शहर में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 40,522 हो गया है। गुरुवार को 556 नए केस मिले। तीन मरीजों की मौत भी हुई। हालांकि 35 हजार से ज्यादा ठीक भी हो चुके हैं। 12 नवंबर के बाद से जिस तेजी से मरीज मिल रहे हैं, उसने चिंताएं बढ़ा दी हैं। ऐसे में छह हजार से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी मिसाल हैं, जो इन आठ महीनों में एक हजार से ज्यादा घंटे मरीजों के बीच बिता चुके हैं। बमुश्किल 300 संक्रमित हुए। मास्क की सावधानी बरतते हुए ये कोराना से बचे हुए हैं। मरीजों को गले भी लगाती हैं, लेकिन पलभर के लिए मास्क नहीं हटातीं पीपीई किट पहनकर सुबह-शाम मरीजों के पास जाती हूं, उनकी काउंसलिंग भी करती हूं। जरूरत पड़ने पर गले भी लगाती हूं। अस्पताल के मरीज कल्पना दीदी के नाम से जानने लगे। 8 महीने में एक दिन ऐसा नहीं गया, जब कोविड वार्ड न गई हूं, पर हमेशा मास्क और ग्लव्स पहने रही। मास्क तो पलभर के लिए भी नहीं हटाती। इन सुरक्षा साधनों का इस्तेमाल कर कोरोना से बचे रहे। -कल्पना पिल्लई, इंचार्ज सिस्टर अरबिंदो अस्पताल सुबह 8 से रात 10 तक पानी नहीं पीते, ताकि मास्क न हटाना पड़े सात महीने से रोज राउंड ले रहा हूं। सबसे ज्यादा ध्यान मास्क पर देता हूं। सुबह से लेकर रात तक ग्लव्स उतारता ही नहीं हूं। सुबह 8 बजे पानी, चाय और खाना खाकर निकलता हूं, फिर दिनभर न पानी पीता हूं, न ही चाय। किसी मीटिंग में भी मास्क नीचे नहीं करता। हम रेड जोन अस्पताल में हैं। डरने से काम नहीं चलेगा, इसलिए सावधान और सुरक्षित रहना जरूरी है। -डॉ. धर्मेंद्र झंवर, क्लिनिकल प्रभारी, कोविड एमटीएच अस्पताल सबसे ज्यादा जरूरी मुंह और नाक को ढंककर रखना है पीपीई किट के बिना वार्ड में प्रवेश नहीं करता, मास्क कभी नहीं उतारता। फेस शील्ड और चश्मा लगाकर रखता हूं। जब पीपीई किट पहनते हैं तो दो सेट ग्लव्स और शू-कवर होते हैं। कोरोना से बचने के लिए सबसे जरूरी नाक व मुंह को ढंककर रखना है। दिन में दर्जनों बार हाथ धोने को आदत बना लिया। - डॉ. संजय अवासिया, टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट खाने में प्रोटीन और विटामिन्स बढ़ा दिए नर्सिंग केयर की व्यवस्था मेरे जिम्मे है। लगातार आठ घंटे पीपीई किट और मास्क पहनती हूं। दिनभर में प्यास लगे, तब भी पीपीई किट नहीं उतारती। पानी पहले ही पी लेते हैं। ताकि पानी की कमी न हो। संक्रमण से बचने के लिए खाने में प्रोटीन की मात्रा बढ़ा दी है। फल का सेवन ज्यादा करती हूं। - जयश्री चौहान, इंचार्ज सिस्टर, सुपर स्पेशिएलिटी वार्ड से बाहर भी नहीं उतारती मास्क सबसे महत्वपूर्ण है हाथ और चेहरे को सुरक्षित रखना। नाक और मुंह से वायरस आसानी से प्रवेश कर जाता है। राउंड लेते समय पीपीई किट पहनती हूं। बाहर आकर भी मास्क नहीं उतारती। नाक या मुंह पर हाथ नहीं लगाते। अस्पताल में एन-95 मास्क ही पहनते हैं। - डॉ. अर्चना वर्मा, क्लिनिकल इंचार्ज, सुपर स्पेशिएलिटी आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें मरीजों को गले भी लगाती हैं, लेकिन पलभर के लिए मास्क नहीं हटातीं https://ift.tt/3nWsBWr Dainik Bhaskar आठ महीनों में एक हजार से ज्यादा घंटे कोरोना मरीजों के बीच बिताए, फिर भी संक्रमण से सुरक्षित
