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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे वनडे में भी भारतीय टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। टीम के बॉलर्स एक बार फिर विकेट निकालने में कामयाब नहीं हुए। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने जमकर उनकी क्लास ली और टॉप-5 बल्लेबाजों ने 50 से ज्यादा का स्कोर बनाया। इनमें स्टीव स्मिथ ने शानदार 104 रन की पारी खेली। वहीं, कप्तान एरॉन फिंच, डेविड वॉर्नर, मार्नस लाबुशाने और ग्लेन मैक्सवेल ने फिफ्टी लगाई। भारत ने विकेट लेने के लिए कुल 7 बॉलर्स का इस्तेमाल किया। इनमें जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, नवदीप सैनी और यजुवेंद्र चहल ने तो 70 से ज्यादा रन लुटाए। बॉलिंग की हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कप्तान विराट कोहली को मयंक अग्रवाल से बॉलिंग करानी पड़ी। वन-डे में वे टीमें, जिनके 5 बल्लेबाजों ने एक ही मैच में 50+ स्कोर बनाया देश किसके खिलाफ वेन्यू साल पाकिस्तान जिम्बाब्वे कराची 2008 ऑस्ट्रेलिया भारत जयपुर 2013* ऑस्ट्रेलिया भारत सिडनी 2020* *शुरुआती 5 बल्लेबाजों ने 50+ रन का स्कोर बनाया। पावर-प्ले में फिर भारतीय गेंदबाज विकेट नहीं ले सके लगातार पांचवें मैच में भारतीय बॉलर्स पावर-प्ले में एक भी विकेट नहीं ले सके। इससे पहले जनवरी-फरवरी में न्यूजीलैंड टूर पर भी भारतीय गेंदबाज पावर-प्ले में एक भी विकेट नहीं ले पाए थे। यही वजह रही कि मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने हाईएस्ट टोटल खड़ा किया। बुमराह-शमी जैसे दिग्गज तेज गेंदबाज भी कंगारू बल्लेबाजी के सामने बेबस नजर आए। पावर-प्ले में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने बिना कोई विकेट खोए 59 रन बनाए। जडेजा-पंड्या को छोड़कर सभी बॉलर्स ने रन लुटाए रविंद्र जडेजा और हार्दिक पंड्या को छोड़कर सभी बॉलर्स ने जमकर रन लुटाए। टीम के लिए सिर्फ बुमराह और जडेजा ने ही 10 ओवर का कोटा पूरा किया। बुमराह ने मैच में सबसे ज्यादा 79 रन दिए। शमी ने 73, चहल ने 71 और सैनी ने 70 रन लुटाए। जडेजा ने अपने स्पेल में 60 रन दिए, जबकि पंड्या ने 4 ओवर में 24 रन दिए। बुमराह के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट के लिहाज से साल 2020 कुछ खास नहीं रहा। उन्होंने 2020 में अब तक 8 वनडे खेले हैं, जिसमें उनके नाम सिर्फ 3 ही विकेट दर्ज हैं। 2019 में उन्होंने 14 वनडे मैच में 25 और 2018 में 13 वनडे मैच में 22 विकेट लिए थे। भारत के पास वॉर्नर-फिंच का तोड़ नहीं भारत के पास दूसरे मैच में भी वॉर्नर-फिंच के खिलाफ कोई प्लान देखने को नहीं मिला। दोनों ने शुरुआती 10 ओवर्स में संभलकर टीम के स्कोर को आगे बढ़ाया। इसके बाद दोनों ने आक्रामक शॉट खेलने शुरू किए। वॉर्नर ने 7 चौकों और 3 छक्कों की मदद से 83 और फिंच ने 69 बॉल पवर 60 रन बनाए। वॉर्नर ने पहले वनडे में भी फिफ्टी लगाई थी, जबकि फिंच ने 115 रन की पारी खेली थी। इन दोनों ने वनडे में अब तक कुल 12 बार शतकीय साझेदारी की है। जिसमें से 5 साझेदारियां (187, 231, 258 नॉट आउट, 156 और 142) भारत के खिलाफ रही हैं। भारत के खिलाफ दोनों का ही रिकॉर्ड शानदार है। ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे ज्यादा 100+ रन की ओपनिंग पार्टनरशिप गिलक्रिस्ट-हेडन के नाम ओपनर कितनी बार एडम गिलक्रिस्ट-मैथ्यू हेडन 16 एरॉन फिंच-डेविड वॉर्नर 12 रिकी पोंटिंग-माइकल क्लार्क 11 मैथ्यू हेडन-रिकी पोंटिंग 10 978 वनडे मैचों के इतिहास में पहली बार ऐसा भी हुआ डेविड वार्नर और एरॉन फिंच की सलामी जोड़ी ने एससीजी में खेले जा रहे दूसरे वनडे में पहले विकेट के लिए 142 रनों का साझेदारी की। यह इस जोड़ी की भारत के खिलाफ लगातार दूसरी शतकीय साझेदारी है। इसी मैदान पर खेले गए पहले वनडे मैच में इन दोनों ने 156 रन जोड़े थे। वनडे में यह लगातार तीसरा मौका है जब भारत के खिलाफ पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी हुई हो और यह एक रिकॉर्ड भी है। 978 वनडे मैचों के इतिहास में पहली बार हुआ है कि भारत के खिलाफ लगातार तीन बार वनडे में पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी हुई। इन दो वनडे मैचों से पहले माउंट माउनगानुई में न्यूजीलैंड की मार्टिन गुप्टिल और हेनरी निकोलस की जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 106 रन जोड़े थे। भारत के खिलाफ स्मिथ का शानदार प्रदर्शन जारी भारत के खिलाफ स्टीव स्मिथ का शानदार प्रदर्शन जारी है। स्मिथ ने लगातार दूसरे वनडे में शतक जड़ा। यह भारत के खिलाफ उनका लगातार तीसरा शतक है। इस मैच से पहले स्मिथ ने 19 जनवरी को बेंगलुरू में भारत के खिलाफ 131 रनों की पारी खेली थी। इसके बाद, मौजूदा सीरीज के पहले मैच में जो इसी मैदान पर शुक्रवार को खेला गया था, उसमें स्मिथ ने 105 रन बनाए थे। भारत के खिलाफ ऐसा करने वाले वे चौथे खिलाड़ी हैं। स्मिथ ने भारतीय बॉलर्स की जमकर क्लास ली और 162.5 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए। अपनी पारी के दौरान उन्होंने 14 चौके और 2 छक्के जड़े। स्मिथ ने लाबुशाने के साथ तीसरे विकेट के लिए 136 रन की पार्टनरशिप की। इसके लिए दोनों बल्लेबाजों ने सिर्फ 95 बॉल का सामना किया। मिडिल ओवर में रन रेट बढ़ाकर उन्होंने मैक्सवेल के लिए बेस तैयार किया। ऑस्ट्रेलिया के सबसे तेज शतक वाले खिलाड़ी खिलाड़ी किसके खिलाफ कब कहां कितनी बॉल पर ग्लेन मैक्सवेल श्रीलंका 2015 सिडनी 51 जेम्स फॉकनर भारत 2013 बेंगलुरु 57 स्टीव स्मिथ भारत 2020 सिडनी 62 स्टीव स्मिथ भारत 2020 सिडनी 62 मैथ्यू हेडन साउथ अफ्रीका 2007 बस्सेटेरे 66 मैक्सवेल की तूफानी पारी रही टर्निंग पॉइंट ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ सबसे बड़ा स्कोर बनाया। इस मामले में उसने पिछले मुकाबले के 374 रन को पीछे छोड़ते हुए 389 रन का स्कोर बनाया। इसमें सबसे अहम योगदान रहा ग्लेन मैक्सवेल का। मैक्सवेल ने सिर्फ 29 बॉल पर 217 से अधिक के स्ट्राइक रेट से नाबाद 63 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 4 चौके और 4 छक्के लगाए। भारतीय बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल सके टारगेट चेज करने उतरी भारतीय टीम के बल्लेबाजों को शुरुआत तो मिली, लेकिन वे इसे बड़ स्कोर में नहीं तब्दील कर सके। शिखर धवन (30) और मयंक अग्रवाल (58) ने टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई, लेकिन वे वॉर्नर-फिंच की तरह मजबूत नींव नहीं रख सके। कप्तान विराट कोहली (89) और लोकेश राहुल (76) ने भारत की उम्मीदों को जगाए रखा। श्रेयस अय्यर को भी अच्छी शुरुआत मिली, लेकिन वे भी 38 रन बनाकर चलते बने। पिछले मैच में बल्ले से कमाल दिखाने वाले हार्दिक पंड्या भी 28 रन ही बना सके। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें India Tour Of Australia, India-Australia Series 2020, Virat Kohli, Steve Smith, Hardik Pandya, David Warner https://ift.tt/3lluYjU Dainik Bhaskar ऑस्ट्रेलियाई टॉप-5 बल्लेबाजों ने 50+ रन बनाए; भारत ने 7 बॉलर्स लगाए, 4 ने 70 से ज्यादा रन लुटाए

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे वनडे में भी भारतीय टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। टीम के बॉलर्स एक बार फिर विकेट निकालने में कामयाब नहीं हुए। ऑस...
- November 30, 2020
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे वनडे में भी भारतीय टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। टीम के बॉलर्स एक बार फिर विकेट निकालने में कामयाब नहीं हुए। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने जमकर उनकी क्लास ली और टॉप-5 बल्लेबाजों ने 50 से ज्यादा का स्कोर बनाया। इनमें स्टीव स्मिथ ने शानदार 104 रन की पारी खेली। वहीं, कप्तान एरॉन फिंच, डेविड वॉर्नर, मार्नस लाबुशाने और ग्लेन मैक्सवेल ने फिफ्टी लगाई। भारत ने विकेट लेने के लिए कुल 7 बॉलर्स का इस्तेमाल किया। इनमें जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, नवदीप सैनी और यजुवेंद्र चहल ने तो 70 से ज्यादा रन लुटाए। बॉलिंग की हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कप्तान विराट कोहली को मयंक अग्रवाल से बॉलिंग करानी पड़ी। वन-डे में वे टीमें, जिनके 5 बल्लेबाजों ने एक ही मैच में 50+ स्कोर बनाया देश किसके खिलाफ वेन्यू साल पाकिस्तान जिम्बाब्वे कराची 2008 ऑस्ट्रेलिया भारत जयपुर 2013* ऑस्ट्रेलिया भारत सिडनी 2020* *शुरुआती 5 बल्लेबाजों ने 50+ रन का स्कोर बनाया। पावर-प्ले में फिर भारतीय गेंदबाज विकेट नहीं ले सके लगातार पांचवें मैच में भारतीय बॉलर्स पावर-प्ले में एक भी विकेट नहीं ले सके। इससे पहले जनवरी-फरवरी में न्यूजीलैंड टूर पर भी भारतीय गेंदबाज पावर-प्ले में एक भी विकेट नहीं ले पाए थे। यही वजह रही कि मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने हाईएस्ट टोटल खड़ा किया। बुमराह-शमी जैसे दिग्गज तेज गेंदबाज भी कंगारू बल्लेबाजी के सामने बेबस नजर आए। पावर-प्ले में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने बिना कोई विकेट खोए 59 रन बनाए। जडेजा-पंड्या को छोड़कर सभी बॉलर्स ने रन लुटाए रविंद्र जडेजा और हार्दिक पंड्या को छोड़कर सभी बॉलर्स ने जमकर रन लुटाए। टीम के लिए सिर्फ बुमराह और जडेजा ने ही 10 ओवर का कोटा पूरा किया। बुमराह ने मैच में सबसे ज्यादा 79 रन दिए। शमी ने 73, चहल ने 71 और सैनी ने 70 रन लुटाए। जडेजा ने अपने स्पेल में 60 रन दिए, जबकि पंड्या ने 4 ओवर में 24 रन दिए। बुमराह के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट के लिहाज से साल 2020 कुछ खास नहीं रहा। उन्होंने 2020 में अब तक 8 वनडे खेले हैं, जिसमें उनके नाम सिर्फ 3 ही विकेट दर्ज हैं। 2019 में उन्होंने 14 वनडे मैच में 25 और 2018 में 13 वनडे मैच में 22 विकेट लिए थे। भारत के पास वॉर्नर-फिंच का तोड़ नहीं भारत के पास दूसरे मैच में भी वॉर्नर-फिंच के खिलाफ कोई प्लान देखने को नहीं मिला। दोनों ने शुरुआती 10 ओवर्स में संभलकर टीम के स्कोर को आगे बढ़ाया। इसके बाद दोनों ने आक्रामक शॉट खेलने शुरू किए। वॉर्नर ने 7 चौकों और 3 छक्कों की मदद से 83 और फिंच ने 69 बॉल पवर 60 रन बनाए। वॉर्नर ने पहले वनडे में भी फिफ्टी लगाई थी, जबकि फिंच ने 115 रन की पारी खेली थी। इन दोनों ने वनडे में अब तक कुल 12 बार शतकीय साझेदारी की है। जिसमें से 5 साझेदारियां (187, 231, 258 नॉट आउट, 156 और 142) भारत के खिलाफ रही हैं। भारत के खिलाफ दोनों का ही रिकॉर्ड शानदार है। ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे ज्यादा 100+ रन की ओपनिंग पार्टनरशिप गिलक्रिस्ट-हेडन के नाम ओपनर कितनी बार एडम गिलक्रिस्ट-मैथ्यू हेडन 16 एरॉन फिंच-डेविड वॉर्नर 12 रिकी पोंटिंग-माइकल क्लार्क 11 मैथ्यू हेडन-रिकी पोंटिंग 10 978 वनडे मैचों के इतिहास में पहली बार ऐसा भी हुआ डेविड वार्नर और एरॉन फिंच की सलामी जोड़ी ने एससीजी में खेले जा रहे दूसरे वनडे में पहले विकेट के लिए 142 रनों का साझेदारी की। यह इस जोड़ी की भारत के खिलाफ लगातार दूसरी शतकीय साझेदारी है। इसी मैदान पर खेले गए पहले वनडे मैच में इन दोनों ने 156 रन जोड़े थे। वनडे में यह लगातार तीसरा मौका है जब भारत के खिलाफ पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी हुई हो और यह एक रिकॉर्ड भी है। 978 वनडे मैचों के इतिहास में पहली बार हुआ है कि भारत के खिलाफ लगातार तीन बार वनडे में पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी हुई। इन दो वनडे मैचों से पहले माउंट माउनगानुई में न्यूजीलैंड की मार्टिन गुप्टिल और हेनरी निकोलस की जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 106 रन जोड़े थे। भारत के खिलाफ स्मिथ का शानदार प्रदर्शन जारी भारत के खिलाफ स्टीव स्मिथ का शानदार प्रदर्शन जारी है। स्मिथ ने लगातार दूसरे वनडे में शतक जड़ा। यह भारत के खिलाफ उनका लगातार तीसरा शतक है। इस मैच से पहले स्मिथ ने 19 जनवरी को बेंगलुरू में भारत के खिलाफ 131 रनों की पारी खेली थी। इसके बाद, मौजूदा सीरीज के पहले मैच में जो इसी मैदान पर शुक्रवार को खेला गया था, उसमें स्मिथ ने 105 रन बनाए थे। भारत के खिलाफ ऐसा करने वाले वे चौथे खिलाड़ी हैं। स्मिथ ने भारतीय बॉलर्स की जमकर क्लास ली और 162.5 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए। अपनी पारी के दौरान उन्होंने 14 चौके और 2 छक्के जड़े। स्मिथ ने लाबुशाने के साथ तीसरे विकेट के लिए 136 रन की पार्टनरशिप की। इसके लिए दोनों बल्लेबाजों ने सिर्फ 95 बॉल का सामना किया। मिडिल ओवर में रन रेट बढ़ाकर उन्होंने मैक्सवेल के लिए बेस तैयार किया। ऑस्ट्रेलिया के सबसे तेज शतक वाले खिलाड़ी खिलाड़ी किसके खिलाफ कब कहां कितनी बॉल पर ग्लेन मैक्सवेल श्रीलंका 2015 सिडनी 51 जेम्स फॉकनर भारत 2013 बेंगलुरु 57 स्टीव स्मिथ भारत 2020 सिडनी 62 स्टीव स्मिथ भारत 2020 सिडनी 62 मैथ्यू हेडन साउथ अफ्रीका 2007 बस्सेटेरे 66 मैक्सवेल की तूफानी पारी रही टर्निंग पॉइंट ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ सबसे बड़ा स्कोर बनाया। इस मामले में उसने पिछले मुकाबले के 374 रन को पीछे छोड़ते हुए 389 रन का स्कोर बनाया। इसमें सबसे अहम योगदान रहा ग्लेन मैक्सवेल का। मैक्सवेल ने सिर्फ 29 बॉल पर 217 से अधिक के स्ट्राइक रेट से नाबाद 63 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 4 चौके और 4 छक्के लगाए। भारतीय बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल सके टारगेट चेज करने उतरी भारतीय टीम के बल्लेबाजों को शुरुआत तो मिली, लेकिन वे इसे बड़ स्कोर में नहीं तब्दील कर सके। शिखर धवन (30) और मयंक अग्रवाल (58) ने टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई, लेकिन वे वॉर्नर-फिंच की तरह मजबूत नींव नहीं रख सके। कप्तान विराट कोहली (89) और लोकेश राहुल (76) ने भारत की उम्मीदों को जगाए रखा। श्रेयस अय्यर को भी अच्छी शुरुआत मिली, लेकिन वे भी 38 रन बनाकर चलते बने। पिछले मैच में बल्ले से कमाल दिखाने वाले हार्दिक पंड्या भी 28 रन ही बना सके। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें India Tour Of Australia, India-Australia Series 2020, Virat Kohli, Steve Smith, Hardik Pandya, David Warner https://ift.tt/3lluYjU Dainik Bhaskar ऑस्ट्रेलियाई टॉप-5 बल्लेबाजों ने 50+ रन बनाए; भारत ने 7 बॉलर्स लगाए, 4 ने 70 से ज्यादा रन लुटाए 

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे वनडे में भी भारतीय टीम का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। टीम के बॉलर्स एक बार फिर विकेट निकालने में कामयाब नहीं हुए। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने जमकर उनकी क्लास ली और टॉप-5 बल्लेबाजों ने 50 से ज्यादा का स्कोर बनाया। इनमें स्टीव स्मिथ ने शानदार 104 रन की पारी खेली। वहीं, कप्तान एरॉन फिंच, डेविड वॉर्नर, मार्नस लाबुशाने और ग्लेन मैक्सवेल ने फिफ्टी लगाई।

भारत ने विकेट लेने के लिए कुल 7 बॉलर्स का इस्तेमाल किया। इनमें जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, नवदीप सैनी और यजुवेंद्र चहल ने तो 70 से ज्यादा रन लुटाए। बॉलिंग की हालत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कप्तान विराट कोहली को मयंक अग्रवाल से बॉलिंग करानी पड़ी।

वन-डे में वे टीमें, जिनके 5 बल्लेबाजों ने एक ही मैच में 50+ स्कोर बनाया

देश

किसके खिलाफ

वेन्यू

साल

पाकिस्तान

जिम्बाब्वे

कराची

2008

ऑस्ट्रेलिया

भारत

जयपुर

2013*

ऑस्ट्रेलिया

भारत

सिडनी

2020*

*शुरुआती 5 बल्लेबाजों ने 50+ रन का स्कोर बनाया।

पावर-प्ले में फिर भारतीय गेंदबाज विकेट नहीं ले सके
लगातार पांचवें मैच में भारतीय बॉलर्स पावर-प्ले में एक भी विकेट नहीं ले सके। इससे पहले जनवरी-फरवरी में न्यूजीलैंड टूर पर भी भारतीय गेंदबाज पावर-प्ले में एक भी विकेट नहीं ले पाए थे। यही वजह रही कि मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने हाईएस्ट टोटल खड़ा किया। बुमराह-शमी जैसे दिग्गज तेज गेंदबाज भी कंगारू बल्लेबाजी के सामने बेबस नजर आए। पावर-प्ले में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने बिना कोई विकेट खोए 59 रन बनाए।

जडेजा-पंड्या को छोड़कर सभी बॉलर्स ने रन लुटाए
रविंद्र जडेजा और हार्दिक पंड्या को छोड़कर सभी बॉलर्स ने जमकर रन लुटाए। टीम के लिए सिर्फ बुमराह और जडेजा ने ही 10 ओवर का कोटा पूरा किया। बुमराह ने मैच में सबसे ज्यादा 79 रन दिए। शमी ने 73, चहल ने 71 और सैनी ने 70 रन लुटाए। जडेजा ने अपने स्पेल में 60 रन दिए, जबकि पंड्या ने 4 ओवर में 24 रन दिए।

बुमराह के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट के लिहाज से साल 2020 कुछ खास नहीं रहा। उन्होंने 2020 में अब तक 8 वनडे खेले हैं, जिसमें उनके नाम सिर्फ 3 ही विकेट दर्ज हैं। 2019 में उन्होंने 14 वनडे मैच में 25 और 2018 में 13 वनडे मैच में 22 विकेट लिए थे।

भारत के पास वॉर्नर-फिंच का तोड़ नहीं
भारत के पास दूसरे मैच में भी वॉर्नर-फिंच के खिलाफ कोई प्लान देखने को नहीं मिला। दोनों ने शुरुआती 10 ओवर्स में संभलकर टीम के स्कोर को आगे बढ़ाया। इसके बाद दोनों ने आक्रामक शॉट खेलने शुरू किए। वॉर्नर ने 7 चौकों और 3 छक्कों की मदद से 83 और फिंच ने 69 बॉल पवर 60 रन बनाए। वॉर्नर ने पहले वनडे में भी फिफ्टी लगाई थी, जबकि फिंच ने 115 रन की पारी खेली थी।

इन दोनों ने वनडे में अब तक कुल 12 बार शतकीय साझेदारी की है। जिसमें से 5 साझेदारियां (187, 231, 258 नॉट आउट, 156 और 142) भारत के खिलाफ रही हैं। भारत के खिलाफ दोनों का ही रिकॉर्ड शानदार है।

ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे ज्यादा 100+ रन की ओपनिंग पार्टनरशिप गिलक्रिस्ट-हेडन के नाम

ओपनर

कितनी बार

एडम गिलक्रिस्ट-मैथ्यू हेडन

16

एरॉन फिंच-डेविड वॉर्नर

12

रिकी पोंटिंग-माइकल क्लार्क

11

मैथ्यू हेडन-रिकी पोंटिंग

10

978 वनडे मैचों के इतिहास में पहली बार ऐसा भी हुआ
डेविड वार्नर और एरॉन फिंच की सलामी जोड़ी ने एससीजी में खेले जा रहे दूसरे वनडे में पहले विकेट के लिए 142 रनों का साझेदारी की। यह इस जोड़ी की भारत के खिलाफ लगातार दूसरी शतकीय साझेदारी है। इसी मैदान पर खेले गए पहले वनडे मैच में इन दोनों ने 156 रन जोड़े थे। वनडे में यह लगातार तीसरा मौका है जब भारत के खिलाफ पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी हुई हो और यह एक रिकॉर्ड भी है।

978 वनडे मैचों के इतिहास में पहली बार हुआ है कि भारत के खिलाफ लगातार तीन बार वनडे में पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी हुई। इन दो वनडे मैचों से पहले माउंट माउनगानुई में न्यूजीलैंड की मार्टिन गुप्टिल और हेनरी निकोलस की जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 106 रन जोड़े थे।

भारत के खिलाफ स्मिथ का शानदार प्रदर्शन जारी
भारत के खिलाफ स्टीव स्मिथ का शानदार प्रदर्शन जारी है। स्मिथ ने लगातार दूसरे वनडे में शतक जड़ा। यह भारत के खिलाफ उनका लगातार तीसरा शतक है। इस मैच से पहले स्मिथ ने 19 जनवरी को बेंगलुरू में भारत के खिलाफ 131 रनों की पारी खेली थी। इसके बाद, मौजूदा सीरीज के पहले मैच में जो इसी मैदान पर शुक्रवार को खेला गया था, उसमें स्मिथ ने 105 रन बनाए थे। भारत के खिलाफ ऐसा करने वाले वे चौथे खिलाड़ी हैं।

स्मिथ ने भारतीय बॉलर्स की जमकर क्लास ली और 162.5 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए। अपनी पारी के दौरान उन्होंने 14 चौके और 2 छक्के जड़े। स्मिथ ने लाबुशाने के साथ तीसरे विकेट के लिए 136 रन की पार्टनरशिप की। इसके लिए दोनों बल्लेबाजों ने सिर्फ 95 बॉल का सामना किया। मिडिल ओवर में रन रेट बढ़ाकर उन्होंने मैक्सवेल के लिए बेस तैयार किया।

ऑस्ट्रेलिया के सबसे तेज शतक वाले खिलाड़ी

खिलाड़ी

किसके खिलाफ

कब

कहां

कितनी बॉल पर

ग्लेन मैक्सवेल

श्रीलंका

2015

सिडनी

51

जेम्स फॉकनर

भारत

2013

बेंगलुरु

57

स्टीव स्मिथ

भारत

2020

सिडनी

62

स्टीव स्मिथ

भारत

2020

सिडनी

62

मैथ्यू हेडन

साउथ अफ्रीका

2007

बस्सेटेरे

66

मैक्सवेल की तूफानी पारी रही टर्निंग पॉइंट
ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ सबसे बड़ा स्कोर बनाया। इस मामले में उसने पिछले मुकाबले के 374 रन को पीछे छोड़ते हुए 389 रन का स्कोर बनाया। इसमें सबसे अहम योगदान रहा ग्लेन मैक्सवेल का। मैक्सवेल ने सिर्फ 29 बॉल पर 217 से अधिक के स्ट्राइक रेट से नाबाद 63 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 4 चौके और 4 छक्के लगाए।

भारतीय बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल सके
टारगेट चेज करने उतरी भारतीय टीम के बल्लेबाजों को शुरुआत तो मिली, लेकिन वे इसे बड़ स्कोर में नहीं तब्दील कर सके। शिखर धवन (30) और मयंक अग्रवाल (58) ने टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई, लेकिन वे वॉर्नर-फिंच की तरह मजबूत नींव नहीं रख सके।

कप्तान विराट कोहली (89) और लोकेश राहुल (76) ने भारत की उम्मीदों को जगाए रखा। श्रेयस अय्यर को भी अच्छी शुरुआत मिली, लेकिन वे भी 38 रन बनाकर चलते बने। पिछले मैच में बल्ले से कमाल दिखाने वाले हार्दिक पंड्या भी 28 रन ही बना सके।

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India Tour Of Australia, India-Australia Series 2020, Virat Kohli, Steve Smith, Hardik Pandya, David Warner

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आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Cheese balls can be prepared in half an hour, you can serve guests with green or red chutney https://ift.tt/2KGAG31 Dainik Bhaskar आधे घंटे में बन कर तैयार हो जाते हैं चीज बॉल्स, हरी या लाल चटनी के साथ कर सकते हैं सर्व

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- November 30, 2020
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Cheese balls can be prepared in half an hour, you can serve guests with green or red chutney https://ift.tt/2KGAG31 Dainik Bhaskar आधे घंटे में बन कर तैयार हो जाते हैं चीज बॉल्स, हरी या लाल चटनी के साथ कर सकते हैं सर्व 

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Cheese balls can be prepared in half an hour, you can serve guests with green or red chutney

https://ift.tt/2KGAG31 Dainik Bhaskar आधे घंटे में बन कर तैयार हो जाते हैं चीज बॉल्स, हरी या लाल चटनी के साथ कर सकते हैं सर्व Reviewed by Manish Pethev on November 30, 2020 Rating: 5

तारीख थी 30 नवंबर 1872। पहली बार इंटरनेशनल फुटबॉल मैच खेला जा रहा था। पहला इंटरनेशनल मैच इंग्लैंड और स्कॉटलैंड की टीम के बीच खेला गया। मैच स्कॉटलैंड क्रिकेट ग्राउंड में खेला गया था। हालांकि, इससे पहले भी इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के बीच 5 बार अनऑफिशियल मैच खेला गया था, जिसमें सभी मैच इंग्लैंड जीता था। पहले मैच में स्कॉटलैंड ने ब्लू और इंग्लैंड ने व्हाइट जर्सी पहनी थी। इस मैच को देखने के लिए स्टेडियम में 4 हजार से ज्यादा दर्शक पहुंचे थे। हालांकि, ये मैच 15 मिनट देरी से शुरू हुआ था, क्योंकि दोनों टीमें प्रिपरेशन कर रही थीं। बताया जाता है कि उस मैच में खुद को वॉर्मअप करने के लिए स्मोकिंग भी कर रहे थे। पहले इंटरनेशनल फुटबॉल मैच की टिकट। फुटबॉल के पहले इंटरनेशनल मैच का कोई नतीजा नहीं निकला था। 90 मिनट के मैच में कोई भी टीम गोल नहीं कर सकी और मैच ड्रॉ हो गया। इस मैच के ड्रॉ होने के बाद मांग उठी कि दोनों टीमों के बीच दोबारा मैच होना चाहिए, ताकि कोई नतीजा तो निकले। लोगों का कहना था कि हम गोल देखने आए थे, लेकिन गोल देख ही नहीं पाए। इसके बाद 8 मार्च 1873 को दोबारा इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के बीच मैच हुआ। इस मैच में इंग्लैंड 4-2 से जीत गया। दिल्ली के बादशाह की वजीर ने ही हत्या कर दी दिल्ली में 1754 से 1759 तक बादशाह हुए आलमगीर द्वितीय। वो 16वें मुगल बादशाह थे। आलमगीर को अजीजुद्दीन के नाम से भी जाना जाता था। माना जाता है कि आलमगीर बहुत कमजोर शासक था। उसे उसके वजीर गाजीउद्दीन इमादुलमुल्क की कठपुतली कहा जाता था। एक समय आया जब आलमगीर गाजीउद्दीन से तंग आ गया और उससे पीछा छुड़ाने की कोशिश करने लगा। लेकिन, गाजीउद्दीन चालाक था, जब आलमगीर ने उससे पीछा छुड़ाना चाहा तो गाजीउद्दीन ने ही आलमगीर की हत्या करवा दी और लाल किले के पीछे यमुना नदी में उसकी लाश फिंकवा दी। भारत और दुनिया में 30 नवंबर की महत्वपूर्ण घटनाएं इस प्रकार हैं: 1731: बीजिंग में भूकंप से लगभग 1 लाख लोग मारे गए। 1858: वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बसु का जन्म हुआ। 1874: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल का जन्म हुआ। 1982: रिचर्ड एटनबरो द्वारा निर्देशित और बेन किंग्‍सले व जॉन गिल्‍गुड की फिल्‍म गांधी का नई दिल्‍ली में प्रीमियर हुआ। 1999: विश्व के बड़े मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप का पुणे के समीप नारायणगांव में उद्घाटन हुआ। 2000: प्रियंका चोपड़ा मिस वर्ल्ड बनीं। 2008: भारत के गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने मुंबई हमलों के लिए नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा सौंप दिया है। 2010: भारतीय वैज्ञानिक और स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत करने वाले राजीव दीक्षित का निधन हुआ। 2012: पूर्व प्रधानमंत्री इन्द्र कुमार गुजराल का निधन हुआ। 2014: फ्रांस के दक्षिण में भारी बाढ़ के कारण 5 लोगों की जान चली गई और 3000 से अधिक लोगों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Today History: Aaj Ka Itihas India World November 30 | Priyanka Chopra Miss World 2020 Delhi Mughal Emperor Alamgir Murder https://ift.tt/3qf4FPR Dainik Bhaskar जब क्रिकेट के ग्राउंड पर खेला गया था पहला इंटरनेशनल फुटबॉल मैच, एक भी टीम गोल नहीं कर पाई थी

