अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में अब सिर्फ 73 दिन बचे हैं। कोरोना संक्रमण के चलते जहां डाक से वोटिंग की तैयारी हो रही है। वहीं, हार के खतरे के मद्देनजर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की पोस्टल वोटिंग को रोकने की चाल अब पूरी तरह फेल होती दिख रही है। ट्रम्प पर आरोप लग रहे हैं कि वो पोस्टल सर्विस (यूएसपीएस) को कमजोर कर रहे हैं, ताकि विरोधी उनके खिलाफ वोट न डाल सकें। ट्रम्प पहले भी कई बार कह चुके हैं कि अगर डाक द्वारा वोटिंग हुई तो फर्जी वोट पड़ सकते हैं। दरअसल, ट्रम्प द्वारा नियुक्त यूएस पाेस्टल सर्विस (यूएसपीएस) के पोस्ट मास्टर जनरल (पीएमजी) लुइस डीजॉय ने मंगलवार को वे सभी बदलाव रद्द कर दिए, जो वे लागू करने वाले थे। उन्होंने देशभर, खासताैर पर स्विंग स्टेट्स में पाेस्ट ऑफिसों से प्रोसेसिंग उपकरण और जगह-जगह लगे नीले रंग के पोस्टल कलेक्शन बॉक्स हटाने का आदेश दिया था। यह भी कहा था कि सभी मेल प्रोसेसिंग सेवा बंद की जाएगी और कर्मचारियों के ओवरटाइम पर भी पाबंदी लगेगी। विपक्ष ने लगाया आरोप विपक्ष का आरोप है कि अगर यूएसपीएस ये पाबंदी लगा देता है तो ट्रम्प के खिलाफ पड़ने वाले वोट कम हो जाते और जो पड़ते, वो काउंटिंग के लिए समय पर नहीं पहुंच पाते। इस विवाद के चलते ही 17 अगस्त को यूएस कांग्रेस की स्पीकर नैंसी पैलाेसी ने कांग्रेस सदस्यों की छुट्टियां रद्द कर उन्हें वापस बुलाने का आदेश जारी कर दिया था, ताकि एक विधेयक पर वोटिंग हो सके, जिससे डीजॉय के द्वारा किए जा रहे डाक सेवाओं में बदलावों को रोका जा सके। कोरोना की वजह से 50% वोटिंग डाक से होने की उम्मीद कोरोना संक्रमण की वजह से माना जा रहा है कि 50% वोटिंग डाक द्वारा की जाएगी और वोट को डाक द्वारा समय पर पहुंचाने की जिम्मेदारी यूएसपीएस के अलावा किसी और को नहीं दी जा सकती। टेक्सास, विंस्कांसिन और मिशिगन जैसे कुल 9 राज्य हैं, जो चुनावी बिसात पलट सकते हैं क्योंकि यहां स्विंग वोटरों कि संख्या कहीं अधिक है, जो किसी भी पार्टी के कट्टर वोटर नहीं हैं। इसके अलावा वो क्षेत्र जहां अश्वेत ज्यादा हैं, वहां ट्रम्प को वोट मिलने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में अगर डीजॉय का कार्यक्रम लागू कर दिया जाता, तो विपक्ष में पड़ने वाले वोट पोस्ट बॉक्स हटा देने की वजह से डाक के माध्यम से पड़ते ही नहीं। अगर पड़ भी जाते, तो प्रोसेसिंग उपकरण हटा लेने की वजह से डाक मतपत्रों की शॉर्टिंग और क्लीयरिंग में में देरी होती जिसकी वजह से यह समय पर काउंटिंग के लिए पहुंच ही नहीं पाते। कोरोना संक्रमण की वजह से यहां अश्वेत, गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों में से एक बड़ा हिस्सा वोट देने के लिए लाइन में लगने को राजी नहीं है। इस वजह से ट्रम्प को फायदा हो सकता था। डेमोक्रेटिक पार्टी का आरोप है कि इन्हीं कारणों से ट्रम्प ने यूएसपीएस के फंड रोक रखे हैं। यूएसपीएस के मसले से बिडेन को फायदा होते दिख रहा है। डेमोक्रेट्स ये प्रचारित कर रहे हैं कि ट्रम्प हार के भय से गरीब लोगों को वोट देने से रोकना चाहते हैं। पीएमजी बने डीजॉय ने ट्रम्प के लिए सबसे ज्यादा चंदा इकट्ठा किया था डेमोक्रेटिक पार्टी का आरोप है डीजॉय ट्रम्प के करीबी हैं और उनके लिए सबसे ज्यादा चंदा इकट्ठा करते हैं। वे हाई प्वाइंट नामक लॉजिस्टिक कंपनी के सीईओ भी रहे हैं। उन्हें पोस्टल सर्विस में एक दिन का भी अनुभव नहीं है। उनकी नियुक्ति एक साजिश है ताकि कोरोना काल में हो रहे चुनाव में अश्वेतों का वोट काउंटिंग तक पहुंच ही न सके। - रिसर्च इनपुट रितेश शुक्ल आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें ट्रम्प पर आरोप लग रहे हैं कि वो पोस्टल सर्विस (यूएसपीएस) को कमजोर कर रहे हैं, ताकि विरोधी उनके खिलाफ वोट न डाल सकें। -फाइल फोटो https://ift.tt/2QaTDdV Dainik Bhaskar डाक से वोटिंग को प्रभावित करने की ट्रम्प की चाल फेल, पोस्टल सर्विस कमजोर करने की साजिश थी ताकि विरोधी वोट न दे सकें
