Facebook SDK

Recent Posts

test

कोरोना महामारी के कारण देश में पैदा हुए हालात के मद्देनजर CBSE बोर्डने मंगलवार कोकक्षा 9 से 12 तक के सिलेबस में कटौती की है। कोर कंसेप्ट को बनाए रखते हुए सिलेबस को करीब 30 प्रतिशत तक कम कर दिया गया है। इसकटौती के बाद अब धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रवाद जैसे कई अध्यायों को मौजूदा शैक्षणिक वर्ष के लिए पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है। इसके लिए NCERT और CBSE बोर्ड के विशेषज्ञों की एक कमेटी ने पाठ्यक्रम में कटौती का खाका तैयार किया और उसके बाद कक्षा 9वीं से 12वीं के छात्रों के लिए यहफैसला लिया गया।वहीं, 8वीं तक की कक्षाओं के लिए CBSE ने स्कूलों को खुद सिलेबस तैयारकरने को कहा है। कक्षा 11वीं के कोर्समें बड़ा बदलाव बोर्ड कीइस कटौती का असर 11वीं कक्षा में पढ़ाए जाने जाने वाले संघीय ढांचा, राज्य सरकार, नागरिकता, राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता जैसे अध्याय पर दिखेगा। CBSE ने इन सभी अध्यायों को मौजूदा एक वर्ष के लिए सिलेबस से हटा दिया है। कक्षा 11वीं की पॉलिटिकल साइंस की बुक 1 और 2 से कुल पांच यूनिट हटा दी गई हैं और उन्हीं मेंसंघीय ढांचा, राज्य सरकार, नागरिकता, राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता जैसे टॉपिक कवर किए जाते थे। कक्षा 12वीं के कोर्स में कई बड़ी यूनिटहटाई सीबीएसई द्वारा पाठ्यक्रम में की गई कटौती से 12वीं कक्षा कक्षा के छात्रों को अब इस मौजूदा वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था का बदलता स्वरूप, नीति आयोग, जीएसटी जैसे विषय नहीं पढ़ाए जाएंगे। इसके अलावा सुरक्षा, पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों से जुड़ी यूनिट्स भी हटा दी गई हैं। भारत से पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और म्यांमार से संबंधों वाले टॉपिक्स भी इस साल सिलेबस में नहीं होंगे। कक्षा 12वीं में पॉलिटिकल साइंस में दो बुक्स से 6 यूनिट्स हटा दी गई हैं। फायदा सिर्फ 9 से 12वीं के CBSE छात्रों को यह कटौती केवल मौजूदा शैक्षणिक वर्ष तक सीमित रहेगी। फिलहाल सिलेबस में कटौती का फायदा सिर्फ कक्षा 9 से 12 तक के स्कूली छात्रों को ही मिलेगा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा, "कोरोना के कारण उत्पन्न हुए मौजूदा हालात को देखते हुए सीबीएसई के सिलेबस में कक्षा 9 से 12 तक 30 प्रतिशत कटौती करने का निर्णय लिया गया है। सीबीएसई के सिलेबस में यह कटौती के केवल इसी वर्ष 2020-21 के लिए मान्य होगी।"घटाया गया पाठ्यक्रम बोर्ड परीक्षाओं और आतंरिक मूल्यांकन के लिए निर्धारित विषयों का हिस्सा नहीं होगा। स्कूल खुलने की घटती संभावना के बीच राहत दरअसल, कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष स्कूलों के कार्य दिवस काफी कम हो गए हैं। अगस्त माह तक स्कूल खुलने की संभावना बेहद कम है। अधिकांश छात्रों को ऑनलाइन माध्यमों से ही शिक्षा प्रदान की जा रही है। ऐसे में अब स्वयं छात्र, अभिभावक और शिक्षक भी छात्रों के पाठ्यक्रम को कम किए जाने किए जाने के पक्षधर हैं। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें 30% reduction in CBSE course, chapters related to nationalism, secularism and citizenship removed https://ift.tt/2O4JGgP Dainik Bhaskar 11वीं के सिलेबस से नेशनलिज्म, सेक्युलरिज्म और सिटीजनशिप ‘कम्प्लीटली डिलीटेड’; 12वीं के कोर्स में भी बड़े बदलाव