तारीख थी 30 नवंबर 1872। पहली बार इंटरनेशनल फुटबॉल मैच खेला जा रहा था। पहला इंटरनेशनल मैच इंग्लैंड और स्कॉटलैंड की टीम के बीच खेला गया। मैच ...
- November 30, 2020
तारीख थी 30 नवंबर 1872। पहली बार इंटरनेशनल फुटबॉल मैच खेला जा रहा था। पहला इंटरनेशनल मैच इंग्लैंड और स्कॉटलैंड की टीम के बीच खेला गया। मैच स्कॉटलैंड क्रिकेट ग्राउंड में खेला गया था। हालांकि, इससे पहले भी इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के बीच 5 बार अनऑफिशियल मैच खेला गया था, जिसमें सभी मैच इंग्लैंड जीता था। पहले मैच में स्कॉटलैंड ने ब्लू और इंग्लैंड ने व्हाइट जर्सी पहनी थी। इस मैच को देखने के लिए स्टेडियम में 4 हजार से ज्यादा दर्शक पहुंचे थे। हालांकि, ये मैच 15 मिनट देरी से शुरू हुआ था, क्योंकि दोनों टीमें प्रिपरेशन कर रही थीं। बताया जाता है कि उस मैच में खुद को वॉर्मअप करने के लिए स्मोकिंग भी कर रहे थे। पहले इंटरनेशनल फुटबॉल मैच की टिकट। फुटबॉल के पहले इंटरनेशनल मैच का कोई नतीजा नहीं निकला था। 90 मिनट के मैच में कोई भी टीम गोल नहीं कर सकी और मैच ड्रॉ हो गया। इस मैच के ड्रॉ होने के बाद मांग उठी कि दोनों टीमों के बीच दोबारा मैच होना चाहिए, ताकि कोई नतीजा तो निकले। लोगों का कहना था कि हम गोल देखने आए थे, लेकिन गोल देख ही नहीं पाए। इसके बाद 8 मार्च 1873 को दोबारा इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के बीच मैच हुआ। इस मैच में इंग्लैंड 4-2 से जीत गया। दिल्ली के बादशाह की वजीर ने ही हत्या कर दी दिल्ली में 1754 से 1759 तक बादशाह हुए आलमगीर द्वितीय। वो 16वें मुगल बादशाह थे। आलमगीर को अजीजुद्दीन के नाम से भी जाना जाता था। माना जाता है कि आलमगीर बहुत कमजोर शासक था। उसे उसके वजीर गाजीउद्दीन इमादुलमुल्क की कठपुतली कहा जाता था। एक समय आया जब आलमगीर गाजीउद्दीन से तंग आ गया और उससे पीछा छुड़ाने की कोशिश करने लगा। लेकिन, गाजीउद्दीन चालाक था, जब आलमगीर ने उससे पीछा छुड़ाना चाहा तो गाजीउद्दीन ने ही आलमगीर की हत्या करवा दी और लाल किले के पीछे यमुना नदी में उसकी लाश फिंकवा दी। भारत और दुनिया में 30 नवंबर की महत्वपूर्ण घटनाएं इस प्रकार हैं: 1731: बीजिंग में भूकंप से लगभग 1 लाख लोग मारे गए। 1858: वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बसु का जन्म हुआ। 1874: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल का जन्म हुआ। 1982: रिचर्ड एटनबरो द्वारा निर्देशित और बेन किंग्‍सले व जॉन गिल्‍गुड की फिल्‍म गांधी का नई दिल्‍ली में प्रीमियर हुआ। 1999: विश्व के बड़े मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप का पुणे के समीप नारायणगांव में उद्घाटन हुआ। 2000: प्रियंका चोपड़ा मिस वर्ल्ड बनीं। 2008: भारत के गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने मुंबई हमलों के लिए नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा सौंप दिया है। 2010: भारतीय वैज्ञानिक और स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत करने वाले राजीव दीक्षित का निधन हुआ। 2012: पूर्व प्रधानमंत्री इन्द्र कुमार गुजराल का निधन हुआ। 2014: फ्रांस के दक्षिण में भारी बाढ़ के कारण 5 लोगों की जान चली गई और 3000 से अधिक लोगों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Today History: Aaj Ka Itihas India World November 30 | Priyanka Chopra Miss World 2020 Delhi Mughal Emperor Alamgir Murder https://ift.tt/3qf4FPR Dainik Bhaskar जब क्रिकेट के ग्राउंड पर खेला गया था पहला इंटरनेशनल फुटबॉल मैच, एक भी टीम गोल नहीं कर पाई थी 

तारीख थी 30 नवंबर 1872। पहली बार इंटरनेशनल फुटबॉल मैच खेला जा रहा था। पहला इंटरनेशनल मैच इंग्लैंड और स्कॉटलैंड की टीम के बीच खेला गया। मैच स्कॉटलैंड क्रिकेट ग्राउंड में खेला गया था। हालांकि, इससे पहले भी इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के बीच 5 बार अनऑफिशियल मैच खेला गया था, जिसमें सभी मैच इंग्लैंड जीता था।

पहले मैच में स्कॉटलैंड ने ब्लू और इंग्लैंड ने व्हाइट जर्सी पहनी थी। इस मैच को देखने के लिए स्टेडियम में 4 हजार से ज्यादा दर्शक पहुंचे थे। हालांकि, ये मैच 15 मिनट देरी से शुरू हुआ था, क्योंकि दोनों टीमें प्रिपरेशन कर रही थीं। बताया जाता है कि उस मैच में खुद को वॉर्मअप करने के लिए स्मोकिंग भी कर रहे थे।

पहले इंटरनेशनल फुटबॉल मैच की टिकट।

फुटबॉल के पहले इंटरनेशनल मैच का कोई नतीजा नहीं निकला था। 90 मिनट के मैच में कोई भी टीम गोल नहीं कर सकी और मैच ड्रॉ हो गया। इस मैच के ड्रॉ होने के बाद मांग उठी कि दोनों टीमों के बीच दोबारा मैच होना चाहिए, ताकि कोई नतीजा तो निकले। लोगों का कहना था कि हम गोल देखने आए थे, लेकिन गोल देख ही नहीं पाए। इसके बाद 8 मार्च 1873 को दोबारा इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के बीच मैच हुआ। इस मैच में इंग्लैंड 4-2 से जीत गया।

दिल्ली के बादशाह की वजीर ने ही हत्या कर दी

दिल्ली में 1754 से 1759 तक बादशाह हुए आलमगीर द्वितीय। वो 16वें मुगल बादशाह थे। आलमगीर को अजीजुद्दीन के नाम से भी जाना जाता था। माना जाता है कि आलमगीर बहुत कमजोर शासक था। उसे उसके वजीर गाजीउद्दीन इमादुलमुल्क की कठपुतली कहा जाता था। एक समय आया जब आलमगीर गाजीउद्दीन से तंग आ गया और उससे पीछा छुड़ाने की कोशिश करने लगा। लेकिन, गाजीउद्दीन चालाक था, जब आलमगीर ने उससे पीछा छुड़ाना चाहा तो गाजीउद्दीन ने ही आलमगीर की हत्या करवा दी और लाल किले के पीछे यमुना नदी में उसकी लाश फिंकवा दी।

भारत और दुनिया में 30 नवंबर की महत्वपूर्ण घटनाएं इस प्रकार हैं:

1731: बीजिंग में भूकंप से लगभग 1 लाख लोग मारे गए।

1858: वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बसु का जन्म हुआ।

1874: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल का जन्म हुआ।

1982: रिचर्ड एटनबरो द्वारा निर्देशित और बेन किंग्‍सले व जॉन गिल्‍गुड की फिल्‍म गांधी का नई दिल्‍ली में प्रीमियर हुआ।

1999: विश्व के बड़े मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप का पुणे के समीप नारायणगांव में उद्घाटन हुआ।

2000: प्रियंका चोपड़ा मिस वर्ल्ड बनीं।

2008: भारत के गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने मुंबई हमलों के लिए नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा सौंप दिया है।

2010: भारतीय वैज्ञानिक और स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत करने वाले राजीव दीक्षित का निधन हुआ।

2012: पूर्व प्रधानमंत्री इन्द्र कुमार गुजराल का निधन हुआ।

2014: फ्रांस के दक्षिण में भारी बाढ़ के कारण 5 लोगों की जान चली गई और 3000 से अधिक लोगों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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Today History: Aaj Ka Itihas India World November 30 | Priyanka Chopra Miss World 2020 Delhi Mughal Emperor Alamgir Murder

https://ift.tt/3qf4FPR Dainik Bhaskar जब क्रिकेट के ग्राउंड पर खेला गया था पहला इंटरनेशनल फुटबॉल मैच, एक भी टीम गोल नहीं कर पाई थी Reviewed by Manish Pethev on November 30, 2020 Rating: 5

क्या हो रहा है वायरल : सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें पुलिस और प्रशासन का अमला एक शख्स को गिरफ्तार कर जबरदस्ती वाहन में बैठाता दिख रहा है। In delhi, going w/o mask, 10 hours in Jail. To be followed in other states also. ( WA message). pic.twitter.com/CMO1D3WWS9 — VaidyVoice (@Vaidyvoice) November 23, 2020 वीडियो में देखा जा सकता है कि शख्स को मास्क न पहनने पर गिरफ्तार किया जा रहा है। वीडियो के साथ शेयर किए जा रहे मैसेज में दावा है कि दिल्ली में मास्क न पहनने पर लोगों को 10 घंटे जेल में रखा जा रहा है। जल्द ही मुंबई और हैदराबाद में भी यही नियम लागू होने वाला है। और सच क्या है ? वायरल वीडियो के की-फ्रेम को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें News18 के यूट्यूब चैनल पर यही वीडियो मिला। कैप्शन से पता चलता है कि वीडियो दिल्ली नहीं, बल्कि उज्जैन का है। साफ है कि मध्यप्रदेश के वीडियो को दिल्ली का बताकर शेयर किया जा रहा है। वीडियो के साथ वायरल हो रहे मैसेज में ये भी दावा किया गया है कि दिल्ली में मास्क पहनने पर 10 घंटे जेल में रखे जाने का प्रावधान है। पड़ताल के अगले फेज में हमने इसी दावे की पड़ताल की। दैनिक भास्कर की उज्जैन, गुना, शिवपुरी जिले की कुछ रिपोर्ट्स से पता चलता है कि मध्यप्रदेश में मास्क न पहनने वालों को 10 घंटे तक खुली जेल में रखा जा रहा है। इंटरनेट पर हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिससे पुष्टि होती हो कि दिल्ली में मास्क न पहनने पर 10 घंटे की जेल का प्रावधान है। पड़ताल के दौरान हमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का 19 नवंबर का सोशल मीडिया पोस्ट मिला। इससे पता चलता है कि दिल्ली में मास्क पहनने पर जुर्माना 500 रुपए से बढ़ाकर 2000 रुपए कर दिया गया है। पोस्ट में 10 घंटे की जेल का कहीं जिक्र नहीं है। Met Hon’ble LG. Briefed him about the corona situation in Delhi. We agreed that to create effective deterrent so that people don’t omit wearing masks, we need to increase fine from the present Rs 500 to Rs 2000. — Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 19, 2020 साफ है कि सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा फेक है कि दिल्ली में मास्क न पहनने पर लोगों को जेल भेजा जा रहा है। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें 10 Hours Jail for not Wearing Mask in Delhi https://ift.tt/3lllkgU Dainik Bhaskar दिल्ली में मास्क न पहनने पर लोगों को 10 घंटे के लिए भेजा जा रहा जेल? जानें वायरल वीडियो का सच

क्या हो रहा है वायरल : सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें पुलिस और प्रशासन का अमला एक शख्स को गिरफ्तार कर जबरदस्ती वाहन में ब...
- November 30, 2020
क्या हो रहा है वायरल : सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें पुलिस और प्रशासन का अमला एक शख्स को गिरफ्तार कर जबरदस्ती वाहन में बैठाता दिख रहा है। In delhi, going w/o mask, 10 hours in Jail. To be followed in other states also. ( WA message). pic.twitter.com/CMO1D3WWS9 — VaidyVoice (@Vaidyvoice) November 23, 2020 वीडियो में देखा जा सकता है कि शख्स को मास्क न पहनने पर गिरफ्तार किया जा रहा है। वीडियो के साथ शेयर किए जा रहे मैसेज में दावा है कि दिल्ली में मास्क न पहनने पर लोगों को 10 घंटे जेल में रखा जा रहा है। जल्द ही मुंबई और हैदराबाद में भी यही नियम लागू होने वाला है। और सच क्या है ? वायरल वीडियो के की-फ्रेम को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें News18 के यूट्यूब चैनल पर यही वीडियो मिला। कैप्शन से पता चलता है कि वीडियो दिल्ली नहीं, बल्कि उज्जैन का है। साफ है कि मध्यप्रदेश के वीडियो को दिल्ली का बताकर शेयर किया जा रहा है। वीडियो के साथ वायरल हो रहे मैसेज में ये भी दावा किया गया है कि दिल्ली में मास्क पहनने पर 10 घंटे जेल में रखे जाने का प्रावधान है। पड़ताल के अगले फेज में हमने इसी दावे की पड़ताल की। दैनिक भास्कर की उज्जैन, गुना, शिवपुरी जिले की कुछ रिपोर्ट्स से पता चलता है कि मध्यप्रदेश में मास्क न पहनने वालों को 10 घंटे तक खुली जेल में रखा जा रहा है। इंटरनेट पर हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिससे पुष्टि होती हो कि दिल्ली में मास्क न पहनने पर 10 घंटे की जेल का प्रावधान है। पड़ताल के दौरान हमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का 19 नवंबर का सोशल मीडिया पोस्ट मिला। इससे पता चलता है कि दिल्ली में मास्क पहनने पर जुर्माना 500 रुपए से बढ़ाकर 2000 रुपए कर दिया गया है। पोस्ट में 10 घंटे की जेल का कहीं जिक्र नहीं है। Met Hon’ble LG. Briefed him about the corona situation in Delhi. We agreed that to create effective deterrent so that people don’t omit wearing masks, we need to increase fine from the present Rs 500 to Rs 2000. — Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 19, 2020 साफ है कि सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा फेक है कि दिल्ली में मास्क न पहनने पर लोगों को जेल भेजा जा रहा है। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें 10 Hours Jail for not Wearing Mask in Delhi https://ift.tt/3lllkgU Dainik Bhaskar दिल्ली में मास्क न पहनने पर लोगों को 10 घंटे के लिए भेजा जा रहा जेल? जानें वायरल वीडियो का सच 

क्या हो रहा है वायरल : सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें पुलिस और प्रशासन का अमला एक शख्स को गिरफ्तार कर जबरदस्ती वाहन में बैठाता दिख रहा है।

In delhi, going w/o mask, 10 hours in Jail. To be followed in other states also.
( WA message). pic.twitter.com/CMO1D3WWS9

— VaidyVoice (@Vaidyvoice) November 23, 2020

वीडियो में देखा जा सकता है कि शख्स को मास्क न पहनने पर गिरफ्तार किया जा रहा है। वीडियो के साथ शेयर किए जा रहे मैसेज में दावा है कि दिल्ली में मास्क न पहनने पर लोगों को 10 घंटे जेल में रखा जा रहा है। जल्द ही मुंबई और हैदराबाद में भी यही नियम लागू होने वाला है।

और सच क्या है ?

वायरल वीडियो के की-फ्रेम को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें News18 के यूट्यूब चैनल पर यही वीडियो मिला। कैप्शन से पता चलता है कि वीडियो दिल्ली नहीं, बल्कि उज्जैन का है।

साफ है कि मध्यप्रदेश के वीडियो को दिल्ली का बताकर शेयर किया जा रहा है। वीडियो के साथ वायरल हो रहे मैसेज में ये भी दावा किया गया है कि दिल्ली में मास्क पहनने पर 10 घंटे जेल में रखे जाने का प्रावधान है। पड़ताल के अगले फेज में हमने इसी दावे की पड़ताल की।

दैनिक भास्कर की उज्जैन, गुना, शिवपुरी जिले की कुछ रिपोर्ट्स से पता चलता है कि मध्यप्रदेश में मास्क न पहनने वालों को 10 घंटे तक खुली जेल में रखा जा रहा है। इंटरनेट पर हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिससे पुष्टि होती हो कि दिल्ली में मास्क न पहनने पर 10 घंटे की जेल का प्रावधान है।

पड़ताल के दौरान हमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का 19 नवंबर का सोशल मीडिया पोस्ट मिला। इससे पता चलता है कि दिल्ली में मास्क पहनने पर जुर्माना 500 रुपए से बढ़ाकर 2000 रुपए कर दिया गया है। पोस्ट में 10 घंटे की जेल का कहीं जिक्र नहीं है।

Met Hon’ble LG. Briefed him about the corona situation in Delhi. We agreed that to create effective deterrent so that people don’t omit wearing masks, we need to increase fine from the present Rs 500 to Rs 2000.

— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 19, 2020

साफ है कि सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा फेक है कि दिल्ली में मास्क न पहनने पर लोगों को जेल भेजा जा रहा है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी आएंगे। बतौर PM उनका यह 23वां दौरा है, जबकि दूसरे कार्यकाल में तीसरी बार आ रहे हैं। आखिरी बार वे 16 फरवरी को काशी आए थे। PM मोदी पहली बार देव दीपावली (कार्तिक पूर्णिमा) पर आ रहे हैं। वहीं, पहली बार वे गंगा मार्ग से काशी विश्वनाथ मंदिर जाएंगे। विश्वनाथ कॉरिडोर के विकास कार्यों को जाएजा लेते हुए वे बाबा विश्वनाथ धाम पहुंचेंगे और वहां पूजा-अर्चना करेंगे। अलकनंदा क्रूज से ही PM मोदी ललिता घाट पहुंचेंगे। अलकनंदा क्रूज से PM काशीपति भगवान शिव के दरबार पहुंचेंगे कार्तिक पूर्णिमा पर प्रधानमंत्री मोदी सोमवार दोपहर वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल उनकी अगुवानी करेंगे। यहां से PM खजुरी जाएंगे। यहां प्रयागराज-वाराणसी 6 लेन हाईवे का लोकार्पण करने के साथ ही उनकी जनसभा होगी। इसके बाद वे हेलीकॉप्टर से डोमरी जाएंगे। फिर यहां से वे सड़क मार्ग से भगवान अवधूत राम घाट जाएंगे और अलकनंदा क्रूज पर सवार होकर ललिता घाट पहुचेंगे। ललिता घाट से उनका काफिला विश्वनाथ मंदिर आएगा। यहां दर्शन-पूजन कर कॉरिडोर के विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। क्रूज से वापस राजघाट पहुचेंगे और दीप जलाकर दीपोत्सव की शुरुआत करेंगे। यहीं पावन पथ वेबसाइट का लोकार्पण होगा। राजघाट से ही प्रधानमंत्री मोदी क्रूज से रविदास घाट के लिए रवाना होंगे। चेत सिंह घाट पर 10 मिनट का लेजर शो देखेंगे। रविदास घाट पहुंच कर कार से भगवान बुद्ध की तपोस्थली सारनाथ के लिए रवाना हो जाएंगे। यहां वे लाइट एंड साउंड शो देखेंगे और इसके बाद बाबतपुर एयरपोर्ट से दिल्ली वापस लौट जाएंगे। PM मोदी करीब सात घंटे काशी में रहेंगे। इस बार काशी के 84 घाटों पर जलेंगे 15 लाख से अधिक दीपक। पिछली बार से डेढ़ गुना ज्यादा जलेंगे दीप देव दीपावली पर काशी के सभी 84 घाट दीपकों से रोशन होते हैं। हर साल लाखों लोग इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए पहुंचते हैं। लेकिन कोरोना संकट के चलते इस बार श्रद्धालुओं की संख्या सीमित कर दी गई है। हर एक शख्स के लिए मास्क अनिवार्य है। पिछले साल यहां 10 लाख दिये जलाए गए थे। लेकिन इस बार दीपों की संख्या में 5 लाख की बढ़ोत्तरी कर दी गई है। 20-25 घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। भगवान अवधूत राम घाट पर कॉटेज बनाया गया। 21 बटुक और 42 कन्याएं कराएंगी आरती इस दौरान 16 घाटों पर उनसे जुड़ी कथा की बालू से कलाकृतियां बनाई गई हैं। जैन घाट के सामने भगवान जैन की आकृति, तुलसी घाट के सामने विश्व प्रसिद्ध नाग नथैया के कालिया नाग की आकृति और ललिता घाट के सामने मां अन्नपूर्णा देवी की आकृति भी बनाई गई है। देव दीपावली पर प्रधानमंत्री खुद भी दीपदान करेंगे। दशाश्वमेघ घाट पर महाआरती के दौरान 21 बटुक और 42 कन्याएं आरती में शामिल होंगी। सुरक्षा के लिहाज से एक दिसंबर तक काशी में ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। काशी के 84 घाटों को सजाया गया। देव दीपावली की अहमियत मान्यता है कि देव दीपावली के दिन सभी देवता बनारस के घाटों पर आते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था। त्रिपुरासुर के वध के बाद सभी देवी-देवताओं ने मिलकर खुशी मनाई थी। काशी में देव दीपावली का अद्भुत संयोग माना जाता है। इस दिन दीपदान करने का पुण्य फलदायी व विशेष महत्व वाला होता है। मान्‍यता है कि भगवान भोलेनाथ ने खुद धरती पर आकर तीन लोक से न्यारी काशी में देवताओं के साथ गंगा के घाट पर दिवाली मनाई थी। इसीलिए इस देव दीपावली का धार्मिक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। घाटों पर बनी कलाकृतियां। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें यह फोटो वाराणसी की है। साल 2019 में दोबारा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने काशी की जनता का कुछ इसी तरह अभिवादन किया था। (फाइल फोटो) https://ift.tt/2VjZlfK Dainik Bhaskar PM पहली बार गंगा में बोट से अपने संसदीय क्षेत्र जाएंगे; वाराणसी के 84 घाटों पर रोशन होंगे 15 लाख दीये

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी आएंगे। बतौर PM उनका यह 23वां दौरा है, जबकि दूसरे कार्यकाल में तीसरी बार आ रहे हैं।...
- November 30, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी आएंगे। बतौर PM उनका यह 23वां दौरा है, जबकि दूसरे कार्यकाल में तीसरी बार आ रहे हैं। आखिरी बार वे 16 फरवरी को काशी आए थे। PM मोदी पहली बार देव दीपावली (कार्तिक पूर्णिमा) पर आ रहे हैं। वहीं, पहली बार वे गंगा मार्ग से काशी विश्वनाथ मंदिर जाएंगे। विश्वनाथ कॉरिडोर के विकास कार्यों को जाएजा लेते हुए वे बाबा विश्वनाथ धाम पहुंचेंगे और वहां पूजा-अर्चना करेंगे। अलकनंदा क्रूज से ही PM मोदी ललिता घाट पहुंचेंगे। अलकनंदा क्रूज से PM काशीपति भगवान शिव के दरबार पहुंचेंगे कार्तिक पूर्णिमा पर प्रधानमंत्री मोदी सोमवार दोपहर वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल उनकी अगुवानी करेंगे। यहां से PM खजुरी जाएंगे। यहां प्रयागराज-वाराणसी 6 लेन हाईवे का लोकार्पण करने के साथ ही उनकी जनसभा होगी। इसके बाद वे हेलीकॉप्टर से डोमरी जाएंगे। फिर यहां से वे सड़क मार्ग से भगवान अवधूत राम घाट जाएंगे और अलकनंदा क्रूज पर सवार होकर ललिता घाट पहुचेंगे। ललिता घाट से उनका काफिला विश्वनाथ मंदिर आएगा। यहां दर्शन-पूजन कर कॉरिडोर के विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। क्रूज से वापस राजघाट पहुचेंगे और दीप जलाकर दीपोत्सव की शुरुआत करेंगे। यहीं पावन पथ वेबसाइट का लोकार्पण होगा। राजघाट से ही प्रधानमंत्री मोदी क्रूज से रविदास घाट के लिए रवाना होंगे। चेत सिंह घाट पर 10 मिनट का लेजर शो देखेंगे। रविदास घाट पहुंच कर कार से भगवान बुद्ध की तपोस्थली सारनाथ के लिए रवाना हो जाएंगे। यहां वे लाइट एंड साउंड शो देखेंगे और इसके बाद बाबतपुर एयरपोर्ट से दिल्ली वापस लौट जाएंगे। PM मोदी करीब सात घंटे काशी में रहेंगे। इस बार काशी के 84 घाटों पर जलेंगे 15 लाख से अधिक दीपक। पिछली बार से डेढ़ गुना ज्यादा जलेंगे दीप देव दीपावली पर काशी के सभी 84 घाट दीपकों से रोशन होते हैं। हर साल लाखों लोग इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए पहुंचते हैं। लेकिन कोरोना संकट के चलते इस बार श्रद्धालुओं की संख्या सीमित कर दी गई है। हर एक शख्स के लिए मास्क अनिवार्य है। पिछले साल यहां 10 लाख दिये जलाए गए थे। लेकिन इस बार दीपों की संख्या में 5 लाख की बढ़ोत्तरी कर दी गई है। 20-25 घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। भगवान अवधूत राम घाट पर कॉटेज बनाया गया। 21 बटुक और 42 कन्याएं कराएंगी आरती इस दौरान 16 घाटों पर उनसे जुड़ी कथा की बालू से कलाकृतियां बनाई गई हैं। जैन घाट के सामने भगवान जैन की आकृति, तुलसी घाट के सामने विश्व प्रसिद्ध नाग नथैया के कालिया नाग की आकृति और ललिता घाट के सामने मां अन्नपूर्णा देवी की आकृति भी बनाई गई है। देव दीपावली पर प्रधानमंत्री खुद भी दीपदान करेंगे। दशाश्वमेघ घाट पर महाआरती के दौरान 21 बटुक और 42 कन्याएं आरती में शामिल होंगी। सुरक्षा के लिहाज से एक दिसंबर तक काशी में ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। काशी के 84 घाटों को सजाया गया। देव दीपावली की अहमियत मान्यता है कि देव दीपावली के दिन सभी देवता बनारस के घाटों पर आते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था। त्रिपुरासुर के वध के बाद सभी देवी-देवताओं ने मिलकर खुशी मनाई थी। काशी में देव दीपावली का अद्भुत संयोग माना जाता है। इस दिन दीपदान करने का पुण्य फलदायी व विशेष महत्व वाला होता है। मान्‍यता है कि भगवान भोलेनाथ ने खुद धरती पर आकर तीन लोक से न्यारी काशी में देवताओं के साथ गंगा के घाट पर दिवाली मनाई थी। इसीलिए इस देव दीपावली का धार्मिक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। घाटों पर बनी कलाकृतियां। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें यह फोटो वाराणसी की है। साल 2019 में दोबारा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने काशी की जनता का कुछ इसी तरह अभिवादन किया था। (फाइल फोटो) https://ift.tt/2VjZlfK Dainik Bhaskar PM पहली बार गंगा में बोट से अपने संसदीय क्षेत्र जाएंगे; वाराणसी के 84 घाटों पर रोशन होंगे 15 लाख दीये 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी आएंगे। बतौर PM उनका यह 23वां दौरा है, जबकि दूसरे कार्यकाल में तीसरी बार आ रहे हैं। आखिरी बार वे 16 फरवरी को काशी आए थे। PM मोदी पहली बार देव दीपावली (कार्तिक पूर्णिमा) पर आ रहे हैं। वहीं, पहली बार वे गंगा मार्ग से काशी विश्वनाथ मंदिर जाएंगे। विश्वनाथ कॉरिडोर के विकास कार्यों को जाएजा लेते हुए वे बाबा विश्वनाथ धाम पहुंचेंगे और वहां पूजा-अर्चना करेंगे।

अलकनंदा क्रूज से ही PM मोदी ललिता घाट पहुंचेंगे।

अलकनंदा क्रूज से PM काशीपति भगवान शिव के दरबार पहुंचेंगे

कार्तिक पूर्णिमा पर प्रधानमंत्री मोदी सोमवार दोपहर वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल उनकी अगुवानी करेंगे। यहां से PM खजुरी जाएंगे। यहां प्रयागराज-वाराणसी 6 लेन हाईवे का लोकार्पण करने के साथ ही उनकी जनसभा होगी। इसके बाद वे हेलीकॉप्टर से डोमरी जाएंगे। फिर यहां से वे सड़क मार्ग से भगवान अवधूत राम घाट जाएंगे और अलकनंदा क्रूज पर सवार होकर ललिता घाट पहुचेंगे।

ललिता घाट से उनका काफिला विश्वनाथ मंदिर आएगा। यहां दर्शन-पूजन कर कॉरिडोर के विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। क्रूज से वापस राजघाट पहुचेंगे और दीप जलाकर दीपोत्सव की शुरुआत करेंगे। यहीं पावन पथ वेबसाइट का लोकार्पण होगा। राजघाट से ही प्रधानमंत्री मोदी क्रूज से रविदास घाट के लिए रवाना होंगे। चेत सिंह घाट पर 10 मिनट का लेजर शो देखेंगे।

रविदास घाट पहुंच कर कार से भगवान बुद्ध की तपोस्थली सारनाथ के लिए रवाना हो जाएंगे। यहां वे लाइट एंड साउंड शो देखेंगे और इसके बाद बाबतपुर एयरपोर्ट से दिल्ली वापस लौट जाएंगे। PM मोदी करीब सात घंटे काशी में रहेंगे।

इस बार काशी के 84 घाटों पर जलेंगे 15 लाख से अधिक दीपक।

पिछली बार से डेढ़ गुना ज्यादा जलेंगे दीप

देव दीपावली पर काशी के सभी 84 घाट दीपकों से रोशन होते हैं। हर साल लाखों लोग इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए पहुंचते हैं। लेकिन कोरोना संकट के चलते इस बार श्रद्धालुओं की संख्या सीमित कर दी गई है। हर एक शख्स के लिए मास्क अनिवार्य है। पिछले साल यहां 10 लाख दिये जलाए गए थे। लेकिन इस बार दीपों की संख्या में 5 लाख की बढ़ोत्तरी कर दी गई है। 20-25 घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।

भगवान अवधूत राम घाट पर कॉटेज बनाया गया।

21 बटुक और 42 कन्याएं कराएंगी आरती

इस दौरान 16 घाटों पर उनसे जुड़ी कथा की बालू से कलाकृतियां बनाई गई हैं। जैन घाट के सामने भगवान जैन की आकृति, तुलसी घाट के सामने विश्व प्रसिद्ध नाग नथैया के कालिया नाग की आकृति और ललिता घाट के सामने मां अन्नपूर्णा देवी की आकृति भी बनाई गई है। देव दीपावली पर प्रधानमंत्री खुद भी दीपदान करेंगे। दशाश्वमेघ घाट पर महाआरती के दौरान 21 बटुक और 42 कन्याएं आरती में शामिल होंगी। सुरक्षा के लिहाज से एक दिसंबर तक काशी में ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

काशी के 84 घाटों को सजाया गया।

देव दीपावली की अहमियत
मान्यता है कि देव दीपावली के दिन सभी देवता बनारस के घाटों पर आते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था। त्रिपुरासुर के वध के बाद सभी देवी-देवताओं ने मिलकर खुशी मनाई थी। काशी में देव दीपावली का अद्भुत संयोग माना जाता है। इस दिन दीपदान करने का पुण्य फलदायी व विशेष महत्व वाला होता है। मान्‍यता है कि भगवान भोलेनाथ ने खुद धरती पर आकर तीन लोक से न्यारी काशी में देवताओं के साथ गंगा के घाट पर दिवाली मनाई थी। इसीलिए इस देव दीपावली का धार्मिक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है।