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में अब सिर्फ 73 दिन बचे हैं। कोरोना संक्रमण के चलते जहां डाक से वोटिंग की तैयारी हो रही है। वहीं, हार के खतरे के मद्देनजर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की पोस्टल वोटिंग को रोकने की चाल अब पूरी तरह फेल होती दिख रही है।
ट्रम्प पर आरोप लग रहे हैं कि वो पोस्टल सर्विस (यूएसपीएस) को कमजोर कर रहे हैं, ताकि विरोधी उनके खिलाफ वोट न डाल सकें। ट्रम्प पहले भी कई बार कह चुके हैं कि अगर डाक द्वारा वोटिंग हुई तो फर्जी वोट पड़ सकते हैं। दरअसल, ट्रम्प द्वारा नियुक्त यूएस पाेस्टल सर्विस (यूएसपीएस) के पोस्ट मास्टर जनरल (पीएमजी) लुइस डीजॉय ने मंगलवार को वे सभी बदलाव रद्द कर दिए, जो वे लागू करने वाले थे।
उन्होंने देशभर, खासताैर पर स्विंग स्टेट्स में पाेस्ट ऑफिसों से प्रोसेसिंग उपकरण और जगह-जगह लगे नीले रंग के पोस्टल कलेक्शन बॉक्स हटाने का आदेश दिया था। यह भी कहा था कि सभी मेल प्रोसेसिंग सेवा बंद की जाएगी और कर्मचारियों के ओवरटाइम पर भी पाबंदी लगेगी।
विपक्ष ने लगाया आरोप
विपक्ष का आरोप है कि अगर यूएसपीएस ये पाबंदी लगा देता है तो ट्रम्प के खिलाफ पड़ने वाले वोट कम हो जाते और जो पड़ते, वो काउंटिंग के लिए समय पर नहीं पहुंच पाते। इस विवाद के चलते ही 17 अगस्त को यूएस कांग्रेस की स्पीकर नैंसी पैलाेसी ने कांग्रेस सदस्यों की छुट्टियां रद्द कर उन्हें वापस बुलाने का आदेश जारी कर दिया था, ताकि एक विधेयक पर वोटिंग हो सके, जिससे डीजॉय के द्वारा किए जा रहे डाक सेवाओं में बदलावों को रोका जा सके।
कोरोना की वजह से 50% वोटिंग डाक से होने की उम्मीद
कोरोना संक्रमण की वजह से माना जा रहा है कि 50% वोटिंग डाक द्वारा की जाएगी और वोट को डाक द्वारा समय पर पहुंचाने की जिम्मेदारी यूएसपीएस के अलावा किसी और को नहीं दी जा सकती। टेक्सास, विंस्कांसिन और मिशिगन जैसे कुल 9 राज्य हैं, जो चुनावी बिसात पलट सकते हैं क्योंकि यहां स्विंग वोटरों कि संख्या कहीं अधिक है, जो किसी भी पार्टी के कट्टर वोटर नहीं हैं।
इसके अलावा वो क्षेत्र जहां अश्वेत ज्यादा हैं, वहां ट्रम्प को वोट मिलने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में अगर डीजॉय का कार्यक्रम लागू कर दिया जाता, तो विपक्ष में पड़ने वाले वोट पोस्ट बॉक्स हटा देने की वजह से डाक के माध्यम से पड़ते ही नहीं। अगर पड़ भी जाते, तो प्रोसेसिंग उपकरण हटा लेने की वजह से डाक मतपत्रों की शॉर्टिंग और क्लीयरिंग में में देरी होती जिसकी वजह से यह समय पर काउंटिंग के लिए पहुंच ही नहीं पाते।
कोरोना संक्रमण की वजह से यहां अश्वेत, गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों में से एक बड़ा हिस्सा वोट देने के लिए लाइन में लगने को राजी नहीं है। इस वजह से ट्रम्प को फायदा हो सकता था। डेमोक्रेटिक पार्टी का आरोप है कि इन्हीं कारणों से ट्रम्प ने यूएसपीएस के फंड रोक रखे हैं। यूएसपीएस के मसले से बिडेन को फायदा होते दिख रहा है। डेमोक्रेट्स ये प्रचारित कर रहे हैं कि ट्रम्प हार के भय से गरीब लोगों को वोट देने से रोकना चाहते हैं।
पीएमजी बने डीजॉय ने ट्रम्प के लिए सबसे ज्यादा चंदा इकट्ठा किया था
डेमोक्रेटिक पार्टी का आरोप है डीजॉय ट्रम्प के करीबी हैं और उनके लिए सबसे ज्यादा चंदा इकट्ठा करते हैं। वे हाई प्वाइंट नामक लॉजिस्टिक कंपनी के सीईओ भी रहे हैं। उन्हें पोस्टल सर्विस में एक दिन का भी अनुभव नहीं है। उनकी नियुक्ति एक साजिश है ताकि कोरोना काल में हो रहे चुनाव में अश्वेतों का वोट काउंटिंग तक पहुंच ही न सके।
- रिसर्च इनपुट रितेश शुक्ल
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