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दुनियाभर में इस समय मास्क की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की कोशिश है। ताकि इसे लगाने वाला शख्स कोरोना से तो बचा ही रहे साथ ही उसे आराम भी लगे। अमेरिका में कई वैज्ञानिकों ने तकिए के कपड़े से लेकर एयर फिल्टर में लगने वाले हाई एफिशिएंसी पर्टिकुलेट एयर फिल्टर (एचईपीए) तक को मास्क के लिए जांचा है। इनमें देखा गया है कि अति सूक्ष्म कणों को रोकने के लिए कौन सा फैब्रिक सबसे उपयोगी है। हालिया शोध में पता चला है कि एचईपीए फिल्टर कोरोना को रोकने के लिए सबसे बेहतर पाए गए हैं। इस शोध में गले में पहने जाने वाले स्कार्व्स, रुमाल, कॉफी फिल्टर, सर्दियों में पहने जाने वाले पायजामे आदि के फैब्रिक पर भी अध्ययन किया गया है। स्कार्व्स और पायजामे जैसी चीजों के फैब्रिक सुरक्षित नहीं स्कार्व्स और पायजामे जैसी चीजों के फैब्रिक सूक्ष्म कणों को रोकते तो हैं लेकिन इन्हें बहुत सुरक्षित नहीं माना गया है। इनके स्कोर सबसे कम आए हैं। एरोसॉल संबंधी रिसर्च के लिए अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड जीत चुके मिसौरी यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. यैंग वैंग कहते हैं कि आपको एक ऐसा फैब्रिक चाहिए होता है जो सूक्ष्म कणों को फिल्टर भी करे और आप मास्क लगाने के बाद आसानी से सांस भी ले सकें। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल बताते हैं- हमारे लिए 3 लेयर वाले मास्क उपयुक्त हैं। इसमें पहली लेयर बाहर से आने वाले पानी और दूसरी तरह की तरल चीजों को रोकती है। दूसरी लेयर बैक्टीरिया और वायरस को रोकती है। जबकि तीसरी लेयर मास्क में मॉश्चर नहीं होने देती है। सुरक्षित फेस मास्क के बारे में तीन अहम सवाल एन-95 कितने सुरक्षित? विशेषज्ञ एन-95 को अच्छा मेडिकल मास्क मानते हैं। यह 0.3 माइक्रॉन तक के छोटे कणों को 95% तक फिल्टर कर देता है। जबकि साधारण सर्जिकल मास्क जो फैब्रिक को दोहरा करके बनाया जाता है, वो ऐसे कणों को 60 से 80% तक फिल्टर कर देता है। किस कपड़े से मास्क बनाएं? घर में बने मास्क में क्विल्टिंग फैब्रिक से बने मास्क सबसे सुरक्षित हैं। ये 79% तक सूक्ष्म कणों को फिल्टर कर देते हैं। क्विल्टिंग कॉटन सामान्य कॉटन से थोड़े कड़े होते हैं। इनमें धागे ज्यादा होते हैं। कॉटन के कपड़े को 3 लेयर में फोल्ड करने को भी क्विल्टिंग कहते हैं। मास्क को जांचने का तरीका? वेक फॉरेस्ट बैपटिस्ट हेल्थ के डॉ. स्कॉट सीगल ने बताया कि मास्क को चमकीली रोशनी के सामने उठाइए। यदि मास्क के फाइबर में से रोशनी छन कर आए तो कपड़ा ठीक नहीं है। अगर बुनाई अच्छी है तो रोशनी नहीं छनेगी, ऐसे मास्क सुरक्षित माने जाते हैं। -न्यूयॉर्क टाइम्स से विशेष अनुबंध के तहत आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें हाल ही में अमेरिका की रेडक्लिफ मेडिकल डिवाइस कंपनी ने लीफ नाम के मास्क बनाए हैं। इन्हें एचईपीए फिल्टर सेे बनाया गया है। (प्रतीकात्मक फोटो) https://ift.tt/2D5zFxU Dainik Bhaskar एयर प्यूरीफायर में लगने वाले फिल्टर से बने फेस मास्क सबसे सुरक्षित; घर में तीन लेयर वाले मास्क ही बनाएं