कोरोना महामारी के कारण देश में पैदा हुए हालात के मद्देनजर CBSE बोर्डने मंगलवार कोकक्षा 9 से 12 तक के सिलेबस में कटौती की है। कोर कंसेप्ट को बनाए रखते हुए सिलेबस को करीब 30 प्रतिशत तक कम कर दिया गया है। इसकटौती के बाद अब धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रवाद जैसे कई अध्यायों को मौजूदा शैक्षणिक वर्ष के लिए पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है।

इसके लिए NCERT और CBSE बोर्ड के विशेषज्ञों की एक कमेटी ने पाठ्यक्रम में कटौती का खाका तैयार किया और उसके बाद कक्षा 9वीं से 12वीं के छात्रों के लिए यहफैसला लिया गया।वहीं, 8वीं तक की कक्षाओं के लिए CBSE ने स्कूलों को खुद सिलेबस तैयारकरने को कहा है।

कक्षा 11वीं के कोर्समें बड़ा बदलाव

बोर्ड कीइस कटौती का असर 11वीं कक्षा में पढ़ाए जाने जाने वाले संघीय ढांचा, राज्य सरकार, नागरिकता, राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता जैसे अध्याय पर दिखेगा। CBSE ने इन सभी अध्यायों को मौजूदा एक वर्ष के लिए सिलेबस से हटा दिया है।

कक्षा 11वीं की पॉलिटिकल साइंस की बुक 1 और 2 से कुल पांच यूनिट हटा दी गई हैं और उन्हीं मेंसंघीय ढांचा, राज्य सरकार, नागरिकता, राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता जैसे टॉपिक कवर किए जाते थे।

कक्षा 12वीं के कोर्स में कई बड़ी यूनिटहटाई

सीबीएसई द्वारा पाठ्यक्रम में की गई कटौती से 12वीं कक्षा कक्षा के छात्रों को अब इस मौजूदा वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था का बदलता स्वरूप, नीति आयोग, जीएसटी जैसे विषय नहीं पढ़ाए जाएंगे। इसके अलावा सुरक्षा, पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों से जुड़ी यूनिट्स भी हटा दी गई हैं। भारत से पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और म्यांमार से संबंधों वाले टॉपिक्स भी इस साल सिलेबस में नहीं होंगे।

कक्षा 12वीं में पॉलिटिकल साइंस में दो बुक्स से 6 यूनिट्स हटा दी गई हैं।

फायदा सिर्फ 9 से 12वीं के CBSE छात्रों को

यह कटौती केवल मौजूदा शैक्षणिक वर्ष तक सीमित रहेगी। फिलहाल सिलेबस में कटौती का फायदा सिर्फ कक्षा 9 से 12 तक के स्कूली छात्रों को ही मिलेगा।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा, "कोरोना के कारण उत्पन्न हुए मौजूदा हालात को देखते हुए सीबीएसई के सिलेबस में कक्षा 9 से 12 तक 30 प्रतिशत कटौती करने का निर्णय लिया गया है। सीबीएसई के सिलेबस में यह कटौती के केवल इसी वर्ष 2020-21 के लिए मान्य होगी।"घटाया गया पाठ्यक्रम बोर्ड परीक्षाओं और आतंरिक मूल्यांकन के लिए निर्धारित विषयों का हिस्सा नहीं होगा।

स्कूल खुलने की घटती संभावना के बीच राहत

दरअसल, कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष स्कूलों के कार्य दिवस काफी कम हो गए हैं। अगस्त माह तक स्कूल खुलने की संभावना बेहद कम है। अधिकांश छात्रों को ऑनलाइन माध्यमों से ही शिक्षा प्रदान की जा रही है। ऐसे में अब स्वयं छात्र, अभिभावक और शिक्षक भी छात्रों के पाठ्यक्रम को कम किए जाने किए जाने के पक्षधर हैं।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
30% reduction in CBSE course, chapters related to nationalism, secularism and citizenship removed


