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via Online Shopping site in India: Shop Online for Mobiles, Books, Watches, Shoes and More - Amazon.in https://ift.tt/2DJIk9t
- Next https://ift.tt/2WnFw8y सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (CBSE) की 10वीं क्लास का रिजल्ट आज जारी किया जाएगा। अपने नतीजे का इंतजार कर रहे स्टूडेंट्स बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट cbseresults.nic.in पर रिजल्ट देख सकते हैं। इस बार बोर्ड बिना मेरिट लिस्ट यानी टॉपर्स के नाम के बिना ही परिणाम जारी करेगा।15 जुलाई तक जारी करना है रिजल्टइससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीएसई ने जानकारी दी थी कि बोर्ड रिजल्ट 15 जुलाई तक घोषित किए जाएंगे। इसी क्रम में कक्षा 12 वीं का रिजल्ट 13 जुलाई को अचानक घोषित किया गया। जिसके बाद से ही अब, स्टूडेंट्स उत्सुकता से 10वीं के रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं।18 लाख स्टूडेंट्स हुए शामिलइस बार 10वीं- 12वीं कक्षाओं की परीक्षाएं एक साथ 15 फरवरी 2020 से शुरू हुईं थी। इस साल 10वीं में करीब 18 लाख स्टूडेंट्स शामिल हुए थे। हालांकि, कोरोना के चलते 10वीं कक्षा की परीक्षाएं 19 मार्च 2020 को स्थगित कर दी गईं थी। उस समय 10वीं की चार विषयों की परीक्षाएं होना बाकी थी। वहीं, उत्तर पूर्वी दिल्ली के करीब 86 स्कूलों में 10वीं कक्षा की परीक्षाएं 26 फरवरी 2020 से ही स्थगित कर दी गई थी। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बची परीक्षाएंरद्द कर दी गईं।ऐसे देखें रिजल्टसबसे पहले CBSE की ऑफिशियल साइट cbseresults.nic.in पर जाएं।यहां होम पेज पर कक्षा 10वीं CBSE परिणाम 2020 लिंक पर क्लिक करें।अब एक नया पेज खुलने पर उम्मीदवारों को लॉगइन करना होगा।लॉगइन करते ही आपका परिणाम स्क्रीन पर प्रदर्शित होगा।रिजल्ट देखने के बाद इसे डाउनलोड कर हार्ड कॉपी रखें।पिछले साल 6 मई को जारी हुआ था रिजल्टपिछले साल बोर्ड ने 6 मई को 10वीं के परिणाम जारी किए थे। बीते साल 10वीं में करीब 91.1 प्रतिशत छात्र पास हुए थे, इनमें 92.45 फीसदी लड़कियां, 90.14 फीसदी लड़के और 94.74 प्रतिशत ट्रांसजेंडर शामिल थे। वहीं साल 2019 में 13 ऐसे स्टूडेंट्स थे, जिन्होनें 500 में से 499 अंक हासिल किए थे।जारीनहीं होगी मेरिट लिस्टइस बार बोर्ड कोरोना लॉकडाउन के कारण पैदा हुए परिस्थितियाें के चलते बाकी एग्जाम नहीं करा पाया है। ऐसे में CISCE बोर्ड की तर्ज पर CBSE ने 12वीं के बाद अब 10वीं का रिजल्ट भी बिना मेरिट लिस्ट और टॉपर्स की लिस्ट के जारी किया है।डिजीलॉकर से मिलेगी मार्कशीटइस स्टूडेंट्स को डिजीलॉकर के जरिए डिजिटल मार्कशीट दी जाएगी। डिजीलॉकर से मार्कशीट डाउनलोड करने के लिए इसे digilocker.gov.in से डाउनलोड करना होगा। बोर्ड की तरफ से स्टूडेंट्स को डिजीलॉकर क्रेडेंशियल्स एसएमसएस के जरिए दिए हैं। इसका इस्तेमाल कर वे अपनी मार्कशीट डाउनलोड कर सकते हैं।आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करेंडिजीलॉकर से मार्कशीट डाउनलोड करने के लिए इसे digilocker.gov.in से डाउनलोड करना होगा। बोर्ड की तरफ से स्टूडेंट्स को डिजीलॉकर क्रेडेंशियल्स एसएमसएस के जरिए दिए हैं। -फाइल फोटोfrom Dainik Bhaskar https://ift.tt/3evtJLAvia IFTTT https://ift.tt/2WnSBPc सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (CBSE) की 10वीं क्लास का रिजल्ट आज जारी किया जाएगा। अपने नतीजे का इंतजार कर रहे स्टूडेंट्स बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट cbseresults.nic.in पर रिजल्ट देख सकते हैं। इस बार बोर्ड बिना मेरिट लिस्ट यानी टॉपर्स के नाम के बिना ही परिणाम जारी करेगा। 15 जुलाई तक जारी करना है रिजल्ट इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीएसई ने जानकारी दी थी कि बोर्ड रिजल्ट 15 जुलाई तक घोषित किए जाएंगे। इसी क्रम में कक्षा 12 वीं का रिजल्ट 13 जुलाई को अचानक घोषित किया गया। जिसके बाद से ही अब, स्टूडेंट्स उत्सुकता से 10वीं के रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। 18 लाख स्टूडेंट्स हुए शामिल इस बार 10वीं- 12वीं कक्षाओं की परीक्षाएं एक साथ 15 फरवरी 2020 से शुरू हुईं थी। इस साल 10वीं में करीब 18 लाख स्टूडेंट्स शामिल हुए थे। हालांकि, कोरोना के चलते 10वीं कक्षा की परीक्षाएं 19 मार्च 2020 को स्थगित कर दी गईं थी। उस समय 10वीं की चार विषयों की परीक्षाएं होना बाकी थी। वहीं, उत्तर पूर्वी दिल्ली के करीब 86 स्कूलों में 10वीं कक्षा की परीक्षाएं 26 फरवरी 2020 से ही स्थगित कर दी गई थी। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बची परीक्षाएंरद्द कर दी गईं। ऐसे देखें रिजल्ट सबसे पहले CBSE की ऑफिशियल साइट cbseresults.nic.in पर जाएं। यहां होम पेज पर कक्षा 10वीं CBSE परिणाम 2020 लिंक पर क्लिक करें। अब एक नया पेज खुलने पर उम्मीदवारों को लॉगइन करना होगा। लॉगइन करते ही आपका परिणाम स्क्रीन पर प्रदर्शित होगा। रिजल्ट देखने के बाद इसे डाउनलोड कर हार्ड कॉपी रखें। पिछले साल 6 मई को जारी हुआ था रिजल्ट पिछले साल बोर्ड ने 6 मई को 10वीं के परिणाम जारी किए थे। बीते साल 10वीं में करीब 91.1 प्रतिशत छात्र पास हुए थे, इनमें 92.45 फीसदी लड़कियां, 90.14 फीसदी लड़के और 94.74 प्रतिशत ट्रांसजेंडर शामिल थे। वहीं साल 2019 में 13 ऐसे स्टूडेंट्स थे, जिन्होनें 500 में से 499 अंक हासिल किए थे। जारीनहीं होगी मेरिट लिस्ट इस बार बोर्ड कोरोना लॉकडाउन के कारण पैदा हुए परिस्थितियाें के चलते बाकी एग्जाम नहीं करा पाया है। ऐसे में CISCE बोर्ड की तर्ज पर CBSE ने 12वीं के बाद अब 10वीं का रिजल्ट भी बिना मेरिट लिस्ट और टॉपर्स की लिस्ट के जारी किया है। डिजीलॉकर से मिलेगी मार्कशीट इस स्टूडेंट्स को डिजीलॉकर के जरिए डिजिटल मार्कशीट दी जाएगी। डिजीलॉकर से मार्कशीट डाउनलोड करने के लिए इसे digilocker.gov.in से डाउनलोड करना होगा। बोर्ड की तरफ से स्टूडेंट्स को डिजीलॉकर क्रेडेंशियल्स एसएमसएस के जरिए दिए हैं। इसका इस्तेमाल कर वे अपनी मार्कशीट डाउनलोड कर सकते हैं। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें डिजीलॉकर से मार्कशीट डाउनलोड करने के लिए इसे digilocker.gov.in से डाउनलोड करना होगा। बोर्ड की तरफ से स्टूडेंट्स को डिजीलॉकर क्रेडेंशियल्स एसएमसएस के जरिए दिए हैं। -फाइल फोटो https://ift.tt/2WnFw8y Dainik Bhaskar आज जारी होगा 10वीं बोर्ड का रिजल्ट, इस बार मेरिट लिस्ट का नहीं होगा ऐलान, डिजीलॉकर से मिलेगी मार्कशीट
- Previous नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के भगवान राम के नेपाली होने के बयान ने राम के नाम पर राजनीति को फिर हवा दी है। हकीकत ये है कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था, जो उत्तर प्रदेश में है। नेपाल के पीएम ओली का दावा यूं भी बेदम ही है, क्योंकि नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के फैसले में ये स्वीकार किया था कि अयोध्या ही भगवान राम का जन्म स्थान है। इस फैसले में पुरातत्वविदों की रिपोर्ट्स के साथ ही वाल्मीकि रामायण, स्कंद पुराण, पद्मपुराण, महाभारत और रामचरितमानस जैसे ग्रंथों का भी रिफरेंस लिया गया है। वाल्मीकि रामायण में अयोध्या की जो लोकेशन है, वो सरयू नदी के पास है। सरयू नदी का जिक्र रामायण में कई बार आता है। कई ग्रंथ हैं, कई श्लोक हैं जो ये बताते हैं कि राम का जन्म अयोध्या में हुआ था, और ये अयोध्या भारत में ही मौजूद है। नेपाल और राम का रिश्ता ऐसा नहीं है कि नेपाल से राम का कोई रिश्ता ही नहीं है। नेपाल के जनकपुर को राम का ससुराल माना जाता है। यहां आज भी राजा जनक का महल है। जिसमें सीता स्वयंवर के दौरान के दृश्य जीवित हैं। कुछ टुकड़े उस धनुष के भी यहां संग्रहित किए हुए हैं, जो सीता स्वयंवर के दौरान राम ने तोड़ा था। इस स्थान को लेकर नेपाल की आस्था अगाध है। राम नेपाल के दामाद हैं। लेकिन, बेटे नहीं। क्योंकि वाल्मीकि रामायण में राम बारात का जिस रास्ते का वर्णन है, वो जनकपुर से मगध (वर्तमान बिहार) के रास्ते अवध (अयोध्या) तक आता है। 7वीं शताब्दी के ग्रंथ स्कंद पुराण में अयोध्या वाल्मीकि रामायण ही नहीं, बल्कि स्कंद पुराण में भी राम के जन्म स्थान की जो जगह लिखी गई है, वो अयोध्या ही है। इस ग्रंथ के बारे पुरातत्वविदों और इतिहासकारों का मत है कि ये 7वीं से 9वीं शताब्दी के बीच लिखा गया है।स्कंद पुराण के अयोध्या माहत्म्य के वैष्णवकांड के 18-19वें श्लोक लिखा है कि वशिष्ठ आश्रम से उत्तर और लोमश आश्रम के पश्चिम में और विघ्नेश्वर से पूर्व में वो भूमि है जहां राम का जन्म हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने पुरातत्वविदों और संतों से इसकी जांच कराई। जो सही पाई गई। संतों में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद भी