दुनियाभर में इस समय मास्क की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की कोशिश है। ताकि इसे लगाने वाला शख्स कोरोना से तो बचा ही रहे साथ ही उसे आराम भी लगे। अमेरिका में कई वैज्ञानिकों ने तकिए के कपड़े से लेकर एयर फिल्टर में लगने वाले हाई एफिशिएंसी पर्टिकुलेट एयर फिल्टर (एचईपीए) तक को मास्क के लिए जांचा है।

इनमें देखा गया है कि अति सूक्ष्म कणों को रोकने के लिए कौन सा फैब्रिक सबसे उपयोगी है। हालिया शोध में पता चला है कि एचईपीए फिल्टर कोरोना को रोकने के लिए सबसे बेहतर पाए गए हैं। इस शोध में गले में पहने जाने वाले स्कार्व्स, रुमाल, कॉफी फिल्टर, सर्दियों में पहने जाने वाले पायजामे आदि के फैब्रिक पर भी अध्ययन किया गया है।

स्कार्व्स और पायजामे जैसी चीजों के फैब्रिक सुरक्षित नहीं

स्कार्व्स और पायजामे जैसी चीजों के फैब्रिक सूक्ष्म कणों को रोकते तो हैं लेकिन इन्हें बहुत सुरक्षित नहीं माना गया है। इनके स्कोर सबसे कम आए हैं। एरोसॉल संबंधी रिसर्च के लिए अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड जीत चुके मिसौरी यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. यैंग वैंग कहते हैं कि आपको एक ऐसा फैब्रिक चाहिए होता है जो सूक्ष्म कणों को फिल्टर भी करे और आप मास्क लगाने के बाद आसानी से सांस भी ले सकें।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल बताते हैं- हमारे लिए 3 लेयर वाले मास्क उपयुक्त हैं। इसमें पहली लेयर बाहर से आने वाले पानी और दूसरी तरह की तरल चीजों को रोकती है। दूसरी लेयर बैक्टीरिया और वायरस को रोकती है। जबकि तीसरी लेयर मास्क में मॉश्चर नहीं होने देती है।

सुरक्षित फेस मास्क के बारे में तीन अहम सवाल

  • एन-95 कितने सुरक्षित?

विशेषज्ञ एन-95 को अच्छा मेडिकल मास्क मानते हैं। यह 0.3 माइक्रॉन तक के छोटे कणों को 95% तक फिल्टर कर देता है। जबकि साधारण सर्जिकल मास्क जो फैब्रिक को दोहरा करके बनाया जाता है, वो ऐसे कणों को 60 से 80% तक फिल्टर कर देता है।

  • किस कपड़े से मास्क बनाएं?

घर में बने मास्क में क्विल्टिंग फैब्रिक से बने मास्क सबसे सुरक्षित हैं। ये 79% तक सूक्ष्म कणों को फिल्टर कर देते हैं। क्विल्टिंग कॉटन सामान्य कॉटन से थोड़े कड़े होते हैं। इनमें धागे ज्यादा होते हैं। कॉटन के कपड़े को 3 लेयर में फोल्ड करने को भी क्विल्टिंग कहते हैं।

  • मास्क को जांचने का तरीका?

वेक फॉरेस्ट बैपटिस्ट हेल्थ के डॉ. स्कॉट सीगल ने बताया कि मास्क को चमकीली रोशनी के सामने उठाइए। यदि मास्क के फाइबर में से रोशनी छन कर आए तो कपड़ा ठीक नहीं है। अगर बुनाई अच्छी है तो रोशनी नहीं छनेगी, ऐसे मास्क सुरक्षित माने जाते हैं।

-न्यूयॉर्क टाइम्स से विशेष अनुबंध के तहत



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
हाल ही में अमेरिका की रेडक्लिफ मेडिकल डिवाइस कंपनी ने लीफ नाम के मास्क बनाए हैं। इन्हें एचईपीए फिल्टर सेे बनाया गया है। (प्रतीकात्मक फोटो)