घाटों पर बनी कलाकृतियां।

आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें

यह फोटो वाराणसी की है। साल 2019 में दोबारा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने काशी की जनता का कुछ इसी तरह अभिवादन किया था। (फाइल फोटो)

https://ift.tt/2VjZlfK Dainik Bhaskar PM पहली बार गंगा में बोट से अपने संसदीय क्षेत्र जाएंगे; वाराणसी के 84 घाटों पर रोशन होंगे 15 लाख दीये Reviewed by Manish Pethev on November 30, 2020 Rating: 5

पिछले 15 दिनों से बिहार की राजनीति में सुशील कुमार मोदी से ज्यादा चर्चा किसी की नहीं है। 15 नवंबर को सुबह जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आने वाले थे, तभी से छोटे मोदी को लेकर बवाल था। 12 साल में ऐसे कई बवाल आए। पिछले 5 साल में यह दूसरा मौका था, जब सुशील मोदी को साइडलाइन किया गया। पिछली बार सुशील मोदी लालू प्रसाद के खिलाफ माहौल बनाकर दोबारा डिप्टी सीएम बने और इस बार जब यह कुर्सी छीनी गई तो फिर अपने पुराने मित्र पर खुलासा करके रिकवर कर गए। 15 नवंबर को NDA की बैठक के पहले भास्कर ने बता दिया था कि सुशील मोदी डिप्टी सीएम नहीं रहेंगे, केंद्र जाएंगे। पहला निर्णय तो तत्काल आ गया, लेकिन दूसरी खबर अटकी थी। केंद्र का उनका टिकट फाइनल नहीं हो रहा था, लेकिन लालू प्रसाद की तरफ से विधायकों को आ रहे ऑफर के जवाब में उन्हें कॉलबैक कर सोशल मीडिया में सबकुछ खोला तो पार्टी एक झटके में समझ गई कि "सुशील मोदी का विकल्प नहीं है'। और फिर, राज्यसभा के बाकी नाम कट गए, सुशील मोदी फाइनल हो गई। 12 साल पहले डिप्टी सीएम रहते दिल्ली में देनी पड़ी थी सफाई 2008 में नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया तो भाजपा के कद्दावर नेता चंद्रमोहन राय को स्वास्थ्य मंत्री का पद छोड़ना पड़ा। चंद्रमोहन राय को कमतर PHED विभाग मिलने का सारा दोष सुशील कुमार मोदी के सिर पर आया और बिहार भाजपा का एक बड़ा खेमा सुशील मोदी हटाओ अभियान में जुट गया। तब उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को दिल्ली पहुंच कर सफाई देनी पड़ी। इसके बाद भी मौका मिलते ही पीठ पीछे उन्हें किनारे करने की मुहिम कई बार चलीं। हालांकि, इस बार ऐसा लग रहा था कि सुशील मोदी के खिलाफ कोशिशें कामयाब हो गईं। जदयू से 17 साल पुरानी दोस्ती टूटी, नीतीश प्रेम से टारगेट पर आए नरेंद्र मोदी को PM पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद अनबन के साथ 16 जून 2013 को बिहार में भाजपा-जदयू की 17 साल पुरानी दोस्ती टूटी और भाजपा को विपक्ष में जाना पड़ा। नरेंद्र मोदी को PM प्रत्याशी बनाए जाने के पहले सुशील मोदी कई बार नीतीश को PM मेटेरियल भी कह चुके थे, इसलिए जैसे ही नरेंद्र मोदी की घोषणा हुई और नीतीश कुमार ने तीखा विरोध शुरू किया तो कहीं न कहीं सुशील मोदी के खिलाफ भी माहौल बन गया। जदयू ने राजद का साथ लेकर सरकार बना ली और सुशील मोदी किनारे ही लग गए। 2014 के लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत के तुरंत बाद 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की जबरदस्त हार से भाजपा हिल गई। पार्टी को यह उम्मीद ही नहीं थी कि अगले पांच साल तक महागठबंधन की मजबूत सरकार को हिलाना संभव होगा। ऐसे मौके पर सुशील कुमार मोदी ने एक तरह से अकेले ही कमान संभाली। 4 अप्रैल 2017 तक लालू परिवार के खिलाफ 44 प्रेस कॉन्फ्रेंस कीं। विपक्ष में रहकर लालू परिवार पर आय से अधिक संपत्ति के मामलों का खुलासा किया और कागजी प्रमाण भी लेकर आए। हर प्रेस कांफ्रेंस के साथ राजद-जदयू सरकार असहज होती गई और नीतीश सोचने को मजबूर हो गए। नीतीश को फिर NDA का CM बनाया, गिफ्ट मिला डिप्टी का पद 2015 विधानसभा चुनाव में महज 53 सीटें लेकर विपक्ष में बैठी भाजपा को सुशील कुमार मोदी के खुलासे ने नई उम्मीद दिखाई। राजद-जदयू की दूरियां ऐसी बढ़ीं कि 26 जुलाई 2017 को भाजपा-जदयू फिर एक बार साथ गए। 4 साल बाद हुए इस गठजोड़ में सुशील मोदी ने सबसे अहम भूमिका निभाई, लेकिन इसके बावजूद पार्टी के अंदर उनका विरोध खत्म नहीं हो रहा था। इस बार नीतीश कुमार फ्रंट पर आए और उनकी मांग पर सुशील मोदी को बिहार का उप-मुख्यमंत्री बनाया गया। नीतीश-प्रेम ने विकेट गिराया, लालू पर खुलासे ने दिया केंद्र का टिकट नीतीश कुमार से सुशील कुमार मोदी का प्रेम वर्षों से चर्चा में रहा है। इस बार भाजपा मजबूत हुई तो इस प्रेम को तोड़ने के लिए सुशील कुमार मोदी को दरकिनार करने की आवाज बुलंद हो गई। 14 नवंबर की शाम जानकारी आई कि भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह इसी पर विधायकों से रायशुमारी के लिए पटना आ रहे हैं। 15 नवंबर को वह आए भी, लेकिन प्रदेश कार्यालय में रायशुमारी का इंतजार कर रहे भाजपा विधायकों से मिले बगैर सीधे सुशील मोदी के साथ NDA की बैठक में ही गए। सुशील मोदी को एक बार भी नहीं छोड़ा। NDA बैठक में फाइनल हो गया कि सुशील मोदी डिप्टी CM नहीं रहेंगे, लेकिन उन्हें यह भरोसा नहीं दिलाया गया कि उनके साथ भविष्य में क्या होगा। उन्होंने सोशल मीडिया पर दु:ख जाहिर भी किया कि कार्यकर्ता का पद तो कोई नहीं छीन सकता। पार्टी दफ्तर से राजभवन तक, हर जगह दरकिनार नजर आए सुशील मोदी इस बार भी शांत नहीं बैठे। विधानसभा अध्यक्ष चुनाव से एक दिन पहले 24 नवंबर को NDA विधायकों को लालच देकर सरकार के खिलाफ जाने का खुलासा किया। ऐसी एक कॉल की इन्फॉर्मेशन भी लाए और लालू यादव को कॉल-बैक करने की जानकारी भी सोशल मीडिया पर दी। यह तुरुप का पत्ता काम आया। लालू गेस्ट हाउस से रिम्स गए और इधर भाजपा ने सुशील मोदी को राज्यसभा का टिकट सौंप दिया। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Bihar Politics, Bihar Election Results, rajya sabha election 2020, sushil modi in ajya sabha, RamBilas Paswan https://ift.tt/3lm4I8Q Dainik Bhaskar भाजपा में जब-जब साइडलाइन हुए, नई लाइन से साबित किया कि सुशील मोदी का विकल्प नहीं

पिछले 15 दिनों से बिहार की राजनीति में सुशील कुमार मोदी से ज्यादा चर्चा किसी की नहीं है। 15 नवंबर को सुबह जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आने व...
- November 30, 2020
पिछले 15 दिनों से बिहार की राजनीति में सुशील कुमार मोदी से ज्यादा चर्चा किसी की नहीं है। 15 नवंबर को सुबह जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आने वाले थे, तभी से छोटे मोदी को लेकर बवाल था। 12 साल में ऐसे कई बवाल आए। पिछले 5 साल में यह दूसरा मौका था, जब सुशील मोदी को साइडलाइन किया गया। पिछली बार सुशील मोदी लालू प्रसाद के खिलाफ माहौल बनाकर दोबारा डिप्टी सीएम बने और इस बार जब यह कुर्सी छीनी गई तो फिर अपने पुराने मित्र पर खुलासा करके रिकवर कर गए। 15 नवंबर को NDA की बैठक के पहले भास्कर ने बता दिया था कि सुशील मोदी डिप्टी सीएम नहीं रहेंगे, केंद्र जाएंगे। पहला निर्णय तो तत्काल आ गया, लेकिन दूसरी खबर अटकी थी। केंद्र का उनका टिकट फाइनल नहीं हो रहा था, लेकिन लालू प्रसाद की तरफ से विधायकों को आ रहे ऑफर के जवाब में उन्हें कॉलबैक कर सोशल मीडिया में सबकुछ खोला तो पार्टी एक झटके में समझ गई कि "सुशील मोदी का विकल्प नहीं है'। और फिर, राज्यसभा के बाकी नाम कट गए, सुशील मोदी फाइनल हो गई। 12 साल पहले डिप्टी सीएम रहते दिल्ली में देनी पड़ी थी सफाई 2008 में नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया तो भाजपा के कद्दावर नेता चंद्रमोहन राय को स्वास्थ्य मंत्री का पद छोड़ना पड़ा। चंद्रमोहन राय को कमतर PHED विभाग मिलने का सारा दोष सुशील कुमार मोदी के सिर पर आया और बिहार भाजपा का एक बड़ा खेमा सुशील मोदी हटाओ अभियान में जुट गया। तब उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को दिल्ली पहुंच कर सफाई देनी पड़ी। इसके बाद भी मौका मिलते ही पीठ पीछे उन्हें किनारे करने की मुहिम कई बार चलीं। हालांकि, इस बार ऐसा लग रहा था कि सुशील मोदी के खिलाफ कोशिशें कामयाब हो गईं। जदयू से 17 साल पुरानी दोस्ती टूटी, नीतीश प्रेम से टारगेट पर आए नरेंद्र मोदी को PM पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद अनबन के साथ 16 जून 2013 को बिहार में भाजपा-जदयू की 17 साल पुरानी दोस्ती टूटी और भाजपा को विपक्ष में जाना पड़ा। नरेंद्र मोदी को PM प्रत्याशी बनाए जाने के पहले सुशील मोदी कई बार नीतीश को PM मेटेरियल भी कह चुके थे, इसलिए जैसे ही नरेंद्र मोदी की घोषणा हुई और नीतीश कुमार ने तीखा विरोध शुरू किया तो कहीं न कहीं सुशील मोदी के खिलाफ भी माहौल बन गया। जदयू ने राजद का साथ लेकर सरकार बना ली और सुशील मोदी किनारे ही लग गए। 2014 के लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत के तुरंत बाद 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की जबरदस्त हार से भाजपा हिल गई। पार्टी को यह उम्मीद ही नहीं थी कि अगले पांच साल तक महागठबंधन की मजबूत सरकार को हिलाना संभव होगा। ऐसे मौके पर सुशील कुमार मोदी ने एक तरह से अकेले ही कमान संभाली। 4 अप्रैल 2017 तक लालू परिवार के खिलाफ 44 प्रेस कॉन्फ्रेंस कीं। विपक्ष में रहकर लालू परिवार पर आय से अधिक संपत्ति के मामलों का खुलासा किया और कागजी प्रमाण भी लेकर आए। हर प्रेस कांफ्रेंस के साथ राजद-जदयू सरकार असहज होती गई और नीतीश सोचने को मजबूर हो गए। नीतीश को फिर NDA का CM बनाया, गिफ्ट मिला डिप्टी का पद 2015 विधानसभा चुनाव में महज 53 सीटें लेकर विपक्ष में बैठी भाजपा को सुशील कुमार मोदी के खुलासे ने नई उम्मीद दिखाई। राजद-जदयू की दूरियां ऐसी बढ़ीं कि 26 जुलाई 2017 को भाजपा-जदयू फिर एक बार साथ गए। 4 साल बाद हुए इस गठजोड़ में सुशील मोदी ने सबसे अहम भूमिका निभाई, लेकिन इसके बावजूद पार्टी के अंदर उनका विरोध खत्म नहीं हो रहा था। इस बार नीतीश कुमार फ्रंट पर आए और उनकी मांग पर सुशील मोदी को बिहार का उप-मुख्यमंत्री बनाया गया। नीतीश-प्रेम ने विकेट गिराया, लालू पर खुलासे ने दिया केंद्र का टिकट नीतीश कुमार से सुशील कुमार मोदी का प्रेम वर्षों से चर्चा में रहा है। इस बार भाजपा मजबूत हुई तो इस प्रेम को तोड़ने के लिए सुशील कुमार मोदी को दरकिनार करने की आवाज बुलंद हो गई। 14 नवंबर की शाम जानकारी आई कि भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह इसी पर विधायकों से रायशुमारी के लिए पटना आ रहे हैं। 15 नवंबर को वह आए भी, लेकिन प्रदेश कार्यालय में रायशुमारी का इंतजार कर रहे भाजपा विधायकों से मिले बगैर सीधे सुशील मोदी के साथ NDA की बैठक में ही गए। सुशील मोदी को एक बार भी नहीं छोड़ा। NDA बैठक में फाइनल हो गया कि सुशील मोदी डिप्टी CM नहीं रहेंगे, लेकिन उन्हें यह भरोसा नहीं दिलाया गया कि उनके साथ भविष्य में क्या होगा। उन्होंने सोशल मीडिया पर दु:ख जाहिर भी किया कि कार्यकर्ता का पद तो कोई नहीं छीन सकता। पार्टी दफ्तर से राजभवन तक, हर जगह दरकिनार नजर आए सुशील मोदी इस बार भी शांत नहीं बैठे। विधानसभा अध्यक्ष चुनाव से एक दिन पहले 24 नवंबर को NDA विधायकों को लालच देकर सरकार के खिलाफ जाने का खुलासा किया। ऐसी एक कॉल की इन्फॉर्मेशन भी लाए और लालू यादव को कॉल-बैक करने की जानकारी भी सोशल मीडिया पर दी। यह तुरुप का पत्ता काम आया। लालू गेस्ट हाउस से रिम्स गए और इधर भाजपा ने सुशील मोदी को राज्यसभा का टिकट सौंप दिया। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Bihar Politics, Bihar Election Results, rajya sabha election 2020, sushil modi in ajya sabha, RamBilas Paswan https://ift.tt/3lm4I8Q Dainik Bhaskar भाजपा में जब-जब साइडलाइन हुए, नई लाइन से साबित किया कि सुशील मोदी का विकल्प नहीं 

पिछले 15 दिनों से बिहार की राजनीति में सुशील कुमार मोदी से ज्यादा चर्चा किसी की नहीं है। 15 नवंबर को सुबह जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आने वाले थे, तभी से छोटे मोदी को लेकर बवाल था। 12 साल में ऐसे कई बवाल आए। पिछले 5 साल में यह दूसरा मौका था, जब सुशील मोदी को साइडलाइन किया गया।

पिछली बार सुशील मोदी लालू प्रसाद के खिलाफ माहौल बनाकर दोबारा डिप्टी सीएम बने और इस बार जब यह कुर्सी छीनी गई तो फिर अपने पुराने मित्र पर खुलासा करके रिकवर कर गए।

15 नवंबर को NDA की बैठक के पहले भास्कर ने बता दिया था कि सुशील मोदी डिप्टी सीएम नहीं रहेंगे, केंद्र जाएंगे। पहला निर्णय तो तत्काल आ गया, लेकिन दूसरी खबर अटकी थी। केंद्र का उनका टिकट फाइनल नहीं हो रहा था, लेकिन लालू प्रसाद की तरफ से विधायकों को आ रहे ऑफर के जवाब में उन्हें कॉलबैक कर सोशल मीडिया में सबकुछ खोला तो पार्टी एक झटके में समझ गई कि "सुशील मोदी का विकल्प नहीं है'। और फिर, राज्यसभा के बाकी नाम कट गए, सुशील मोदी फाइनल हो गई।

12 साल पहले डिप्टी सीएम रहते दिल्ली में देनी पड़ी थी सफाई
2008 में नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया तो भाजपा के कद्दावर नेता चंद्रमोहन राय को स्वास्थ्य मंत्री का पद छोड़ना पड़ा। चंद्रमोहन राय को कमतर PHED विभाग मिलने का सारा दोष सुशील कुमार मोदी के सिर पर आया और बिहार भाजपा का एक बड़ा खेमा सुशील मोदी हटाओ अभियान में जुट गया। तब उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को दिल्ली पहुंच कर सफाई देनी पड़ी। इसके बाद भी मौका मिलते ही पीठ पीछे उन्हें किनारे करने की मुहिम कई बार चलीं। हालांकि, इस बार ऐसा लग रहा था कि सुशील मोदी के खिलाफ कोशिशें कामयाब हो गईं।

जदयू से 17 साल पुरानी दोस्ती टूटी, नीतीश प्रेम से टारगेट पर आए
नरेंद्र मोदी को PM पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद अनबन के साथ 16 जून 2013 को बिहार में भाजपा-जदयू की 17 साल पुरानी दोस्ती टूटी और भाजपा को विपक्ष में जाना पड़ा। नरेंद्र मोदी को PM प्रत्याशी बनाए जाने के पहले सुशील मोदी कई बार नीतीश को PM मेटेरियल भी कह चुके थे, इसलिए जैसे ही नरेंद्र मोदी की घोषणा हुई और नीतीश कुमार ने तीखा विरोध शुरू किया तो कहीं न कहीं सुशील मोदी के खिलाफ भी माहौल बन गया। जदयू ने राजद का साथ लेकर सरकार बना ली और सुशील मोदी किनारे ही लग गए।

2014 के लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत के तुरंत बाद 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की जबरदस्त हार से भाजपा हिल गई। पार्टी को यह उम्मीद ही नहीं थी कि अगले पांच साल तक महागठबंधन की मजबूत सरकार को हिलाना संभव होगा।

ऐसे मौके पर सुशील कुमार मोदी ने एक तरह से अकेले ही कमान संभाली। 4 अप्रैल 2017 तक लालू परिवार के खिलाफ 44 प्रेस कॉन्फ्रेंस कीं। विपक्ष में रहकर लालू परिवार पर आय से अधिक संपत्ति के मामलों का खुलासा किया और कागजी प्रमाण भी लेकर आए। हर प्रेस कांफ्रेंस के साथ राजद-जदयू सरकार असहज होती गई और नीतीश सोचने को मजबूर हो गए।

नीतीश को फिर NDA का CM बनाया, गिफ्ट मिला डिप्टी का पद
2015 विधानसभा चुनाव में महज 53 सीटें लेकर विपक्ष में बैठी भाजपा को सुशील कुमार मोदी के खुलासे ने नई उम्मीद दिखाई। राजद-जदयू की दूरियां ऐसी बढ़ीं कि 26 जुलाई 2017 को भाजपा-जदयू फिर एक बार साथ गए। 4 साल बाद हुए इस गठजोड़ में सुशील मोदी ने सबसे अहम भूमिका निभाई, लेकिन इसके बावजूद पार्टी के अंदर उनका विरोध खत्म नहीं हो रहा था। इस बार नीतीश कुमार फ्रंट पर आए और उनकी मांग पर सुशील मोदी को बिहार का उप-मुख्यमंत्री बनाया गया।

नीतीश-प्रेम ने विकेट गिराया, लालू पर खुलासे ने दिया केंद्र का टिकट
नीतीश कुमार से सुशील कुमार मोदी का प्रेम वर्षों से चर्चा में रहा है। इस बार भाजपा मजबूत हुई तो इस प्रेम को तोड़ने के लिए सुशील कुमार मोदी को दरकिनार करने की आवाज बुलंद हो गई। 14 नवंबर की शाम जानकारी आई कि भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह इसी पर विधायकों से रायशुमारी के लिए पटना आ रहे हैं। 15 नवंबर को वह आए भी, लेकिन प्रदेश कार्यालय में रायशुमारी का इंतजार कर रहे भाजपा विधायकों से मिले बगैर सीधे सुशील मोदी के साथ NDA की बैठक में ही गए। सुशील मोदी को एक बार भी नहीं छोड़ा।

NDA बैठक में फाइनल हो गया कि सुशील मोदी डिप्टी CM नहीं रहेंगे, लेकिन उन्हें यह भरोसा नहीं दिलाया गया कि उनके साथ भविष्य में क्या होगा। उन्होंने सोशल मीडिया पर दु:ख जाहिर भी किया कि कार्यकर्ता का पद तो कोई नहीं छीन सकता। पार्टी दफ्तर से राजभवन तक, हर जगह दरकिनार नजर आए सुशील मोदी इस बार भी शांत नहीं बैठे।

विधानसभा अध्यक्ष चुनाव से एक दिन पहले 24 नवंबर को NDA विधायकों को लालच देकर सरकार के खिलाफ जाने का खुलासा किया। ऐसी एक कॉल की इन्फॉर्मेशन भी लाए और लालू यादव को कॉल-बैक करने की जानकारी भी सोशल मीडिया पर दी। यह तुरुप का पत्ता काम आया। लालू गेस्ट हाउस से रिम्स गए और इधर भाजपा ने सुशील मोदी को राज्यसभा का टिकट सौंप दिया।

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https://ift.tt/3lm4I8Q Dainik Bhaskar भाजपा में जब-जब साइडलाइन हुए, नई लाइन से साबित किया कि सुशील मोदी का विकल्प नहीं Reviewed by Manish Pethev on November 30, 2020 Rating: 5

कोरोना वैक्सीन के ट्रायल की हर तरफ चर्चा है। मध्यप्रदेश सरकार भी इसको लेकर उत्साहित है। सरकार कहती है कि ट्रायल पूरा होते ही वैक्सीनेशन शुरू करा दिया जाएगा। तैयारियों का रिव्यू भी हो चुका है। लेकिन, पं. दीनदयाल उपाध्याय की विचारधारा पर चलने वाली BJP की सरकार यह नहीं बता पा रही है कि राज्य में आखिरी आदमी तक यह डोज कैसे पहुंचेगी? यानी इतनी बड़ी आबादी को वैक्सीन कैसे मिलेगी? दैनिक भास्कर ने MP के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से इस बारे में बातचीत की। उन्होंने कहा- कोल्ड चैन तैयार कर ली गई है, जो सबसे जरूरी है। हम पूरी तरह तैयार हैं। सभी को फ्री में वैक्सीन लगेगी। सवाल- प्रदेश में अंतिम व्यक्ति तक वैक्सीन कैसे पहुंचेगी? जवाब- केंद्र की गाइडलाइन के मुताबिक, वैक्सीन आने से पहले ही तैयारी कर ली है। सबसे जरूरी कोल्ड चेन को डेवलप करना था। वैक्सीन के लिए एक विशेष तापमान की जरूरत होती है। हमने ट्रांसपोर्टेशन, ट्रक और कोल्ड चेन में उपयोग में आने वाले फ्रीजर का इंतजाम कर लिया है। सवाल- सबसे पहले वैक्सीन किसे लगेगी? जवाब- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि प्रदेश में सभी को फ्री में वैक्सीन मिलेगी। प्रदेश में पहले फेज में हेल्थ वर्कर को वैक्सीन लगाई जाएगी। उनकी लिस्ट बना ली गई है। इसे केंद्र सरकार को सौंप दिया है। सवाल- पहले वैक्सीन कहां मिलेगी, शहर या गांव में? जवाब- इसमें कोई कैटेगरी नहीं होगी। वैक्सीन सभी को लगाई जाएगी। इसे फेज वाइज रखा गया है। वैक्सीन के डोज की उपलब्धता से तय होगा कि हम कितने लोगों को वैक्सीन लगा सकते हैं और किस सेगमेंट में लगा सकते हैं। सवाल- कोवैक्सिन के ट्रायल मे आपकी क्या भूमिका है? जवाब- भारत बायोटेक का ट्रायल ICMR के निर्देशन में पूरे देश में हो रहा है। ट्रायल में हमारी तरफ से जो भी सहयोग चाहिए, हम उसके लिए तैयार हैं। ट्रायल एक महीने के अंदर पूरा होगा। वैक्सीन कामयाब रही और यहां भेजी गई, तो हम उसे जनता तक भेजने के लिए तैयार हैं। सवाल- प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में ट्रायल शुरू हुआ, सरकारी में नहीं हुआ? जवाब- इसे अलग-अलग कैटेगरी में नहीं बांटा जा सकता। इसमें किसी तरह की गफलत नहीं होनी चाहिए। गांधी मेडिकल कॉलेज में कंस्ट्रक्शन चल रहा है। वहां साइट को लेकर कुछ तैयारी नहीं हो पाई थी। वहां भी जल्दी ही ट्रायल शुरू होगा। सब कुछ सरकार की गाइडलाइन के हिसाब से हो रहा है। इसमें सरकारी और प्राइवेट नहीं करना चाहिए। सवाल- ट्रायल में वालंटियर्स की सहमति कम मिल रही है? जवाब- आज ही मैं मेडिकल कॉलेज गया था। वहां 80 साल के एक बुजुर्ग वॉलंटियर टीका लगवाने को तैयार थे। ऐसे बड़े प्रोजेक्ट में जन जागरण की जरूरत होती है और वह हो रहा है। पीपुल्स में 2 हजार लोगों को टीके का डोज लगेगा। इसके लिए लोग तैयार हो रहे हैं। लोगों की काउंसिलिंग की जा रही है। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Madhya Pradesh Coronavirus Covid-19 Vaccine News; Vishwas Sarang Interview To Dainik Bhaskar https://ift.tt/2Jaxmgp Dainik Bhaskar आखिरी आदमी तक वैक्सीन कैसे पहुंचेगी, इस सवाल को टाल गए MP के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग

कोरोना वैक्सीन के ट्रायल की हर तरफ चर्चा है। मध्यप्रदेश सरकार भी इसको लेकर उत्साहित है। सरकार कहती है कि ट्रायल पूरा होते ही वैक्सीनेशन शुर...
- November 30, 2020
कोरोना वैक्सीन के ट्रायल की हर तरफ चर्चा है। मध्यप्रदेश सरकार भी इसको लेकर उत्साहित है। सरकार कहती है कि ट्रायल पूरा होते ही वैक्सीनेशन शुरू करा दिया जाएगा। तैयारियों का रिव्यू भी हो चुका है। लेकिन, पं. दीनदयाल उपाध्याय की विचारधारा पर चलने वाली BJP की सरकार यह नहीं बता पा रही है कि राज्य में आखिरी आदमी तक यह डोज कैसे पहुंचेगी? यानी इतनी बड़ी आबादी को वैक्सीन कैसे मिलेगी? दैनिक भास्कर ने MP के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से इस बारे में बातचीत की। उन्होंने कहा- कोल्ड चैन तैयार कर ली गई है, जो सबसे जरूरी है। हम पूरी तरह तैयार हैं। सभी को फ्री में वैक्सीन लगेगी। सवाल- प्रदेश में अंतिम व्यक्ति तक वैक्सीन कैसे पहुंचेगी? जवाब- केंद्र की गाइडलाइन के मुताबिक, वैक्सीन आने से पहले ही तैयारी कर ली है। सबसे जरूरी कोल्ड चेन को डेवलप करना था। वैक्सीन के लिए एक विशेष तापमान की जरूरत होती है। हमने ट्रांसपोर्टेशन, ट्रक और कोल्ड चेन में उपयोग में आने वाले फ्रीजर का इंतजाम कर लिया है। सवाल- सबसे पहले वैक्सीन किसे लगेगी? जवाब- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि प्रदेश में सभी को फ्री में वैक्सीन मिलेगी। प्रदेश में पहले फेज में हेल्थ वर्कर को वैक्सीन लगाई जाएगी। उनकी लिस्ट बना ली गई है। इसे केंद्र सरकार को सौंप दिया है। सवाल- पहले वैक्सीन कहां मिलेगी, शहर या गांव में? जवाब- इसमें कोई कैटेगरी नहीं होगी। वैक्सीन सभी को लगाई जाएगी। इसे फेज वाइज रखा गया है। वैक्सीन के डोज की उपलब्धता से तय होगा कि हम कितने लोगों को वैक्सीन लगा सकते हैं और किस सेगमेंट में लगा सकते हैं। सवाल- कोवैक्सिन के ट्रायल मे आपकी क्या भूमिका है? जवाब- भारत बायोटेक का ट्रायल ICMR के निर्देशन में पूरे देश में हो रहा है। ट्रायल में हमारी तरफ से जो भी सहयोग चाहिए, हम उसके लिए तैयार हैं। ट्रायल एक महीने के अंदर पूरा होगा। वैक्सीन कामयाब रही और यहां भेजी गई, तो हम उसे जनता तक भेजने के लिए तैयार हैं। सवाल- प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में ट्रायल शुरू हुआ, सरकारी में नहीं हुआ? जवाब- इसे अलग-अलग कैटेगरी में नहीं बांटा जा सकता। इसमें किसी तरह की गफलत नहीं होनी चाहिए। गांधी मेडिकल कॉलेज में कंस्ट्रक्शन चल रहा है। वहां साइट को लेकर कुछ तैयारी नहीं हो पाई थी। वहां भी जल्दी ही ट्रायल शुरू होगा। सब कुछ सरकार की गाइडलाइन के हिसाब से हो रहा है। इसमें सरकारी और प्राइवेट नहीं करना चाहिए। सवाल- ट्रायल में वालंटियर्स की सहमति कम मिल रही है? जवाब- आज ही मैं मेडिकल कॉलेज गया था। वहां 80 साल के एक बुजुर्ग वॉलंटियर टीका लगवाने को तैयार थे। ऐसे बड़े प्रोजेक्ट में जन जागरण की जरूरत होती है और वह हो रहा है। पीपुल्स में 2 हजार लोगों को टीके का डोज लगेगा। इसके लिए लोग तैयार हो रहे हैं। लोगों की काउंसिलिंग की जा रही है। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Madhya Pradesh Coronavirus Covid-19 Vaccine News; Vishwas Sarang Interview To Dainik Bhaskar https://ift.tt/2Jaxmgp Dainik Bhaskar आखिरी आदमी तक वैक्सीन कैसे पहुंचेगी, इस सवाल को टाल गए MP के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग 

कोरोना वैक्सीन के ट्रायल की हर तरफ चर्चा है। मध्यप्रदेश सरकार भी इसको लेकर उत्साहित है। सरकार कहती है कि ट्रायल पूरा होते ही वैक्सीनेशन शुरू करा दिया जाएगा। तैयारियों का रिव्यू भी हो चुका है। लेकिन, पं. दीनदयाल उपाध्याय की विचारधारा पर चलने वाली BJP की सरकार यह नहीं बता पा रही है कि राज्य में आखिरी आदमी तक यह डोज कैसे पहुंचेगी? यानी इतनी बड़ी आबादी को वैक्सीन कैसे मिलेगी?

दैनिक भास्कर ने MP के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से इस बारे में बातचीत की। उन्होंने कहा- कोल्ड चैन तैयार कर ली गई है, जो सबसे जरूरी है। हम पूरी तरह तैयार हैं। सभी को फ्री में वैक्सीन लगेगी।

सवाल- प्रदेश में अंतिम व्यक्ति तक वैक्सीन कैसे पहुंचेगी?