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3f5ddmu
via IFTTT
कोरोना महामारी के कारण देश में पैदा हुए हालात के मद्देनजर CBSE बोर्डने मंगलवार कोकक्षा 9 से 12 तक के सिलेबस में कटौती की है। कोर कंसेप्ट को बनाए रखते हुए सिलेबस को करीब 30 प्रतिशत तक कम कर दिया गया है। इसकटौती के बाद अब धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रवाद जैसे कई अध्यायों को मौजूदा शैक्षणिक वर्ष के लिए पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है। इसके लिए NCERT और CBSE बोर्ड के विशेषज्ञों की एक कमेटी ने पाठ्यक्रम में कटौती का खाका तैयार किया और उसके बाद कक्षा 9वीं से 12वीं के छात्रों के लिए यहफैसला लिया गया।वहीं, 8वीं तक की कक्षाओं के लिए CBSE ने स्कूलों को खुद सिलेबस तैयारकरने को कहा है। कक्षा 11वीं के कोर्समें बड़ा बदलाव बोर्ड कीइस कटौती का असर 11वीं कक्षा में पढ़ाए जाने जाने वाले संघीय ढांचा, राज्य सरकार, नागरिकता, राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता जैसे अध्याय पर दिखेगा। CBSE ने इन सभी अध्यायों को मौजूदा एक वर्ष के लिए सिलेबस से हटा दिया है। कक्षा 11वीं की पॉलिटिकल साइंस की बुक 1 और 2 से कुल पांच यूनिट हटा दी गई हैं और उन्हीं मेंसंघीय ढांचा, राज्य सरकार, नागरिकता, राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता जैसे टॉपिक कवर किए जाते थे। कक्षा 12वीं के कोर्स में कई बड़ी यूनिटहटाई सीबीएसई द्वारा पाठ्यक्रम में की गई कटौती से 12वीं कक्षा कक्षा के छात्रों को अब इस मौजूदा वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था का बदलता स्वरूप, नीति आयोग, जीएसटी जैसे विषय नहीं पढ़ाए जाएंगे। इसके अलावा सुरक्षा, पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों से जुड़ी यूनिट्स भी हटा दी गई हैं। भारत से पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और म्यांमार से संबंधों वाले टॉपिक्स भी इस साल सिलेबस में नहीं होंगे। कक्षा 12वीं में पॉलिटिकल साइंस में दो बुक्स से 6 यूनिट्स हटा दी गई हैं। फायदा सिर्फ 9 से 12वीं के CBSE छात्रों को यह कटौती केवल मौजूदा शैक्षणिक वर्ष तक सीमित रहेगी। फिलहाल सिलेबस में कटौती का फायदा सिर्फ कक्षा 9 से 12 तक के स्कूली छात्रों को ही मिलेगा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा, "कोरोना के कारण उत्पन्न हुए मौजूदा हालात को देखते हुए सीबीएसई के सिलेबस में कक्षा 9 से 12 तक 30 प्रतिशत कटौती करने का निर्णय लिया गया है। सीबीएसई के सिलेबस में यह कटौती के केवल इसी वर्ष 2020-21 के लिए मान्य होगी।"घटाया गया पाठ्यक्रम बोर्ड परीक्षाओं और आतंरिक मूल्यांकन के लिए निर्धारित विषयों का हिस्सा नहीं होगा। स्कूल खुलने की घटती संभावना के बीच राहत दरअसल, कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष स्कूलों के कार्य दिवस काफी कम हो गए हैं। अगस्त माह तक स्कूल खुलने की संभावना बेहद कम है। अधिकांश छात्रों को ऑनलाइन माध्यमों से ही शिक्षा प्रदान की जा रही है। ऐसे में अब स्वयं छात्र, अभिभावक और शिक्षक भी छात्रों के पाठ्यक्रम को कम किए जाने किए जाने के पक्षधर हैं। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें 30% reduction in CBSE course, chapters related to nationalism, secularism and citizenship removed https://ift.tt/2O4JGgP Dainik Bhaskar 11वीं के सिलेबस से नेशनलिज्म, सेक्युलरिज्म और सिटीजनशिप ‘कम्प्लीटली डिलीटेड’; 12वीं के कोर्स में भी बड़े बदलाव 