शहर में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 40,522 हो गया है। गुरुवार को 556 नए केस मिले। तीन मरीजों की मौत भी हुई। हालांकि 35 हजार से ज्यादा ठीक भी हो चुके हैं। 12 नवंबर के बाद से जिस तेजी से मरीज मिल रहे हैं, उसने चिंताएं बढ़ा दी हैं।
ऐसे में छह हजार से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी मिसाल हैं, जो इन आठ महीनों में एक हजार से ज्यादा घंटे मरीजों के बीच बिता चुके हैं। बमुश्किल 300 संक्रमित हुए। मास्क की सावधानी बरतते हुए ये कोराना से बचे हुए हैं।
मरीजों को गले भी लगाती हैं, लेकिन पलभर के लिए मास्क नहीं हटातीं
पीपीई किट पहनकर सुबह-शाम मरीजों के पास जाती हूं, उनकी काउंसलिंग भी करती हूं। जरूरत पड़ने पर गले भी लगाती हूं। अस्पताल के मरीज कल्पना दीदी के नाम से जानने लगे। 8 महीने में एक दिन ऐसा नहीं गया, जब कोविड वार्ड न गई हूं, पर हमेशा मास्क और ग्लव्स पहने रही। मास्क तो पलभर के लिए भी नहीं हटाती। इन सुरक्षा साधनों का इस्तेमाल कर कोरोना से बचे रहे।
-कल्पना पिल्लई, इंचार्ज सिस्टर अरबिंदो अस्पताल
सुबह 8 से रात 10 तक पानी नहीं पीते, ताकि मास्क न हटाना पड़े
सात महीने से रोज राउंड ले रहा हूं। सबसे ज्यादा ध्यान मास्क पर देता हूं। सुबह से लेकर रात तक ग्लव्स उतारता ही नहीं हूं। सुबह 8 बजे पानी, चाय और खाना खाकर निकलता हूं, फिर दिनभर न पानी पीता हूं, न ही चाय। किसी मीटिंग में भी मास्क नीचे नहीं करता। हम रेड जोन अस्पताल में हैं। डरने से काम नहीं चलेगा, इसलिए सावधान और सुरक्षित रहना जरूरी है।
-डॉ. धर्मेंद्र झंवर, क्लिनिकल प्रभारी, कोविड एमटीएच अस्पताल
सबसे ज्यादा जरूरी मुंह और नाक को ढंककर रखना है
पीपीई किट के बिना वार्ड में प्रवेश नहीं करता, मास्क कभी नहीं उतारता। फेस शील्ड और चश्मा लगाकर रखता हूं। जब पीपीई किट पहनते हैं तो दो सेट ग्लव्स और शू-कवर होते हैं। कोरोना से बचने के लिए सबसे जरूरी नाक व मुंह को ढंककर रखना है। दिन में दर्जनों बार हाथ धोने को आदत बना लिया।
- डॉ. संजय अवासिया, टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट
खाने में प्रोटीन और विटामिन्स बढ़ा दिए
नर्सिंग केयर की व्यवस्था मेरे जिम्मे है। लगातार आठ घंटे पीपीई किट और मास्क पहनती हूं। दिनभर में प्यास लगे, तब भी पीपीई किट नहीं उतारती। पानी पहले ही पी लेते हैं। ताकि पानी की कमी न हो। संक्रमण से बचने के लिए खाने में प्रोटीन की मात्रा बढ़ा दी है। फल का सेवन ज्यादा करती हूं।
- जयश्री चौहान, इंचार्ज सिस्टर, सुपर स्पेशिएलिटी
वार्ड से बाहर भी नहीं उतारती मास्क
सबसे महत्वपूर्ण है हाथ और चेहरे को सुरक्षित रखना। नाक और मुंह से वायरस आसानी से प्रवेश कर जाता है। राउंड लेते समय पीपीई किट पहनती हूं। बाहर आकर भी मास्क नहीं उतारती। नाक या मुंह पर हाथ नहीं लगाते। अस्पताल में एन-95 मास्क ही पहनते हैं।
- डॉ. अर्चना वर्मा, क्लिनिकल इंचार्ज, सुपर स्पेशिएलिटी
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar /local/mp/indore/news/over-eight-thousand-hours-spent-among-corona-patients-in-eight-months-yet-safe-from-infection-127954048.html
via IFTTT
No comments:
If you have any suggestions please send me a comment.