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दुनियाभर में इस समय मास्क की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की कोशिश है। ताकि इसे लगाने वाला शख्स कोरोना से तो बचा ही रहे साथ ही उसे आराम भी लगे। अमेरिका में कई वैज्ञानिकों ने तकिए के कपड़े से लेकर एयर फिल्टर में लगने वाले हाई एफिशिएंसी पर्टिकुलेट एयर फिल्टर (एचईपीए) तक को मास्क के लिए जांचा है। इनमें देखा गया है कि अति सूक्ष्म कणों को रोकने के लिए कौन सा फैब्रिक सबसे उपयोगी है। हालिया शोध में पता चला है कि एचईपीए फिल्टर कोरोना को रोकने के लिए सबसे बेहतर पाए गए हैं। इस शोध में गले में पहने जाने वाले स्कार्व्स, रुमाल, कॉफी फिल्टर, सर्दियों में पहने जाने वाले पायजामे आदि के फैब्रिक पर भी अध्ययन किया गया है। स्कार्व्स और पायजामे जैसी चीजों के फैब्रिक सुरक्षित नहीं स्कार्व्स और पायजामे जैसी चीजों के फैब्रिक सूक्ष्म कणों को रोकते तो हैं लेकिन इन्हें बहुत सुरक्षित नहीं माना गया है। इनके स्कोर सबसे कम आए हैं। एरोसॉल संबंधी रिसर्च के लिए अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड जीत चुके मिसौरी यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. यैंग वैंग कहते हैं कि आपको एक ऐसा फैब्रिक चाहिए होता है जो सूक्ष्म कणों को फिल्टर भी करे और आप मास्क लगाने के बाद आसानी से सांस भी ले सकें। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल बताते हैं- हमारे लिए 3 लेयर वाले मास्क उपयुक्त हैं। इसमें पहली लेयर बाहर से आने वाले पानी और दूसरी तरह की तरल चीजों को रोकती है। दूसरी लेयर बैक्टीरिया और वायरस को रोकती है। जबकि तीसरी लेयर मास्क में मॉश्चर नहीं होने देती है। सुरक्षित फेस मास्क के बारे में तीन अहम सवाल एन-95 कितने सुरक्षित? विशेषज्ञ एन-95 को अच्छा मेडिकल मास्क मानते हैं। यह 0.3 माइक्रॉन तक के छोटे कणों को 95% तक फिल्टर कर देता है। जबकि साधारण सर्जिकल मास्क जो फैब्रिक को दोहरा करके बनाया जाता है, वो ऐसे कणों को 60 से 80% तक फिल्टर कर देता है। किस कपड़े से मास्क बनाएं? घर में बने मास्क में क्विल्टिंग फैब्रिक से बने मास्क सबसे सुरक्षित हैं। ये 79% तक सूक्ष्म कणों को फिल्टर कर देते हैं। क्विल्टिंग कॉटन सामान्य कॉटन से थोड़े कड़े होते हैं। इनमें धागे ज्यादा होते हैं। कॉटन के कपड़े को 3 लेयर में फोल्ड करने को भी क्विल्टिंग कहते हैं। मास्क को जांचने का तरीका? वेक फॉरेस्ट बैपटिस्ट हेल्थ के डॉ. स्कॉट सीगल ने बताया कि मास्क को चमकीली रोशनी के सामने उठाइए। यदि मास्क के फाइबर में से रोशनी छन कर आए तो कपड़ा ठीक नहीं है। अगर बुनाई अच्छी है तो रोशनी नहीं छनेगी, ऐसे मास्क सुरक्षित माने जाते हैं। -न्यूयॉर्क टाइम्स से विशेष अनुबंध के तहत आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें हाल ही में अमेरिका की रेडक्लिफ मेडिकल डिवाइस कंपनी ने लीफ नाम के मास्क बनाए हैं। इन्हें एचईपीए फिल्टर सेे बनाया गया है। (प्रतीकात्मक फोटो) https://ift.tt/2D5zFxU Dainik Bhaskar एयर प्यूरीफायर में लगने वाले फिल्टर से बने फेस मास्क सबसे सुरक्षित; घर में तीन लेयर वाले मास्क ही बनाएं 

