Live: Covid deaths top 30k with record rise of 750
https://ift.tt/eA8V8J Deaths from the Covid-19 pandemic in India crossed 30,000 and India’s toll rose to the sixth highest in the world on Thursday, even as fresh cases surged to another new high, crossing 48,000 for the first time. Stay with TOI for the latest developments
from RSS feed https://ift.tt/3hA9n5P
via IFTTT
from RSS feed https://ift.tt/3hA9n5P
via IFTTT
Live: Covid deaths top 30k with record rise of 750
Reviewed by Manish Pethev
on
July 24, 2020
Rating: 5
- Next आज तारीख 24 जुलाई, दिन शुक्रवार। कहें तो जुमे का दिन। अचानक गर्माया मौसम फिर मिजाज बदल रहा है और बादलों की आहटों को देख लगता है कि रुठा मानसून फिर मेहरबान होगा। आज अजीम प्रेमजी का 75वां जन्मदिन भी है जो भारत के सबसे बड़े परोपकारी दानदाता भी हैं। प्रेमजी कहते हैं, ‘सफलता दो बार हासिल होती है, एक बार मन में और दूसरी बार असल दुनिया में’। सफलता की इसी प्रेमजी वाली सोच के साथ दैनिक भास्कर मॉर्निंग ब्रीफ में आज सबसे पहले ऐसी दो खबरें, जो भारतीय सेना और देश की नारी को नई ताकत देगी - 1. सेना में स्थायी नारी शक्ति की राह तैयार इंतजार का फल सचमुच मीठा होता है, क्योंकि 17 साल की कानूनी लड़ाई के बाद भारतीय सेना में महिलाओं को बराबरी का हक मिलने जा रहा है। सरकार ने उन्हें स्थायी कमीशन देने का आदेश जारी कर दिया है। इसके बाद महिलाओं को सेना की सभी 10 स्ट्रीम- आर्मी एयर डिफेंस, सिग्नल, इंजीनियर, आर्मी एविएशन, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर, आर्मी सर्विस कॉर्प, इंटेलीजेंस, जज, एडवोकेट जनरल और एजुकेशनल कॉर्प में परमानेंट कमीशन मिल पाएगा। बधाई की पात्र हैं वकील बबीता पुनिया और अन्य 9 महिलाएं, जिन्होंने 2003 से लेकर 2010 के बीच कोर्ट में इस मामले को जमकर लड़ा और तमाम अड़ंगों के बावजूद जीत हासिल की। पढ़ें: पूरी खबर 2. राफेल से इसलिए ज्यादा डरेंगे पड़ोसी दुश्मन ताकत वही जो मुश्किल वक्त में काम आए, और राफेल फाइटर जेट को लेकर तो अभी यही कहा जा रहा है। इसीलिए, इस महीने के आखिर में मिलने वाले राफेल को और ज्यादा ताकतवर बनाया जा रहा है। वायुसेना इसे खतरनाक हैमर मिसाइल से लैस करेगी जो लद्दाख जैसे इलाके में 70 किमी रेंज में बंकरों को तबाह कर सकती है। इसके लिए निर्माता देश फ्रांस को इमरजेंसी ऑर्डर कर दिए गए हैं।फ्रांसभी अच्छे दोस्त की तरह साथ खड़ा है। हमारी जरूरत को देखते हुए फ्रांस ने किसी और के लिए तैयार स्टॉक में से हैमर देने का फैसला किया है। पढ़ें: पूरी खबर अब तीसरी खबर में बात उस राजनीति की जिसमें सत्ता के खेल निराले हैं, और गजब की बात यह कि जनता अपने लिए बड़ी उम्मीदों सेनेता चुनती हैं और आखिर में नेता अपने लिए सिर्फसत्ता - 3. राजस्थान की उलझन कोर्ट से सुलझेगी राजस्थान की सियासत अब नेताओं के कम और न्यायालय के हाथों में ज्यादा है। आज का दिन अहम है क्योंकि राजस्थान हाईकोर्ट सचिन पायलट के 19 बागी विधायकों को अयोग्यता नोटिस के खिलाफ याचिका पर फैसला देने वाली