good Chance नाम के ग्रुप के ट्विटर हैंडल से किया गया एक ट्वीट मिला। जिसमें लिखा है- आज गुड चांस टीम ने फोकस्टोन में शरणार्थियों का स्वागत किया। इस ट्वीट से हमें एक क्लू मिला कि फोटो फ्रांस की बजाए इंग्लैंड के फोकस्टोन की हो सकती है। Today the Good Chance team are in Folkestone to #WelcomeRefugees. The people of Kent are out in force at the Napier Barracks to let people know that they are WELCOME @_KRAN_ pic.twitter.com/Q9EbiR2YNQ — Good Chance (@GoodChanceCal) October 17, 2020 Google पर Folkestone refugee welcome की वर्ड लिखकर सर्च करने से द गार्जियन वेबसाइट की एक खबर हमारे सामने आई। खबर के अनुसार, 17 अक्टूबर को इंग्लैंड के फोकस्टोन में लगभग 200 लोगों ने शरणार्थियों के लिए स्वागत समारोह आयोजित किया था। फोटो इसी समारोह की है। पैगम्बर का कार्टून दिखाने पर मारे गए शिक्षक सैमुअल पेटी की असली फोटो का वायरल फोटो में खड़े शख्स की शक्ल से हमने मिलान किया। स्पष्ट हो रहा है कि दोनों अलग-अलग हैं। बीबीसी की खबर के अनुसार, सैमुअल पेटी की हत्या शुक्रवार ( 16 अक्टूबर) शाम 5 बजे हुई थी। दूसरी तरफ पड़ताल में हम पहले ही पता लगा चुके हैं कि शरणार्थियों के समर्थन में इंग्लैंड में 17 अक्टूबर को आयोजन हुआ था। यानी फोटो में दो लड़कियों के बीच खड़े शख्स की फोटो हत्या के एक दिन बाद की है। शरणार्थियों के समर्थन में हुए जिस समारोह की फोटो वायरल हो रही है, वो इंग्लैंड में हुआ था। और टीचर का सिर काटे जाने की घटना पेरिस में हुई। गूगल मैप के अनुसार, इन जगहों की दूरी लगभग 405 किलोमीटर है। मेजर सुरेंद्र पुनिया का ये दावा फेक है कि सैमुअल पेटी फ्रांस आने वाले शरणार्थियों का समर्थन कर रहे थे। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Fact Check: Teacher brutally killed by the cartels for showing a cartoon of Hazrat Muhammad, was he agitating in support of the refugees? BJP spokesperson Major Surendra Punia shared a photo with a false claim. https://ift.tt/3jgXB0w Dainik Bhaskar पैगम्बर का कार्टून दिखाने पर मारा गया टीचर शरणार्थियों का समर्थन कर रहा था? जानें पूरा सच
क्या हो रहा है वायरल: सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है। फोटो में हाथ में बैनर लिए तीन लोग शरणार्थियों का स्वागत करते दिख रहे हैं।
दावा किया जा रहा है कि फोटो में दो महिलाओं के बीच खड़ा शख्स वही टीचर है, जिसे बीते दिनों पेरिस में हज़रत मोहम्मद का कार्टून दिखाने की वजह से कट्टरपंथियों ने बेरहमी से मार दिया था।
फोटो के साथ मैसेज शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर शरणार्थियों का समर्थन करने वालों का ऐसा ही अंजाम होने की नसीहतें दी जा रही हैं। भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी और भाजपा प्रवक्ता मेजर सुरेंद्र पुनिया ने फोटो इसी दावे के साथ शेयर किया।
फ़ोटो में जो बीच में खड़ा है वो वही टीचर है जिसका एक जिहादी ने पेरिस में सर काट दिया था...कुछ साल पहले वो फ़्रांस में आने वाले Refugees का स्वागत कर रहा था पर उसे क्या पता था कि वो refugee उसी का गला काट देंगे
— Major Surendra Poonia (@MajorPoonia) October 22, 2020
ये उन लिबरांडुओं के लिये है जो भारत में रोहिंग्या को बसाना चाहते हैं pic.twitter.com/u10T8CmOPo
और सच क्या है?
- मेजर सुरेंद्र पूनिया ने फोटो को कुछ साल पहले का बताया है। ट्वीट में लिखा है- कुछ साल पहले वो फ्रांस में आने वाले Refugees का स्वागत कर रहा था । जबकि वायरल हो रही फोटो में तीनों लोग मास्क लगाए हुए हैं, जिससे स्पष्ट हो रहा है कि फोटो कुछ साल पहले की नहीं कोरोना काल की ही है।
- फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें 17 अक्टूबर को Good Chance नाम के ग्रुप के ट्विटर हैंडल से किया गया एक ट्वीट मिला। जिसमें लिखा है- आज गुड चांस टीम ने फोकस्टोन में शरणार्थियों का स्वागत किया। इस ट्वीट से हमें एक क्लू मिला कि फोटो फ्रांस की बजाए इंग्लैंड के फोकस्टोन की हो सकती है।
Today the Good Chance team are in Folkestone to #WelcomeRefugees. The people of Kent are out in force at the Napier Barracks to let people know that they are WELCOME @_KRAN_ pic.twitter.com/Q9EbiR2YNQ
— Good Chance (@GoodChanceCal) October 17, 2020
- Google पर Folkestone refugee welcome की वर्ड लिखकर सर्च करने से द गार्जियन वेबसाइट की एक खबर हमारे सामने आई। खबर के अनुसार, 17 अक्टूबर को इंग्लैंड के फोकस्टोन में लगभग 200 लोगों ने शरणार्थियों के लिए स्वागत समारोह आयोजित किया था। फोटो इसी समारोह की है।

- पैगम्बर का कार्टून दिखाने पर मारे गए शिक्षक सैमुअल पेटी की असली फोटो का वायरल फोटो में खड़े शख्स की शक्ल से हमने मिलान किया। स्पष्ट हो रहा है कि दोनों अलग-अलग हैं।

- बीबीसी की खबर के अनुसार, सैमुअल पेटी की हत्या शुक्रवार ( 16 अक्टूबर) शाम 5 बजे हुई थी। दूसरी तरफ पड़ताल में हम पहले ही पता लगा चुके हैं कि शरणार्थियों के समर्थन में इंग्लैंड में 17 अक्टूबर को आयोजन हुआ था। यानी फोटो में दो लड़कियों के बीच खड़े शख्स की फोटो हत्या के एक दिन बाद की है।

- शरणार्थियों के समर्थन में हुए जिस समारोह की फोटो वायरल हो रही है, वो इंग्लैंड में हुआ था। और टीचर का सिर काटे जाने की घटना पेरिस में हुई। गूगल मैप के अनुसार, इन जगहों की दूरी लगभग 405 किलोमीटर है। मेजर सुरेंद्र पुनिया का ये दावा फेक है कि सैमुअल पेटी फ्रांस आने वाले शरणार्थियों का समर्थन कर रहे थे।
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