कोरोना वैक्सीन के ट्रायल की हर तरफ चर्चा है। मध्यप्रदेश सरकार भी इसको लेकर उत्साहित है। सरकार कहती है कि ट्रायल पूरा होते ही वैक्सीनेशन शुरू करा दिया जाएगा। तैयारियों का रिव्यू भी हो चुका है। लेकिन, पं. दीनदयाल उपाध्याय की विचारधारा पर चलने वाली BJP की सरकार यह नहीं बता पा रही है कि राज्य में आखिरी आदमी तक यह डोज कैसे पहुंचेगी? यानी इतनी बड़ी आबादी को वैक्सीन कैसे मिलेगी? दैनिक भास्कर ने MP के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से इस बारे में बातचीत की। उन्होंने कहा- कोल्ड चैन तैयार कर ली गई है, जो सबसे जरूरी है। हम पूरी तरह तैयार हैं। सभी को फ्री में वैक्सीन लगेगी। सवाल- प्रदेश में अंतिम व्यक्ति तक वैक्सीन कैसे पहुंचेगी? जवाब- केंद्र की गाइडलाइन के मुताबिक, वैक्सीन आने से पहले ही तैयारी कर ली है। सबसे जरूरी कोल्ड चेन को डेवलप करना था। वैक्सीन के लिए एक विशेष तापमान की जरूरत होती है। हमने ट्रांसपोर्टेशन, ट्रक और कोल्ड चेन में उपयोग में आने वाले फ्रीजर का इंतजाम कर लिया है। सवाल- सबसे पहले वैक्सीन किसे लगेगी? जवाब- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि प्रदेश में सभी को फ्री में वैक्सीन मिलेगी। प्रदेश में पहले फेज में हेल्थ वर्कर को वैक्सीन लगाई जाएगी। उनकी लिस्ट बना ली गई है। इसे केंद्र सरकार को सौंप दिया है। सवाल- पहले वैक्सीन कहां मिलेगी, शहर या गांव में? जवाब- इसमें कोई कैटेगरी नहीं होगी। वैक्सीन सभी को लगाई जाएगी। इसे फेज वाइज रखा गया है। वैक्सीन के डोज की उपलब्धता से तय होगा कि हम कितने लोगों को वैक्सीन लगा सकते हैं और किस सेगमेंट में लगा सकते हैं। सवाल- कोवैक्सिन के ट्रायल मे आपकी क्या भूमिका है? जवाब- भारत बायोटेक का ट्रायल ICMR के निर्देशन में पूरे देश में हो रहा है। ट्रायल में हमारी तरफ से जो भी सहयोग चाहिए, हम उसके लिए तैयार हैं। ट्रायल एक महीने के अंदर पूरा होगा। वैक्सीन कामयाब रही और यहां भेजी गई, तो हम उसे जनता तक भेजने के लिए तैयार हैं। सवाल- प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में ट्रायल शुरू हुआ, सरकारी में नहीं हुआ? जवाब- इसे अलग-अलग कैटेगरी में नहीं बांटा जा सकता। इसमें किसी तरह की गफलत नहीं होनी चाहिए। गांधी मेडिकल कॉलेज में कंस्ट्रक्शन चल रहा है। वहां साइट को लेकर कुछ तैयारी नहीं हो पाई थी। वहां भी जल्दी ही ट्रायल शुरू होगा। सब कुछ सरकार की गाइडलाइन के हिसाब से हो रहा है। इसमें सरकारी और प्राइवेट नहीं करना चाहिए। सवाल- ट्रायल में वालंटियर्स की सहमति कम मिल रही है? जवाब- आज ही मैं मेडिकल कॉलेज गया था। वहां 80 साल के एक बुजुर्ग वॉलंटियर टीका लगवाने को तैयार थे। ऐसे बड़े प्रोजेक्ट में जन जागरण की जरूरत होती है और वह हो रहा है। पीपुल्स में 2 हजार लोगों को टीके का डोज लगेगा। इसके लिए लोग तैयार हो रहे हैं। लोगों की काउंसिलिंग की जा रही है। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Madhya Pradesh Coronavirus Covid-19 Vaccine News; Vishwas Sarang Interview To Dainik Bhaskar https://ift.tt/2Jaxmgp Dainik Bhaskar आखिरी आदमी तक वैक्सीन कैसे पहुंचेगी, इस सवाल को टाल गए MP के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग
कोरोना वैक्सीन के ट्रायल की हर तरफ चर्चा है। मध्यप्रदेश सरकार भी इसको लेकर उत्साहित है। सरकार कहती है कि ट्रायल पूरा होते ही वैक्सीनेशन शुरू करा दिया जाएगा। तैयारियों का रिव्यू भी हो चुका है। लेकिन, पं. दीनदयाल उपाध्याय की विचारधारा पर चलने वाली BJP की सरकार यह नहीं बता पा रही है कि राज्य में आखिरी आदमी तक यह डोज कैसे पहुंचेगी? यानी इतनी बड़ी आबादी को वैक्सीन कैसे मिलेगी?
