Facebook SDK

Recent Posts

test

https://ift.tt/32hFDpV दुनिया भर में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 1.30 करोड़ से ज्यादा हो गई है। पिछले 24 घंटों में दुनिया में कोरोना के कुल 214,741 नए मामले सामने आए हैं। भारत की बात करें तो यहांसंक्रमितों की संख्या 9 लाख 33हजार 518 हो गई है। अब तक 5 लाख 73 हजार 691 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 3 लाख 13 हजार 496 लोगों का इलाज चल रहा है। 24, 283 लोगों की जान जा चुकी है।कोरोनावायरस का कहर कोरोना वॉरियर्स पर भी पड़ा है। इनमें स्वास्थ्यकर्मी बड़ी संख्या में कोरोना का शिकार हुए हैं।एमनेस्टी इंटरनेशनल के रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में कोरोना संक्रमण से 3 हजार से ज्यादा डॉक्टरों की मौत हुई है। इसके पीछे असुरक्षित माहौल में काम करना, लंबे समय तक काम करना, कम वेतन, और कुछ देशों में इनके खिलाफ हिंसा को जिम्मेदार बताया गया है।सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में हर 10 में से एक हेल्थकर्मी कोरोना संक्रमण का शिकार हुआ है।फोटो दिल्ली के लोक नायक अस्पताल की है, जहां डॉक्टर्स कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में जुटे हुए हैं।बिहार में 24 घंटे में दो डॉक्टरों की कोरोना संक्रमण से मौत का मामला सामने आया है। 54 साल के डॉ अश्वनी नंदकुलियार गया में जनरल फिजिशियन थे और कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे थे। इसी दौरान वे खुद भी संक्रमित हो गए। तबीयत खराब होने के बाद उन्हें पटना एम्स में भर्ती कराया गया था। सोमवार को उनकी मौत हो गई।वहीं, मंगलवार को कोरोना से पीएमसीएच के एक डॉक्टर की मौत हो गई। डॉक्टर एनके सिंह पीएमसीएच के ईएनटी डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर थे। उन्हें पटना एम्स में भर्ती कराया गया था। पिछले महीनेदिल्ली के लोक नायक अस्पताल के डॉ. अशीम गुप्ता की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी।सबसे ज्यादा रूस में 545 हेल्थ वर्कर्स की मौतयूके की एक संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने दुनिया के 79 देशों में सर्वे के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा अमेरिका में 507, रूस में 545, यूके में 540, ब्राजील में 351, ईरान में 111 हेल्थ वर्कर्स की मौत कोरोना की वजह से हुई है।इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ रंजन शर्मा के मीडिया में दिए बयान के मुताबिक, भारत में 93 डॉक्टरों की मौत हुई है। साथ ही अभी तक 1279 हेल्थ वर्कर्स संक्रमण का शिकार हुए हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से 771 डॉक्टरों की उम्र 35 साल से कम है जबकि 247 की उम्र 35 से ज्यादा है। इसके साथ ही 261 डॉक्टरों की उम्र 50 से अधिक है।सुरक्षाऔरपीपीई किट की कमीरिपोर्ट के मुताबिक, कोरोनाकाल में हेल्थ वर्कर्स को सुरक्षा संबंधी चीजों की कमी की वजह से ज्यादा खतरा उत्पन्न हुआ। भारत, पाकिस्तान, ब्राजील सहित कई देशों में पीपीई किट और दूसरी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी रही। भारत में दिल्ली में सबसे ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी कोरोना का शिकार हुए। दिल्ली में कम से कम 18 डॉक्टरों की मौत कोरोना की वजह से हुई है।वजह अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि व डॉक्टरों के पास सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाओं की कमी।हेल्थकर्मियों का कहना है कि गर्मी में देर तक पीपीई किट पहनना सबसे मुश्किल काम है। पीपीई पहनने के बाद वे पानी नहीं पी सकते, खाना नहीं खा सकते, यहां तक कि वॉशरूम भी नहीं जा सकते हैं। वे पसीने से भीग जाते हैं।सैलरी में कटौती, कई देशों में डॉक्टरों को नहीं मिला वेतनरिपोर्ट में हेल्थ वर्कर्स की सैलरी समय पर नहीं मिलने या सैलरी काटने की भी बात कहीगई है। इसके मुताबिक, दुनिया के कई देशों में स्वास्थ्यकर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिला है। साउथ सुडान में फरवरी महीने से डॉक्टरों को सैलरी नहीं मिली है। इसके साथ ही उन्हें वेलफेयर पैकेज या मेडिकल कवर की सुविधा भी नहीं मिली है।रिपोर्ट के मुताबिकडॉक्टर्स अपनी सैलरी से 12 फीसदी पीपीई किट पर खर्च कर रहे हैं।फोटो पटना की है, जहां हेल्थकर्मी इंडियन एयर फोर्स के जवानों का आभार प्रकट कर रहे हैं। कोरोना योद्धाओं के लिए वायु सेना ने हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए थे।हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने हेल्थ वर्कर्स को सभी राज्य व केंद्र शासित राज्यों को समय पर वेतन देने के निर्देश दिया था। केंद्र नेसुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए कहा था कि महामारी अधिनियम के तहत इस कानून के उल्लंघन पर आपराधिक केस दर्ज किया जाएगा। इसके तहत संबंधित अस्पताल, संस्थान या प्रशासन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।हेल्थ वर्कर्स के साथ दुर्व्यवहार, हिंसाएमनेस्टी के मुताबिक, कोरोनाकाल में डॉक्टरों व नर्सेज को हिंसा का शिकार भी होना पड़ा। कई देशों में इन्हें हिंसा और हमलों का सामना करना पड़ा।मेक्सिको में एक नर्स पर असमाजिक तत्वों ने क्लोरीन फेंक दिया।फिलीपींस में हमलावरों ने अस्पताल के एक कर्मचारी के चेहरे पर ब्लीचडाल दिया। पाकिस्तान और भारत में भी हेल्थ वर्कर्स को हिंसा का सामना करना पड़ा। डोर टू डोर कैंपेनिंग और सर्वे के दौरान हेल्थ वर्कर्स के साथ दुर्व्यवहार की खबरें भी आईं।आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करेंCovid 19 : More than 3,000 healthcare workers are died of the coronavirusfrom Dainik Bhaskar https://ift.tt/2WkvJA0via IFTTT https://ift.tt/3fvZepU दुनिया भर में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 1.30 करोड़ से ज्यादा हो गई है। पिछले 24 घंटों में दुनिया में कोरोना के कुल 214,741 नए मामले सामने आए हैं। भारत की बात करें तो यहांसंक्रमितों की संख्या 9 लाख 33हजार 518 हो गई है। अब तक 5 लाख 73 हजार 691 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 3 लाख 13 हजार 496 लोगों का इलाज चल रहा है। 24, 283 लोगों की जान जा चुकी है। कोरोनावायरस का कहर कोरोना वॉरियर्स पर भी पड़ा है। इनमें स्वास्थ्यकर्मी बड़ी संख्या में कोरोना का शिकार हुए हैं।एमनेस्टी इंटरनेशनल के रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में कोरोना संक्रमण से 3 हजार से ज्यादा डॉक्टरों की मौत हुई है। इसके पीछे असुरक्षित माहौल में काम करना, लंबे समय तक काम करना, कम वेतन, और कुछ देशों में इनके खिलाफ हिंसा को जिम्मेदार बताया गया है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में हर 10 में से एक हेल्थकर्मी कोरोना संक्रमण का शिकार हुआ है। फोटो दिल्ली के लोक नायक अस्पताल की है, जहां डॉक्टर्स कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में जुटे हुए हैं। बिहार में 24 घंटे में दो डॉक्टरों की कोरोना संक्रमण से मौत का मामला सामने आया है। 54 साल के डॉ अश्वनी नंदकुलियार गया में जनरल फिजिशियन थे और कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे थे। इसी दौरान वे खुद भी संक्रमित हो गए। तबीयत खराब होने के बाद उन्हें पटना एम्स में भर्ती कराया गया था। सोमवार को उनकी मौत हो गई। वहीं, मंगलवार को कोरोना से पीएमसीएच के एक डॉक्टर की मौत हो गई। डॉक्टर एनके सिंह पीएमसीएच के ईएनटी डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर थे। उन्हें पटना एम्स में भर्ती कराया गया था। पिछले महीनेदिल्ली के लोक नायक अस्पताल के डॉ. अशीम गुप्ता की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी। सबसे ज्यादा रूस में 545 हेल्थ वर्कर्स की मौत यूके की एक संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने दुनिया के 79 देशों में सर्वे के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा अमेरिका में 507, रूस में 545, यूके में 540, ब्राजील में 351, ईरान में 111 हेल्थ वर्कर्स की मौत कोरोना की वजह से हुई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ रंजन शर्मा के मीडिया में दिए बयान के मुताबिक, भारत में 93 डॉक्टरों की मौत हुई है। साथ ही अभी तक 1279 हेल्थ वर्कर्स संक्रमण का शिकार हुए हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से 771 डॉक्टरों की उम्र 35 साल से कम है जबकि 247 की उम्र 35 से ज्यादा है। इसके साथ ही 261 डॉक्टरों की उम्र 50 से अधिक है। सुरक्षाऔरपीपीई किट की कमी रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोनाकाल में हेल्थ वर्कर्स को सुरक्षा संबंधी चीजों की कमी की वजह से ज्यादा खतरा उत्पन्न हुआ। भारत, पाकिस्तान, ब्राजील सहित कई देशों में पीपीई किट और दूसरी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी रही। भारत में दिल्ली में सबसे ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी कोरोना का शिकार हुए। दिल्ली में कम से कम 18 डॉक्टरों की मौत कोरोना की वजह से हुई है।वजह अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि व डॉक्टरों के पास सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाओं की कमी। हेल्थकर्मियों का कहना है कि गर्मी में देर तक पीपीई किट पहनना सबसे मुश्किल काम है। पीपीई पहनने के बाद वे पानी नहीं पी सकते, खाना नहीं खा सकते, यहां तक कि वॉशरूम भी नहीं जा सकते हैं। वे पसीने से भीग जाते हैं। सैलरी में कटौती, कई देशों में डॉक्टरों को नहीं मिला वेतन रिपोर्ट में हेल्थ वर्कर्स की सैलरी समय पर नहीं मिलने या सैलरी काटने की भी बात कहीगई है। इसके मुताबिक, दुनिया के कई देशों में स्वास्थ्यकर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिला है। साउथ सुडान में फरवरी महीने से डॉक्टरों को सैलरी नहीं मिली है। इसके साथ ही उन्हें वेलफेयर पैकेज या मेडिकल कवर की सुविधा भी नहीं मिली है।रिपोर्ट के मुताबिकडॉक्टर्स अपनी सैलरी से 12 फीसदी पीपीई किट पर खर्च कर रहे हैं। फोटो पटना की है, जहां हेल्थकर्मी इंडियन एयर फोर्स के जवानों का आभार प्रकट कर रहे हैं। कोरोना योद्धाओं के लिए वायु सेना ने हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए थे। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने हेल्थ वर्कर्स को सभी राज्य व केंद्र शासित राज्यों को समय पर वेतन देने के निर्देश दिया था। केंद्र नेसुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए कहा था कि महामारी अधिनियम के तहत इस कानून के उल्लंघन पर आपराधिक केस दर्ज किया जाएगा। इसके तहत संबंधित अस्पताल, संस्थान या प्रशासन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। हेल्थ वर्कर्स के साथ दुर्व्यवहार, हिंसा एमनेस्टी के मुताबिक, कोरोनाकाल में डॉक्टरों व नर्सेज को हिंसा का शिकार भी होना पड़ा। कई देशों में इन्हें हिंसा और हमलों का सामना करना पड़ा।मेक्सिको में एक नर्स पर असमाजिक तत्वों ने क्लोरीन फेंक दिया।फिलीपींस में हमलावरों ने अस्पताल के एक कर्मचारी के चेहरे पर ब्लीचडाल दिया। पाकिस्तान और भारत में भी हेल्थ वर्कर्स को हिंसा का सामना करना पड़ा। डोर टू डोर कैंपेनिंग और सर्वे के दौरान हेल्थ वर्कर्स के साथ दुर्व्यवहार की खबरें भी आईं। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Covid 19 : More than 3,000 healthcare workers are died of the coronavirus https://ift.tt/32hFDpV Dainik Bhaskar दुनियाभर में 3 हजार से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों की मौत; रूस में सबसे अधिक 545 की जान गई, भारत में 93 डॉक्टरों की मौत