जवाब- केंद्र की गाइडलाइन के मुताबिक, वैक्सीन आने से पहले ही तैयारी कर ली है। सबसे जरूरी कोल्ड चेन को डेवलप करना था। वैक्सीन के लिए एक विशेष तापमान की जरूरत होती है। हमने ट्रांसपोर्टेशन, ट्रक और कोल्ड चेन में उपयोग में आने वाले फ्रीजर का इंतजाम कर लिया है।

सवाल- सबसे पहले वैक्सीन किसे लगेगी?

जवाब- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि प्रदेश में सभी को फ्री में वैक्सीन मिलेगी। प्रदेश में पहले फेज में हेल्थ वर्कर को वैक्सीन लगाई जाएगी। उनकी लिस्ट बना ली गई है। इसे केंद्र सरकार को सौंप दिया है।

सवाल- पहले वैक्सीन कहां मिलेगी, शहर या गांव में?

जवाब- इसमें कोई कैटेगरी नहीं होगी। वैक्सीन सभी को लगाई जाएगी। इसे फेज वाइज रखा गया है। वैक्सीन के डोज की उपलब्धता से तय होगा कि हम कितने लोगों को वैक्सीन लगा सकते हैं और किस सेगमेंट में लगा सकते हैं।

सवाल- कोवैक्सिन के ट्रायल मे आपकी क्या भूमिका है?

जवाब- भारत बायोटेक का ट्रायल ICMR के निर्देशन में पूरे देश में हो रहा है। ट्रायल में हमारी तरफ से जो भी सहयोग चाहिए, हम उसके लिए तैयार हैं। ट्रायल एक महीने के अंदर पूरा होगा। वैक्सीन कामयाब रही और यहां भेजी गई, तो हम उसे जनता तक भेजने के लिए तैयार हैं।

सवाल- प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में ट्रायल शुरू हुआ, सरकारी में नहीं हुआ?

जवाब- इसे अलग-अलग कैटेगरी में नहीं बांटा जा सकता। इसमें किसी तरह की गफलत नहीं होनी चाहिए। गांधी मेडिकल कॉलेज में कंस्ट्रक्शन चल रहा है। वहां साइट को लेकर कुछ तैयारी नहीं हो पाई थी। वहां भी जल्दी ही ट्रायल शुरू होगा। सब कुछ सरकार की गाइडलाइन के हिसाब से हो रहा है। इसमें सरकारी और प्राइवेट नहीं करना चाहिए।

सवाल- ट्रायल में वालंटियर्स की सहमति कम मिल रही है?

जवाब- आज ही मैं मेडिकल कॉलेज गया था। वहां 80 साल के एक बुजुर्ग वॉलंटियर टीका लगवाने को तैयार थे। ऐसे बड़े प्रोजेक्ट में जन जागरण की जरूरत होती है और वह हो रहा है। पीपुल्स में 2 हजार लोगों को टीके का डोज लगेगा। इसके लिए लोग तैयार हो रहे हैं। लोगों की काउंसिलिंग की जा रही है।

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Madhya Pradesh Coronavirus Covid-19 Vaccine News; Vishwas Sarang Interview To Dainik Bhaskar

https://ift.tt/2Jaxmgp Dainik Bhaskar आखिरी आदमी तक वैक्सीन कैसे पहुंचेगी, इस सवाल को टाल गए MP के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग Reviewed by Manish Pethev on November 30, 2020 Rating: 5

अगले तीन महीने यानी दिसंबर से फरवरी 2021 तक उत्तर भारत के सभी राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। इसका असर मध्य भारत तक रहेगा। यहां जबरदस्त शीतलहर चलेगी। मौसम विभाग ने रविवार को सर्दी के तापमान का पूर्वानुमान जारी किया। उत्तर भारत में इन तीन महीनों में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है। हालांकि, अधिकतम तापमान सामान्य से कुछ बढ़े रहने की संभावना है। मैदानी इलाकों में राजस्थान में सबसे ज्यादा कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूपी, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, प. बंगाल, ओडिशा व पूर्वोत्तर के राज्यों में दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से डेढ़ डिग्री तक अधिक रहने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक मध्य व पूर्वी भूमध्य प्रशांत महासागर में समुद्र सतह का तापमान सामान्य से कम है। मार्च तक ऐसी स्थिति ही बनी रहेगी प्रशांत महासागर में मध्यम दर्जे के ला-नीना की स्थितियां बनी हुई हैं। इसके कारण कम से कम सर्दी के मौसम के आखिर तक यानी मध्य मार्च तक ऐसे ही बने रहने की संभावना है। मौसम विज्ञानी डॉ. कुलदीप श्रीवास्तव का कहना है कि न्यूनतम तापमान में कमी के चलते सुबह के समय पहाड़ी राज्यों से लेकर उत्तर के सभी राज्यों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश व राजस्थान में जबरदस्त शीत लहर चलेगी, जबकि अधिकतम तापमान के अपेक्षाकृत बढ़ने के असर से ठंडे दिनों की संख्या कम हो सकती है। इसका कारण पश्चिमी विक्षोभ के आने से पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होना है। पहाड़ की ओर से आने वाली हवाएं व उत्तर व उत्तर-पश्चिमी भारत के मैदानी इलाकों में आसमान के साफ रहने से रात में तापमान गिरेगा और दिन में धूप खिलने से तापमान बढ़ेगा। पहाड़ों में 11 से 15 बार विक्षोभ आएगा, हर बार बर्फबारी होगी मौसम विभाग के मुताबिक कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल, उत्तराखंड में अगले तीन महीने के दौरान 11 से 15 बार विक्षोभ आएगा। दिसंबर में तीन से चार, जनवरी में पांच से छह और फरवरी में चार से पांच विक्षोभ आएगा। हर विक्षोभ के समय बार बर्फबारी का दौर देखने को मिलेगा। राजस्थान में न्यूनतम तापमान में 1.17 डिग्री की कमी रहने की संभावना है। इसके अलावा पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, बिहार, झारखंड, मप्र, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा में सामान्य से कम तापमान दर्ज होने की संभावना 50% से भी ज्यादा है। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें मौसम विभाग ने अगले तीन महीने यानी दिसंबर से फरवरी 2021 तक उत्तर भारत के सभी राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। https://ift.tt/33sGqUR Dainik Bhaskar अगले 3 महीने पूरे उत्तर में ठंड के रिकॉर्ड टूटेंगे, तापमान लगातार सामान्य से नीचे ही रहेगा

अगले तीन महीने यानी दिसंबर से फरवरी 2021 तक उत्तर भारत के सभी राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। इसका असर मध्य भारत तक रहेगा। यहां जबरदस्त शीत...
- November 30, 2020
अगले तीन महीने यानी दिसंबर से फरवरी 2021 तक उत्तर भारत के सभी राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। इसका असर मध्य भारत तक रहेगा। यहां जबरदस्त शीतलहर चलेगी। मौसम विभाग ने रविवार को सर्दी के तापमान का पूर्वानुमान जारी किया। उत्तर भारत में इन तीन महीनों में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है। हालांकि, अधिकतम तापमान सामान्य से कुछ बढ़े रहने की संभावना है। मैदानी इलाकों में राजस्थान में सबसे ज्यादा कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूपी, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, प. बंगाल, ओडिशा व पूर्वोत्तर के राज्यों में दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से डेढ़ डिग्री तक अधिक रहने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक मध्य व पूर्वी भूमध्य प्रशांत महासागर में समुद्र सतह का तापमान सामान्य से कम है। मार्च तक ऐसी स्थिति ही बनी रहेगी प्रशांत महासागर में मध्यम दर्जे के ला-नीना की स्थितियां बनी हुई हैं। इसके कारण कम से कम सर्दी के मौसम के आखिर तक यानी मध्य मार्च तक ऐसे ही बने रहने की संभावना है। मौसम विज्ञानी डॉ. कुलदीप श्रीवास्तव का कहना है कि न्यूनतम तापमान में कमी के चलते सुबह के समय पहाड़ी राज्यों से लेकर उत्तर के सभी राज्यों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश व राजस्थान में जबरदस्त शीत लहर चलेगी, जबकि अधिकतम तापमान के अपेक्षाकृत बढ़ने के असर से ठंडे दिनों की संख्या कम हो सकती है। इसका कारण पश्चिमी विक्षोभ के आने से पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होना है। पहाड़ की ओर से आने वाली हवाएं व उत्तर व उत्तर-पश्चिमी भारत के मैदानी इलाकों में आसमान के साफ रहने से रात में तापमान गिरेगा और दिन में धूप खिलने से तापमान बढ़ेगा। पहाड़ों में 11 से 15 बार विक्षोभ आएगा, हर बार बर्फबारी होगी मौसम विभाग के मुताबिक कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल, उत्तराखंड में अगले तीन महीने के दौरान 11 से 15 बार विक्षोभ आएगा। दिसंबर में तीन से चार, जनवरी में पांच से छह और फरवरी में चार से पांच विक्षोभ आएगा। हर विक्षोभ के समय बार बर्फबारी का दौर देखने को मिलेगा। राजस्थान में न्यूनतम तापमान में 1.17 डिग्री की कमी रहने की संभावना है। इसके अलावा पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, बिहार, झारखंड, मप्र, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा में सामान्य से कम तापमान दर्ज होने की संभावना 50% से भी ज्यादा है। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें मौसम विभाग ने अगले तीन महीने यानी दिसंबर से फरवरी 2021 तक उत्तर भारत के सभी राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। https://ift.tt/33sGqUR Dainik Bhaskar अगले 3 महीने पूरे उत्तर में ठंड के रिकॉर्ड टूटेंगे, तापमान लगातार सामान्य से नीचे ही रहेगा 

अगले तीन महीने यानी दिसंबर से फरवरी 2021 तक उत्तर भारत के सभी राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। इसका असर मध्य भारत तक रहेगा। यहां जबरदस्त शीतलहर चलेगी। मौसम विभाग ने रविवार को सर्दी के तापमान का पूर्वानुमान जारी किया।

उत्तर भारत में इन तीन महीनों में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है। हालांकि, अधिकतम तापमान सामान्य से कुछ बढ़े रहने की संभावना है। मैदानी इलाकों में राजस्थान में सबसे ज्यादा कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूपी, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, प. बंगाल, ओडिशा व पूर्वोत्तर के राज्यों में दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से डेढ़ डिग्री तक अधिक रहने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक मध्य व पूर्वी भूमध्य प्रशांत महासागर में समुद्र सतह का तापमान सामान्य से कम है।

मार्च तक ऐसी स्थिति ही बनी रहेगी

प्रशांत महासागर में मध्यम दर्जे के ला-नीना की स्थितियां बनी हुई हैं। इसके कारण कम से कम सर्दी के मौसम के आखिर तक यानी मध्य मार्च तक ऐसे ही बने रहने की संभावना है। मौसम विज्ञानी डॉ. कुलदीप श्रीवास्तव का कहना है कि न्यूनतम तापमान में कमी के चलते सुबह के समय पहाड़ी राज्यों से लेकर उत्तर के सभी राज्यों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश व राजस्थान में जबरदस्त शीत लहर चलेगी, जबकि अधिकतम तापमान के अपेक्षाकृत बढ़ने के असर से ठंडे दिनों की संख्या कम हो सकती है।

इसका कारण पश्चिमी विक्षोभ के आने से पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होना है। पहाड़ की ओर से आने वाली हवाएं व उत्तर व उत्तर-पश्चिमी भारत के मैदानी इलाकों में आसमान के साफ रहने से रात में तापमान गिरेगा और दिन में धूप खिलने से तापमान बढ़ेगा।

पहाड़ों में 11 से 15 बार विक्षोभ आएगा, हर बार बर्फबारी होगी

मौसम विभाग के मुताबिक कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल, उत्तराखंड में अगले तीन महीने के दौरान 11 से 15 बार विक्षोभ आएगा। दिसंबर में तीन से चार, जनवरी में पांच से छह और फरवरी में चार से पांच विक्षोभ आएगा।

हर विक्षोभ के समय बार बर्फबारी का दौर देखने को मिलेगा। राजस्थान में न्यूनतम तापमान में 1.17 डिग्री की कमी रहने की संभावना है। इसके अलावा पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, बिहार, झारखंड, मप्र, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा में सामान्य से कम तापमान दर्ज होने की संभावना 50% से भी ज्यादा है।

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धार्मिक पुस्तकों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर गीता प्रेस में काम कर चुके मेघ सिंह चौहान पिछले दो साल में 335 धार्मिक ग्रंथ और किताबें डिजिटल कर चुके हैं। जोधपुर के मूल निवासी मेघ सिंह चौहान 25 साल तक गीता प्रेस गोरखपुर में असिस्टेंट मैनेजर रहे। कुछ साल पहले उन्होंने गीता प्रेस की किताबों को ई-बुक में तब्दील करने की ठानी। 2017 में नौकरी छोड़ शुरू किया काम संस्थान में नौकरी करते हुए यह संभव नहीं हुआ तो इसके लिए उन्होंने 2017 में गीता प्रेस की नौकरी छोड़ दी। नौकरी छोड़ने के बाद भी उन्हें कई जगहों से लाखों रुपए महीने के पैकेज का ऑफर मिला, लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया। उद्देश्य एक ही था कि युवाओं के हाथ में मोबाइल है तो इस मोबाइल में युवा पीढ़ी को संस्कार लाने वाली कुछ चीजें को भी उपलब्ध करवाना चाहिए। जोधपुर लौटकर 2018 से उन्होंने गीता प्रेस की किताबों को डिजिटल प्लेटफार्म पर लाने के लिए काम शुरू किया। इसके लिए गीता सेवा ट्रस्ट एप बनाने के अलावा वेबसाइट, इंस्टाग्राम, फेसबुक, व्हाट्सएप पर लाने के लिए काम शुरू किया। इसके लिए लोगों की मदद से गीता सेवा ट्रस्ट बनाया और मात्र दो साल में धर्म ग्रंथों की 335 पुस्तकों को हिंदी-अंग्रेजी की ई-बुक में बदल दिया। आज साढ़े 3 लाख लोग डिजिटल प्लेटफार्म से जुड़े हैं। अब कन्नड़, तमिल, बांग्ला सहित सहित क्षेत्रीय भाषाओं में धार्मिक पुस्तकों को डिजिटल प्लेटफार्म पर लाने के लिए काम हो रहा है। 2021 में तक अधिकांश क्षेत्रीय भाषाओं में गीता प्रेस की पुस्तकें उपलब्ध होंगी, वो भी निशुल्क। स्कैन की जगह हर शब्द को दोबारा टाइप किया गया मेघ सिंह कहते हैं कि इन्हें पढ़ने के लिए पुस्तकों को धार्मिक ढंग से सहेजना भी होता है। हजारों पेजों की पुस्तकों को आसानी से पढ़ा जा सके, इसके लिए स्कैन करने की जगह हर शब्द को टाइप किया गया। 50 लोगों की टीम ने दिन-रात काम किया। लोगों की मदद से गीता सेवा ट्रस्ट बनाया और गीता प्रेस की अधिकांश पुस्तकें आज एक एप पर मुफ्त में ऑनलाइन उपलब्ध हैं। अन्य भाषाओं के लिए अब भी लोग घर से काम कर रहे हैं। सबसे बड़ी खासियत, हर पुस्तक को पढ़ने के साथ हर शब्द का शुद्ध उच्चारण साथ-साथ सुनने को मिलता है। यानी अगर आप रामायण पढ़ रहे हैं तो एप पर साथ-साथ उच्चारण भी ऑडियो में चलता रहेगा। गीता ट्रस्ट गोरखपुर के ट्रस्टी ईश्वर प्रसाद पटवारी कहते हैं कि गीता प्रेस और गीता सेवा ट्रस्ट दोनों अलग ईकाई हैं। लेकिन दोनों में कोई आपत्ति या विवाद नहीं है। चूंकि गीता प्रेस डिजिटल प्लेटफार्म पर नहीं आ सकता था तो गीता सेवा ट्रस्ट ये काम कर रहा है। लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा लोग डिजिटल प्लेटफार्म पर आए और लाभ लिया। मेघ सिंह बताते हैं कि गीता प्रेस में तकनीकी काम देखते हुए हमने रिसर्च किया कि देश में सब कुछ डिजिटल होता जा रहा है। हर युवा के हाथ में मोबाइल है लेकिन हमारी धार्मिक किताबों का डिजिटल वर्जन नहीं है। मैंने ट्रस्ट से बात की। उन्हें समझाया कि अब हमें समय के साथ गीता प्रेस को डिजिटल करना चाहिए। इसके लिए डिजिटल प्लेटफार्म तैयार करना चाहिए। ट्रस्ट ने मुझे सलाह दी कि तुम चाहो तो व्यक्तिगत तौर पर डिजिटल प्लेटफार्म तैयार कर सकते हो। लेकिन ट्रस्ट की सलाह मानकर काम करना संभव नहीं था, क्योंकि नौकरी के दौरान इतना समय निकालना और डिजिटल प्लेटफार्म के लिए मददगार ढूंढना संभव नहीं था। मैंने फैसला लिया की नौकरी छोड़कर ये काम करुंगा। ट्रस्ट ने कहा कि हमारी तरफ से पूरा सहयोग रहा, ये अलग बात है कि ई-बुक तैयार करने में ट्रस्ट मेरी मदद नहीं कर सकता था। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें 335 धार्मिक ग्रंथों को डिजिटल करने वाले मेघ सिंह। https://ift.tt/2VdsoSk Dainik Bhaskar दो साल में 335 धार्मिक ग्रंथों को किया डिजिटल; ऑनलाइन पढ़ने के साथ उच्चारण भी सुन सकते हैं

धार्मिक पुस्तकों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर गीता प्रेस में काम कर चुके मेघ सिंह चौहान पिछले दो साल में 335 धार्मिक ग्रंथ और किताबें डिजिट...
- November 30, 2020
धार्मिक पुस्तकों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर गीता प्रेस में काम कर चुके मेघ सिंह चौहान पिछले दो साल में 335 धार्मिक ग्रंथ और किताबें डिजिटल कर चुके हैं। जोधपुर के मूल निवासी मेघ सिंह चौहान 25 साल तक गीता प्रेस गोरखपुर में असिस्टेंट मैनेजर रहे। कुछ साल पहले उन्होंने गीता प्रेस की किताबों को ई-बुक में तब्दील करने की ठानी। 2017 में नौकरी छोड़ शुरू किया काम संस्थान में नौकरी करते हुए यह संभव नहीं हुआ तो इसके लिए उन्होंने 2017 में गीता प्रेस की नौकरी छोड़ दी। नौकरी छोड़ने के बाद भी उन्हें कई जगहों से लाखों रुपए महीने के पैकेज का ऑफर मिला, लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया। उद्देश्य एक ही था कि युवाओं के हाथ में मोबाइल है तो इस मोबाइल में युवा पीढ़ी को संस्कार लाने वाली कुछ चीजें को भी उपलब्ध करवाना चाहिए। जोधपुर लौटकर 2018 से उन्होंने गीता प्रेस की किताबों को डिजिटल प्लेटफार्म पर लाने के लिए काम शुरू किया। इसके लिए गीता सेवा ट्रस्ट एप बनाने के अलावा वेबसाइट, इंस्टाग्राम, फेसबुक, व्हाट्सएप पर लाने के लिए काम शुरू किया। इसके लिए लोगों की मदद से गीता सेवा ट्रस्ट बनाया और मात्र दो साल में धर्म ग्रंथों की 335 पुस्तकों को हिंदी-अंग्रेजी की ई-बुक में बदल दिया। आज साढ़े 3 लाख लोग डिजिटल प्लेटफार्म से जुड़े हैं। अब कन्नड़, तमिल, बांग्ला सहित सहित क्षेत्रीय भाषाओं में धार्मिक पुस्तकों को डिजिटल प्लेटफार्म पर लाने के लिए काम हो रहा है। 2021 में तक अधिकांश क्षेत्रीय भाषाओं में गीता प्रेस की पुस्तकें उपलब्ध होंगी, वो भी निशुल्क। स्कैन की जगह हर शब्द को दोबारा टाइप किया गया मेघ सिंह कहते हैं कि इन्हें पढ़ने के लिए पुस्तकों को धार्मिक ढंग से सहेजना भी होता है। हजारों पेजों की पुस्तकों को आसानी से पढ़ा जा सके, इसके लिए स्कैन करने की जगह हर शब्द को टाइप किया गया। 50 लोगों की टीम ने दिन-रात काम किया। लोगों की मदद से गीता सेवा ट्रस्ट बनाया और गीता प्रेस की अधिकांश पुस्तकें आज एक एप पर मुफ्त में ऑनलाइन उपलब्ध हैं। अन्य भाषाओं के लिए अब भी लोग घर से काम कर रहे हैं। सबसे बड़ी खासियत, हर पुस्तक को पढ़ने के साथ हर शब्द का शुद्ध उच्चारण साथ-साथ सुनने को मिलता है। यानी अगर आप रामायण पढ़ रहे हैं तो एप पर साथ-साथ उच्चारण भी ऑडियो में चलता रहेगा। गीता ट्रस्ट गोरखपुर के ट्रस्टी ईश्वर प्रसाद पटवारी कहते हैं कि गीता प्रेस और गीता सेवा ट्रस्ट दोनों अलग ईकाई हैं। लेकिन दोनों में कोई आपत्ति या विवाद नहीं है। चूंकि गीता प्रेस डिजिटल प्लेटफार्म पर नहीं आ सकता था तो गीता सेवा ट्रस्ट ये काम कर रहा है। लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा लोग डिजिटल प्लेटफार्म पर आए और लाभ लिया। मेघ सिंह बताते हैं कि गीता प्रेस में तकनीकी काम देखते हुए हमने रिसर्च किया कि देश में सब कुछ डिजिटल होता जा रहा है। हर युवा के हाथ में मोबाइल है लेकिन हमारी धार्मिक किताबों का डिजिटल वर्जन नहीं है। मैंने ट्रस्ट से बात की। उन्हें समझाया कि अब हमें समय के साथ गीता प्रेस को डिजिटल करना चाहिए। इसके लिए डिजिटल प्लेटफार्म तैयार करना चाहिए। ट्रस्ट ने मुझे सलाह दी कि तुम चाहो तो व्यक्तिगत तौर पर डिजिटल प्लेटफार्म तैयार कर सकते हो। लेकिन ट्रस्ट की सलाह मानकर काम करना संभव नहीं था, क्योंकि नौकरी के दौरान इतना समय निकालना और डिजिटल प्लेटफार्म के लिए मददगार ढूंढना संभव नहीं था। मैंने फैसला लिया की नौकरी छोड़कर ये काम करुंगा। ट्रस्ट ने कहा कि हमारी तरफ से पूरा सहयोग रहा, ये अलग बात है कि ई-बुक तैयार करने में ट्रस्ट मेरी मदद नहीं कर सकता था। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें 335 धार्मिक ग्रंथों को डिजिटल करने वाले मेघ सिंह। https://ift.tt/2VdsoSk Dainik Bhaskar दो साल में 335 धार्मिक ग्रंथों को किया डिजिटल; ऑनलाइन पढ़ने के साथ उच्चारण भी सुन सकते हैं 

धार्मिक पुस्तकों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर गीता प्रेस में काम कर चुके मेघ सिंह चौहान पिछले दो साल में 335 धार्मिक ग्रंथ और किताबें डिजिटल कर चुके हैं। जोधपुर के मूल निवासी मेघ सिंह चौहान 25 साल तक गीता प्रेस गोरखपुर में असिस्टेंट मैनेजर रहे। कुछ साल पहले उन्होंने गीता प्रेस की किताबों को ई-बुक में तब्दील करने की ठानी।

2017 में नौकरी छोड़ शुरू किया काम

संस्थान में नौकरी करते हुए यह संभव नहीं हुआ तो इसके लिए उन्होंने 2017 में गीता प्रेस की नौकरी छोड़ दी। नौकरी छोड़ने के बाद भी उन्हें कई जगहों से लाखों रुपए महीने के पैकेज का ऑफर मिला, लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया। उद्देश्य एक ही था कि युवाओं के हाथ में मोबाइल है तो इस मोबाइल में युवा पीढ़ी को संस्कार लाने वाली कुछ चीजें को भी उपलब्ध करवाना चाहिए। जोधपुर लौटकर 2018 से उन्होंने गीता प्रेस की किताबों को डिजिटल प्लेटफार्म पर लाने के लिए काम शुरू किया।

इसके लिए गीता सेवा ट्रस्ट एप बनाने के अलावा वेबसाइट, इंस्टाग्राम, फेसबुक, व्हाट्सएप पर लाने के लिए काम शुरू किया। इसके लिए लोगों की मदद से गीता सेवा ट्रस्ट बनाया और मात्र दो साल में धर्म ग्रंथों की 335 पुस्तकों को हिंदी-अंग्रेजी की ई-बुक में बदल दिया।

आज साढ़े 3 लाख लोग डिजिटल प्लेटफार्म से जुड़े हैं। अब कन्नड़, तमिल, बांग्ला सहित सहित क्षेत्रीय भाषाओं में धार्मिक पुस्तकों को डिजिटल प्लेटफार्म पर लाने के लिए काम हो रहा है। 2021 में तक अधिकांश क्षेत्रीय भाषाओं में गीता प्रेस की पुस्तकें उपलब्ध होंगी, वो भी निशुल्क।

स्कैन की जगह हर शब्द को दोबारा टाइप किया गया
मेघ सिंह कहते हैं कि इन्हें पढ़ने के लिए पुस्तकों को धार्मिक ढंग से सहेजना भी होता है। हजारों पेजों की पुस्तकों को आसानी से पढ़ा जा सके, इसके लिए स्कैन करने की जगह हर शब्द को टाइप किया गया। 50 लोगों की टीम ने दिन-रात काम किया। लोगों की मदद से गीता सेवा ट्रस्ट बनाया और गीता प्रेस की अधिकांश पुस्तकें आज एक एप पर मुफ्त में ऑनलाइन उपलब्ध हैं। अन्य भाषाओं के लिए अब भी लोग घर से काम कर रहे हैं।

सबसे बड़ी खासियत, हर पुस्तक को पढ़ने के साथ हर शब्द का शुद्ध उच्चारण साथ-साथ सुनने को मिलता है। यानी अगर आप रामायण पढ़ रहे हैं तो एप पर साथ-साथ उच्चारण भी ऑडियो में चलता रहेगा। गीता ट्रस्ट गोरखपुर के ट्रस्टी ईश्वर प्रसाद पटवारी कहते हैं कि गीता प्रेस और गीता सेवा ट्रस्ट दोनों अलग ईकाई हैं। लेकिन दोनों में कोई आपत्ति या विवाद नहीं है।

चूंकि गीता प्रेस डिजिटल प्लेटफार्म पर नहीं आ सकता था तो गीता सेवा ट्रस्ट ये काम कर रहा है। लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा लोग डिजिटल प्लेटफार्म पर आए और लाभ लिया। मेघ सिंह बताते हैं कि गीता प्रेस में तकनीकी काम देखते हुए हमने रिसर्च किया कि देश में सब कुछ डिजिटल होता जा रहा है। हर युवा के हाथ में मोबाइल है लेकिन हमारी धार्मिक किताबों का डिजिटल वर्जन नहीं है।

मैंने ट्रस्ट से बात की। उन्हें समझाया कि अब हमें समय के साथ गीता प्रेस को डिजिटल करना चाहिए। इसके लिए डिजिटल प्लेटफार्म तैयार करना चाहिए। ट्रस्ट ने मुझे सलाह दी कि तुम चाहो तो व्यक्तिगत तौर पर डिजिटल प्लेटफार्म तैयार कर सकते हो। लेकिन ट्रस्ट की सलाह मानकर काम करना संभव नहीं था, क्योंकि नौकरी के दौरान इतना समय निकालना और डिजिटल प्लेटफार्म के लिए मददगार ढूंढना संभव नहीं था। मैंने फैसला लिया की नौकरी छोड़कर ये काम करुंगा। ट्रस्ट ने कहा कि हमारी तरफ से पूरा सहयोग रहा, ये अलग बात है कि ई-बुक तैयार करने में ट्रस्ट मेरी मदद नहीं कर सकता था।

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335 धार्मिक ग्रंथों को डिजिटल करने वाले मेघ सिंह।

https://ift.tt/2VdsoSk Dainik Bhaskar दो साल में 335 धार्मिक ग्रंथों को किया डिजिटल; ऑनलाइन पढ़ने के साथ उच्चारण भी सुन सकते हैं Reviewed by Manish Pethev on November 30, 2020 Rating: 5