दैनिक भास्कर ने MP के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से इस बारे में बातचीत की। उन्होंने कहा- कोल्ड चैन तैयार कर ली गई है, जो सबसे जरूरी है। हम पूरी तरह तैयार हैं। सभी को फ्री में वैक्सीन लगेगी।
सवाल- प्रदेश में अंतिम व्यक्ति तक वैक्सीन कैसे पहुंचेगी?
जवाब- केंद्र की गाइडलाइन के मुताबिक, वैक्सीन आने से पहले ही तैयारी कर ली है। सबसे जरूरी कोल्ड चेन को डेवलप करना था। वैक्सीन के लिए एक विशेष तापमान की जरूरत होती है। हमने ट्रांसपोर्टेशन, ट्रक और कोल्ड चेन में उपयोग में आने वाले फ्रीजर का इंतजाम कर लिया है।
सवाल- सबसे पहले वैक्सीन किसे लगेगी?
जवाब- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि प्रदेश में सभी को फ्री में वैक्सीन मिलेगी। प्रदेश में पहले फेज में हेल्थ वर्कर को वैक्सीन लगाई जाएगी। उनकी लिस्ट बना ली गई है। इसे केंद्र सरकार को सौंप दिया है।
सवाल- पहले वैक्सीन कहां मिलेगी, शहर या गांव में?
जवाब- इसमें कोई कैटेगरी नहीं होगी। वैक्सीन सभी को लगाई जाएगी। इसे फेज वाइज रखा गया है। वैक्सीन के डोज की उपलब्धता से तय होगा कि हम कितने लोगों को वैक्सीन लगा सकते हैं और किस सेगमेंट में लगा सकते हैं।
सवाल- कोवैक्सिन के ट्रायल मे आपकी क्या भूमिका है?
जवाब- भारत बायोटेक का ट्रायल ICMR के निर्देशन में पूरे देश में हो रहा है। ट्रायल में हमारी तरफ से जो भी सहयोग चाहिए, हम उसके लिए तैयार हैं। ट्रायल एक महीने के अंदर पूरा होगा। वैक्सीन कामयाब रही और यहां भेजी गई, तो हम उसे जनता तक भेजने के लिए तैयार हैं।
सवाल- प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में ट्रायल शुरू हुआ, सरकारी में नहीं हुआ?
जवाब- इसे अलग-अलग कैटेगरी में नहीं बांटा जा सकता। इसमें किसी तरह की गफलत नहीं होनी चाहिए। गांधी मेडिकल कॉलेज में कंस्ट्रक्शन चल रहा है। वहां साइट को लेकर कुछ तैयारी नहीं हो पाई थी। वहां भी जल्दी ही ट्रायल शुरू होगा। सब कुछ सरकार की गाइडलाइन के हिसाब से हो रहा है। इसमें सरकारी और प्राइवेट नहीं करना चाहिए।
सवाल- ट्रायल में वालंटियर्स की सहमति कम मिल रही है?
जवाब- आज ही मैं मेडिकल कॉलेज गया था। वहां 80 साल के एक बुजुर्ग वॉलंटियर टीका लगवाने को तैयार थे। ऐसे बड़े प्रोजेक्ट में जन जागरण की जरूरत होती है और वह हो रहा है। पीपुल्स में 2 हजार लोगों को टीके का डोज लगेगा। इसके लिए लोग तैयार हो रहे हैं। लोगों की काउंसिलिंग की जा रही है।
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