थे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में उनके नाम का कई बार जिक्र किया गया है। वाल्मीकि रामायण ईसा से 300 से 200 साल पहले की वाल्मीकि रामायणभगवान राम के जीवन का सबसे मुख्य और पुराना ग्रंथ है। इसका रचनाकाल ईसा से 300 से 200 साल पहले का माना गयाहै। इसे महाभारत और श्रीमद्भागवत के भी पहले का माना जाता है। वाल्मीकि रामायण के बालकांड के 18वें अध्याय के 8 से 12 नंबर तक के श्लोक रामजन्म और अयोध्या के बारे में हैं। 10वें श्लोक को सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में रिफरेंस के तौर पर लिया है। सरयू नदी की लोकेशन और अयोध्या का निर्माण उज्जैन के संस्कृतविद् डॉ. ऋषि तिवारी के मुताबिक, अयोध्या नगर का पूरा वर्णन मिलता है। सरयू को पुण्य देने वाली नदी माना गया है। इसी नदी के एक हिस्से को घाघरा नदी के रूप में भी जाना जाता है। वाल्मीकि रामायण में स्पष्ट उल्लेख है कि अयोध्या सरयू के किनारे बसी है। रामचरितमानस में भी राम जन्म अयोध्या में तुलसीदास द्वारा लिखी गई रामचरितमानस में भी राम की जन्मभूमि अयोध्या बताई गई है। रावण से त्रस्त देवता भगवान ब्रह्मा के पास सहायता के लिए जाते हैं और भगवान उन्हें आश्वासन देते हैं। ब्रह्मा की स्तुति से प्रसन्न भगवान विष्णु आकाशवाणी के जरिए देवताओं और पृथ्वी को धीरज बंधाते हुए आश्वासन देते हैं कि मैं राम के रूप में अवतार लूंगा। बालकांड की 186वें दोहे के बाद की चौपाइयों में इसका उल्लेख है। बालकांड के 186वें दोहे के बाद की चौपाइयां जनि डरपहु मुनि सिद्ध सुरेसा। तुम्हहि लागि धरिहउँ नर बेसा।। अंसन्ह सहित मनुज अवतारा। लेहउँ दिनकर बंस उदारा।। कस्यप अदिति महातप कीन्हा। तिन्ह कहुं मैं पूरब बर दीन्हा।। ते दसरथ कौसल्या रूपा। कोसलपुरीं प्रगट नर भूपा।। तिन्ह कें गृह अवतरिहउँ जाई। रघुकुल तिलक सो चारिउ भाई।। नारद बचन सत्य सब करिहउँ। परम सक्ति समेत अवतरिहउँ। चौपाइयों का अर्थ - हे मुनि, सिद्ध और देवताओं के स्वामियों, डरो मत। तुम्हारे लिए मैं मनुष्य का रूप धारण करूंगा और उदार (पवित्र) सूर्यवंश में अंशों सहित मनुष्य का अवतार लूंगा। कश्यप और अदिति ने भारी तप किया था। मैं पहले ही उनको वर दे चुका हूं। वे ही दशरथ और कौसल्या के रूप में मनुष्यों के राजा होकर श्रीअयोध्यापुरी में प्रकट हुए हैं। उन्हीं के घर जाकर मैं रघुकुल के चार श्रेष्ठ भाइयों के रूप में अतार लूंगा। नारद के सब वचन मैं सत्य करूंगा और अपनी पराशक्ति के सहित अवतार लूंगा। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Nepal's claim on Rama is breathless, 2000 years old Valmiki Ramayana and Ayodhya settled on the banks of Saryu, the birthplace of Rama in more than thousand years old Skanda Purana. https://ift.tt/309q1SF Dainik Bhaskar राम पर नेपाल का दावा बेदम, 2000 साल से ज्यादा पुरानी वाल्मीकि रामायण और हजार साल से ज्यादा पुराने स्कंद पुराण में राम की जन्मभूमि सरयू के किनारे बसी अयोध्या