दुनिया भर में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 1.30 करोड़ से ज्यादा हो गई है। पिछले 24 घंटों में दुनिया में कोरोना के कुल 214,741 नए मामले सामने आए हैं। भारत की बात करें तो यहांसंक्रमितों की संख्या 9 लाख 33हजार 518 हो गई है। अब तक 5 लाख 73 हजार 691 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 3 लाख 13 हजार 496 लोगों का इलाज चल रहा है। 24, 283 लोगों की जान जा चुकी है। कोरोनावायरस का कहर कोरोना वॉरियर्स पर भी पड़ा है। इनमें स्वास्थ्यकर्मी बड़ी संख्या में कोरोना का शिकार हुए हैं।एमनेस्टी इंटरनेशनल के रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में कोरोना संक्रमण से 3 हजार से ज्यादा डॉक्टरों की मौत हुई है। इसके पीछे असुरक्षित माहौल में काम करना, लंबे समय तक काम करना, कम वेतन, और कुछ देशों में इनके खिलाफ हिंसा को जिम्मेदार बताया गया है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में हर 10 में से एक हेल्थकर्मी कोरोना संक्रमण का शिकार हुआ है। फोटो दिल्ली के लोक नायक अस्पताल की है, जहां डॉक्टर्स कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में जुटे हुए हैं। बिहार में 24 घंटे में दो डॉक्टरों की कोरोना संक्रमण से मौत का मामला सामने आया है। 54 साल के डॉ अश्वनी नंदकुलियार गया में जनरल फिजिशियन थे और कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे थे। इसी दौरान वे खुद भी संक्रमित हो गए। तबीयत खराब होने के बाद उन्हें पटना एम्स में भर्ती कराया गया था। सोमवार को उनकी मौत हो गई। वहीं, मंगलवार को कोरोना से पीएमसीएच के एक डॉक्टर की मौत हो गई। डॉक्टर एनके सिंह पीएमसीएच के ईएनटी डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर थे। उन्हें पटना एम्स में भर्ती कराया गया था। पिछले महीनेदिल्ली के लोक नायक अस्पताल के डॉ. अशीम गुप्ता की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी। सबसे ज्यादा रूस में 545 हेल्थ वर्कर्स की मौत यूके की एक संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने दुनिया के 79 देशों में सर्वे के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा अमेरिका में 507, रूस में 545, यूके में 540, ब्राजील में 351, ईरान में 111 हेल्थ वर्कर्स की मौत कोरोना की वजह से हुई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ रंजन शर्मा के मीडिया में दिए बयान के मुताबिक, भारत में 93 डॉक्टरों की मौत हुई है। साथ ही अभी तक 1279 हेल्थ वर्कर्स संक्रमण का शिकार हुए हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से 771 डॉक्टरों की उम्र 35 साल से कम है जबकि 247 की उम्र 35 से ज्यादा है। इसके साथ ही 261 डॉक्टरों की उम्र 50 से अधिक है। सुरक्षाऔरपीपीई किट की कमी रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोनाकाल में हेल्थ वर्कर्स को सुरक्षा संबंधी चीजों की कमी की वजह से ज्यादा खतरा उत्पन्न हुआ। भारत, पाकिस्तान, ब्राजील सहित कई देशों में पीपीई किट और दूसरी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी रही। भारत में दिल्ली में सबसे ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी कोरोना का शिकार हुए। दिल्ली में कम से कम 18 डॉक्टरों की मौत कोरोना की वजह से हुई है।वजह अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि व डॉक्टरों के पास सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाओं की कमी। हेल्थकर्मियों का कहना है कि गर्मी में देर तक पीपीई किट पहनना सबसे मुश्किल काम है। पीपीई पहनने के बाद वे पानी नहीं पी सकते, खाना नहीं खा सकते, यहां तक कि वॉशरूम भी नहीं जा सकते हैं। वे पसीने से भीग जाते हैं। सैलरी में कटौती, कई देशों में डॉक्टरों को नहीं मिला वेतन रिपोर्ट में हेल्थ वर्कर्स की सैलरी समय पर नहीं मिलने या सैलरी काटने की भी बात कहीगई है। इसके मुताबिक, दुनिया के कई देशों में स्वास्थ्यकर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिला है। साउथ सुडान में फरवरी महीने से डॉक्टरों को सैलरी नहीं मिली है। इसके साथ ही उन्हें वेलफेयर पैकेज या मेडिकल कवर की सुविधा भी नहीं मिली है।रिपोर्ट के मुताबिकडॉक्टर्स अपनी सैलरी से 12 फीसदी पीपीई किट पर खर्च कर रहे हैं। फोटो पटना की है, जहां हेल्थकर्मी इंडियन एयर फोर्स के जवानों का आभार प्रकट कर रहे हैं। कोरोना योद्धाओं के लिए वायु सेना ने हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए थे। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने हेल्थ वर्कर्स को सभी राज्य व केंद्र शासित राज्यों को समय पर वेतन देने के निर्देश दिया था। केंद्र नेसुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए कहा था कि महामारी अधिनियम के तहत इस कानून के उल्लंघन पर आपराधिक केस दर्ज किया जाएगा। इसके तहत संबंधित अस्पताल, संस्थान या प्रशासन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। हेल्थ वर्कर्स के साथ दुर्व्यवहार, हिंसा एमनेस्टी के मुताबिक, कोरोनाकाल में डॉक्टरों व नर्सेज को हिंसा का शिकार भी होना पड़ा। कई देशों में इन्हें हिंसा और हमलों का सामना करना पड़ा।मेक्सिको में एक नर्स पर असमाजिक तत्वों ने क्लोरीन फेंक दिया।फिलीपींस में हमलावरों ने अस्पताल के एक कर्मचारी के चेहरे पर ब्लीचडाल दिया। पाकिस्तान और भारत में भी हेल्थ वर्कर्स को हिंसा का सामना करना पड़ा। डोर टू डोर कैंपेनिंग और सर्वे के दौरान हेल्थ वर्कर्स के साथ दुर्व्यवहार की खबरें भी आईं। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Covid 19 : More than 3,000 healthcare workers are died of the coronavirus https://ift.tt/32hFDpV Dainik Bhaskar दुनियाभर में 3 हजार से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों की मौत; रूस में सबसे अधिक 545 की जान गई, भारत में 93 डॉक्टरों की मौत