नमस्कार! किसानों ने सरकार से कहा है कि अब वे दिल्ली चलेंगे नहीं, बल्कि दिल्ली घेरेंगे। यानी दिल्ली जाने वाले हाईवे ब्लॉक करेंगे। उधर, गृह मंत्री अमित शाह ने हैदराबाद में रोड शो किया। वे यहां नगर निगम चुनाव के लिए प्रचार करने पहुंचे थे। बहरहाल, शुरू करते हैं न्यूज ब्रीफ... आज इन इवेंट्स पर रहेगी नजर प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी पहुंचेंगे। देव दीपावली कार्यक्रम में शामिल होंगे। वाराणसी से प्रयागराज तक बनने वाले सिक्स लेन हाईवे का लोकार्पण करेंगे। पीएम मोदी कोरोना वैक्सीन बनाने वाली तीन टीमों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करेंगे। इनके नाम जेन्नोवा बायोफार्मा, बायोलॉजिकल ई और डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज हैं। चंडीगढ़ में श्री गुरु नानक देव जी के 551 वें प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारों में एक लाख से ज्यादा लोगों की संगत लंगर खाएगी। देश-विदेश किसानों ने नहीं मानी सरकार की बात, कर दिए तीन ऐलान दिल्ली-हरियाणा सीमा यानी सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन रविवार को भी जारी रहा। किसानों ने बैठक के बाद कहा कि हम बुराड़ी नहीं जाएंगे। बल्कि, अब दिल्ली जाने वाले सभी रास्ते ब्लॉक किए जाएंगे। इससे पहले, केंद्र ने कहा था- किसान बुराड़ी में इकट्ठा हों, तो सरकार उनसे बातचीत करने तैयार है। आंदोलन के मुद्दे पर रविवार रात भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक की। हैदराबाद पहुंचे शाह, ओवैसी और KCR को घेरा गृह मंत्री अमित शाह रविवार को हैदराबाद पहुंचे। वहां नगर निगम चुनाव होने हैं। शाह ने सिकंदराबाद में रोड शो किया। उन्होंने कहा- चंद्रशेखर राव जी से पूछना चाहता हूं कि आप ओवैसी की पार्टी से समझौता करते हैं, इससे हमें कोई दिक्कत नहीं है। दिक्कत है कि आप एक कमरे में ईलू-ईलू करके सीटें बांट लेते हैं। छत्तीसगढ़ में IED ब्लॉस्ट; असिस्टेंट कमांडेंट शहीद छत्तीसगढ़ के सुकमा के चिंतागुफा क्षेत्र में शनिवार रात IED ब्लास्ट हुआ। इसमें COBRA बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट नितिन भालेराव शहीद हो गए। सेकंड इन कमांड दिनेश सिंह समेत 9 जवान घायल हैं। इनमें से 7 को रायपुर के रामकृष्ण केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 4 जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है। मोदी बोले- संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी रूप दिया प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए अपनी बात किसानों तक पहुंचाने की कोशिश की। उन्होंने कहा- संसद में कृषि सुधारों को अमली जामा पहनाया गया। इससे किसानों को अधिकार और अवसर मिले। मोदी ने हैरिटेज, लोकल के लिए वोकल, पक्षियों, भारतीय संस्कृति जैसे विषयों पर भी बात की। भास्कर एक्सप्लेनर देश के 9 राज्यों में धर्म परिवर्तन रोकने को कानून देश के कानून में 'लव जिहाद' नाम का कोई शब्द है ही नहीं, फिर भी इसकी चर्चा हर तरफ हो रही। मध्य प्रदेश-उत्तर प्रदेश तो बाकायदा अध्यादेश लेकर आ गए हैं। ये जानना जरूरी है कि हमारे देश के कितने राज्यों में जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कानून है? क्या दूसरे देशों में भी ऐसे कानून हैं? पढ़ें पूरी खबर... पॉजिटिव खबर फूड ट्रक बिजनेस से सालाना डेढ़ करोड़ का टर्नओवर सत्या और ज्योति यूएस में रहते थे। सत्या वहां ई-कॉमर्स सेक्टर में नौकरी कर रहे थे। ज्योति भी जॉब में थीं। कुछ सालों बाद दोनों भारत वापस आ गए। उनका इरादा खुद का फूड बिजनेस करने का था। उन्होंने बिजनेस की शुरूआत किसी बहुत बड़े होटल-रेस्टोरेंट से नहीं की, बल्कि एक फूड ट्रक से की। आज उनके तीन फूड ट्रक हैं और सालाना टर्नओवर डेढ़ करोड़ है। वे बीस लोगों को नौकरी भी दे रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर... विदेश में लगातार दूसरी सीरीज हारी टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया ने रविवार को 3 वनडे की सीरीज के दूसरे मुकाबले में भारतीय टीम को 51 रन से हरा दिया। ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज के पहले वनडे में इसी सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में भारतीय टीम को 66 रन से हराया था। टीम इंडिया विदेशी जमीन पर लगातार दूसरी वनडे सीरीज हारी है। पिछली बार फरवरी में न्यूजीलैंड ने अपने घर में टीम इंडिया को 3-0 से हराया था। सुर्खियों में और क्या है... गुजरात में अमरेली के मोटा मुंजियासर गांव की अमिता जेंडर चेंज करवाकर आदित्य पटेल बन गईं। अमिता जन्म से लड़की थीं, बाद में उसने जेंडर चेंज करवाने का फैसला किया। सिडनी में भारत-ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट मैच के बीच भारतीय लड़के ने ऑस्ट्रेलियाई लड़की को प्रपोज किया। लड़की ने लड़के को गले लगाकर प्रपोजल मंजूर कर लिया। केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि जल्द ही देश के सभी रेलवे स्टेशनों पर एनवायरमेंट फ्रेंडली कुल्हड़ों (मिट्‌टी के कप) में चाय मिलेगी। पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान बाबर आजम पर यौन शोषण का आरोप लगा। लड़की के मुताबिक, बाबर ने 10 साल तक उसका यौन शोषण किया। पाकिस्तानी न्यूज चैनल '24 न्यूज HD' ने यह जानकारी दी। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Top News today, News, Cricket News, farmers Protest news: Dainik Bhaskar Top News Morning Briefing Today: Shah arrives at Owaisi's stronghold; Rape allegations against farmers and Pakistani cricketers on the government's proposal https://ift.tt/3fVsmIs Dainik Bhaskar ओवैसी के गढ़ में पहुंचे शाह; सरकार के प्रस्ताव पर किसानों की ना और पाकिस्तानी क्रिकेटर पर रेप के आरोप

नमस्कार! किसानों ने सरकार से कहा है कि अब वे दिल्ली चलेंगे नहीं, बल्कि दिल्ली घेरेंगे। यानी दिल्ली जाने वाले हाईवे ब्लॉक करेंगे। उधर, गृह ...
- November 30, 2020
नमस्कार! किसानों ने सरकार से कहा है कि अब वे दिल्ली चलेंगे नहीं, बल्कि दिल्ली घेरेंगे। यानी दिल्ली जाने वाले हाईवे ब्लॉक करेंगे। उधर, गृह मंत्री अमित शाह ने हैदराबाद में रोड शो किया। वे यहां नगर निगम चुनाव के लिए प्रचार करने पहुंचे थे। बहरहाल, शुरू करते हैं न्यूज ब्रीफ... आज इन इवेंट्स पर रहेगी नजर प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी पहुंचेंगे। देव दीपावली कार्यक्रम में शामिल होंगे। वाराणसी से प्रयागराज तक बनने वाले सिक्स लेन हाईवे का लोकार्पण करेंगे। पीएम मोदी कोरोना वैक्सीन बनाने वाली तीन टीमों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करेंगे। इनके नाम जेन्नोवा बायोफार्मा, बायोलॉजिकल ई और डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज हैं। चंडीगढ़ में श्री गुरु नानक देव जी के 551 वें प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारों में एक लाख से ज्यादा लोगों की संगत लंगर खाएगी। देश-विदेश किसानों ने नहीं मानी सरकार की बात, कर दिए तीन ऐलान दिल्ली-हरियाणा सीमा यानी सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन रविवार को भी जारी रहा। किसानों ने बैठक के बाद कहा कि हम बुराड़ी नहीं जाएंगे। बल्कि, अब दिल्ली जाने वाले सभी रास्ते ब्लॉक किए जाएंगे। इससे पहले, केंद्र ने कहा था- किसान बुराड़ी में इकट्ठा हों, तो सरकार उनसे बातचीत करने तैयार है। आंदोलन के मुद्दे पर रविवार रात भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक की। हैदराबाद पहुंचे शाह, ओवैसी और KCR को घेरा गृह मंत्री अमित शाह रविवार को हैदराबाद पहुंचे। वहां नगर निगम चुनाव होने हैं। शाह ने सिकंदराबाद में रोड शो किया। उन्होंने कहा- चंद्रशेखर राव जी से पूछना चाहता हूं कि आप ओवैसी की पार्टी से समझौता करते हैं, इससे हमें कोई दिक्कत नहीं है। दिक्कत है कि आप एक कमरे में ईलू-ईलू करके सीटें बांट लेते हैं। छत्तीसगढ़ में IED ब्लॉस्ट; असिस्टेंट कमांडेंट शहीद छत्तीसगढ़ के सुकमा के चिंतागुफा क्षेत्र में शनिवार रात IED ब्लास्ट हुआ। इसमें COBRA बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट नितिन भालेराव शहीद हो गए। सेकंड इन कमांड दिनेश सिंह समेत 9 जवान घायल हैं। इनमें से 7 को रायपुर के रामकृष्ण केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 4 जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है। मोदी बोले- संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी रूप दिया प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए अपनी बात किसानों तक पहुंचाने की कोशिश की। उन्होंने कहा- संसद में कृषि सुधारों को अमली जामा पहनाया गया। इससे किसानों को अधिकार और अवसर मिले। मोदी ने हैरिटेज, लोकल के लिए वोकल, पक्षियों, भारतीय संस्कृति जैसे विषयों पर भी बात की। भास्कर एक्सप्लेनर देश के 9 राज्यों में धर्म परिवर्तन रोकने को कानून देश के कानून में 'लव जिहाद' नाम का कोई शब्द है ही नहीं, फिर भी इसकी चर्चा हर तरफ हो रही। मध्य प्रदेश-उत्तर प्रदेश तो बाकायदा अध्यादेश लेकर आ गए हैं। ये जानना जरूरी है कि हमारे देश के कितने राज्यों में जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कानून है? क्या दूसरे देशों में भी ऐसे कानून हैं? पढ़ें पूरी खबर... पॉजिटिव खबर फूड ट्रक बिजनेस से सालाना डेढ़ करोड़ का टर्नओवर सत्या और ज्योति यूएस में रहते थे। सत्या वहां ई-कॉमर्स सेक्टर में नौकरी कर रहे थे। ज्योति भी जॉब में थीं। कुछ सालों बाद दोनों भारत वापस आ गए। उनका इरादा खुद का फूड बिजनेस करने का था। उन्होंने बिजनेस की शुरूआत किसी बहुत बड़े होटल-रेस्टोरेंट से नहीं की, बल्कि एक फूड ट्रक से की। आज उनके तीन फूड ट्रक हैं और सालाना टर्नओवर डेढ़ करोड़ है। वे बीस लोगों को नौकरी भी दे रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर... विदेश में लगातार दूसरी सीरीज हारी टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया ने रविवार को 3 वनडे की सीरीज के दूसरे मुकाबले में भारतीय टीम को 51 रन से हरा दिया। ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज के पहले वनडे में इसी सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में भारतीय टीम को 66 रन से हराया था। टीम इंडिया विदेशी जमीन पर लगातार दूसरी वनडे सीरीज हारी है। पिछली बार फरवरी में न्यूजीलैंड ने अपने घर में टीम इंडिया को 3-0 से हराया था। सुर्खियों में और क्या है... गुजरात में अमरेली के मोटा मुंजियासर गांव की अमिता जेंडर चेंज करवाकर आदित्य पटेल बन गईं। अमिता जन्म से लड़की थीं, बाद में उसने जेंडर चेंज करवाने का फैसला किया। सिडनी में भारत-ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट मैच के बीच भारतीय लड़के ने ऑस्ट्रेलियाई लड़की को प्रपोज किया। लड़की ने लड़के को गले लगाकर प्रपोजल मंजूर कर लिया। केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि जल्द ही देश के सभी रेलवे स्टेशनों पर एनवायरमेंट फ्रेंडली कुल्हड़ों (मिट्‌टी के कप) में चाय मिलेगी। पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान बाबर आजम पर यौन शोषण का आरोप लगा। लड़की के मुताबिक, बाबर ने 10 साल तक उसका यौन शोषण किया। पाकिस्तानी न्यूज चैनल '24 न्यूज HD' ने यह जानकारी दी। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Top News today, News, Cricket News, farmers Protest news: Dainik Bhaskar Top News Morning Briefing Today: Shah arrives at Owaisi's stronghold; Rape allegations against farmers and Pakistani cricketers on the government's proposal https://ift.tt/3fVsmIs Dainik Bhaskar ओवैसी के गढ़ में पहुंचे शाह; सरकार के प्रस्ताव पर किसानों की ना और पाकिस्तानी क्रिकेटर पर रेप के आरोप 

नमस्कार!
किसानों ने सरकार से कहा है कि अब वे दिल्ली चलेंगे नहीं, बल्कि दिल्ली घेरेंगे। यानी दिल्ली जाने वाले हाईवे ब्लॉक करेंगे। उधर, गृह मंत्री अमित शाह ने हैदराबाद में रोड शो किया। वे यहां नगर निगम चुनाव के लिए प्रचार करने पहुंचे थे।

बहरहाल, शुरू करते हैं न्यूज ब्रीफ...

आज इन इवेंट्स पर रहेगी नजर

प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी पहुंचेंगे। देव दीपावली कार्यक्रम में शामिल होंगे। वाराणसी से प्रयागराज तक बनने वाले सिक्स लेन हाईवे का लोकार्पण करेंगे।

पीएम मोदी कोरोना वैक्सीन बनाने वाली तीन टीमों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करेंगे। इनके नाम जेन्नोवा बायोफार्मा, बायोलॉजिकल ई और डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज हैं।

चंडीगढ़ में श्री गुरु नानक देव जी के 551 वें प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारों में एक लाख से ज्यादा लोगों की संगत लंगर खाएगी।

देश-विदेश

किसानों ने नहीं मानी सरकार की बात, कर दिए तीन ऐलान
दिल्ली-हरियाणा सीमा यानी सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन रविवार को भी जारी रहा। किसानों ने बैठक के बाद कहा कि हम बुराड़ी नहीं जाएंगे। बल्कि, अब दिल्ली जाने वाले सभी रास्ते ब्लॉक किए जाएंगे। इससे पहले, केंद्र ने कहा था- किसान बुराड़ी में इकट्ठा हों, तो सरकार उनसे बातचीत करने तैयार है। आंदोलन के मुद्दे पर रविवार रात भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक की।

हैदराबाद पहुंचे शाह, ओवैसी और KCR को घेरा
गृह मंत्री अमित शाह रविवार को हैदराबाद पहुंचे। वहां नगर निगम चुनाव होने हैं। शाह ने सिकंदराबाद में रोड शो किया। उन्होंने कहा- चंद्रशेखर राव जी से पूछना चाहता हूं कि आप ओवैसी की पार्टी से समझौता करते हैं, इससे हमें कोई दिक्कत नहीं है। दिक्कत है कि आप एक कमरे में ईलू-ईलू करके सीटें बांट लेते हैं।

छत्तीसगढ़ में IED ब्लॉस्ट; असिस्टेंट कमांडेंट शहीद
छत्तीसगढ़ के सुकमा के चिंतागुफा क्षेत्र में शनिवार रात IED ब्लास्ट हुआ। इसमें COBRA बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट नितिन भालेराव शहीद हो गए। सेकंड इन कमांड दिनेश सिंह समेत 9 जवान घायल हैं। इनमें से 7 को रायपुर के रामकृष्ण केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 4 जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है।

मोदी बोले- संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी रूप दिया
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए अपनी बात किसानों तक पहुंचाने की कोशिश की। उन्होंने कहा- संसद में कृषि सुधारों को अमली जामा पहनाया गया। इससे किसानों को अधिकार और अवसर मिले। मोदी ने हैरिटेज, लोकल के लिए वोकल, पक्षियों, भारतीय संस्कृति जैसे विषयों पर भी बात की।

भास्कर एक्सप्लेनर
देश के 9 राज्यों में धर्म परिवर्तन रोकने को कानून
देश के कानून में 'लव जिहाद' नाम का कोई शब्द है ही नहीं, फिर भी इसकी चर्चा हर तरफ हो रही। मध्य प्रदेश-उत्तर प्रदेश तो बाकायदा अध्यादेश लेकर आ गए हैं। ये जानना जरूरी है कि हमारे देश के कितने राज्यों में जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कानून है? क्या दूसरे देशों में भी ऐसे कानून हैं?

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पॉजिटिव खबर
फूड ट्रक बिजनेस से सालाना डेढ़ करोड़ का टर्नओवर
सत्या और ज्योति यूएस में रहते थे। सत्या वहां ई-कॉमर्स सेक्टर में नौकरी कर रहे थे। ज्योति भी जॉब में थीं। कुछ सालों बाद दोनों भारत वापस आ गए। उनका इरादा खुद का फूड बिजनेस करने का था। उन्होंने बिजनेस की शुरूआत किसी बहुत बड़े होटल-रेस्टोरेंट से नहीं की, बल्कि एक फूड ट्रक से की। आज उनके तीन फूड ट्रक हैं और सालाना टर्नओवर डेढ़ करोड़ है। वे बीस लोगों को नौकरी भी दे रहे हैं।

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विदेश में लगातार दूसरी सीरीज हारी टीम इंडिया
ऑस्ट्रेलिया ने रविवार को 3 वनडे की सीरीज के दूसरे मुकाबले में भारतीय टीम को 51 रन से हरा दिया। ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज के पहले वनडे में इसी सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में भारतीय टीम को 66 रन से हराया था। टीम इंडिया विदेशी जमीन पर लगातार दूसरी वनडे सीरीज हारी है। पिछली बार फरवरी में न्यूजीलैंड ने अपने घर में टीम इंडिया को 3-0 से हराया था।

सुर्खियों में और क्या है...

गुजरात में अमरेली के मोटा मुंजियासर गांव की अमिता जेंडर चेंज करवाकर आदित्य पटेल बन गईं। अमिता जन्म से लड़की थीं, बाद में उसने जेंडर चेंज करवाने का फैसला किया।

सिडनी में भारत-ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट मैच के बीच भारतीय लड़के ने ऑस्ट्रेलियाई लड़की को प्रपोज किया। लड़की ने लड़के को गले लगाकर प्रपोजल मंजूर कर लिया।

केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि जल्द ही देश के सभी रेलवे स्टेशनों पर एनवायरमेंट फ्रेंडली कुल्हड़ों (मिट्‌टी के कप) में चाय मिलेगी।

पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान बाबर आजम पर यौन शोषण का आरोप लगा। लड़की के मुताबिक, बाबर ने 10 साल तक उसका यौन शोषण किया। पाकिस्तानी न्यूज चैनल '24 न्यूज HD' ने यह जानकारी दी।

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Top News today, News, Cricket News, farmers Protest news: Dainik Bhaskar Top News Morning Briefing Today: Shah arrives at Owaisi's stronghold; Rape allegations against farmers and Pakistani cricketers on the government's proposal

https://ift.tt/3fVsmIs Dainik Bhaskar ओवैसी के गढ़ में पहुंचे शाह; सरकार के प्रस्ताव पर किसानों की ना और पाकिस्तानी क्रिकेटर पर रेप के आरोप Reviewed by Manish Pethev on November 30, 2020 Rating: 5

पिछले 15 दिनों से बिहार की राजनीति में सुशील कुमार मोदी से ज्यादा चर्चा किसी की नहीं है। 15 नवंबर को सुबह जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आने वाले थे, तभी से छोटे मोदी को लेकर बवाल था। 12 साल में ऐसे कई बवाल आए। पिछले 5 साल में यह दूसरा मौका था, जब सुशील मोदी को साइडलाइन किया गया। पिछली बार सुशील मोदी लालू प्रसाद के खिलाफ माहौल बनाकर दोबारा डिप्टी सीएम बने और इस बार जब यह कुर्सी छीनी गई तो फिर अपने पुराने मित्र पर खुलासा करके रिकवर कर गए। 15 नवंबर को NDA की बैठक के पहले भास्कर ने बता दिया था कि सुशील मोदी डिप्टी सीएम नहीं रहेंगे, केंद्र जाएंगे। पहला निर्णय तो तत्काल आ गया, लेकिन दूसरी खबर अटकी थी। केंद्र का उनका टिकट फाइनल नहीं हो रहा था, लेकिन लालू प्रसाद की तरफ से विधायकों को आ रहे ऑफर के जवाब में उन्हें कॉलबैक कर सोशल मीडिया में सबकुछ खोला तो पार्टी एक झटके में समझ गई कि "सुशील मोदी का विकल्प नहीं है'। और फिर, राज्यसभा के बाकी नाम कट गए, सुशील मोदी फाइनल हो गई। 12 साल पहले डिप्टी सीएम रहते दिल्ली में देनी पड़ी थी सफाई 2008 में नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया तो भाजपा के कद्दावर नेता चंद्रमोहन राय को स्वास्थ्य मंत्री का पद छोड़ना पड़ा। चंद्रमोहन राय को कमतर PHED विभाग मिलने का सारा दोष सुशील कुमार मोदी के सिर पर आया और बिहार भाजपा का एक बड़ा खेमा सुशील मोदी हटाओ अभियान में जुट गया। तब उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को दिल्ली पहुंच कर सफाई देनी पड़ी। इसके बाद भी मौका मिलते ही पीठ पीछे उन्हें किनारे करने की मुहिम कई बार चलीं। हालांकि, इस बार ऐसा लग रहा था कि सुशील मोदी के खिलाफ कोशिशें कामयाब हो गईं। जदयू से 17 साल पुरानी दोस्ती टूटी, नीतीश प्रेम से टारगेट पर आए नरेंद्र मोदी को PM पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद अनबन के साथ 16 जून 2013 को बिहार में भाजपा-जदयू की 17 साल पुरानी दोस्ती टूटी और भाजपा को विपक्ष में जाना पड़ा। नरेंद्र मोदी को PM प्रत्याशी बनाए जाने के पहले सुशील मोदी कई बार नीतीश को PM मेटेरियल भी कह चुके थे, इसलिए जैसे ही नरेंद्र मोदी की घोषणा हुई और नीतीश कुमार ने तीखा विरोध शुरू किया तो कहीं न कहीं सुशील मोदी के खिलाफ भी माहौल बन गया। जदयू ने राजद का साथ लेकर सरकार बना ली और सुशील मोदी किनारे ही लग गए। 2014 के लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत के तुरंत बाद 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की जबरदस्त हार से भाजपा हिल गई। पार्टी को यह उम्मीद ही नहीं थी कि अगले पांच साल तक महागठबंधन की मजबूत सरकार को हिलाना संभव होगा। ऐसे मौके पर सुशील कुमार मोदी ने एक तरह से अकेले ही कमान संभाली। 4 अप्रैल 2017 तक लालू परिवार के खिलाफ 44 प्रेस कॉन्फ्रेंस कीं। विपक्ष में रहकर लालू परिवार पर आय से अधिक संपत्ति के मामलों का खुलासा किया और कागजी प्रमाण भी लेकर आए। हर प्रेस कांफ्रेंस के साथ राजद-जदयू सरकार असहज होती गई और नीतीश सोचने को मजबूर हो गए। नीतीश को फिर NDA का CM बनाया, गिफ्ट मिला डिप्टी का पद 2015 विधानसभा चुनाव में महज 53 सीटें लेकर विपक्ष में बैठी भाजपा को सुशील कुमार मोदी के खुलासे ने नई उम्मीद दिखाई। राजद-जदयू की दूरियां ऐसी बढ़ीं कि 26 जुलाई 2017 को भाजपा-जदयू फिर एक बार साथ गए। 4 साल बाद हुए इस गठजोड़ में सुशील मोदी ने सबसे अहम भूमिका निभाई, लेकिन इसके बावजूद पार्टी के अंदर उनका विरोध खत्म नहीं हो रहा था। इस बार नीतीश कुमार फ्रंट पर आए और उनकी मांग पर सुशील मोदी को बिहार का उप-मुख्यमंत्री बनाया गया। नीतीश-प्रेम ने विकेट गिराया, लालू पर खुलासे ने दिया केंद्र का टिकट नीतीश कुमार से सुशील कुमार मोदी का प्रेम वर्षों से चर्चा में रहा है। इस बार भाजपा मजबूत हुई तो इस प्रेम को तोड़ने के लिए सुशील कुमार मोदी को दरकिनार करने की आवाज बुलंद हो गई। 14 नवंबर की शाम जानकारी आई कि भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह इसी पर विधायकों से रायशुमारी के लिए पटना आ रहे हैं। 15 नवंबर को वह आए भी, लेकिन प्रदेश कार्यालय में रायशुमारी का इंतजार कर रहे भाजपा विधायकों से मिले बगैर सीधे सुशील मोदी के साथ NDA की बैठक में ही गए। सुशील मोदी को एक बार भी नहीं छोड़ा। NDA बैठक में फाइनल हो गया कि सुशील मोदी डिप्टी CM नहीं रहेंगे, लेकिन उन्हें यह भरोसा नहीं दिलाया गया कि उनके साथ भविष्य में क्या होगा। उन्होंने सोशल मीडिया पर दु:ख जाहिर भी किया कि कार्यकर्ता का पद तो कोई नहीं छीन सकता। पार्टी दफ्तर से राजभवन तक, हर जगह दरकिनार नजर आए सुशील मोदी इस बार भी शांत नहीं बैठे। विधानसभा अध्यक्ष चुनाव से एक दिन पहले 24 नवंबर को NDA विधायकों को लालच देकर सरकार के खिलाफ जाने का खुलासा किया। ऐसी एक कॉल की इन्फॉर्मेशन भी लाए और लालू यादव को कॉल-बैक करने की जानकारी भी सोशल मीडिया पर दी। यह तुरुप का पत्ता काम आया। लालू गेस्ट हाउस से रिम्स गए और इधर भाजपा ने सुशील मोदी को राज्यसभा का टिकट सौंप दिया। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Bihar Politics, Bihar Election Results, rajya sabha election 2020, sushil modi in ajya sabha, RamBilas Paswan https://ift.tt/3nZHXJM Dainik Bhaskar भाजपा में जब-जब साइडलाइन हुए, नई लाइन से साबित किया कि सुशील मोदी का विकल्प नहीं

पिछले 15 दिनों से बिहार की राजनीति में सुशील कुमार मोदी से ज्यादा चर्चा किसी की नहीं है। 15 नवंबर को सुबह जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आने व...
- November 30, 2020
पिछले 15 दिनों से बिहार की राजनीति में सुशील कुमार मोदी से ज्यादा चर्चा किसी की नहीं है। 15 नवंबर को सुबह जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आने वाले थे, तभी से छोटे मोदी को लेकर बवाल था। 12 साल में ऐसे कई बवाल आए। पिछले 5 साल में यह दूसरा मौका था, जब सुशील मोदी को साइडलाइन किया गया। पिछली बार सुशील मोदी लालू प्रसाद के खिलाफ माहौल बनाकर दोबारा डिप्टी सीएम बने और इस बार जब यह कुर्सी छीनी गई तो फिर अपने पुराने मित्र पर खुलासा करके रिकवर कर गए। 15 नवंबर को NDA की बैठक के पहले भास्कर ने बता दिया था कि सुशील मोदी डिप्टी सीएम नहीं रहेंगे, केंद्र जाएंगे। पहला निर्णय तो तत्काल आ गया, लेकिन दूसरी खबर अटकी थी। केंद्र का उनका टिकट फाइनल नहीं हो रहा था, लेकिन लालू प्रसाद की तरफ से विधायकों को आ रहे ऑफर के जवाब में उन्हें कॉलबैक कर सोशल मीडिया में सबकुछ खोला तो पार्टी एक झटके में समझ गई कि "सुशील मोदी का विकल्प नहीं है'। और फिर, राज्यसभा के बाकी नाम कट गए, सुशील मोदी फाइनल हो गई। 12 साल पहले डिप्टी सीएम रहते दिल्ली में देनी पड़ी थी सफाई 2008 में नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया तो भाजपा के कद्दावर नेता चंद्रमोहन राय को स्वास्थ्य मंत्री का पद छोड़ना पड़ा। चंद्रमोहन राय को कमतर PHED विभाग मिलने का सारा दोष सुशील कुमार मोदी के सिर पर आया और बिहार भाजपा का एक बड़ा खेमा सुशील मोदी हटाओ अभियान में जुट गया। तब उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को दिल्ली पहुंच कर सफाई देनी पड़ी। इसके बाद भी मौका मिलते ही पीठ पीछे उन्हें किनारे करने की मुहिम कई बार चलीं। हालांकि, इस बार ऐसा लग रहा था कि सुशील मोदी के खिलाफ कोशिशें कामयाब हो गईं। जदयू से 17 साल पुरानी दोस्ती टूटी, नीतीश प्रेम से टारगेट पर आए नरेंद्र मोदी को PM पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद अनबन के साथ 16 जून 2013 को बिहार में भाजपा-जदयू की 17 साल पुरानी दोस्ती टूटी और भाजपा को विपक्ष में जाना पड़ा। नरेंद्र मोदी को PM प्रत्याशी बनाए जाने के पहले सुशील मोदी कई बार नीतीश को PM मेटेरियल भी कह चुके थे, इसलिए जैसे ही नरेंद्र मोदी की घोषणा हुई और नीतीश कुमार ने तीखा विरोध शुरू किया तो कहीं न कहीं सुशील मोदी के खिलाफ भी माहौल बन गया। जदयू ने राजद का साथ लेकर सरकार बना ली और सुशील मोदी किनारे ही लग गए। 2014 के लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत के तुरंत बाद 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की जबरदस्त हार से भाजपा हिल गई। पार्टी को यह उम्मीद ही नहीं थी कि अगले पांच साल तक महागठबंधन की मजबूत सरकार को हिलाना संभव होगा। ऐसे मौके पर सुशील कुमार मोदी ने एक तरह से अकेले ही कमान संभाली। 4 अप्रैल 2017 तक लालू परिवार के खिलाफ 44 प्रेस कॉन्फ्रेंस कीं। विपक्ष में रहकर लालू परिवार पर आय से अधिक संपत्ति के मामलों का खुलासा किया और कागजी प्रमाण भी लेकर आए। हर प्रेस कांफ्रेंस के साथ राजद-जदयू सरकार असहज होती गई और नीतीश सोचने को मजबूर हो गए। नीतीश को फिर NDA का CM बनाया, गिफ्ट मिला डिप्टी का पद 2015 विधानसभा चुनाव में महज 53 सीटें लेकर विपक्ष में बैठी भाजपा को सुशील कुमार मोदी के खुलासे ने नई उम्मीद दिखाई। राजद-जदयू की दूरियां ऐसी बढ़ीं कि 26 जुलाई 2017 को भाजपा-जदयू फिर एक बार साथ गए। 4 साल बाद हुए इस गठजोड़ में सुशील मोदी ने सबसे अहम भूमिका निभाई, लेकिन इसके बावजूद पार्टी के अंदर उनका विरोध खत्म नहीं हो रहा था। इस बार नीतीश कुमार फ्रंट पर आए और उनकी मांग पर सुशील मोदी को बिहार का उप-मुख्यमंत्री बनाया गया। नीतीश-प्रेम ने विकेट गिराया, लालू पर खुलासे ने दिया केंद्र का टिकट नीतीश कुमार से सुशील कुमार मोदी का प्रेम वर्षों से चर्चा में रहा है। इस बार भाजपा मजबूत हुई तो इस प्रेम को तोड़ने के लिए सुशील कुमार मोदी को दरकिनार करने की आवाज बुलंद हो गई। 14 नवंबर की शाम जानकारी आई कि भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह इसी पर विधायकों से रायशुमारी के लिए पटना आ रहे हैं। 15 नवंबर को वह आए भी, लेकिन प्रदेश कार्यालय में रायशुमारी का इंतजार कर रहे भाजपा विधायकों से मिले बगैर सीधे सुशील मोदी के साथ NDA की बैठक में ही गए। सुशील मोदी को एक बार भी नहीं छोड़ा। NDA बैठक में फाइनल हो गया कि सुशील मोदी डिप्टी CM नहीं रहेंगे, लेकिन उन्हें यह भरोसा नहीं दिलाया गया कि उनके साथ भविष्य में क्या होगा। उन्होंने सोशल मीडिया पर दु:ख जाहिर भी किया कि कार्यकर्ता का पद तो कोई नहीं छीन सकता। पार्टी दफ्तर से राजभवन तक, हर जगह दरकिनार नजर आए सुशील मोदी इस बार भी शांत नहीं बैठे। विधानसभा अध्यक्ष चुनाव से एक दिन पहले 24 नवंबर को NDA विधायकों को लालच देकर सरकार के खिलाफ जाने का खुलासा किया। ऐसी एक कॉल की इन्फॉर्मेशन भी लाए और लालू यादव को कॉल-बैक करने की जानकारी भी सोशल मीडिया पर दी। यह तुरुप का पत्ता काम आया। लालू गेस्ट हाउस से रिम्स गए और इधर भाजपा ने सुशील मोदी को राज्यसभा का टिकट सौंप दिया। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Bihar Politics, Bihar Election Results, rajya sabha election 2020, sushil modi in ajya sabha, RamBilas Paswan https://ift.tt/3nZHXJM Dainik Bhaskar भाजपा में जब-जब साइडलाइन हुए, नई लाइन से साबित किया कि सुशील मोदी का विकल्प नहीं 

पिछले 15 दिनों से बिहार की राजनीति में सुशील कुमार मोदी से ज्यादा चर्चा किसी की नहीं है। 15 नवंबर को सुबह जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आने वाले थे, तभी से छोटे मोदी को लेकर बवाल था। 12 साल में ऐसे कई बवाल आए। पिछले 5 साल में यह दूसरा मौका था, जब सुशील मोदी को साइडलाइन किया गया।

पिछली बार सुशील मोदी लालू प्रसाद के खिलाफ माहौल बनाकर दोबारा डिप्टी सीएम बने और इस बार जब यह कुर्सी छीनी गई तो फिर अपने पुराने मित्र पर खुलासा करके रिकवर कर गए।

