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दुनियाभर की तरह फिलीपींस में भी कोरोना और लॉकडाउन के कारण हजारों लोगों की नौकरी गई। इनमें से ही एक रोनाल्डो रोजेरियो भी है। रोनाल्डो स्थानीय फूड चेन से जुड़ा था। दो माह के बच्चे और पत्नी की देखभाल के लिए उसने किराए से साइकिल लेकर राइस केक बेचने का काम शुरू कर दिया। पर कमाई का बड़ा हिस्सा साइकिल के किराए और उसकी मरम्मत में खर्च हो जाता था। ऐसे में उसे करेज टू बी काइंड फाउंडेशन से एक नई साइकिल मिली। इस फाउंडेशन ने वन बाइक एट ए टाइम पहल के तहत अब तक रोनाल्डो जैसे 50 से ज्यादा जरूरतमंदों की मदद की है। इस पहल के पीछे दंपती ग्लैंडा और जॉर्ज कैनलस हैं। कैनलस दंपती ने फाउंडेशन के जरिए साइकिल देना शुरू किया उनके 17 साल के बेटे बेंजामिन की सालभर पहले मौत हो गई थी। उसने कई बार साइकिल चलाने वालों की मदद की थी। इसी प्रेरणा से कैनलस दंपती ने फाउंडेशन के जरिए साइकिल देना शुरू किया। इसमें यह जरूरी था कि कोई परिचित नामित करे ताकि जरूरत के बारे में पता चल सके। स्थिति यह है कि नामांकन बंद होने के बाद भी रजिस्ट्रेशन की कतार है लॉकडाउन के दौरान नौकरी गंवाने वालों, फूड और पार्सल डिलीवरी के काम से जुड़े लोगों को प्राथमिकता दी गई। क्योंकि धूप, बारिश या ठंड हो, हर मौसम में उन्हें तकलीफ होती है। इस पहल की खासी चर्चा है, स्थिति यह है कि नामांकन बंद होने के बाद भी रजिस्ट्रेशन की कतार है। यह व्यवस्था भी है कि काम के लिए बाइक ले जाएं और बाद में रख सकते हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद और कोई व्यवस्था न होने पर जरूरतमंदों को इससे बड़ी मदद मिली है। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें मनीला के करेज टू बी काइंड फाउंडेशन में पहुंचे जरूरतमंद। https://ift.tt/30Qjahm Dainik Bhaskar दिवंगत बेटे से प्रेरणा लेकर दंपती ने की पहल; कोरोना के कारण बेरोजगार हुए और जरूरतमंदों को मुफ्त साइकिल दे रहे

दुनियाभर की तरह फिलीपींस में भी कोरोना और लॉकडाउन के कारण हजारों लोगों की नौकरी गई। इनमें से ही एक रोनाल्डो रोजेरियो भी है। रोनाल्डो स्थानीय फूड चेन से जुड़ा था। दो माह के बच्चे और पत्नी की देखभाल के लिए उसने किराए से साइकिल लेकर राइस केक बेचने का काम शुरू कर दिया। पर कमाई का बड़ा हिस्सा साइकिल के किराए और उसकी मरम्मत में खर्च हो जाता था।

ऐसे में उसे करेज टू बी काइंड फाउंडेशन से एक नई साइकिल मिली। इस फाउंडेशन ने वन बाइक एट ए टाइम पहल के तहत अब तक रोनाल्डो जैसे 50 से ज्यादा जरूरतमंदों की मदद की है। इस पहल के पीछे दंपती ग्लैंडा और जॉर्ज कैनलस हैं।

कैनलस दंपती ने फाउंडेशन के जरिए साइकिल देना शुरू किया

उनके 17 साल के बेटे बेंजामिन की सालभर पहले मौत हो गई थी। उसने कई बार साइकिल चलाने वालों की मदद की थी। इसी प्रेरणा से कैनलस दंपती ने फाउंडेशन के जरिए साइकिल देना शुरू किया। इसमें यह जरूरी था कि कोई परिचित नामित करे ताकि जरूरत के बारे में पता चल सके।

स्थिति यह है कि नामांकन बंद होने के बाद भी रजिस्ट्रेशन की कतार है

लॉकडाउन के दौरान नौकरी गंवाने वालों, फूड और पार्सल डिलीवरी के काम से जुड़े लोगों को प्राथमिकता दी गई। क्योंकि धूप, बारिश या ठंड हो, हर मौसम में उन्हें तकलीफ होती है। इस पहल की खासी चर्चा है, स्थिति यह है कि नामांकन बंद होने के बाद भी रजिस्ट्रेशन की कतार है।

यह व्यवस्था भी है कि काम के लिए बाइक ले जाएं और बाद में रख सकते हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद और कोई व्यवस्था न होने पर जरूरतमंदों को इससे बड़ी मदद मिली है।



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दुनियाभर की तरह फिलीपींस में भी कोरोना और लॉकडाउन के कारण हजारों लोगों की नौकरी गई। इनमें से ही एक रोनाल्डो रोजेरियो भी है। रोनाल्डो स्थानीय फूड चेन से जुड़ा था। दो माह के बच्चे और पत्नी की देखभाल के लिए उसने किराए से साइकिल लेकर राइस केक बेचने का काम शुरू कर दिया। पर कमाई का बड़ा हिस्सा साइकिल के किराए और उसकी मरम्मत में खर्च हो जाता था।

ऐसे में उसे करेज टू बी काइंड फाउंडेशन से एक नई साइकिल मिली। इस फाउंडेशन ने वन बाइक एट ए टाइम पहल के तहत अब तक रोनाल्डो जैसे 50 से ज्यादा जरूरतमंदों की मदद की है। इस पहल के पीछे दंपती ग्लैंडा और जॉर्ज कैनलस हैं।

कैनलस दंपती ने फाउंडेशन के जरिए साइकिल देना शुरू किया

उनके 17 साल के बेटे बेंजामिन की सालभर पहले मौत हो गई थी। उसने कई बार साइकिल चलाने वालों की मदद की थी। इसी प्रेरणा से कैनलस दंपती ने फाउंडेशन के जरिए साइकिल देना शुरू किया। इसमें यह जरूरी था कि कोई परिचित नामित करे ताकि जरूरत के बारे में पता चल सके।

स्थिति यह है कि नामांकन बंद होने के बाद भी रजिस्ट्रेशन की कतार है

लॉकडाउन के दौरान नौकरी गंवाने वालों, फूड और पार्सल डिलीवरी के काम से जुड़े लोगों को प्राथमिकता दी गई। क्योंकि धूप, बारिश या ठंड हो, हर मौसम में उन्हें तकलीफ होती है। इस पहल की खासी चर्चा है, स्थिति यह है कि नामांकन बंद होने के बाद भी रजिस्ट्रेशन की कतार है।

यह व्यवस्था भी है कि काम के लिए बाइक ले जाएं और बाद में रख सकते हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद और कोई व्यवस्था न होने पर जरूरतमंदों को इससे बड़ी मदद मिली है।

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मनीला के करेज टू बी काइंड फाउंडेशन में पहुंचे जरूरतमंद।

https://ift.tt/30Qjahm Dainik Bhaskar दिवंगत बेटे से प्रेरणा लेकर दंपती ने की पहल; कोरोना के कारण बेरोजगार हुए और जरूरतमंदों को मुफ्त साइकिल दे रहे Reviewed by Manish Pethev on July 27, 2020 Rating: 5

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