दुनिया भर में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 1.30 करोड़ से ज्यादा हो गई है। पिछले 24 घंटों में दुनिया में कोरोना के कुल 214,741 नए मामले सामने आए हैं। भारत की बात करें तो यहांसंक्रमितों की संख्या 9 लाख 33हजार 518 हो गई है। अब तक 5 लाख 73 हजार 691 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 3 लाख 13 हजार 496 लोगों का इलाज चल रहा है। 24, 283 लोगों की जान जा चुकी है।
कोरोनावायरस का कहर कोरोना वॉरियर्स पर भी पड़ा है। इनमें स्वास्थ्यकर्मी बड़ी संख्या में कोरोना का शिकार हुए हैं।एमनेस्टी इंटरनेशनल के रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में कोरोना संक्रमण से 3 हजार से ज्यादा डॉक्टरों की मौत हुई है। इसके पीछे असुरक्षित माहौल में काम करना, लंबे समय तक काम करना, कम वेतन, और कुछ देशों में इनके खिलाफ हिंसा को जिम्मेदार बताया गया है।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में हर 10 में से एक हेल्थकर्मी कोरोना संक्रमण का शिकार हुआ है।

फोटो दिल्ली के लोक नायक अस्पताल की है, जहां डॉक्टर्स कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में जुटे हुए हैं।

बिहार में 24 घंटे में दो डॉक्टरों की कोरोना संक्रमण से मौत का मामला सामने आया है। 54 साल के डॉ अश्वनी नंदकुलियार गया में जनरल फिजिशियन थे और कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे थे। इसी दौरान वे खुद भी संक्रमित हो गए। तबीयत खराब होने के बाद उन्हें पटना एम्स में भर्ती कराया गया था। सोमवार को उनकी मौत हो गई।
वहीं, मंगलवार को कोरोना से पीएमसीएच के एक डॉक्टर की मौत हो गई। डॉक्टर एनके सिंह पीएमसीएच के ईएनटी डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर थे। उन्हें पटना एम्स में भर्ती कराया गया था। पिछले महीनेदिल्ली के लोक नायक अस्पताल के डॉ. अशीम गुप्ता की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी।
सबसे ज्यादा रूस में 545 हेल्थ वर्कर्स की मौत
यूके की एक संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने दुनिया के 79 देशों में सर्वे के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा अमेरिका में 507, रूस में 545, यूके में 540, ब्राजील में 351, ईरान में 111 हेल्थ वर्कर्स की मौत कोरोना की वजह से हुई है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ रंजन शर्मा के मीडिया में दिए बयान के मुताबिक, भारत में 93 डॉक्टरों की मौत हुई है। साथ ही अभी तक 1279 हेल्थ वर्कर्स संक्रमण का शिकार हुए हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से 771 डॉक्टरों की उम्र 35 साल से कम है जबकि 247 की उम्र 35 से ज्यादा है। इसके साथ ही 261 डॉक्टरों की उम्र 50 से अधिक है।


सुरक्षाऔरपीपीई किट की कमी
रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोनाकाल में हेल्थ वर्कर्स को सुरक्षा संबंधी चीजों की कमी की वजह से ज्यादा खतरा उत्पन्न हुआ। भारत, पाकिस्तान, ब्राजील सहित कई देशों में पीपीई किट और दूसरी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी रही। भारत में दिल्ली में सबसे ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी कोरोना का शिकार हुए। दिल्ली में कम से कम 18 डॉक्टरों की मौत कोरोना की वजह से हुई है।वजह अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि व डॉक्टरों के पास सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाओं की कमी।
हेल्थकर्मियों का कहना है कि गर्मी में देर तक पीपीई किट पहनना सबसे मुश्किल काम है। पीपीई पहनने के बाद वे पानी नहीं पी सकते, खाना नहीं खा सकते, यहां तक कि वॉशरूम भी नहीं जा सकते हैं। वे पसीने से भीग जाते हैं।
सैलरी में कटौती, कई देशों में डॉक्टरों को नहीं मिला वेतन
रिपोर्ट में हेल्थ वर्कर्स की सैलरी समय पर नहीं मिलने या सैलरी काटने की भी बात कहीगई है। इसके मुताबिक, दुनिया के कई देशों में स्वास्थ्यकर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिला है। साउथ सुडान में फरवरी महीने से डॉक्टरों को सैलरी नहीं मिली है। इसके साथ ही उन्हें वेलफेयर पैकेज या मेडिकल कवर की सुविधा भी नहीं मिली है।रिपोर्ट के मुताबिकडॉक्टर्स अपनी सैलरी से 12 फीसदी पीपीई किट पर खर्च कर रहे हैं।

फोटो पटना की है, जहां हेल्थकर्मी इंडियन एयर फोर्स के जवानों का आभार प्रकट कर रहे हैं। कोरोना योद्धाओं के लिए वायु सेना ने हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए थे।

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने हेल्थ वर्कर्स को सभी राज्य व केंद्र शासित राज्यों को समय पर वेतन देने के निर्देश दिया था। केंद्र नेसुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए कहा था कि महामारी अधिनियम के तहत इस कानून के उल्लंघन पर आपराधिक केस दर्ज किया जाएगा। इसके तहत संबंधित अस्पताल, संस्थान या प्रशासन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
हेल्थ वर्कर्स के साथ दुर्व्यवहार, हिंसा
एमनेस्टी के मुताबिक, कोरोनाकाल में डॉक्टरों व नर्सेज को हिंसा का शिकार भी होना पड़ा। कई देशों में इन्हें हिंसा और हमलों का सामना करना पड़ा।मेक्सिको में एक नर्स पर असमाजिक तत्वों ने क्लोरीन फेंक दिया।फिलीपींस में हमलावरों ने अस्पताल के एक कर्मचारी के चेहरे पर ब्लीचडाल दिया। पाकिस्तान और भारत में भी हेल्थ वर्कर्स को हिंसा का सामना करना पड़ा। डोर टू डोर कैंपेनिंग और सर्वे के दौरान हेल्थ वर्कर्स के साथ दुर्व्यवहार की खबरें भी आईं।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Covid 19 : More than 3,000 healthcare workers are died of the coronavirus