कोरोना महामारी के कारण देश में पैदा हुए हालात के मद्देनजर CBSE बोर्डने मंगलवार कोकक्षा 9 से 12 तक के सिलेबस में कटौती की है। कोर कंसेप्ट को बनाए रखते हुए सिलेबस को करीब 30 प्रतिशत तक कम कर दिया गया है। इसकटौती के बाद अब धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रवाद जैसे कई अध्यायों को मौजूदा शैक्षणिक वर्ष के लिए पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है।

इसके लिए NCERT और CBSE बोर्ड के विशेषज्ञों की एक कमेटी ने पाठ्यक्रम में कटौती का खाका तैयार किया और उसके बाद कक्षा 9वीं से 12वीं के छात्रों के लिए यहफैसला लिया गया।वहीं, 8वीं तक की कक्षाओं के लिए CBSE ने स्कूलों को खुद सिलेबस तैयारकरने को कहा है।

कक्षा 11वीं के कोर्समें बड़ा बदलाव

बोर्ड कीइस कटौती का असर 11वीं कक्षा में पढ़ाए जाने जाने वाले संघीय ढांचा, राज्य सरकार, नागरिकता, राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता जैसे अध्याय पर दिखेगा। CBSE ने इन सभी अध्यायों को मौजूदा एक वर्ष के लिए सिलेबस से हटा दिया है।

कक्षा 11वीं की पॉलिटिकल साइंस की बुक 1 और 2 से कुल पांच यूनिट हटा दी गई हैं और उन्हीं मेंसंघीय ढांचा, राज्य सरकार, नागरिकता, राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता जैसे टॉपिक कवर किए जाते थे।

कक्षा 12वीं के कोर्स में कई बड़ी यूनिटहटाई

सीबीएसई द्वारा पाठ्यक्रम में की गई कटौती से 12वीं कक्षा कक्षा के छात्रों को अब इस मौजूदा वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था का बदलता स्वरूप, नीति आयोग, जीएसटी जैसे विषय नहीं पढ़ाए जाएंगे। इसके अलावा सुरक्षा, पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों से जुड़ी यूनिट्स भी हटा दी गई हैं। भारत से पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और म्यांमार से संबंधों वाले टॉपिक्स भी इस साल सिलेबस में नहीं होंगे।

कक्षा 12वीं में पॉलिटिकल साइंस में दो बुक्स से 6 यूनिट्स हटा दी गई हैं।

फायदा सिर्फ 9 से 12वीं के CBSE छात्रों को

यह कटौती केवल मौजूदा शैक्षणिक वर्ष तक सीमित रहेगी। फिलहाल सिलेबस में कटौती का फायदा सिर्फ कक्षा 9 से 12 तक के स्कूली छात्रों को ही मिलेगा।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा, "कोरोना के कारण उत्पन्न हुए मौजूदा हालात को देखते हुए सीबीएसई के सिलेबस में कक्षा 9 से 12 तक 30 प्रतिशत कटौती करने का निर्णय लिया गया है। सीबीएसई के सिलेबस में यह कटौती के केवल इसी वर्ष 2020-21 के लिए मान्य होगी।"घटाया गया पाठ्यक्रम बोर्ड परीक्षाओं और आतंरिक मूल्यांकन के लिए निर्धारित विषयों का हिस्सा नहीं होगा।

स्कूल खुलने की घटती संभावना के बीच राहत

दरअसल, कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष स्कूलों के कार्य दिवस काफी कम हो गए हैं। अगस्त माह तक स्कूल खुलने की संभावना बेहद कम है। अधिकांश छात्रों को ऑनलाइन माध्यमों से ही शिक्षा प्रदान की जा रही है। ऐसे में अब स्वयं छात्र, अभिभावक और शिक्षक भी छात्रों के पाठ्यक्रम को कम किए जाने किए जाने के पक्षधर हैं।

आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें

30% reduction in CBSE course, chapters related to nationalism, secularism and citizenship removed

https://ift.tt/2O4JGgP Dainik Bhaskar 11वीं के सिलेबस से नेशनलिज्म, सेक्युलरिज्म और सिटीजनशिप ‘कम्प्लीटली डिलीटेड’; 12वीं के कोर्स में भी बड़े बदलाव Reviewed by Manish Pethev on July 08, 2020 Rating: 5

No comments:

If you have any suggestions please send me a comment.

Flickr

Powered by Blogger.