15 नवंबर को NDA की बैठक के पहले भास्कर ने बता दिया था कि सुशील मोदी डिप्टी सीएम नहीं रहेंगे, केंद्र जाएंगे। पहला निर्णय तो तत्काल आ गया, लेकिन दूसरी खबर अटकी थी। केंद्र का उनका टिकट फाइनल नहीं हो रहा था, लेकिन लालू प्रसाद की तरफ से विधायकों को आ रहे ऑफर के जवाब में उन्हें कॉलबैक कर सोशल मीडिया में सबकुछ खोला तो पार्टी एक झटके में समझ गई कि "सुशील मोदी का विकल्प नहीं है'। और फिर, राज्यसभा के बाकी नाम कट गए, सुशील मोदी फाइनल हो गई।

12 साल पहले डिप्टी सीएम रहते दिल्ली में देनी पड़ी थी सफाई
2008 में नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया तो भाजपा के कद्दावर नेता चंद्रमोहन राय को स्वास्थ्य मंत्री का पद छोड़ना पड़ा। चंद्रमोहन राय को कमतर PHED विभाग मिलने का सारा दोष सुशील कुमार मोदी के सिर पर आया और बिहार भाजपा का एक बड़ा खेमा सुशील मोदी हटाओ अभियान में जुट गया। तब उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को दिल्ली पहुंच कर सफाई देनी पड़ी। इसके बाद भी मौका मिलते ही पीठ पीछे उन्हें किनारे करने की मुहिम कई बार चलीं। हालांकि, इस बार ऐसा लग रहा था कि सुशील मोदी के खिलाफ कोशिशें कामयाब हो गईं।

जदयू से 17 साल पुरानी दोस्ती टूटी, नीतीश प्रेम से टारगेट पर आए
नरेंद्र मोदी को PM पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद अनबन के साथ 16 जून 2013 को बिहार में भाजपा-जदयू की 17 साल पुरानी दोस्ती टूटी और भाजपा को विपक्ष में जाना पड़ा। नरेंद्र मोदी को PM प्रत्याशी बनाए जाने के पहले सुशील मोदी कई बार नीतीश को PM मेटेरियल भी कह चुके थे, इसलिए जैसे ही नरेंद्र मोदी की घोषणा हुई और नीतीश कुमार ने तीखा विरोध शुरू किया तो कहीं न कहीं सुशील मोदी के खिलाफ भी माहौल बन गया। जदयू ने राजद का साथ लेकर सरकार बना ली और सुशील मोदी किनारे ही लग गए।

2014 के लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत के तुरंत बाद 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की जबरदस्त हार से भाजपा हिल गई। पार्टी को यह उम्मीद ही नहीं थी कि अगले पांच साल तक महागठबंधन की मजबूत सरकार को हिलाना संभव होगा।

ऐसे मौके पर सुशील कुमार मोदी ने एक तरह से अकेले ही कमान संभाली। 4 अप्रैल 2017 तक लालू परिवार के खिलाफ 44 प्रेस कॉन्फ्रेंस कीं। विपक्ष में रहकर लालू परिवार पर आय से अधिक संपत्ति के मामलों का खुलासा किया और कागजी प्रमाण भी लेकर आए। हर प्रेस कांफ्रेंस के साथ राजद-जदयू सरकार असहज होती गई और नीतीश सोचने को मजबूर हो गए।

नीतीश को फिर NDA का CM बनाया, गिफ्ट मिला डिप्टी का पद
2015 विधानसभा चुनाव में महज 53 सीटें लेकर विपक्ष में बैठी भाजपा को सुशील कुमार मोदी के खुलासे ने नई उम्मीद दिखाई। राजद-जदयू की दूरियां ऐसी बढ़ीं कि 26 जुलाई 2017 को भाजपा-जदयू फिर एक बार साथ गए। 4 साल बाद हुए इस गठजोड़ में सुशील मोदी ने सबसे अहम भूमिका निभाई, लेकिन इसके बावजूद पार्टी के अंदर उनका विरोध खत्म नहीं हो रहा था। इस बार नीतीश कुमार फ्रंट पर आए और उनकी मांग पर सुशील मोदी को बिहार का उप-मुख्यमंत्री बनाया गया।

नीतीश-प्रेम ने विकेट गिराया, लालू पर खुलासे ने दिया केंद्र का टिकट
नीतीश कुमार से सुशील कुमार मोदी का प्रेम वर्षों से चर्चा में रहा है। इस बार भाजपा मजबूत हुई तो इस प्रेम को तोड़ने के लिए सुशील कुमार मोदी को दरकिनार करने की आवाज बुलंद हो गई। 14 नवंबर की शाम जानकारी आई कि भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह इसी पर विधायकों से रायशुमारी के लिए पटना आ रहे हैं। 15 नवंबर को वह आए भी, लेकिन प्रदेश कार्यालय में रायशुमारी का इंतजार कर रहे भाजपा विधायकों से मिले बगैर सीधे सुशील मोदी के साथ NDA की बैठक में ही गए। सुशील मोदी को एक बार भी नहीं छोड़ा।

NDA बैठक में फाइनल हो गया कि सुशील मोदी डिप्टी CM नहीं रहेंगे, लेकिन उन्हें यह भरोसा नहीं दिलाया गया कि उनके साथ भविष्य में क्या होगा। उन्होंने सोशल मीडिया पर दु:ख जाहिर भी किया कि कार्यकर्ता का पद तो कोई नहीं छीन सकता। पार्टी दफ्तर से राजभवन तक, हर जगह दरकिनार नजर आए सुशील मोदी इस बार भी शांत नहीं बैठे।

विधानसभा अध्यक्ष चुनाव से एक दिन पहले 24 नवंबर को NDA विधायकों को लालच देकर सरकार के खिलाफ जाने का खुलासा किया। ऐसी एक कॉल की इन्फॉर्मेशन भी लाए और लालू यादव को कॉल-बैक करने की जानकारी भी सोशल मीडिया पर दी। यह तुरुप का पत्ता काम आया। लालू गेस्ट हाउस से रिम्स गए और इधर भाजपा ने सुशील मोदी को राज्यसभा का टिकट सौंप दिया।

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Bihar Politics, Bihar Election Results, rajya sabha election 2020, sushil modi in ajya sabha, RamBilas Paswan

https://ift.tt/3nZHXJM Dainik Bhaskar भाजपा में जब-जब साइडलाइन हुए, नई लाइन से साबित किया कि सुशील मोदी का विकल्प नहीं Reviewed by Manish Pethev on November 30, 2020 Rating: 5

तारीख थी 30 नवंबर 1872। पहली बार इंटरनेशनल फुटबॉल मैच खेला जा रहा था। पहला इंटरनेशनल मैच इंग्लैंड और स्कॉटलैंड की टीम के बीच खेला गया। मैच स्कॉटलैंड क्रिकेट ग्राउंड में खेला गया था। हालांकि, इससे पहले भी इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के बीच 5 बार अनऑफिशियल मैच खेला गया था, जिसमें सभी मैच इंग्लैंड जीता था। पहले मैच में स्कॉटलैंड ने ब्लू और इंग्लैंड ने व्हाइट जर्सी पहनी थी। इस मैच को देखने के लिए स्टेडियम में 4 हजार से ज्यादा दर्शक पहुंचे थे। हालांकि, ये मैच 15 मिनट देरी से शुरू हुआ था, क्योंकि दोनों टीमें प्रिपरेशन कर रही थीं। बताया जाता है कि उस मैच में खुद को वॉर्मअप करने के लिए स्मोकिंग भी कर रहे थे। पहले इंटरनेशनल फुटबॉल मैच की टिकट। फुटबॉल के पहले इंटरनेशनल मैच का कोई नतीजा नहीं निकला था। 90 मिनट के मैच में कोई भी टीम गोल नहीं कर सकी और मैच ड्रॉ हो गया। इस मैच के ड्रॉ होने के बाद मांग उठी कि दोनों टीमों के बीच दोबारा मैच होना चाहिए, ताकि कोई नतीजा तो निकले। लोगों का कहना था कि हम गोल देखने आए थे, लेकिन गोल देख ही नहीं पाए। इसके बाद 8 मार्च 1873 को दोबारा इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के बीच मैच हुआ। इस मैच में इंग्लैंड 4-2 से जीत गया। दिल्ली के बादशाह की वजीर ने ही हत्या कर दी दिल्ली में 1754 से 1759 तक बादशाह हुए आलमगीर द्वितीय। वो 16वें मुगल बादशाह थे। आलमगीर को अजीजुद्दीन के नाम से भी जाना जाता था। माना जाता है कि आलमगीर बहुत कमजोर शासक था। उसे उसके वजीर गाजीउद्दीन इमादुलमुल्क की कठपुतली कहा जाता था। एक समय आया जब आलमगीर गाजीउद्दीन से तंग आ गया और उससे पीछा छुड़ाने की कोशिश करने लगा। लेकिन, गाजीउद्दीन चालाक था, जब आलमगीर ने उससे पीछा छुड़ाना चाहा तो गाजीउद्दीन ने ही आलमगीर की हत्या करवा दी और लाल किले के पीछे यमुना नदी में उसकी लाश फिंकवा दी। भारत और दुनिया में 30 नवंबर की महत्वपूर्ण घटनाएं इस प्रकार हैं: 1731: बीजिंग में भूकंप से लगभग 1 लाख लोग मारे गए। 1858: वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बसु का जन्म हुआ। 1874: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल का जन्म हुआ। 1982: रिचर्ड एटनबरो द्वारा निर्देशित और बेन किंग्‍सले व जॉन गिल्‍गुड की फिल्‍म गांधी का नई दिल्‍ली में प्रीमियर हुआ। 1999: विश्व के बड़े मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप का पुणे के समीप नारायणगांव में उद्घाटन हुआ। 2000: प्रियंका चोपड़ा मिस वर्ल्ड बनीं। 2008: भारत के गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने मुंबई हमलों के लिए नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा सौंप दिया है। 2010: भारतीय वैज्ञानिक और स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत करने वाले राजीव दीक्षित का निधन हुआ। 2012: पूर्व प्रधानमंत्री इन्द्र कुमार गुजराल का निधन हुआ। 2014: फ्रांस के दक्षिण में भारी बाढ़ के कारण 5 लोगों की जान चली गई और 3000 से अधिक लोगों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Today History: Aaj Ka Itihas India World November 30 | Priyanka Chopra Miss World 2020 Delhi Mughal Emperor Alamgir Murder https://ift.tt/2HOhkrF Dainik Bhaskar जब क्रिकेट के ग्राउंड पर खेला गया था पहला इंटरनेशनल फुटबॉल मैच, एक भी टीम गोल नहीं कर पाई थी

तारीख थी 30 नवंबर 1872। पहली बार इंटरनेशनल फुटबॉल मैच खेला जा रहा था। पहला इंटरनेशनल मैच इंग्लैंड और स्कॉटलैंड की टीम के बीच खेला गया। मैच ...
- November 30, 2020
तारीख थी 30 नवंबर 1872। पहली बार इंटरनेशनल फुटबॉल मैच खेला जा रहा था। पहला इंटरनेशनल मैच इंग्लैंड और स्कॉटलैंड की टीम के बीच खेला गया। मैच स्कॉटलैंड क्रिकेट ग्राउंड में खेला गया था। हालांकि, इससे पहले भी इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के बीच 5 बार अनऑफिशियल मैच खेला गया था, जिसमें सभी मैच इंग्लैंड जीता था। पहले मैच में स्कॉटलैंड ने ब्लू और इंग्लैंड ने व्हाइट जर्सी पहनी थी। इस मैच को देखने के लिए स्टेडियम में 4 हजार से ज्यादा दर्शक पहुंचे थे। हालांकि, ये मैच 15 मिनट देरी से शुरू हुआ था, क्योंकि दोनों टीमें प्रिपरेशन कर रही थीं। बताया जाता है कि उस मैच में खुद को वॉर्मअप करने के लिए स्मोकिंग भी कर रहे थे। पहले इंटरनेशनल फुटबॉल मैच की टिकट। फुटबॉल के पहले इंटरनेशनल मैच का कोई नतीजा नहीं निकला था। 90 मिनट के मैच में कोई भी टीम गोल नहीं कर सकी और मैच ड्रॉ हो गया। इस मैच के ड्रॉ होने के बाद मांग उठी कि दोनों टीमों के बीच दोबारा मैच होना चाहिए, ताकि कोई नतीजा तो निकले। लोगों का कहना था कि हम गोल देखने आए थे, लेकिन गोल देख ही नहीं पाए। इसके बाद 8 मार्च 1873 को दोबारा इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के बीच मैच हुआ। इस मैच में इंग्लैंड 4-2 से जीत गया। दिल्ली के बादशाह की वजीर ने ही हत्या कर दी दिल्ली में 1754 से 1759 तक बादशाह हुए आलमगीर द्वितीय। वो 16वें मुगल बादशाह थे। आलमगीर को अजीजुद्दीन के नाम से भी जाना जाता था। माना जाता है कि आलमगीर बहुत कमजोर शासक था। उसे उसके वजीर गाजीउद्दीन इमादुलमुल्क की कठपुतली कहा जाता था। एक समय आया जब आलमगीर गाजीउद्दीन से तंग आ गया और उससे पीछा छुड़ाने की कोशिश करने लगा। लेकिन, गाजीउद्दीन चालाक था, जब आलमगीर ने उससे पीछा छुड़ाना चाहा तो गाजीउद्दीन ने ही आलमगीर की हत्या करवा दी और लाल किले के पीछे यमुना नदी में उसकी लाश फिंकवा दी। भारत और दुनिया में 30 नवंबर की महत्वपूर्ण घटनाएं इस प्रकार हैं: 1731: बीजिंग में भूकंप से लगभग 1 लाख लोग मारे गए। 1858: वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बसु का जन्म हुआ। 1874: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल का जन्म हुआ। 1982: रिचर्ड एटनबरो द्वारा निर्देशित और बेन किंग्‍सले व जॉन गिल्‍गुड की फिल्‍म गांधी का नई दिल्‍ली में प्रीमियर हुआ। 1999: विश्व के बड़े मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप का पुणे के समीप नारायणगांव में उद्घाटन हुआ। 2000: प्रियंका चोपड़ा मिस वर्ल्ड बनीं। 2008: भारत के गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने मुंबई हमलों के लिए नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा सौंप दिया है। 2010: भारतीय वैज्ञानिक और स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत करने वाले राजीव दीक्षित का निधन हुआ। 2012: पूर्व प्रधानमंत्री इन्द्र कुमार गुजराल का निधन हुआ। 2014: फ्रांस के दक्षिण में भारी बाढ़ के कारण 5 लोगों की जान चली गई और 3000 से अधिक लोगों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Today History: Aaj Ka Itihas India World November 30 | Priyanka Chopra Miss World 2020 Delhi Mughal Emperor Alamgir Murder https://ift.tt/2HOhkrF Dainik Bhaskar जब क्रिकेट के ग्राउंड पर खेला गया था पहला इंटरनेशनल फुटबॉल मैच, एक भी टीम गोल नहीं कर पाई थी 

तारीख थी 30 नवंबर 1872। पहली बार इंटरनेशनल फुटबॉल मैच खेला जा रहा था। पहला इंटरनेशनल मैच इंग्लैंड और स्कॉटलैंड की टीम के बीच खेला गया। मैच स्कॉटलैंड क्रिकेट ग्राउंड में खेला गया था। हालांकि, इससे पहले भी इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के बीच 5 बार अनऑफिशियल मैच खेला गया था, जिसमें सभी मैच इंग्लैंड जीता था।

पहले मैच में स्कॉटलैंड ने ब्लू और इंग्लैंड ने व्हाइट जर्सी पहनी थी। इस मैच को देखने के लिए स्टेडियम में 4 हजार से ज्यादा दर्शक पहुंचे थे। हालांकि, ये मैच 15 मिनट देरी से शुरू हुआ था, क्योंकि दोनों टीमें प्रिपरेशन कर रही थीं। बताया जाता है कि उस मैच में खुद को वॉर्मअप करने के लिए स्मोकिंग भी कर रहे थे।

पहले इंटरनेशनल फुटबॉल मैच की टिकट।

फुटबॉल के पहले इंटरनेशनल मैच का कोई नतीजा नहीं निकला था। 90 मिनट के मैच में कोई भी टीम गोल नहीं कर सकी और मैच ड्रॉ हो गया। इस मैच के ड्रॉ होने के बाद मांग उठी कि दोनों टीमों के बीच दोबारा मैच होना चाहिए, ताकि कोई नतीजा तो निकले। लोगों का कहना था कि हम गोल देखने आए थे, लेकिन गोल देख ही नहीं पाए। इसके बाद 8 मार्च 1873 को दोबारा इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के बीच मैच हुआ। इस मैच में इंग्लैंड 4-2 से जीत गया।

दिल्ली के बादशाह की वजीर ने ही हत्या कर दी

दिल्ली में 1754 से 1759 तक बादशाह हुए आलमगीर द्वितीय। वो 16वें मुगल बादशाह थे। आलमगीर को अजीजुद्दीन के नाम से भी जाना जाता था। माना जाता है कि आलमगीर बहुत कमजोर शासक था। उसे उसके वजीर गाजीउद्दीन इमादुलमुल्क की कठपुतली कहा जाता था। एक समय आया जब आलमगीर गाजीउद्दीन से तंग आ गया और उससे पीछा छुड़ाने की कोशिश करने लगा। लेकिन, गाजीउद्दीन चालाक था, जब आलमगीर ने उससे पीछा छुड़ाना चाहा तो गाजीउद्दीन ने ही आलमगीर की हत्या करवा दी और लाल किले के पीछे यमुना नदी में उसकी लाश फिंकवा दी।

भारत और दुनिया में 30 नवंबर की महत्वपूर्ण घटनाएं इस प्रकार हैं:

1731: बीजिंग में भूकंप से लगभग 1 लाख लोग मारे गए।

1858: वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बसु का जन्म हुआ।

1874: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल का जन्म हुआ।

1982: रिचर्ड एटनबरो द्वारा निर्देशित और बेन किंग्‍सले व जॉन गिल्‍गुड की फिल्‍म गांधी का नई दिल्‍ली में प्रीमियर हुआ।

1999: विश्व के बड़े मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप का पुणे के समीप नारायणगांव में उद्घाटन हुआ।

2000: प्रियंका चोपड़ा मिस वर्ल्ड बनीं।

2008: भारत के गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने मुंबई हमलों के लिए नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा सौंप दिया है।

2010: भारतीय वैज्ञानिक और स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत करने वाले राजीव दीक्षित का निधन हुआ।

2012: पूर्व प्रधानमंत्री इन्द्र कुमार गुजराल का निधन हुआ।

2014: फ्रांस के दक्षिण में भारी बाढ़ के कारण 5 लोगों की जान चली गई और 3000 से अधिक लोगों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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Today History: Aaj Ka Itihas India World November 30 | Priyanka Chopra Miss World 2020 Delhi Mughal Emperor Alamgir Murder

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- November 30, 2020
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माउंट आबू. पिछले कुछ दिनाें से चल रही शीतलहर ने माउंट के माैसम काे बदल दिया है। यहां पिछले 2 दिनाें से लगातार तापमान 1 डिग्री पर स्थिर है। इतना ही नहीं, अभी तक इस महीने 10 दिनाें में 8 बार तापमान जमाव बिंदु के करीब जा चुका है। ऐसे में ओस की बूंदें बर्फ बन रही हैं। वहीं माउंट में पिछले 10 सालाें से माैसम का ट्रेंड बदला है। 10 साल में पहली बार ऐसा हुआ है जब नवंबर के महीने में तापमान 1 डिग्री तक पहुंचा है और पारा जमाव बिंदु तक पहुंचने के साथ बर्फ भी जमी। दरअसल, माउंट आबू में माैसम का यह ट्रेंड रहता है कि दिसंबर के पहले या दूसरे सप्ताह से तापमान 1 या 2 डिग्री और माइनस तक पहुंच जाता है। लेकिन इस बार नवंबर महीने में ऐसा हुआ है कि पिछले 6 दिनाें से माउंट में लगातार न्यूनतम तापमान 1 डिग्री पर रहा है। यही नहीं, इस महीने में कम से कम 8 दिन बर्फ भी जमी है। रविवार काे भी यहां का तापमान 1 डिग्री दर्ज किया गया। समय से पहले बर्फबारी लेकिन कोरोना के चलते हाेटलाें में 20% तक ही ऑक्यूपेंसी फोटो राजस्थान के माउंट आबू की है। यहां पारा 1 डिग्री पर पहुंच गया है। शिमला. प्रदेश में इस बार समय से पहले बर्फबारी हुई थी, पर काेविड-19 के कारण पर्यटन काराेबार काे गहरा धक्का लगा। 16 नवंबर काे जिला शिमला सहित प्रदेश के ऊपरी क्षेत्राें में अच्छी बर्फबारी हुई, इसके बावजूद काेराेना संक्रमण के बढ़ते कहर के चलते प्रदेश के हाेटलाें में 20% तक ही ऑक्यूपेंसी दर्ज की गई है। सितंबर से हिमाचल पर्यटकाें के लिए खाेल दिया गया है, इसके बावजूद प्रदेश में पर्यटकाें की आमद पिछले साल के मुकाबले बहुत कम है। अकेले शिमला में तीन महीनाें में 80 हजार पर्यटक घूमने आए हैं, यहां पर 518 हाेटल हैं इनमें 3 माह में 20% तक की ऑक्यूपेंसी दर्ज की गई। बिहार में पहाड़ों पर बर्फबारी और तेज हवा से दिसंबर में कड़ाके की सर्दी फोटो राजस्थान के चित्तौडगढ़ की है। यहां सुबह ओस के कारण पौधे जम गए। पटना. मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश के सभी हिस्सों में मौसम शुष्क है। इसके साथ ही उत्तर-पश्चिम की दिशा आने वाली 11 से 15 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ठंडी हवाएं और पहाड़ों पर लगातार होने वाली बर्फबारी से आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट होगी। इससे रात और दिन के तापमान में अंतर कम होने से दिसंबर के पहले सप्ताह में ठंड के साथ ही गलन बढ़ने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक पहाड़ों पर लगातार होने वाली बर्फबारी की वजह से पश्चिमी हिमालय से बहने वाली ठंडी हवाओं के कारण आने वाले चार दिनों में पारे में गिरावट होने की संभावना है। बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बन चुका है, जिसका अगले 36 घंटे में डीप डिप्रेशन में बदलने की आशंका है। 24 घंटे में यह और भी ताकतवर हो सकता है। इससे झारखंड, पश्चिम बंगाल के साथ दक्षिण भारत में हल्की और मध्य दर्जे की बारिश होगी। रविवार को पटना का न्यूनतम 10.4 डिग्री सेल्सियस रहा। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें 10 साल में पहली बार नवंबर के महीने में माउंट आबू में तापमान 1 डिग्री पर रहा। ऐसे में गुलाब की पत्तियों और फूल पर बर्फ जम गई। (फाेटाे: निधि उमठ) https://ift.tt/2Vd1IRP Dainik Bhaskar राजस्थान के माउंटआबू में पारा 1 डिग्री, हिमाचल के शिमला में समय से पहले बर्फबारी

माउंट आबू. पिछले कुछ दिनाें से चल रही शीतलहर ने माउंट के माैसम काे बदल दिया है। यहां पिछले 2 दिनाें से लगातार तापमान 1 डिग्री पर स्थिर है।...
- November 30, 2020
माउंट आबू. पिछले कुछ दिनाें से चल रही शीतलहर ने माउंट के माैसम काे बदल दिया है। यहां पिछले 2 दिनाें से लगातार तापमान 1 डिग्री पर स्थिर है। इतना ही नहीं, अभी तक इस महीने 10 दिनाें में 8 बार तापमान जमाव बिंदु के करीब जा चुका है। ऐसे में ओस की बूंदें बर्फ बन रही हैं। वहीं माउंट में पिछले 10 सालाें से माैसम का ट्रेंड बदला है। 10 साल में पहली बार ऐसा हुआ है जब नवंबर के महीने में तापमान 1 डिग्री तक पहुंचा है और पारा जमाव बिंदु तक पहुंचने के साथ बर्फ भी जमी। दरअसल, माउंट आबू में माैसम का यह ट्रेंड रहता है कि दिसंबर के पहले या दूसरे सप्ताह से तापमान 1 या 2 डिग्री और माइनस तक पहुंच जाता है। लेकिन इस बार नवंबर महीने में ऐसा हुआ है कि पिछले 6 दिनाें से माउंट में लगातार न्यूनतम तापमान 1 डिग्री पर रहा है। यही नहीं, इस महीने में कम से कम 8 दिन बर्फ भी जमी है। रविवार काे भी यहां का तापमान 1 डिग्री दर्ज किया गया। समय से पहले बर्फबारी लेकिन कोरोना के चलते हाेटलाें में 20% तक ही ऑक्यूपेंसी फोटो राजस्थान के माउंट आबू की है। यहां पारा 1 डिग्री पर पहुंच गया है। शिमला. प्रदेश में इस बार समय से पहले बर्फबारी हुई थी, पर काेविड-19 के कारण पर्यटन काराेबार काे गहरा धक्का लगा। 16 नवंबर काे जिला शिमला सहित प्रदेश के ऊपरी क्षेत्राें में अच्छी बर्फबारी हुई, इसके बावजूद काेराेना संक्रमण के बढ़ते कहर के चलते प्रदेश के हाेटलाें में 20% तक ही ऑक्यूपेंसी दर्ज की गई है। सितंबर से हिमाचल पर्यटकाें के लिए खाेल दिया गया है, इसके बावजूद प्रदेश में पर्यटकाें की आमद पिछले साल के मुकाबले बहुत कम है। अकेले शिमला में तीन महीनाें में 80 हजार पर्यटक घूमने आए हैं, यहां पर 518 हाेटल हैं इनमें 3 माह में 20% तक की ऑक्यूपेंसी दर्ज की गई। बिहार में पहाड़ों पर बर्फबारी और तेज हवा से दिसंबर में कड़ाके की सर्दी फोटो राजस्थान के चित्तौडगढ़ की है। यहां सुबह ओस के कारण पौधे जम गए। पटना. मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश के सभी हिस्सों में मौसम शुष्क है। इसके साथ ही उत्तर-पश्चिम की दिशा आने वाली 11 से 15 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ठंडी हवाएं और पहाड़ों पर लगातार होने वाली बर्फबारी से आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट होगी। इससे रात और दिन के तापमान में अंतर कम होने से दिसंबर के पहले सप्ताह में ठंड के साथ ही गलन बढ़ने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक पहाड़ों पर लगातार होने वाली बर्फबारी की वजह से पश्चिमी हिमालय से बहने वाली ठंडी हवाओं के कारण आने वाले चार दिनों में पारे में गिरावट होने की संभावना है। बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बन चुका है, जिसका अगले 36 घंटे में डीप डिप्रेशन में बदलने की आशंका है। 24 घंटे में यह और भी ताकतवर हो सकता है। इससे झारखंड, पश्चिम बंगाल के साथ दक्षिण भारत में हल्की और मध्य दर्जे की बारिश होगी। रविवार को पटना का न्यूनतम 10.4 डिग्री सेल्सियस रहा। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें 10 साल में पहली बार नवंबर के महीने में माउंट आबू में तापमान 1 डिग्री पर रहा। ऐसे में गुलाब की पत्तियों और फूल पर बर्फ जम गई। (फाेटाे: निधि उमठ) https://ift.tt/2Vd1IRP Dainik Bhaskar राजस्थान के माउंटआबू में पारा 1 डिग्री, हिमाचल के शिमला में समय से पहले बर्फबारी 

माउंट आबू. पिछले कुछ दिनाें से चल रही शीतलहर ने माउंट के माैसम काे बदल दिया है। यहां पिछले 2 दिनाें से लगातार तापमान 1 डिग्री पर स्थिर है। इतना ही नहीं, अभी तक इस महीने 10 दिनाें में 8 बार तापमान जमाव बिंदु के करीब जा चुका है।

ऐसे में ओस की बूंदें बर्फ बन रही हैं। वहीं माउंट में पिछले 10 सालाें से माैसम का ट्रेंड बदला है। 10 साल में पहली बार ऐसा हुआ है जब नवंबर के महीने में तापमान 1 डिग्री तक पहुंचा है और पारा जमाव बिंदु तक पहुंचने के साथ बर्फ भी जमी। दरअसल, माउंट आबू में माैसम का यह ट्रेंड रहता है कि दिसंबर के पहले या दूसरे सप्ताह से तापमान 1 या 2 डिग्री और माइनस तक पहुंच जाता है।

लेकिन इस बार नवंबर महीने में ऐसा हुआ है कि पिछले 6 दिनाें से माउंट में लगातार न्यूनतम तापमान 1 डिग्री पर रहा है। यही नहीं, इस महीने में कम से कम 8 दिन बर्फ भी जमी है। रविवार काे भी यहां का तापमान 1 डिग्री दर्ज किया गया।

समय से पहले बर्फबारी लेकिन कोरोना के चलते हाेटलाें में 20% तक ही ऑक्यूपेंसी

फोटो राजस्थान के माउंट आबू की है। यहां पारा 1 डिग्री पर पहुंच गया है।

शिमला. प्रदेश में इस बार समय से पहले बर्फबारी हुई थी, पर काेविड-19 के कारण पर्यटन काराेबार काे गहरा धक्का लगा। 16 नवंबर काे जिला शिमला सहित प्रदेश के ऊपरी क्षेत्राें में अच्छी बर्फबारी हुई, इसके बावजूद काेराेना संक्रमण के बढ़ते कहर के चलते प्रदेश के हाेटलाें में 20% तक ही ऑक्यूपेंसी दर्ज की गई है।

सितंबर से हिमाचल पर्यटकाें के लिए खाेल दिया गया है, इसके बावजूद प्रदेश में पर्यटकाें की आमद पिछले साल के मुकाबले बहुत कम है। अकेले शिमला में तीन महीनाें में 80 हजार पर्यटक घूमने आए हैं, यहां पर 518 हाेटल हैं इनमें 3 माह में 20% तक की ऑक्यूपेंसी दर्ज की गई।

बिहार में पहाड़ों पर बर्फबारी और तेज हवा से दिसंबर में कड़ाके की सर्दी

फोटो राजस्थान के चित्तौडगढ़ की है। यहां सुबह ओस के कारण पौधे जम गए।

पटना. मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश के सभी हिस्सों में मौसम शुष्क है। इसके साथ ही उत्तर-पश्चिम की दिशा आने वाली 11 से 15 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ठंडी हवाएं और पहाड़ों पर लगातार होने वाली बर्फबारी से आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट होगी। इससे रात और दिन के तापमान में अंतर कम होने से दिसंबर के पहले सप्ताह में ठंड के साथ ही गलन बढ़ने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक पहाड़ों पर लगातार होने वाली बर्फबारी की वजह से पश्चिमी हिमालय से बहने वाली ठंडी हवाओं के कारण आने वाले चार दिनों में पारे में गिरावट होने की संभावना है।

बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बन चुका है, जिसका अगले 36 घंटे में डीप डिप्रेशन में बदलने की आशंका है। 24 घंटे में यह और भी ताकतवर हो सकता है। इससे झारखंड, पश्चिम बंगाल के साथ दक्षिण भारत में हल्की और मध्य दर्जे की बारिश होगी। रविवार को पटना का न्यूनतम 10.4 डिग्री सेल्सियस रहा।