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2WkvJA0
via IFTTT
via Blogger https://ift.tt/3fvZepU
July 15, 2020 at 06:13AM
https://ift.tt/32hFDpV दुनिया भर में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 1.30 करोड़ से ज्यादा हो गई है। पिछले 24 घंटों में दुनिया में कोरोना के कुल 214,741 नए मामले सामने आए हैं। भारत की बात करें तो यहांसंक्रमितों की संख्या 9 लाख 33हजार 518 हो गई है। अब तक 5 लाख 73 हजार 691 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 3 लाख 13 हजार 496 लोगों का इलाज चल रहा है। 24, 283 लोगों की जान जा चुकी है।कोरोनावायरस का कहर कोरोना वॉरियर्स पर भी पड़ा है। इनमें स्वास्थ्यकर्मी बड़ी संख्या में कोरोना का शिकार हुए हैं।एमनेस्टी इंटरनेशनल के रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में कोरोना संक्रमण से 3 हजार से ज्यादा डॉक्टरों की मौत हुई है। इसके पीछे असुरक्षित माहौल में काम करना, लंबे समय तक काम करना, कम वेतन, और कुछ देशों में इनके खिलाफ हिंसा को जिम्मेदार बताया गया है।सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में हर 10 में से एक हेल्थकर्मी कोरोना संक्रमण का शिकार हुआ है।फोटो दिल्ली के लोक नायक अस्पताल की है, जहां डॉक्टर्स कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में जुटे हुए हैं।बिहार में 24 घंटे में दो डॉक्टरों की कोरोना संक्रमण से मौत का मामला सामने आया है। 54 साल के डॉ अश्वनी नंदकुलियार गया में जनरल फिजिशियन थे और कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे थे। इसी दौरान वे खुद भी संक्रमित हो गए। तबीयत खराब होने के बाद उन्हें पटना एम्स में भर्ती कराया गया था। सोमवार को उनकी मौत हो गई।वहीं, मंगलवार को कोरोना से पीएमसीएच के एक डॉक्टर की मौत हो गई। डॉक्टर एनके सिंह पीएमसीएच के ईएनटी डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर थे। उन्हें पटना एम्स में भर्ती कराया गया था। पिछले महीनेदिल्ली के लोक नायक अस्पताल के डॉ. अशीम गुप्ता की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी।सबसे ज्यादा रूस में 545 हेल्थ वर्कर्स की मौतयूके की एक संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने दुनिया के 79 देशों में सर्वे के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा अमेरिका में 507, रूस में 545, यूके में 540, ब्राजील में 351, ईरान में 111 हेल्थ वर्कर्स की मौत कोरोना की वजह से हुई है।इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ रंजन शर्मा के मीडिया में दिए बयान के मुताबिक, भारत में 93 डॉक्टरों की मौत हुई है। साथ ही अभी तक 1279 हेल्थ वर्कर्स संक्रमण का शिकार हुए हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से 771 डॉक्टरों की उम्र 35 साल से कम है जबकि 247 की उम्र 35 से ज्यादा है। इसके साथ ही 261 डॉक्टरों की उम्र 50 से अधिक है।सुरक्षाऔरपीपीई किट की कमीरिपोर्ट के मुताबिक, कोरोनाकाल में हेल्थ वर्कर्स को सुरक्षा संबंधी चीजों की कमी की वजह से ज्यादा खतरा उत्पन्न हुआ। भारत, पाकिस्तान, ब्राजील सहित कई देशों में पीपीई किट और दूसरी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी रही। भारत में दिल्ली में सबसे ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी कोरोना का शिकार हुए। दिल्ली में कम से कम 18 डॉक्टरों की मौत कोरोना की वजह से हुई है।वजह अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि व डॉक्टरों के पास सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाओं की कमी।हेल्थकर्मियों का कहना है कि गर्मी में देर तक पीपीई किट पहनना सबसे मुश्किल काम है। पीपीई पहनने के बाद वे पानी नहीं पी सकते, खाना नहीं खा सकते, यहां तक कि वॉशरूम भी नहीं जा सकते हैं। वे पसीने से भीग जाते हैं।सैलरी में कटौती, कई देशों में डॉक्टरों को नहीं मिला वेतनरिपोर्ट में हेल्थ वर्कर्स की सैलरी समय पर नहीं मिलने या सैलरी काटने की भी बात कहीगई है। इसके मुताबिक, दुनिया के कई देशों में स्वास्थ्यकर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिला है। साउथ सुडान में फरवरी महीने से डॉक्टरों को सैलरी नहीं मिली है। इसके साथ ही उन्हें वेलफेयर पैकेज या मेडिकल कवर की सुविधा भी नहीं मिली है।रिपोर्ट के मुताबिकडॉक्टर्स अपनी सैलरी से 12 फीसदी पीपीई किट पर खर्च कर रहे हैं।फोटो पटना की है, जहां हेल्थकर्मी इंडियन एयर फोर्स के जवानों का आभार प्रकट कर रहे हैं। कोरोना योद्धाओं के लिए वायु सेना ने हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए थे।हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने हेल्थ वर्कर्स को सभी राज्य व केंद्र शासित राज्यों को समय पर वेतन देने के निर्देश दिया था। केंद्र नेसुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए कहा था कि महामारी अधिनियम के तहत इस कानून के उल्लंघन पर आपराधिक केस दर्ज किया जाएगा। इसके तहत संबंधित अस्पताल, संस्थान या प्रशासन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।हेल्थ वर्कर्स के साथ दुर्व्यवहार, हिंसाएमनेस्टी के मुताबिक, कोरोनाकाल में डॉक्टरों व नर्सेज को हिंसा का शिकार भी होना पड़ा। कई देशों में इन्हें हिंसा और हमलों का सामना करना पड़ा।मेक्सिको में एक नर्स पर असमाजिक तत्वों ने क्लोरीन फेंक दिया।फिलीपींस में हमलावरों ने अस्पताल के एक कर्मचारी के चेहरे पर ब्लीचडाल दिया। पाकिस्तान और भारत में भी हेल्थ वर्कर्स को हिंसा का सामना करना पड़ा। डोर टू डोर कैंपेनिंग और सर्वे के दौरान हेल्थ वर्कर्स के साथ दुर्व्यवहार की खबरें भी आईं।आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करेंCovid 19 : More than 3,000 healthcare workers are died of the coronavirusfrom Dainik Bhaskar https://ift.tt/2WkvJA0via IFTTT https://ift.tt/3fvZepU दुनिया भर में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 1.30 करोड़ से ज्यादा हो गई है। पिछले 24 घंटों में दुनिया में कोरोना के कुल 214,741 नए मामले सामने आए हैं। भारत की बात करें तो यहांसंक्रमितों की संख्या 9 लाख 33हजार 518 हो गई है। अब तक 5 लाख 73 हजार 691 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 3 लाख 13 हजार 496 लोगों का इलाज चल रहा है। 24, 283 लोगों की जान जा चुकी है। कोरोनावायरस का कहर कोरोना वॉरियर्स पर भी पड़ा है। इनमें स्वास्थ्यकर्मी बड़ी संख्या में कोरोना का शिकार हुए हैं।एमनेस्टी इंटरनेशनल के रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में कोरोना संक्रमण से 3 हजार से ज्यादा डॉक्टरों की मौत हुई है। इसके पीछे असुरक्षित माहौल में काम करना, लंबे समय तक काम करना, कम वेतन, और कुछ देशों में इनके खिलाफ हिंसा को जिम्मेदार बताया गया है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में हर 10 में से एक हेल्थकर्मी कोरोना संक्रमण का शिकार हुआ है। फोटो दिल्ली के लोक नायक अस्पताल की है, जहां डॉक्टर्स कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में जुटे हुए हैं। बिहार में 24 घंटे में दो डॉक्टरों की कोरोना संक्रमण से मौत का मामला सामने आया है। 54 साल के डॉ अश्वनी नंदकुलियार गया में जनरल फिजिशियन थे और कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे थे। इसी दौरान वे खुद भी संक्रमित हो गए। तबीयत खराब होने के बाद उन्हें पटना एम्स में भर्ती कराया गया था। सोमवार को उनकी मौत हो गई। वहीं, मंगलवार को कोरोना से पीएमसीएच के एक डॉक्टर की मौत हो गई। डॉक्टर एनके सिंह पीएमसीएच के ईएनटी डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर थे। उन्हें पटना एम्स में भर्ती कराया गया था। पिछले महीनेदिल्ली के लोक नायक अस्पताल के डॉ. अशीम गुप्ता की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी। सबसे ज्यादा रूस में 545 हेल्थ वर्कर्स की मौत यूके की एक संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने दुनिया के 79 देशों में सर्वे के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा अमेरिका में 507, रूस में 545, यूके में 540, ब्राजील में 351, ईरान में 111 हेल्थ वर्कर्स की मौत कोरोना की वजह से हुई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ रंजन शर्मा के मीडिया में दिए बयान के मुताबिक, भारत में 93 डॉक्टरों की मौत हुई है। साथ ही अभी तक 1279 हेल्थ वर्कर्स संक्रमण का शिकार हुए हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से 771 डॉक्टरों की उम्र 35 साल से कम है जबकि 247 की उम्र 35 से ज्यादा है। इसके साथ ही 261 डॉक्टरों की उम्र 50 से अधिक है। सुरक्षाऔरपीपीई किट की कमी रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोनाकाल में हेल्थ वर्कर्स को सुरक्षा संबंधी चीजों की कमी की वजह से ज्यादा खतरा उत्पन्न हुआ। भारत, पाकिस्तान, ब्राजील सहित कई देशों में पीपीई किट और दूसरी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी रही। भारत में दिल्ली में सबसे ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी कोरोना का शिकार हुए। दिल्ली में कम से कम 18 डॉक्टरों की मौत कोरोना की वजह से हुई है।वजह अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि व डॉक्टरों के पास सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाओं की कमी। हेल्थकर्मियों का कहना है कि गर्मी में देर तक पीपीई किट पहनना सबसे मुश्किल काम है। पीपीई पहनने के बाद वे पानी नहीं पी सकते, खाना नहीं खा सकते, यहां तक कि वॉशरूम भी नहीं जा सकते हैं। वे पसीने से भीग जाते हैं। सैलरी में कटौती, कई देशों में डॉक्टरों को नहीं मिला वेतन रिपोर्ट में हेल्थ वर्कर्स की सैलरी समय पर नहीं मिलने या सैलरी काटने की भी बात कहीगई है। इसके मुताबिक, दुनिया के कई देशों में स्वास्थ्यकर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिला है। साउथ सुडान में फरवरी महीने से डॉक्टरों को सैलरी नहीं मिली है। इसके साथ ही उन्हें वेलफेयर पैकेज या मेडिकल कवर की सुविधा भी नहीं मिली है।रिपोर्ट के मुताबिकडॉक्टर्स अपनी सैलरी से 12 फीसदी पीपीई किट पर खर्च कर रहे हैं। फोटो पटना की है, जहां हेल्थकर्मी इंडियन एयर फोर्स के जवानों का आभार प्रकट कर रहे हैं। कोरोना योद्धाओं के लिए वायु सेना ने हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए थे। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने हेल्थ वर्कर्स को सभी राज्य व केंद्र शासित राज्यों को समय पर वेतन देने के निर्देश दिया था। केंद्र नेसुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए कहा था कि महामारी अधिनियम के तहत इस कानून के उल्लंघन पर आपराधिक केस दर्ज किया जाएगा। इसके तहत संबंधित अस्पताल, संस्थान या प्रशासन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। हेल्थ वर्कर्स के साथ दुर्व्यवहार, हिंसा एमनेस्टी के मुताबिक, कोरोनाकाल में डॉक्टरों व नर्सेज को हिंसा का शिकार भी होना पड़ा। कई देशों में इन्हें हिंसा और हमलों का सामना करना पड़ा।मेक्सिको में एक नर्स पर असमाजिक तत्वों ने क्लोरीन फेंक दिया।फिलीपींस में हमलावरों ने अस्पताल के एक कर्मचारी के चेहरे पर ब्लीचडाल दिया। पाकिस्तान और भारत में भी हेल्थ वर्कर्स को हिंसा का सामना करना पड़ा। डोर टू डोर कैंपेनिंग और सर्वे के दौरान हेल्थ वर्कर्स के साथ दुर्व्यवहार की खबरें भी आईं। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Covid 19 : More than 3,000 healthcare workers are died of the coronavirus https://ift.tt/32hFDpV Dainik Bhaskar दुनियाभर में 3 हजार से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों की मौत; रूस में सबसे अधिक 545 की जान गई, भारत में 93 डॉक्टरों की मौत https://ift.tt/32hFDpV दुनिया भर में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 1.30 करोड़ से ज्यादा हो गई है। पिछले 24 घंटों में दुनिया में कोरोना के कुल 214,741 नए मामले सामने आए हैं। भारत की बात करें तो यहांसंक्रमितों की संख्या 9 लाख 33हजार 518 हो गई है। अब तक 5 लाख 73 हजार 691 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 3 लाख 13 हजार 496 लोगों का इलाज चल रहा है। 24, 283 लोगों की जान जा चुकी है।कोरोनावायरस का कहर कोरोना वॉरियर्स पर भी पड़ा है। इनमें स्वास्थ्यकर्मी बड़ी संख्या में कोरोना का शिकार हुए हैं।एमनेस्टी इंटरनेशनल के रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में कोरोना संक्रमण से 3 हजार से ज्यादा डॉक्टरों की मौत हुई है। इसके पीछे असुरक्षित माहौल में काम करना, लंबे समय तक काम करना, कम वेतन, और कुछ देशों में इनके खिलाफ हिंसा को जिम्मेदार बताया गया है।सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में हर 10 में से एक हेल्थकर्मी कोरोना संक्रमण का शिकार हुआ है।फोटो दिल्ली के लोक नायक अस्पताल की है, जहां डॉक्टर्स कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में जुटे हुए हैं।बिहार में 24 घंटे में दो डॉक्टरों की कोरोना संक्रमण से मौत का मामला सामने आया है। 54 साल के डॉ अश्वनी नंदकुलियार गया में जनरल फिजिशियन थे और कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे थे। इसी दौरान वे खुद भी संक्रमित हो गए। तबीयत खराब होने के बाद उन्हें पटना एम्स में भर्ती कराया गया था। सोमवार को उनकी मौत हो गई।वहीं, मंगलवार को कोरोना से पीएमसीएच के एक डॉक्टर की मौत हो गई। डॉक्टर एनके सिंह पीएमसीएच के ईएनटी डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर थे। उन्हें पटना एम्स में भर्ती कराया गया था। पिछले महीनेदिल्ली के लोक नायक अस्पताल के डॉ. अशीम गुप्ता की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी।सबसे ज्यादा रूस में 545 हेल्थ वर्कर्स की मौतयूके की एक संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने दुनिया के 79 देशों में सर्वे के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा अमेरिका में 507, रूस में 545, यूके में 540, ब्राजील में 351, ईरान में 111 हेल्थ वर्कर्स की मौत कोरोना की वजह से हुई है।इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ रंजन शर्मा के मीडिया में दिए बयान के मुताबिक, भारत में 93 डॉक्टरों की मौत हुई है। साथ ही अभी तक 1279 हेल्थ वर्कर्स संक्रमण का शिकार हुए हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से 771 डॉक्टरों की उम्र 35 साल से कम है जबकि 247 की उम्र 35 से ज्यादा है। इसके साथ ही 261 डॉक्टरों की उम्र 50 से अधिक है।सुरक्षाऔरपीपीई किट की कमीरिपोर्ट के मुताबिक, कोरोनाकाल में हेल्थ वर्कर्स को सुरक्षा संबंधी चीजों की कमी की वजह से ज्यादा खतरा उत्पन्न हुआ। भारत, पाकिस्तान, ब्राजील सहित कई देशों में पीपीई किट और दूसरी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी रही। भारत में दिल्ली में सबसे ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी कोरोना का शिकार हुए। दिल्ली में कम से कम 18 डॉक्टरों की मौत कोरोना की वजह से हुई है।वजह अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि व डॉक्टरों के पास सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाओं की कमी।हेल्थकर्मियों का कहना है कि गर्मी में देर तक पीपीई किट पहनना सबसे मुश्किल काम है। पीपीई पहनने के बाद वे पानी नहीं पी सकते, खाना नहीं खा सकते, यहां तक कि वॉशरूम भी नहीं जा सकते हैं। वे पसीने से भीग जाते हैं।सैलरी में कटौती, कई देशों में डॉक्टरों को नहीं मिला वेतनरिपोर्ट में हेल्थ वर्कर्स की सैलरी समय पर नहीं मिलने या सैलरी काटने की भी बात कहीगई है। इसके मुताबिक, दुनिया के कई देशों में स्वास्थ्यकर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिला है। साउथ सुडान में फरवरी महीने से डॉक्टरों को सैलरी नहीं मिली है। इसके साथ ही उन्हें वेलफेयर पैकेज या मेडिकल कवर की सुविधा भी नहीं मिली है।रिपोर्ट के मुताबिकडॉक्टर्स अपनी सैलरी से 12 फीसदी पीपीई किट पर खर्च कर रहे हैं।फोटो पटना की है, जहां हेल्थकर्मी इंडियन एयर फोर्स के जवानों का आभार प्रकट कर रहे हैं। कोरोना योद्धाओं के लिए वायु सेना ने हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए थे।हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने हेल्थ वर्कर्स को सभी राज्य व केंद्र शासित राज्यों को समय पर वेतन देने के निर्देश दिया था। केंद्र नेसुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए कहा था कि महामारी अधिनियम के तहत इस कानून के उल्लंघन पर आपराधिक केस दर्ज किया जाएगा। इसके तहत संबंधित अस्पताल, संस्थान या प्रशासन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।हेल्थ वर्कर्स के साथ दुर्व्यवहार, हिंसाएमनेस्टी के मुताबिक, कोरोनाकाल में डॉक्टरों व नर्सेज को हिंसा का शिकार भी होना पड़ा। कई देशों में इन्हें हिंसा और हमलों का सामना करना पड़ा।मेक्सिको में एक नर्स पर असमाजिक तत्वों ने क्लोरीन फेंक दिया।फिलीपींस में हमलावरों ने अस्पताल के एक कर्मचारी के चेहरे पर ब्लीचडाल दिया। पाकिस्तान और भारत में भी हेल्थ वर्कर्स को हिंसा का सामना करना पड़ा। डोर टू डोर कैंपेनिंग और सर्वे के दौरान हेल्थ वर्कर्स के साथ दुर्व्यवहार की खबरें भी आईं।आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करेंCovid 19 : More than 3,000 healthcare workers are died of the coronavirusfrom Dainik Bhaskar https://ift.tt/2WkvJA0via IFTTT https://ift.tt/3fvZepU दुनिया भर में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 1.30 करोड़ से ज्यादा हो गई है। पिछले 24 घंटों में दुनिया में कोरोना के कुल 214,741 नए मामले सामने आए हैं। भारत की बात करें तो यहांसंक्रमितों की संख्या 9 लाख 33हजार 518 हो गई है। अब तक 5 लाख 73 हजार 691 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 3 लाख 13 हजार 496 लोगों का इलाज चल रहा है। 