दुनियाभर में इस समय मास्क की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की कोशिश है। ताकि इसे लगाने वाला शख्स कोरोना से तो बचा ही रहे साथ ही उसे आराम भी लगे। अमेरिका में कई वैज्ञानिकों ने तकिए के कपड़े से लेकर एयर फिल्टर में लगने वाले हाई एफिशिएंसी पर्टिकुलेट एयर फिल्टर (एचईपीए) तक को मास्क के लिए जांचा है।

इनमें देखा गया है कि अति सूक्ष्म कणों को रोकने के लिए कौन सा फैब्रिक सबसे उपयोगी है। हालिया शोध में पता चला है कि एचईपीए फिल्टर कोरोना को रोकने के लिए सबसे बेहतर पाए गए हैं। इस शोध में गले में पहने जाने वाले स्कार्व्स, रुमाल, कॉफी फिल्टर, सर्दियों में पहने जाने वाले पायजामे आदि के फैब्रिक पर भी अध्ययन किया गया है।

स्कार्व्स और पायजामे जैसी चीजों के फैब्रिक सुरक्षित नहीं

स्कार्व्स और पायजामे जैसी चीजों के फैब्रिक सूक्ष्म कणों को रोकते तो हैं लेकिन इन्हें बहुत सुरक्षित नहीं माना गया है। इनके स्कोर सबसे कम आए हैं। एरोसॉल संबंधी रिसर्च के लिए अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड जीत चुके मिसौरी यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. यैंग वैंग कहते हैं कि आपको एक ऐसा फैब्रिक चाहिए होता है जो सूक्ष्म कणों को फिल्टर भी करे और आप मास्क लगाने के बाद आसानी से सांस भी ले सकें।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल बताते हैं- हमारे लिए 3 लेयर वाले मास्क उपयुक्त हैं। इसमें पहली लेयर बाहर से आने वाले पानी और दूसरी तरह की तरल चीजों को रोकती है। दूसरी लेयर बैक्टीरिया और वायरस को रोकती है। जबकि तीसरी लेयर मास्क में मॉश्चर नहीं होने देती है।

सुरक्षित फेस मास्क के बारे में तीन अहम सवाल

एन-95 कितने सुरक्षित?

विशेषज्ञ एन-95 को अच्छा मेडिकल मास्क मानते हैं। यह 0.3 माइक्रॉन तक के छोटे कणों को 95% तक फिल्टर कर देता है। जबकि साधारण सर्जिकल मास्क जो फैब्रिक को दोहरा करके बनाया जाता है, वो ऐसे कणों को 60 से 80% तक फिल्टर कर देता है।

किस कपड़े से मास्क बनाएं?

घर में बने मास्क में क्विल्टिंग फैब्रिक से बने मास्क सबसे सुरक्षित हैं। ये 79% तक सूक्ष्म कणों को फिल्टर कर देते हैं। क्विल्टिंग कॉटन सामान्य कॉटन से थोड़े कड़े होते हैं। इनमें धागे ज्यादा होते हैं। कॉटन के कपड़े को 3 लेयर में फोल्ड करने को भी क्विल्टिंग कहते हैं।

मास्क को जांचने का तरीका?

वेक फॉरेस्ट बैपटिस्ट हेल्थ के डॉ. स्कॉट सीगल ने बताया कि मास्क को चमकीली रोशनी के सामने उठाइए। यदि मास्क के फाइबर में से रोशनी छन कर आए तो कपड़ा ठीक नहीं है। अगर बुनाई अच्छी है तो रोशनी नहीं छनेगी, ऐसे मास्क सुरक्षित माने जाते हैं।

-न्यूयॉर्क टाइम्स से विशेष अनुबंध के तहत

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हाल ही में अमेरिका की रेडक्लिफ मेडिकल डिवाइस कंपनी ने लीफ नाम के मास्क बनाए हैं। इन्हें एचईपीए फिल्टर सेे बनाया गया है। (प्रतीकात्मक फोटो)

https://ift.tt/2D5zFxU Dainik Bhaskar एयर प्यूरीफायर में लगने वाले फिल्टर से बने फेस मास्क सबसे सुरक्षित; घर में तीन लेयर वाले मास्क ही बनाएं Reviewed by Manish Pethev on July 27, 2020 Rating: 5

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