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10 साल में पहली बार नवंबर के महीने में माउंट आबू में तापमान 1 डिग्री पर रहा। ऐसे में गुलाब की पत्तियों और फूल पर बर्फ जम गई। (फाेटाे: निधि उमठ)

https://ift.tt/2Vd1IRP Dainik Bhaskar राजस्थान के माउंटआबू में पारा 1 डिग्री, हिमाचल के शिमला में समय से पहले बर्फबारी Reviewed by Manish Pethev on November 30, 2020 Rating: 5
Temperatures drop in several parts of north India; IMD predicts harsher winter for region Temperatures drop in several parts of north India; IMD predicts harsher winter for region Reviewed by Manish Pethev on November 30, 2020 Rating: 5

https://ift.tt/3o85uIE सिख धर्म का भारतीय धर्मों में अपना एक पवित्र स्थान है।‘सिख’ शब्द की उत्पत्ति ‘शिष्य’ से हुई है, जिसका अर्थ गुरुनानक के शिष्य से अर्थात् उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करने वालों से है। 15वीं शताब्दी में भारत के उत्तर-पश्चिमी पंजाब प्रांत में गुरु नानक देव ने जिस धर्म की शुरुआत की थी आज दुनिया भर में उन सिखों की आबादी 2.5 करोड़ है। जिसमें से 83% सिख भारत और 17% सिख पूरी दुनिया में हैं, इसके अलावा पूरी दुनिया में लगभग 12 से 15 करोड़ लोग हैं जो गुरु ग्रंथ साहिब पर भरोसा करते हैं और सिख गुरुओं को मानते हैं। शायद यही वजह है कि कनाडा, अमेरिका, लंदन, ऑस्ट्रेलिया जैसे तमाम देशों में सिखों का दबदबा है और दुनिया के तमाम बड़े देशों में इनके गुरुद्वारे हैं। गुरु नानक जयंती के इस खास मौके पर जानते हैं भारत के बाहर बने तमाम बड़े गुरुद्वारे और उन सिखों के बारे में जो दुनिया के सबसे बड़े देशों की राजनीति में शामिल हैं। कनाडा के रक्षामंत्री हैं होशियारपुर के गांव में जन्मे हरजीत सिंह हरजीत सिंह सज्जन (49 वर्ष) पंजाब के होशियारपुर में बंबेली गांव में जन्मे हरजीत सिंह 1989 में कनाडा की सेना में शामिल हुए थे। उन्हें ऑर्डर ऑफ मिलिट्री मेरिट का अवार्ड मिला और बाद में हरजीत कैनेडियन आर्मी में ब्रिटिश कोलंबिया रेजीमेंट की कमान संभालने वाले पहले सिख अधिकारी बने। साल 2015 में वे कनाडा के सांसद चुने गए और रक्षामंत्री के पद पर तैनात हुए। कनाडा की राजनीति में इनका बड़ा दखल है। निम्रत रंधावा अब निक्की हेली, अमेरिका में दो बार गवर्नर और यूएन में राजदूत रहीं निक्की हेली (48 वर्ष) निक्की हेली के बचपन का नाम निम्रत रंधावा है। वे सिख माता-पिता अजित सिंह रंधावा और राज कौर की बेटी हैं, इनके पूर्वज अमृतसर से आकर अमेरिका में बसे थे। दक्षिण कैरोलिना से दो बार गवर्नर रहीं हेली किसी भी राष्ट्रपति प्रशासन में पहली कैबिनेट रैंकिंग भारतीय अमेरिकी थीं। वे 2017 से 2018 तक संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत रहीं। दिल्ली के कंवलजीत न्यूजीलैंड में पहले भारतीय सांसद, हिंदी में ली शपथ कंवलजीत सिंह बख्शी (56 वर्ष) दिल्ली में जन्मे कंवलजीत सिंह न्यूजीलैंड में सांसद का पद संभालने वाले पहले भारतीय और पहले सिख थे। न्यूजीलैंड में 2017 में ऐसा पहली बार हुआ था जब एक सिख मार्केटिंग मैनेजर ने हिंदी में सांसद पद की शपथ ली। कंवलजीत न्यूजीलैंड की संसद में सेलेक्ट कमेटी ऑन लॉ एंड ऑर्डर के चेयरपर्सन और कमेटी ऑन कॉमर्स के मेंबर हैं। ब्रिटेन के पहले पगड़ी वाले सिख सांसद हैं तनमनजीत , रेलवे के भी शैडो मिनिस्टर तनमनजीत सिंह ढेसी (42 वर्ष) तनमनजीत सिंह बख्शी यूनाइटेड किंगडम (यूके) की स्लाओ सीट से 2017 में लेबर पार्टी के सांसद चुने गए। वह ब्रिटेन के पहले पगड़ी वाले सिख सांसद हैं। ब्रिटेन की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक तनमनजीत के पिता जसपाल सिंह ढेसी वहां के सबसे बड़े गुरुद्वारे गुरु नानक दरबार के प्रेसिडेंट रह चुके हैं। लेबर पार्टी ने उन्हें रेलवे शैडो मिनिस्टर बनाया है। ब्रिटेन में विपक्षी दल शैडो मिनिस्टर बनाने की परंपरा है। इस शैडो कैबिनेट का प्रमुख ही सदन में विपक्ष का नेता होता है। भारत में ही चार साल तक ऑस्ट्रेलिया की उच्चायुक्त रहीं भारतीय मूल की हरिंदर सिद्धू हरिंदर सिद्धू (53 वर्ष) हरिंदर सिद्धू के पूर्वज पंजाब के रहने वाले थे। वे कई पीढ़ियों पहले सिंगापुर में बस गए, मगर हरिंदर के माता-पिता ऑस्ट्रेलिया चले आए। वे पूर्व राजनयिक पीटर वर्गीज के बाद वह ऐसी दूसरी भारतवंशी हैं जो भारत में ऑस्ट्रेलिया के लिए उच्चायुक्त रहीं। 2016 से 2020 के शुरुआत तक भारत में उच्चायुक्त रहने से पहले सिद्धू मास्को और दमिश्क में सेवाएं दे चुकीं हैं। सिद्धू का कहना है कि उन्हें अपने भारतीय मूल पर गर्व है। उनके परिवार ने हमेशा अपनी भारतीय पहचान को बनाए रखा है। हरिंदर 1999 से 2004 के बीच ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री की रक्षा और राजकोष मामलों की सलाहकार भी रही हैं। ब्रिटेन की संसद तक पहुंचने वाली पहली सिख महिला हैं प्रीत कौर, जलंधर में हैं जड़ें प्रीत कौर गिल (47 वर्ष) प्रीत कौर ब्रिटेन में सासंद बनने वाली पहली सिख महिला हैं। यों तो उनका जन्म और परवरिश ब्रिटेन में ही हुई, मगर उनका परिवार मूल रूप से पंजाब के जलंधर का रहना वाला है। प्रीत के पिता दलजीत सिंह शेरगिल फोरमैन थे। वे बस ड्राइवर भी रहे। प्रीत ब्रिटिश संसद की बेहद प्रभावशाली संसदीय समिति की सदस्य हैं जो गृहमंत्रालय के काम की समीक्षा करती है। वे लेबर पार्टी की ओर से अंतरराष्ट्रीय विकास मामलों की शैडो मंत्री हैं। कनाडा की लोकसभा में सरकार की नेता बनने वाली पहली महिला बर्दिश चग्गर बर्दिश चग्गर (40 वर्ष) साल 2016 में भारतीय मूल की कनाडाई सांसद बर्दिश चग्गर कनाडा के हाउस ऑफ कामन्स (लोकसभा) में नई सरकार की नेता हैं। कनाडा में इस पद पर पहुंचने वाली वे पहली महिला हैं। इसके साथ ही उन्हें लघु व्यापार एवं पर्यटन मंत्री भी बनाया गया था। वे फिलहाल विविधता और समावेश और युवा मंत्री हैं। उनके पिता गुरमिंदर चग्गर 70 के दशक में पंजाब से कनाडा में बस गए थे। दुबई से लेकर ब्रिटेन और कनाडा में शानदार गुरुद्वारे करतारपुर पाकिस्तानः गुरु नानक देव जी ने परिवार के साथ जीवन के अंतिम करीब साढ़े 17 साल परिवार के साथ यहीं गुजारे थे। इस गुरुद्वारे में गुरु नानक देव जी की कब्र और समाधि दोनों बनी हुई है। गरु नानक दरबार, दुबईः गुरु नानक दरबार साहिब दुबई का पहला और खाड़ी देशों का सबसे बड़ा गुरुद्वारा । इस गुरुद्वारे का निर्माण 50,000 से अधिक सिखों ने मिलकर किया था। इटालियन मार्बल से बने इस गुरुद्वारे में फाइव स्टार किचन है। डेरा साहिब, लाहौरः कहा जाता है कि गुरु अर्जुन देव जी यहां रावी नदी में विलुप्त हो गए थे। महाराजा रंजीत सिंह ने यहां एक छोटा, खूबसूरत सा गुरुद्वारा बनवाया और 1909 में इसे बढ़ाया गया। ननकाना साहिब, पाकिस्तानः पाकिस्तान के ननकाना साहिब जिले में बना यह गुरुद्वारा गुरु नानक का जन्मस्थल है। इसका पुराना नाम राय-भोई-दी-तलवंडी था। श्री गुरु सिंह सभा, लंदनः साउथ हॉल में बने इस गुरुद्वारे में 3,000 लोगों के बैठने की क्षमता है। यहां एक डाइनिंग हॉल और एक कम्युनिटी सेंटर भी है। यह ब्रिटेन का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है। गुरुद्वारा पंजा साहिब पाकिस्तानः अब्दल हसन में बने इस गुरुद्वारे में गुरु नानक जी के पंजे का निशान है। गुरु नानक देव ने यहां किसी लड़ाई के दौरान एक चट्टान को अपने हाथ से रोका था और उनके हाथ की छाप पत्थर पर पड़ गई थी। ओंटारियो खालसा दरबार, कनाडाः यह कनाडा का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है। यहां हर रोज 3,000 से ज्यादा लोगों को लंगर खिलाया जाता है। गरु नानक दरबार गुरुद्वारा केंट, इंग्लैंड : ग्रेवसेंड शहर में स्थित गुरु नानक दरबार गुरुद्वारा ब्रिटेन के सबसे बड़े गुरुद्वारे में से एक है। इसे बनाने में आठ साल का समय लगा था। इस गुरुद्वारे में एक साथ 1200 लोग बैठ सकते हैं। गुरुद्वारा रोरी साहिब, पाकिस्तानः एमिनाबाद में बने गुरुद्वारा रोरी साहिब के बारे में कहा जाता है कि 1521 में जब बाबर अपनी सेना से साथ यहां आया था और गुरु नानक देव को हिरासत में लिया था उस वक्त वे जिस पत्थर पर बैठे थे, यह गुरुद्वारा उसी पत्थर के ऊपर बना है। गुरुद्वारा साहिब, अमेरिकाः यह अमेरिका का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है। इसकी स्थापना 1985 में सैन होज़े, कैलिफोर्निया में सांता क्लारा वैली सिख समुदाय ने की थी। गुरु नानक के बाद सिखों के एक से बढ़कर एक गुरु आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Guru Nanak Jayanti, Sikhs in prominent positions in world, Major Sikh Gurudwaras in world, 10 Sikh Gurus and their contribution from Dainik Bhaskar /national/news/guru-nanak-jayanti-not-only-in-india-gurdwaras-all-over-the-world-sikhs-in-prominent-positions-all-over-world-sikh-canadian-defense-ministers-and-some-new-zealand-mps-127961148.html via IFTTT https://ift.tt/2Jb3joU सिख धर्म का भारतीय धर्मों में अपना एक पवित्र स्थान है।‘सिख’ शब्द की उत्पत्ति ‘शिष्य’ से हुई है, जिसका अर्थ गुरुनानक के शिष्य से अर्थात् उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करने वालों से है। 15वीं शताब्दी में भारत के उत्तर-पश्चिमी पंजाब प्रांत में गुरु नानक देव ने जिस धर्म की शुरुआत की थी आज दुनिया भर में उन सिखों की आबादी 2.5 करोड़ है। जिसमें से 83% सिख भारत और 17% सिख पूरी दुनिया में हैं, इसके अलावा पूरी दुनिया में लगभग 12 से 15 करोड़ लोग हैं जो गुरु ग्रंथ साहिब पर भरोसा करते हैं और सिख गुरुओं को मानते हैं। शायद यही वजह है कि कनाडा, अमेरिका, लंदन, ऑस्ट्रेलिया जैसे तमाम देशों में सिखों का दबदबा है और दुनिया के तमाम बड़े देशों में इनके गुरुद्वारे हैं। गुरु नानक जयंती के इस खास मौके पर जानते हैं भारत के बाहर बने तमाम बड़े गुरुद्वारे और उन सिखों के बारे में जो दुनिया के सबसे बड़े देशों की राजनीति में शामिल हैं। कनाडा के रक्षामंत्री हैं होशियारपुर के गांव में जन्मे हरजीत सिंह हरजीत सिंह सज्जन (49 वर्ष) पंजाब के होशियारपुर में बंबेली गांव में जन्मे हरजीत सिंह 1989 में कनाडा की सेना में शामिल हुए थे। उन्हें ऑर्डर ऑफ मिलिट्री मेरिट का अवार्ड मिला और बाद में हरजीत कैनेडियन आर्मी में ब्रिटिश कोलंबिया रेजीमेंट की कमान संभालने वाले पहले सिख अधिकारी बने। साल 2015 में वे कनाडा के सांसद चुने गए और रक्षामंत्री के पद पर तैनात हुए। कनाडा की राजनीति में इनका बड़ा दखल है। निम्रत रंधावा अब निक्की हेली, अमेरिका में दो बार गवर्नर और यूएन में राजदूत रहीं निक्की हेली (48 वर्ष) निक्की हेली के बचपन का नाम निम्रत रंधावा है। वे सिख माता-पिता अजित सिंह रंधावा और राज कौर की बेटी हैं, इनके पूर्वज अमृतसर से आकर अमेरिका में बसे थे। दक्षिण कैरोलिना से दो बार गवर्नर रहीं हेली किसी भी राष्ट्रपति प्रशासन में पहली कैबिनेट रैंकिंग भारतीय अमेरिकी थीं। वे 2017 से 2018 तक संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत रहीं। दिल्ली के कंवलजीत न्यूजीलैंड में पहले भारतीय सांसद, हिंदी में ली शपथ कंवलजीत सिंह बख्शी (56 वर्ष) दिल्ली में जन्मे कंवलजीत सिंह न्यूजीलैंड में सांसद का पद संभालने वाले पहले भारतीय और पहले सिख थे। न्यूजीलैंड में 2017 में ऐसा पहली बार हुआ था जब एक सिख मार्केटिंग मैनेजर ने हिंदी में सांसद पद की शपथ ली। कंवलजीत न्यूजीलैंड की संसद में सेलेक्ट कमेटी ऑन लॉ एंड ऑर्डर के चेयरपर्सन और कमेटी ऑन कॉमर्स के मेंबर हैं। ब्रिटेन के पहले पगड़ी वाले सिख सांसद हैं तनमनजीत , रेलवे के भी शैडो मिनिस्टर तनमनजीत सिंह ढेसी (42 वर्ष) तनमनजीत सिंह बख्शी यूनाइटेड किंगडम (यूके) की स्लाओ सीट से 2017 में लेबर पार्टी के सांसद चुने गए। वह ब्रिटेन के पहले पगड़ी वाले सिख सांसद हैं। ब्रिटेन की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक तनमनजीत के पिता जसपाल सिंह ढेसी वहां के सबसे बड़े गुरुद्वारे गुरु नानक दरबार के प्रेसिडेंट रह चुके हैं। लेबर पार्टी ने उन्हें रेलवे शैडो मिनिस्टर बनाया है। ब्रिटेन में विपक्षी दल शैडो मिनिस्टर बनाने की परंपरा है। इस शैडो कैबिनेट का प्रमुख ही सदन में विपक्ष का नेता होता है। भारत में ही चार साल तक ऑस्ट्रेलिया की उच्चायुक्त रहीं भारतीय मूल की हरिंदर सिद्धू हरिंदर सिद्धू (53 वर्ष) हरिंदर सिद्धू के पूर्वज पंजाब के रहने वाले थे। वे कई पीढ़ियों पहले सिंगापुर में बस गए, मगर हरिंदर के माता-पिता ऑस्ट्रेलिया चले आए। वे पूर्व राजनयिक पीटर वर्गीज के बाद वह ऐसी दूसरी भारतवंशी हैं जो भारत में ऑस्ट्रेलिया के लिए उच्चायुक्त रहीं। 2016 से 2020 के शुरुआत तक भारत में उच्चायुक्त रहने से पहले सिद्धू मास्को और दमिश्क में सेवाएं दे चुकीं हैं। सिद्धू का कहना है कि उन्हें अपने भारतीय मूल पर गर्व है। उनके परिवार ने हमेशा अपनी भारतीय पहचान को बनाए रखा है। हरिंदर 1999 से 2004 के बीच ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री की रक्षा और राजकोष मामलों की सलाहकार भी रही हैं। ब्रिटेन की संसद तक पहुंचने वाली पहली सिख महिला हैं प्रीत कौर, जलंधर में हैं जड़ें प्रीत कौर गिल (47 वर्ष) प्रीत कौर ब्रिटेन में सासंद बनने वाली पहली सिख महिला हैं। यों तो उनका जन्म और परवरिश ब्रिटेन में ही हुई, मगर उनका परिवार मूल रूप से पंजाब के जलंधर का रहना वाला है। प्रीत के पिता दलजीत सिंह शेरगिल फोरमैन थे। वे बस ड्राइवर भी रहे। प्रीत ब्रिटिश संसद की बेहद प्रभावशाली संसदीय समिति की सदस्य हैं जो गृहमंत्रालय के काम की समीक्षा करती है। वे लेबर पार्टी की ओर से अंतरराष्ट्रीय विकास मामलों की शैडो मंत्री हैं। कनाडा की लोकसभा में सरकार की नेता बनने वाली पहली महिला बर्दिश चग्गर बर्दिश चग्गर (40 वर्ष) साल 2016 में भारतीय मूल की कनाडाई सांसद बर्दिश चग्गर कनाडा के हाउस ऑफ कामन्स (लोकसभा) में नई सरकार की नेता हैं। कनाडा में इस पद पर पहुंचने वाली वे पहली महिला हैं। इसके साथ ही उन्हें लघु व्यापार एवं पर्यटन मंत्री भी बनाया गया था। वे फिलहाल विविधता और समावेश और युवा मंत्री हैं। उनके पिता गुरमिंदर चग्गर 70 के दशक में पंजाब से कनाडा में बस गए थे। दुबई से लेकर ब्रिटेन और कनाडा में शानदार गुरुद्वारे करतारपुर पाकिस्तानः गुरु नानक देव जी ने परिवार के साथ जीवन के अंतिम करीब साढ़े 17 साल परिवार के साथ यहीं गुजारे थे। इस गुरुद्वारे में गुरु नानक देव जी की कब्र और समाधि दोनों बनी हुई है। गरु नानक दरबार, दुबईः गुरु नानक दरबार साहिब दुबई का पहला और खाड़ी देशों का सबसे बड़ा गुरुद्वारा । इस गुरुद्वारे का निर्माण 50,000 से अधिक सिखों ने मिलकर किया था। इटालियन मार्बल से बने इस गुरुद्वारे में फाइव स्टार किचन है। डेरा साहिब, लाहौरः कहा जाता है कि गुरु अर्जुन देव जी यहां रावी नदी में विलुप्त हो गए थे। महाराजा रंजीत सिंह ने यहां एक छोटा, खूबसूरत सा गुरुद्वारा बनवाया और 1909 में इसे बढ़ाया गया। ननकाना साहिब, पाकिस्तानः पाकिस्तान के ननकाना साहिब जिले में बना यह गुरुद्वारा गुरु नानक का जन्मस्थल है। इसका पुराना नाम राय-भोई-दी-तलवंडी था। श्री गुरु सिंह सभा, लंदनः साउथ हॉल में बने इस गुरुद्वारे में 3,000 लोगों के बैठने की क्षमता है। यहां एक डाइनिंग हॉल और एक कम्युनिटी सेंटर भी है। यह ब्रिटेन का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है। गुरुद्वारा पंजा साहिब पाकिस्तानः अब्दल हसन में बने इस गुरुद्वारे में गुरु नानक जी के पंजे का निशान है। गुरु नानक देव ने यहां किसी लड़ाई के दौरान एक चट्टान को अपने हाथ से रोका था और उनके हाथ की छाप पत्थर पर पड़ गई थी। ओंटारियो खालसा दरबार, कनाडाः यह कनाडा का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है। यहां हर रोज 3,000 से ज्यादा लोगों को लंगर खिलाया जाता है। गरु नानक दरबार गुरुद्वारा केंट, इंग्लैंड : ग्रेवसेंड शहर में स्थित गुरु नानक दरबार गुरुद्वारा ब्रिटेन के सबसे बड़े गुरुद्वारे में से एक है। इसे बनाने में आठ साल का समय लगा था। इस गुरुद्वारे में एक साथ 1200 लोग बैठ सकते हैं। गुरुद्वारा रोरी साहिब, पाकिस्तानः एमिनाबाद में बने गुरुद्वारा रोरी साहिब के बारे में कहा जाता है कि 1521 में जब बाबर अपनी सेना से साथ यहां आया था और गुरु नानक देव को हिरासत में लिया था उस वक्त वे जिस पत्थर पर बैठे थे, यह गुरुद्वारा उसी पत्थर के ऊपर बना है। गुरुद्वारा साहिब, अमेरिकाः यह अमेरिका का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है। इसकी स्थापना 1985 में सैन होज़े, कैलिफोर्निया में सांता क्लारा वैली सिख समुदाय ने की थी। गुरु नानक के बाद सिखों के एक से बढ़कर एक गुरु आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Guru Nanak Jayanti, Sikhs in prominent positions in world, Major Sikh Gurudwaras in world, 10 Sikh Gurus and their contribution https://ift.tt/3o85uIE Dainik Bhaskar भारत ही नहीं पूरी दुनिया में गुरुद्वारे, कोई सिख कनाडा का रक्षामंत्री तो कोई न्यूजीलैंड का सांसद