24, 283 लोगों की जान जा चुकी है। कोरोनावायरस का कहर कोरोना वॉरियर्स पर भी पड़ा है। इनमें स्वास्थ्यकर्मी बड़ी संख्या में कोरोना का शिकार हुए हैं।एमनेस्टी इंटरनेशनल के रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में कोरोना संक्रमण से 3 हजार से ज्यादा डॉक्टरों की मौत हुई है। इसके पीछे असुरक्षित माहौल में काम करना, लंबे समय तक काम करना, कम वेतन, और कुछ देशों में इनके खिलाफ हिंसा को जिम्मेदार बताया गया है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में हर 10 में से एक हेल्थकर्मी कोरोना संक्रमण का शिकार हुआ है। फोटो दिल्ली के लोक नायक अस्पताल की है, जहां डॉक्टर्स कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में जुटे हुए हैं। बिहार में 24 घंटे में दो डॉक्टरों की कोरोना संक्रमण से मौत का मामला सामने आया है। 54 साल के डॉ अश्वनी नंदकुलियार गया में जनरल फिजिशियन थे और कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे थे। इसी दौरान वे खुद भी संक्रमित हो गए। तबीयत खराब होने के बाद उन्हें पटना एम्स में भर्ती कराया गया था। सोमवार को उनकी मौत हो गई। वहीं, मंगलवार को कोरोना से पीएमसीएच के एक डॉक्टर की मौत हो गई। डॉक्टर एनके सिंह पीएमसीएच के ईएनटी डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर थे। उन्हें पटना एम्स में भर्ती कराया गया था। पिछले महीनेदिल्ली के लोक नायक अस्पताल के डॉ. अशीम गुप्ता की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी। सबसे ज्यादा रूस में 545 हेल्थ वर्कर्स की मौत यूके की एक संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने दुनिया के 79 देशों में सर्वे के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा अमेरिका में 507, रूस में 545, यूके में 540, ब्राजील में 351, ईरान में 111 हेल्थ वर्कर्स की मौत कोरोना की वजह से हुई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ रंजन शर्मा के मीडिया में दिए बयान के मुताबिक, भारत में 93 डॉक्टरों की मौत हुई है। साथ ही अभी तक 1279 हेल्थ वर्कर्स संक्रमण का शिकार हुए हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से 771 डॉक्टरों की उम्र 35 साल से कम है जबकि 247 की उम्र 35 से ज्यादा है। इसके साथ ही 261 डॉक्टरों की उम्र 50 से अधिक है। सुरक्षाऔरपीपीई किट की कमी रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोनाकाल में हेल्थ वर्कर्स को सुरक्षा संबंधी चीजों की कमी की वजह से ज्यादा खतरा उत्पन्न हुआ। भारत, पाकिस्तान, ब्राजील सहित कई देशों में पीपीई किट और दूसरी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी रही। भारत में दिल्ली में सबसे ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी कोरोना का शिकार हुए। दिल्ली में कम से कम 18 डॉक्टरों की मौत कोरोना की वजह से हुई है।वजह अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि व डॉक्टरों के पास सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाओं की कमी। हेल्थकर्मियों का कहना है कि गर्मी में देर तक पीपीई किट पहनना सबसे मुश्किल काम है। पीपीई पहनने के बाद वे पानी नहीं पी सकते, खाना नहीं खा सकते, यहां तक कि वॉशरूम भी नहीं जा सकते हैं। वे पसीने से भीग जाते हैं। सैलरी में कटौती, कई देशों में डॉक्टरों को नहीं मिला वेतन रिपोर्ट में हेल्थ वर्कर्स की सैलरी समय पर नहीं मिलने या सैलरी काटने की भी बात कहीगई है। इसके मुताबिक, दुनिया के कई देशों में स्वास्थ्यकर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिला है। साउथ सुडान में फरवरी महीने से डॉक्टरों को सैलरी नहीं मिली है। इसके साथ ही उन्हें वेलफेयर पैकेज या मेडिकल कवर की सुविधा भी नहीं मिली है।रिपोर्ट के मुताबिकडॉक्टर्स अपनी सैलरी से 12 फीसदी पीपीई किट पर खर्च कर रहे हैं। फोटो पटना की है, जहां हेल्थकर्मी इंडियन एयर फोर्स के जवानों का आभार प्रकट कर रहे हैं। कोरोना योद्धाओं के लिए वायु सेना ने हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए थे। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने हेल्थ वर्कर्स को सभी राज्य व केंद्र शासित राज्यों को समय पर वेतन देने के निर्देश दिया था। केंद्र नेसुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए कहा था कि महामारी अधिनियम के तहत इस कानून के उल्लंघन पर आपराधिक केस दर्ज किया जाएगा। इसके तहत संबंधित अस्पताल, संस्थान या प्रशासन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। हेल्थ वर्कर्स के साथ दुर्व्यवहार, हिंसा एमनेस्टी के मुताबिक, कोरोनाकाल में डॉक्टरों व नर्सेज को हिंसा का शिकार भी होना पड़ा। कई देशों में इन्हें हिंसा और हमलों का सामना करना पड़ा।मेक्सिको में एक नर्स पर असमाजिक तत्वों ने क्लोरीन फेंक दिया।फिलीपींस में हमलावरों ने अस्पताल के एक कर्मचारी के चेहरे पर ब्लीचडाल दिया। पाकिस्तान और भारत में भी हेल्थ वर्कर्स को हिंसा का सामना करना पड़ा। डोर टू डोर कैंपेनिंग और सर्वे के दौरान हेल्थ वर्कर्स के साथ दुर्व्यवहार की खबरें भी आईं। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Covid 19 : More than 3,000 healthcare workers are died of the coronavirus https://ift.tt/32hFDpV Dainik Bhaskar दुनियाभर में 3 हजार से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों की मौत; रूस में सबसे अधिक 545 की जान गई, भारत में 93 डॉक्टरों की मौत Reviewed by Manish Pethev on July 15, 2020 Rating: 5

No comments:

If you have any suggestions please send me a comment.

Flickr

Powered by Blogger.