सिख धर्म का भारतीय धर्मों में अपना एक पवित्र स्थान है।‘सिख’ शब्द की उत्पत्ति ‘शिष्य’ से हुई है, जिसका अर्थ गुरुनानक के शिष्य से अर्थात् उनकी...
- November 30, 2020
https://ift.tt/3o85uIE सिख धर्म का भारतीय धर्मों में अपना एक पवित्र स्थान है।‘सिख’ शब्द की उत्पत्ति ‘शिष्य’ से हुई है, जिसका अर्थ गुरुनानक के शिष्य से अर्थात् उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करने वालों से है। 15वीं शताब्दी में भारत के उत्तर-पश्चिमी पंजाब प्रांत में गुरु नानक देव ने जिस धर्म की शुरुआत की थी आज दुनिया भर में उन सिखों की आबादी 2.5 करोड़ है। जिसमें से 83% सिख भारत और 17% सिख पूरी दुनिया में हैं, इसके अलावा पूरी दुनिया में लगभग 12 से 15 करोड़ लोग हैं जो गुरु ग्रंथ साहिब पर भरोसा करते हैं और सिख गुरुओं को मानते हैं। शायद यही वजह है कि कनाडा, अमेरिका, लंदन, ऑस्ट्रेलिया जैसे तमाम देशों में सिखों का दबदबा है और दुनिया के तमाम बड़े देशों में इनके गुरुद्वारे हैं। गुरु नानक जयंती के इस खास मौके पर जानते हैं भारत के बाहर बने तमाम बड़े गुरुद्वारे और उन सिखों के बारे में जो दुनिया के सबसे बड़े देशों की राजनीति में शामिल हैं। कनाडा के रक्षामंत्री हैं होशियारपुर के गांव में जन्मे हरजीत सिंह हरजीत सिंह सज्जन (49 वर्ष) पंजाब के होशियारपुर में बंबेली गांव में जन्मे हरजीत सिंह 1989 में कनाडा की सेना में शामिल हुए थे। उन्हें ऑर्डर ऑफ मिलिट्री मेरिट का अवार्ड मिला और बाद में हरजीत कैनेडियन आर्मी में ब्रिटिश कोलंबिया रेजीमेंट की कमान संभालने वाले पहले सिख अधिकारी बने। साल 2015 में वे कनाडा के सांसद चुने गए और रक्षामंत्री के पद पर तैनात हुए। कनाडा की राजनीति में इनका बड़ा दखल है। निम्रत रंधावा अब निक्की हेली, अमेरिका में दो बार गवर्नर और यूएन में राजदूत रहीं निक्की हेली (48 वर्ष) निक्की हेली के बचपन का नाम निम्रत रंधावा है। वे सिख माता-पिता अजित सिंह रंधावा और राज कौर की बेटी हैं, इनके पूर्वज अमृतसर से आकर अमेरिका में बसे थे। दक्षिण कैरोलिना से दो बार गवर्नर रहीं हेली किसी भी राष्ट्रपति प्रशासन में पहली कैबिनेट रैंकिंग भारतीय अमेरिकी थीं। वे 2017 से 2018 तक संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत रहीं। दिल्ली के कंवलजीत न्यूजीलैंड में पहले भारतीय सांसद, हिंदी में ली शपथ कंवलजीत सिंह बख्शी (56 वर्ष) दिल्ली में जन्मे कंवलजीत सिंह न्यूजीलैंड में सांसद का पद संभालने वाले पहले भारतीय और पहले सिख थे। न्यूजीलैंड में 2017 में ऐसा पहली बार हुआ था जब एक सिख मार्केटिंग मैनेजर ने हिंदी में सांसद पद की शपथ ली। कंवलजीत न्यूजीलैंड की संसद में सेलेक्ट कमेटी ऑन लॉ एंड ऑर्डर के चेयरपर्सन और कमेटी ऑन कॉमर्स के मेंबर हैं। ब्रिटेन के पहले पगड़ी वाले सिख सांसद हैं तनमनजीत , रेलवे के भी शैडो मिनिस्टर तनमनजीत सिंह ढेसी (42 वर्ष) तनमनजीत सिंह बख्शी यूनाइटेड किंगडम (यूके) की स्लाओ सीट से 2017 में लेबर पार्टी के सांसद चुने गए। वह ब्रिटेन के पहले पगड़ी वाले सिख सांसद हैं। ब्रिटेन की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक तनमनजीत के पिता जसपाल सिंह ढेसी वहां के सबसे बड़े गुरुद्वारे गुरु नानक दरबार के प्रेसिडेंट रह चुके हैं। लेबर पार्टी ने उन्हें रेलवे शैडो मिनिस्टर बनाया है। ब्रिटेन में विपक्षी दल शैडो मिनिस्टर बनाने की परंपरा है। इस शैडो कैबिनेट का प्रमुख ही सदन में विपक्ष का नेता होता है। भारत में ही चार साल तक ऑस्ट्रेलिया की उच्चायुक्त रहीं भारतीय मूल की हरिंदर सिद्धू हरिंदर सिद्धू (53 वर्ष) हरिंदर सिद्धू के पूर्वज पंजाब के रहने वाले थे। वे कई पीढ़ियों पहले सिंगापुर में बस गए, मगर हरिंदर के माता-पिता ऑस्ट्रेलिया चले आए। वे पूर्व राजनयिक पीटर वर्गीज के बाद वह ऐसी दूसरी भारतवंशी हैं जो भारत में ऑस्ट्रेलिया के लिए उच्चायुक्त रहीं। 2016 से 2020 के शुरुआत तक भारत में उच्चायुक्त रहने से पहले सिद्धू मास्को और दमिश्क में सेवाएं दे चुकीं हैं। सिद्धू का कहना है कि उन्हें अपने भारतीय मूल पर गर्व है। उनके परिवार ने हमेशा अपनी भारतीय पहचान को बनाए रखा है। हरिंदर 1999 से 2004 के बीच ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री की रक्षा और राजकोष मामलों की सलाहकार भी रही हैं। ब्रिटेन की संसद तक पहुंचने वाली पहली सिख महिला हैं प्रीत कौर, जलंधर में हैं जड़ें प्रीत कौर गिल (47 वर्ष) प्रीत कौर ब्रिटेन में सासंद बनने वाली पहली सिख महिला हैं। यों तो उनका जन्म और परवरिश ब्रिटेन में ही हुई, मगर उनका परिवार मूल रूप से पंजाब के जलंधर का रहना वाला है। प्रीत के पिता दलजीत सिंह शेरगिल फोरमैन थे। वे बस ड्राइवर भी रहे। प्रीत ब्रिटिश संसद की बेहद प्रभावशाली संसदीय समिति की सदस्य हैं जो गृहमंत्रालय के काम की समीक्षा करती है। वे लेबर पार्टी की ओर से अंतरराष्ट्रीय विकास मामलों की शैडो मंत्री हैं। कनाडा की लोकसभा में सरकार की नेता बनने वाली पहली महिला बर्दिश चग्गर बर्दिश चग्गर (40 वर्ष) साल 2016 में भारतीय मूल की कनाडाई सांसद बर्दिश चग्गर कनाडा के हाउस ऑफ कामन्स (लोकसभा) में नई सरकार की नेता हैं। कनाडा में इस पद पर पहुंचने वाली वे पहली महिला हैं। इसके साथ ही उन्हें लघु व्यापार एवं पर्यटन मंत्री भी बनाया गया था। वे फिलहाल विविधता और समावेश और युवा मंत्री हैं। उनके पिता गुरमिंदर चग्गर 70 के दशक में पंजाब से कनाडा में बस गए थे। दुबई से लेकर ब्रिटेन और कनाडा में शानदार गुरुद्वारे करतारपुर पाकिस्तानः गुरु नानक देव जी ने परिवार के साथ जीवन के अंतिम करीब साढ़े 17 साल परिवार के साथ यहीं गुजारे थे। इस गुरुद्वारे में गुरु नानक देव जी की कब्र और समाधि दोनों बनी हुई है। गरु नानक दरबार, दुबईः गुरु नानक दरबार साहिब दुबई का पहला और खाड़ी देशों का सबसे बड़ा गुरुद्वारा । इस गुरुद्वारे का निर्माण 50,000 से अधिक सिखों ने मिलकर किया था। इटालियन मार्बल से बने इस गुरुद्वारे में फाइव स्टार किचन है। डेरा साहिब, लाहौरः कहा जाता है कि गुरु अर्जुन देव जी यहां रावी नदी में विलुप्त हो गए थे। महाराजा रंजीत सिंह ने यहां एक छोटा, खूबसूरत सा गुरुद्वारा बनवाया और 1909 में इसे बढ़ाया गया। ननकाना साहिब, पाकिस्तानः पाकिस्तान के ननकाना साहिब जिले में बना यह गुरुद्वारा गुरु नानक का जन्मस्थल है। इसका पुराना नाम राय-भोई-दी-तलवंडी था। श्री गुरु सिंह सभा, लंदनः साउथ हॉल में बने इस गुरुद्वारे में 3,000 लोगों के बैठने की क्षमता है। यहां एक डाइनिंग हॉल और एक कम्युनिटी सेंटर भी है। यह ब्रिटेन का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है। गुरुद्वारा पंजा साहिब पाकिस्तानः अब्दल हसन में बने इस गुरुद्वारे में गुरु नानक जी के पंजे का निशान है। गुरु नानक देव ने यहां किसी लड़ाई के दौरान एक चट्टान को अपने हाथ से रोका था और उनके हाथ की छाप पत्थर पर पड़ गई थी। ओंटारियो खालसा दरबार, कनाडाः यह कनाडा का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है। यहां हर रोज 3,000 से ज्यादा लोगों को लंगर खिलाया जाता है। गरु नानक दरबार गुरुद्वारा केंट, इंग्लैंड : ग्रेवसेंड शहर में स्थित गुरु नानक दरबार गुरुद्वारा ब्रिटेन के सबसे बड़े गुरुद्वारे में से एक है। इसे बनाने में आठ साल का समय लगा था। इस गुरुद्वारे में एक साथ 1200 लोग बैठ सकते हैं। गुरुद्वारा रोरी साहिब, पाकिस्तानः एमिनाबाद में बने गुरुद्वारा रोरी साहिब के बारे में कहा जाता है कि 1521 में जब बाबर अपनी सेना से साथ यहां आया था और गुरु नानक देव को हिरासत में लिया था उस वक्त वे जिस पत्थर पर बैठे थे, यह गुरुद्वारा उसी पत्थर के ऊपर बना है। गुरुद्वारा साहिब, अमेरिकाः यह अमेरिका का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है। इसकी स्थापना 1985 में सैन होज़े, कैलिफोर्निया में सांता क्लारा वैली सिख समुदाय ने की थी। गुरु नानक के बाद सिखों के एक से बढ़कर एक गुरु आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Guru Nanak Jayanti, Sikhs in prominent positions in world, Major Sikh Gurudwaras in world, 10 Sikh Gurus and their contribution from Dainik Bhaskar /national/news/guru-nanak-jayanti-not-only-in-india-gurdwaras-all-over-the-world-sikhs-in-prominent-positions-all-over-world-sikh-canadian-defense-ministers-and-some-new-zealand-mps-127961148.html via IFTTT https://ift.tt/2Jb3joU सिख धर्म का भारतीय धर्मों में अपना एक पवित्र स्थान है।‘सिख’ शब्द की उत्पत्ति ‘शिष्य’ से हुई है, जिसका अर्थ गुरुनानक के शिष्य से अर्थात् उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करने वालों से है। 15वीं शताब्दी में भारत के उत्तर-पश्चिमी पंजाब प्रांत में गुरु नानक देव ने जिस धर्म की शुरुआत की थी आज दुनिया भर में उन सिखों की आबादी 2.5 करोड़ है। जिसमें से 83% सिख भारत और 17% सिख पूरी दुनिया में हैं, इसके अलावा पूरी दुनिया में लगभग 12 से 15 करोड़ लोग हैं जो गुरु ग्रंथ साहिब पर भरोसा करते हैं और सिख गुरुओं को मानते हैं। शायद यही वजह है कि कनाडा, अमेरिका, लंदन, ऑस्ट्रेलिया जैसे तमाम देशों में सिखों का दबदबा है और दुनिया के तमाम बड़े देशों में इनके गुरुद्वारे हैं। गुरु नानक जयंती के इस खास मौके पर जानते हैं भारत के बाहर बने तमाम बड़े गुरुद्वारे और उन सिखों के बारे में जो दुनिया के सबसे बड़े देशों की राजनीति में शामिल हैं। कनाडा के रक्षामंत्री हैं होशियारपुर के गांव में जन्मे हरजीत सिंह हरजीत सिंह सज्जन (49 वर्ष) पंजाब के होशियारपुर में बंबेली गांव में जन्मे हरजीत सिंह 1989 में कनाडा की सेना में शामिल हुए थे। उन्हें ऑर्डर ऑफ मिलिट्री मेरिट का अवार्ड मिला और बाद में हरजीत कैनेडियन आर्मी में ब्रिटिश कोलंबिया रेजीमेंट की कमान संभालने वाले पहले सिख अधिकारी बने। साल 2015 में वे कनाडा के सांसद चुने गए और रक्षामंत्री के पद पर तैनात हुए। कनाडा की राजनीति में इनका बड़ा दखल है। निम्रत रंधावा अब निक्की हेली, अमेरिका में दो बार गवर्नर और यूएन में राजदूत रहीं निक्की हेली (48 वर्ष) निक्की हेली के बचपन का नाम निम्रत रंधावा है। वे सिख माता-पिता अजित सिंह रंधावा और राज कौर की बेटी हैं, इनके पूर्वज अमृतसर से आकर अमेरिका में बसे थे। दक्षिण कैरोलिना से दो बार गवर्नर रहीं हेली किसी भी राष्ट्रपति प्रशासन में पहली कैबिनेट रैंकिंग भारतीय अमेरिकी थीं। वे 2017 से 2018 तक संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत रहीं। दिल्ली के कंवलजीत न्यूजीलैंड में पहले भारतीय सांसद, हिंदी में ली शपथ कंवलजीत सिंह बख्शी (56 वर्ष) दिल्ली में जन्मे कंवलजीत सिंह न्यूजीलैंड में सांसद का पद संभालने वाले पहले भारतीय और पहले सिख थे। न्यूजीलैंड में 2017 में ऐसा पहली बार हुआ था जब एक सिख मार्केटिंग मैनेजर ने हिंदी में सांसद पद की शपथ ली। कंवलजीत न्यूजीलैंड की संसद में सेलेक्ट कमेटी ऑन लॉ एंड ऑर्डर के चेयरपर्सन और कमेटी ऑन कॉमर्स के मेंबर हैं। ब्रिटेन के पहले पगड़ी वाले सिख सांसद हैं तनमनजीत , रेलवे के भी शैडो मिनिस्टर तनमनजीत सिंह ढेसी (42 वर्ष) तनमनजीत सिंह बख्शी यूनाइटेड किंगडम (यूके) की स्लाओ सीट से 2017 में लेबर पार्टी के सांसद चुने गए। वह ब्रिटेन के पहले पगड़ी वाले सिख सांसद हैं। ब्रिटेन की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक तनमनजीत के पिता जसपाल सिंह ढेसी वहां के सबसे बड़े गुरुद्वारे गुरु नानक दरबार के प्रेसिडेंट रह चुके हैं। लेबर पार्टी ने उन्हें रेलवे शैडो मिनिस्टर बनाया है। ब्रिटेन में विपक्षी दल शैडो मिनिस्टर बनाने की परंपरा है। इस शैडो कैबिनेट का प्रमुख ही सदन में विपक्ष का नेता होता है। भारत में ही चार साल तक ऑस्ट्रेलिया की उच्चायुक्त रहीं भारतीय मूल की हरिंदर सिद्धू हरिंदर सिद्धू (53 वर्ष) हरिंदर सिद्धू के पूर्वज पंजाब के रहने वाले थे। वे कई पीढ़ियों पहले सिंगापुर में बस गए, मगर हरिंदर के माता-पिता ऑस्ट्रेलिया चले आए। वे पूर्व राजनयिक पीटर वर्गीज के बाद वह ऐसी दूसरी भारतवंशी हैं जो भारत में ऑस्ट्रेलिया के लिए उच्चायुक्त रहीं। 2016 से 2020 के शुरुआत तक भारत में उच्चायुक्त रहने से पहले सिद्धू मास्को और दमिश्क में सेवाएं दे चुकीं हैं। सिद्धू का कहना है कि उन्हें अपने भारतीय मूल पर गर्व है। उनके परिवार ने हमेशा अपनी भारतीय पहचान को बनाए रखा है। हरिंदर 1999 से 2004 के बीच ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री की रक्षा और राजकोष मामलों की सलाहकार भी रही हैं। ब्रिटेन की संसद तक पहुंचने वाली पहली सिख महिला हैं प्रीत कौर, जलंधर में हैं जड़ें प्रीत कौर गिल (47 वर्ष) प्रीत कौर ब्रिटेन में सासंद बनने वाली पहली सिख महिला हैं। यों तो उनका जन्म और परवरिश ब्रिटेन में ही हुई, मगर उनका परिवार मूल रूप से पंजाब के जलंधर का रहना वाला है। प्रीत के पिता दलजीत सिंह शेरगिल फोरमैन थे। वे बस ड्राइवर भी रहे। प्रीत ब्रिटिश संसद की बेहद प्रभावशाली संसदीय समिति की सदस्य हैं जो गृहमंत्रालय के काम की समीक्षा करती है। वे लेबर पार्टी की ओर से अंतरराष्ट्रीय विकास मामलों की शैडो मंत्री हैं। कनाडा की लोकसभा में सरकार की नेता बनने वाली पहली महिला बर्दिश चग्गर बर्दिश चग्गर (40 वर्ष) साल 2016 में भारतीय मूल की कनाडाई सांसद बर्दिश चग्गर कनाडा के हाउस ऑफ कामन्स (लोकसभा) में नई सरकार की नेता हैं। कनाडा में इस पद पर पहुंचने वाली वे पहली महिला हैं। इसके साथ ही उन्हें लघु व्यापार एवं पर्यटन मंत्री भी बनाया गया था। वे फिलहाल विविधता और समावेश और युवा मंत्री हैं। उनके पिता गुरमिंदर चग्गर 70 के दशक में पंजाब से कनाडा में बस गए थे। दुबई से लेकर ब्रिटेन और कनाडा में शानदार गुरुद्वारे करतारपुर पाकिस्तानः गुरु नानक देव जी ने परिवार के साथ जीवन के अंतिम करीब साढ़े 17 साल परिवार के साथ यहीं गुजारे थे। इस गुरुद्वारे में गुरु नानक देव जी की कब्र और समाधि दोनों बनी हुई है। गरु नानक दरबार, दुबईः गुरु नानक दरबार साहिब दुबई का पहला और खाड़ी देशों का सबसे बड़ा गुरुद्वारा । इस गुरुद्वारे का निर्माण 50,000 से अधिक सिखों ने मिलकर किया था। इटालियन मार्बल से बने इस गुरुद्वारे में फाइव स्टार किचन है। डेरा साहिब, लाहौरः कहा जाता है कि गुरु अर्जुन देव जी यहां रावी नदी में विलुप्त हो गए थे। महाराजा रंजीत सिंह ने यहां एक छोटा, खूबसूरत सा गुरुद्वारा बनवाया और 1909 में इसे बढ़ाया गया। ननकाना साहिब, पाकिस्तानः पाकिस्तान के ननकाना साहिब जिले में बना यह गुरुद्वारा गुरु नानक का जन्मस्थल है। इसका पुराना नाम राय-भोई-दी-तलवंडी था। श्री गुरु सिंह सभा, लंदनः साउथ हॉल में बने इस गुरुद्वारे में 3,000 लोगों के बैठने की क्षमता है। यहां एक डाइनिंग हॉल और एक कम्युनिटी सेंटर भी है। यह ब्रिटेन का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है। गुरुद्वारा पंजा साहिब पाकिस्तानः अब्दल हसन में बने इस गुरुद्वारे में गुरु नानक जी के पंजे का निशान है। गुरु नानक देव ने यहां किसी लड़ाई के दौरान एक चट्टान को अपने हाथ से रोका था और उनके हाथ की छाप पत्थर पर पड़ गई थी। ओंटारियो खालसा दरबार, कनाडाः यह कनाडा का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है। यहां हर रोज 3,000 से ज्यादा लोगों को लंगर खिलाया जाता है। गरु नानक दरबार गुरुद्वारा केंट, इंग्लैंड : ग्रेवसेंड शहर में स्थित गुरु नानक दरबार गुरुद्वारा ब्रिटेन के सबसे बड़े गुरुद्वारे में से एक है। इसे बनाने में आठ साल का समय लगा था। इस गुरुद्वारे में एक साथ 1200 लोग बैठ सकते हैं। गुरुद्वारा रोरी साहिब, पाकिस्तानः एमिनाबाद में बने गुरुद्वारा रोरी साहिब के बारे में कहा जाता है कि 1521 में जब बाबर अपनी सेना से साथ यहां आया था और गुरु नानक देव को हिरासत में लिया था उस वक्त वे जिस पत्थर पर बैठे थे, यह गुरुद्वारा उसी पत्थर के ऊपर बना है। गुरुद्वारा साहिब, अमेरिकाः यह अमेरिका का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है। इसकी स्थापना 1985 में सैन होज़े, कैलिफोर्निया में सांता क्लारा वैली सिख समुदाय ने की थी। गुरु नानक के बाद सिखों के एक से बढ़कर एक गुरु आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Guru Nanak Jayanti, Sikhs in prominent positions in world, Major Sikh Gurudwaras in world, 10 Sikh Gurus and their contribution https://ift.tt/3o85uIE Dainik Bhaskar भारत ही नहीं पूरी दुनिया में गुरुद्वारे, कोई सिख कनाडा का रक्षामंत्री तो कोई न्यूजीलैंड का सांसद https://ift.tt/3o85uIE 

सिख धर्म का भारतीय धर्मों में अपना एक पवित्र स्थान है।‘सिख’ शब्द की उत्पत्ति ‘शिष्य’ से हुई है, जिसका अर्थ गुरुनानक के शिष्य से अर्थात् उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करने वालों से है। 15वीं शताब्दी में भारत के उत्तर-पश्चिमी पंजाब प्रांत में गुरु नानक देव ने जिस धर्म की शुरुआत की थी आज दुनिया भर में उन सिखों की आबादी 2.5 करोड़ है। जिसमें से 83% सिख भारत और 17% सिख पूरी दुनिया में हैं, इसके अलावा पूरी दुनिया में लगभग 12 से 15 करोड़ लोग हैं जो गुरु ग्रंथ साहिब पर भरोसा करते हैं और सिख गुरुओं को मानते हैं। शायद यही वजह है कि कनाडा, अमेरिका, लंदन, ऑस्ट्रेलिया जैसे तमाम देशों में सिखों का दबदबा है और दुनिया के तमाम बड़े देशों में इनके गुरुद्वारे हैं। गुरु नानक जयंती के इस खास मौके पर जानते हैं भारत के बाहर बने तमाम बड़े गुरुद्वारे और उन सिखों के बारे में जो दुनिया के सबसे बड़े देशों की राजनीति में शामिल हैं।

कनाडा के रक्षामंत्री हैं होशियारपुर के गांव में जन्मे हरजीत सिंह

हरजीत सिंह सज्जन (49 वर्ष)

पंजाब के होशियारपुर में बंबेली गांव में जन्मे हरजीत सिंह 1989 में कनाडा की सेना में शामिल हुए थे। उन्हें ऑर्डर ऑफ मिलिट्री मेरिट का अवार्ड मिला और बाद में हरजीत कैनेडियन आर्मी में ब्रिटिश कोलंबिया रेजीमेंट की कमान संभालने वाले पहले सिख अधिकारी बने। साल 2015 में वे कनाडा के सांसद चुने गए और रक्षामंत्री के पद पर तैनात हुए। कनाडा की राजनीति में इनका बड़ा दखल है।

निम्रत रंधावा अब निक्की हेली, अमेरिका में दो बार गवर्नर और यूएन में राजदूत रहीं

निक्की हेली (48 वर्ष)

निक्की हेली के बचपन का नाम निम्रत रंधावा है। वे सिख माता-पिता अजित सिंह रंधावा और राज कौर की बेटी हैं, इनके पूर्वज अमृतसर से आकर अमेरिका में बसे थे। दक्षिण कैरोलिना से दो बार गवर्नर रहीं हेली किसी भी राष्ट्रपति प्रशासन में पहली कैबिनेट रैंकिंग भारतीय अमेरिकी थीं। वे 2017 से 2018 तक संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत रहीं।

दिल्ली के कंवलजीत न्यूजीलैंड में पहले भारतीय सांसद, हिंदी में ली शपथ

कंवलजीत सिंह बख्शी (56 वर्ष)

दिल्ली में जन्मे कंवलजीत सिंह न्यूजीलैंड में सांसद का पद संभालने वाले पहले भारतीय और पहले सिख थे। न्यूजीलैंड में 2017 में ऐसा पहली बार हुआ था जब एक सिख मार्केटिंग मैनेजर ने हिंदी में सांसद पद की शपथ ली। कंवलजीत न्यूजीलैंड की संसद में सेलेक्ट कमेटी ऑन लॉ एंड ऑर्डर के चेयरपर्सन और कमेटी ऑन कॉमर्स के मेंबर हैं।

ब्रिटेन के पहले पगड़ी वाले सिख सांसद हैं तनमनजीत , रेलवे के भी शैडो मिनिस्टर

तनमनजीत सिंह ढेसी (42 वर्ष)

तनमनजीत सिंह बख्शी यूनाइटेड किंगडम (यूके) की स्लाओ सीट से 2017 में लेबर पार्टी के सांसद चुने गए। वह ब्रिटेन के पहले पगड़ी वाले सिख सांसद हैं। ब्रिटेन की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक तनमनजीत के पिता जसपाल सिंह ढेसी वहां के सबसे बड़े गुरुद्वारे गुरु नानक दरबार के प्रेसिडेंट रह चुके हैं। लेबर पार्टी ने उन्हें रेलवे शैडो मिनिस्टर बनाया है। ब्रिटेन में विपक्षी दल शैडो मिनिस्टर बनाने की परंपरा है। इस शैडो कैबिनेट का प्रमुख ही सदन में विपक्ष का नेता होता है।

भारत में ही चार साल तक ऑस्ट्रेलिया की उच्चायुक्त रहीं भारतीय मूल की हरिंदर सिद्धू

हरिंदर सिद्धू (53 वर्ष)

हरिंदर सिद्धू के पूर्वज पंजाब के रहने वाले थे। वे कई पीढ़ियों पहले सिंगापुर में बस गए, मगर हरिंदर के माता-पिता ऑस्ट्रेलिया चले आए। वे पूर्व राजनयिक पीटर वर्गीज के बाद वह ऐसी दूसरी भारतवंशी हैं जो भारत में ऑस्ट्रेलिया के लिए उच्चायुक्त रहीं। 2016 से 2020 के शुरुआत तक भारत में उच्चायुक्त रहने से पहले सिद्धू मास्को और दमिश्क में सेवाएं दे चुकीं हैं। सिद्धू का कहना है कि उन्हें अपने भारतीय मूल पर गर्व है। उनके परिवार ने हमेशा अपनी भारतीय पहचान को बनाए रखा है। हरिंदर 1999 से 2004 के बीच ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री की रक्षा और राजकोष मामलों की सलाहकार भी रही हैं।

ब्रिटेन की संसद तक पहुंचने वाली पहली सिख महिला हैं प्रीत कौर, जलंधर में हैं जड़ें

प्रीत कौर गिल (47 वर्ष)

प्रीत कौर ब्रिटेन में सासंद बनने वाली पहली सिख महिला हैं। यों तो उनका जन्म और परवरिश ब्रिटेन में ही हुई, मगर उनका परिवार मूल रूप से पंजाब के जलंधर का रहना वाला है। प्रीत के पिता दलजीत सिंह शेरगिल फोरमैन थे। वे बस ड्राइवर भी रहे। प्रीत ब्रिटिश संसद की बेहद प्रभावशाली संसदीय समिति की सदस्य हैं जो गृहमंत्रालय के काम की समीक्षा करती है। वे लेबर पार्टी की ओर से अंतरराष्ट्रीय विकास मामलों की शैडो मंत्री हैं।

कनाडा की लोकसभा में सरकार की नेता बनने वाली पहली महिला बर्दिश चग्गर

बर्दिश चग्गर (40 वर्ष)

साल 2016 में भारतीय मूल की कनाडाई सांसद बर्दिश चग्गर कनाडा के हाउस ऑफ कामन्स (लोकसभा) में नई सरकार की नेता हैं। कनाडा में इस पद पर पहुंचने वाली वे पहली महिला हैं। इसके साथ ही उन्हें लघु व्यापार एवं पर्यटन मंत्री भी बनाया गया था। वे फिलहाल विविधता और समावेश और युवा मंत्री हैं। उनके पिता गुरमिंदर चग्गर 70 के दशक में पंजाब से कनाडा में बस गए थे।

दुबई से लेकर ब्रिटेन और कनाडा में शानदार गुरुद्वारे

करतारपुर पाकिस्तानः गुरु नानक देव जी ने परिवार के साथ जीवन के अंतिम करीब साढ़े 17 साल परिवार के साथ यहीं गुजारे थे। इस गुरुद्वारे में गुरु नानक देव जी की कब्र और समाधि दोनों बनी हुई है।

गरु नानक दरबार, दुबईः गुरु नानक दरबार साहिब दुबई का पहला और खाड़ी देशों का सबसे बड़ा गुरुद्वारा । इस गुरुद्वारे का निर्माण 50,000 से अधिक सिखों ने मिलकर किया था। इटालियन मार्बल से बने इस गुरुद्वारे में फाइव स्टार किचन है।

डेरा साहिब, लाहौरः कहा जाता है कि गुरु अर्जुन देव जी यहां रावी नदी में विलुप्त हो गए थे। महाराजा रंजीत सिंह ने यहां एक छोटा, खूबसूरत सा गुरुद्वारा बनवाया और 1909 में इसे बढ़ाया गया।

ननकाना साहिब, पाकिस्तानः पाकिस्तान के ननकाना साहिब जिले में बना यह गुरुद्वारा गुरु नानक का जन्मस्थल है। इसका पुराना नाम राय-भोई-दी-तलवंडी था।

श्री गुरु सिंह सभा, लंदनः साउथ हॉल में बने इस गुरुद्वारे में 3,000 लोगों के बैठने की क्षमता है। यहां एक डाइनिंग हॉल और एक कम्युनिटी सेंटर भी है। यह ब्रिटेन का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है।

गुरुद्वारा पंजा साहिब पाकिस्तानः अब्दल हसन में बने इस गुरुद्वारे में गुरु नानक जी के पंजे का निशान है। गुरु नानक देव ने यहां किसी लड़ाई के दौरान एक चट्टान को अपने हाथ से रोका था और उनके हाथ की छाप पत्थर पर पड़ गई थी।

ओंटारियो खालसा दरबार, कनाडाः यह कनाडा का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है। यहां हर रोज 3,000 से ज्यादा लोगों को लंगर खिलाया जाता है।

गरु नानक दरबार गुरुद्वारा केंट, इंग्लैंड : ग्रेवसेंड शहर में स्थित गुरु नानक दरबार गुरुद्वारा ब्रिटेन के सबसे बड़े गुरुद्वारे में से एक है। इसे बनाने में आठ साल का समय लगा था। इस गुरुद्वारे में एक साथ 1200 लोग बैठ सकते हैं।

गुरुद्वारा रोरी साहिब, पाकिस्तानः एमिनाबाद में बने गुरुद्वारा रोरी साहिब के बारे में कहा जाता है कि 1521 में जब बाबर अपनी सेना से साथ यहां आया था और गुरु नानक देव को हिरासत में लिया था उस वक्त वे जिस पत्थर पर बैठे थे, यह गुरुद्वारा उसी पत्थर के ऊपर बना है।

गुरुद्वारा साहिब, अमेरिकाः यह अमेरिका का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है। इसकी स्थापना 1985 में सैन होज़े, कैलिफोर्निया में सांता क्लारा वैली सिख समुदाय ने की थी।

गुरु नानक के बाद सिखों के एक से बढ़कर एक गुरु

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Guru Nanak Jayanti, Sikhs in prominent positions in world, Major Sikh Gurudwaras in world, 10 Sikh Gurus and their contribution

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कनाडा की सेना में शामिल हुए थे। उन्हें ऑर्डर ऑफ मिलिट्री मेरिट का अवार्ड मिला और बाद में हरजीत कैनेडियन आर्मी में ब्रिटिश कोलंबिया रेजीमेंट की कमान संभालने वाले पहले सिख अधिकारी बने। साल 2015 में वे कनाडा के सांसद चुने गए और रक्षामंत्री के पद पर तैनात हुए। कनाडा की राजनीति में इनका बड़ा दखल है। निम्रत रंधावा अब निक्की हेली, अमेरिका में दो बार गवर्नर और यूएन में राजदूत रहीं निक्की हेली (48 वर्ष) निक्की हेली के बचपन का नाम निम्रत रंधावा है। वे सिख माता-पिता अजित सिंह रंधावा और राज कौर की बेटी हैं, इनके पूर्वज अमृतसर से आकर अमेरिका में बसे थे। दक्षिण कैरोलिना से दो बार गवर्नर रहीं हेली किसी भी राष्ट्रपति प्रशासन में पहली कैबिनेट रैंकिंग भारतीय अमेरिकी थीं। वे 2017 से 2018 तक संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत रहीं। दिल्ली के कंवलजीत न्यूजीलैंड में पहले भारतीय सांसद, हिंदी में ली शपथ कंवलजीत सिंह बख्शी (56 वर्ष) दिल्ली में जन्मे कंवलजीत सिंह न्यूजीलैंड में सांसद का पद संभालने वाले पहले भारतीय और पहले सिख थे। न्यूजीलैंड में 2017 में ऐसा पहली बार हुआ था जब एक सिख मार्केटिंग मैनेजर ने हिंदी में सांसद पद की शपथ ली। कंवलजीत न्यूजीलैंड की संसद में सेलेक्ट कमेटी ऑन लॉ एंड ऑर्डर के चेयरपर्सन और कमेटी ऑन कॉमर्स के मेंबर हैं। ब्रिटेन के पहले पगड़ी वाले सिख सांसद हैं तनमनजीत , रेलवे के भी शैडो मिनिस्टर तनमनजीत सिंह ढेसी (42 वर्ष) तनमनजीत सिंह बख्शी यूनाइटेड किंगडम (यूके) की स्लाओ सीट से 2017 में लेबर पार्टी के सांसद चुने गए। वह ब्रिटेन के पहले पगड़ी वाले सिख सांसद हैं। ब्रिटेन की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक तनमनजीत के पिता जसपाल सिंह ढेसी वहां के सबसे बड़े गुरुद्वारे गुरु नानक दरबार के प्रेसिडेंट रह चुके हैं। लेबर पार्टी ने उन्हें रेलवे शैडो मिनिस्टर बनाया है। ब्रिटेन में विपक्षी दल शैडो मिनिस्टर बनाने की परंपरा है। इस शैडो कैबिनेट का प्रमुख ही सदन में विपक्ष का नेता होता है। भारत में ही चार साल तक ऑस्ट्रेलिया की उच्चायुक्त रहीं भारतीय मूल की हरिंदर सिद्धू हरिंदर सिद्धू (53 वर्ष) हरिंदर सिद्धू के पूर्वज पंजाब के रहने वाले थे। वे कई पीढ़ियों पहले सिंगापुर में बस गए, मगर हरिंदर के माता-पिता ऑस्ट्रेलिया चले आए। वे पूर्व राजनयिक पीटर वर्गीज के बाद वह ऐसी दूसरी भारतवंशी हैं जो भारत में ऑस्ट्रेलिया के लिए उच्चायुक्त रहीं। 2016 से 2020 के शुरुआत तक भारत में उच्चायुक्त रहने से पहले सिद्धू मास्को और दमिश्क में सेवाएं दे चुकीं हैं। सिद्धू का कहना है कि उन्हें अपने भारतीय मूल पर गर्व है। उनके परिवार ने हमेशा अपनी भारतीय पहचान को बनाए रखा है। हरिंदर 1999 से 2004 के बीच ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री की रक्षा और राजकोष मामलों की सलाहकार भी रही हैं। ब्रिटेन की संसद तक पहुंचने वाली पहली सिख महिला हैं प्रीत कौर, जलंधर में हैं जड़ें प्रीत कौर गिल (47 वर्ष) प्रीत कौर ब्रिटेन में सासंद बनने वाली पहली सिख महिला हैं। यों तो उनका जन्म और परवरिश ब्रिटेन में ही हुई, मगर उनका परिवार मूल रूप से पंजाब के जलंधर का रहना वाला है। प्रीत के पिता दलजीत सिंह शेरगिल फोरमैन थे। वे बस ड्राइवर भी रहे। प्रीत ब्रिटिश संसद की बेहद प्रभावशाली संसदीय समिति की सदस्य हैं जो गृहमंत्रालय के काम की समीक्षा करती है। वे लेबर पार्टी की ओर से अंतरराष्ट्रीय विकास मामलों की शैडो मंत्री हैं। कनाडा की लोकसभा में सरकार की नेता बनने वाली पहली महिला बर्दिश चग्गर बर्दिश चग्गर (40 वर्ष) साल 2016 में भारतीय मूल की कनाडाई सांसद बर्दिश चग्गर कनाडा के हाउस ऑफ कामन्स (लोकसभा) में नई सरकार की नेता हैं। कनाडा में इस पद पर पहुंचने वाली वे पहली महिला हैं। इसके साथ ही उन्हें लघु व्यापार एवं पर्यटन मंत्री भी बनाया गया था। वे फिलहाल विविधता और समावेश और युवा मंत्री हैं। उनके पिता गुरमिंदर चग्गर 70 के दशक में पंजाब से कनाडा में बस गए थे। दुबई से लेकर ब्रिटेन और कनाडा में शानदार गुरुद्वारे करतारपुर पाकिस्तानः गुरु नानक देव जी ने परिवार के साथ जीवन के अंतिम करीब साढ़े 17 साल परिवार के साथ यहीं गुजारे थे। इस गुरुद्वारे में गुरु नानक देव जी की कब्र और समाधि दोनों बनी हुई है। गरु नानक दरबार, दुबईः गुरु नानक दरबार साहिब दुबई का पहला और खाड़ी देशों का सबसे बड़ा गुरुद्वारा । इस गुरुद्वारे का निर्माण 50,000 से अधिक सिखों ने मिलकर किया था। इटालियन मार्बल से बने इस गुरुद्वारे में फाइव स्टार किचन है। डेरा साहिब, लाहौरः कहा जाता है कि गुरु अर्जुन देव जी यहां रावी नदी में विलुप्त हो गए थे। महाराजा रंजीत सिंह ने यहां एक छोटा, खूबसूरत सा गुरुद्वारा बनवाया और 1909 में इसे बढ़ाया गया। ननकाना साहिब, पाकिस्तानः पाकिस्तान के ननकाना साहिब जिले में बना यह गुरुद्वारा गुरु नानक का जन्मस्थल है। इसका पुराना नाम राय-भोई-दी-तलवंडी था। श्री गुरु सिंह सभा, लंदनः साउथ हॉल में बने इस गुरुद्वारे में 3,000 लोगों के बैठने की क्षमता है। यहां एक डाइनिंग हॉल और एक कम्युनिटी सेंटर भी है। यह ब्रिटेन का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है। गुरुद्वारा पंजा साहिब पाकिस्तानः अब्दल हसन में बने इस गुरुद्वारे में गुरु नानक जी के पंजे का निशान है। गुरु नानक देव ने यहां किसी लड़ाई के दौरान एक चट्टान को अपने हाथ से रोका था और उनके हाथ की छाप पत्थर पर पड़ गई थी। ओंटारियो खालसा दरबार, कनाडाः यह कनाडा का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है। यहां हर रोज 3,000 से ज्यादा लोगों को लंगर खिलाया जाता है। गरु नानक दरबार गुरुद्वारा केंट, इंग्लैंड : ग्रेवसेंड शहर में स्थित गुरु नानक दरबार गुरुद्वारा ब्रिटेन के सबसे बड़े गुरुद्वारे में से एक है। इसे बनाने में आठ साल का समय लगा था। इस गुरुद्वारे में एक साथ 1200 लोग बैठ सकते हैं। गुरुद्वारा रोरी साहिब, पाकिस्तानः एमिनाबाद में बने गुरुद्वारा रोरी साहिब के बारे में कहा जाता है कि 1521 में जब बाबर अपनी सेना से साथ यहां आया था और गुरु नानक देव को हिरासत में लिया था उस वक्त वे जिस पत्थर पर बैठे थे, यह गुरुद्वारा उसी पत्थर के ऊपर बना है। गुरुद्वारा साहिब, अमेरिकाः यह अमेरिका का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है। इसकी स्थापना 1985 में सैन होज़े, कैलिफोर्निया में सांता क्लारा वैली सिख समुदाय ने की थी। गुरु नानक के बाद सिखों के एक से बढ़कर एक गुरु आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Guru Nanak Jayanti, Sikhs in prominent positions in world, Major Sikh Gurudwaras in world, 10 Sikh Gurus and their contribution https://ift.tt/3o85uIE Dainik Bhaskar भारत ही नहीं पूरी दुनिया में गुरुद्वारे, कोई सिख कनाडा का रक्षामंत्री तो कोई न्यूजीलैंड का सांसद Reviewed by Manish Pethev on November 30, 2020 Rating: 5

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