है। लेकिन, उससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस सुनवाई को रोकने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने स्पीकर सीपी जोशी की ओर से उतरे वकील कपिल सिब्बल से पूछा कि, क्या जनता के चुने हुए नेता को विरोध जताने का हक नहीं, क्या लोकतंत्र में इस तरह किसी को चुप कराया जा सकता है? पढ़ें: पूरी खबर अब चौथी खबर में बात उस अटके फैसले की, जिसके लिए भारत के लोग बीते 4 साल सेबेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, पर ब्रिटेन है कि माल्या को लेकर मानता ही नहीं- 4. भगोड़े माल्या की भारत वापसी अभी दूर शराब कारोबारी विजय माल्या 9000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के बाद बीते 4 साल से लुकाछुपी का खेल खेल रहा है। लंदन में बैठे माल्या की तमाम याचिकाएं खारिज करने के बाद ब्रिटेन उसे भारत को कब सौंपेगा, इसकी कोई पक्की तारीख अब तक नहीं निकली है। गुरुवार को मीडिया ब्रीफिंग के दौरान ब्रिटिशहाईकमिश्नर सर फिलिप बार्टन ने कहा कि हम माल्या के प्रत्यर्पण के लिए समय-सीमा निर्धारित नहीं कर सकते। उन्होंने यह भरोसा जरूर दिलाया किब्रिटेन यह निश्चित करेगा किअपराधी देश की सीमाओं को पार कर सजा से बच नहीं सकते। पढ़ें: पूरी खबर पांचवीं खबर, उस आस्था से जुड़ी जो आने वाले साढ़े तीन सुर्खियों में रहेगी, आखिर 500 साल बाद रामजी को उनका मंदिर जो मिलने वाला है, पर उससे पहले कुछ खींचतान – 5. क्या राम मंदिर के भूमि पूजन का समय अशुभ है? अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की नींव 5 अगस्त, बुधवार की दोपहर में रखी जानी है। पीएम मोदी नींव में ईंट और बाकी तमाम पवित्र सामग्रियां रखकर निर्माण का शुभारंभ करेंगे। लेकिन, ईंट रखने का जो मुहूर्त चुना गया है, उस पर धर्माचार्यों में तकरार शुरू हो गई है। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि भूमि पूजन का समय अशुभ है। भाद्रपद में किया गया कोई भी शुभारंभ विनाशकारी होता है। हालांकि, राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने इस आशंका को खारिज कर दिया है। पढ़ें: पूरी खबर राम मंदिर निर्माण पर तो पंडित लोग बहस करके रास्ता निकाल ही लेंगे, पर हम छठीं खबर के रूप में अब जान लेते हैं हमारे लिए आज शुभ क्या है- 6. क्या कहते हैं आपके नक्षत्र, अंक औरकार्ड राशिफल: एस्ट्रोलॉजर डॉ. अजय भाम्बी के अनुसार आज पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र होने से सिद्धि योग बन रहा है। इस शुभ योग के प्रभाव से सोचे हुए काम पूरे हो जाते हैं। जॉब और बिजनेस में फायदा होता है। रुका हुआ पैसा भी मिलने के योग बन रहे हैं। पढ़ें : पूरा राशिफल अंक राशिफल: न्यूमेरोलॉजिस्ट डॉ. कुमार गणेश के अनुसार शुक्रवार, 24 जुलाई का मूलांक 6, भाग्यांक 8, दिन अंक 6, मासांक 7 और चलित अंक 2, 7 है। आज अंक 2, 7 के साथ अंक 6, 8 की मित्र युति बनी हुई है। पढ़ें : पूरा अंक राशिफल टैरो राशिफल: टैरो कार्ड रीडर शीला एम. बजाज के मुताबिक आज 12 में से 8 राशियों के लिए दिन आर्थिक लाभ देने और नए प्लान पर कम करने का हो सकता है। कुछ लोगों को लाभ कमाने का कोई बड़ा अवसर मिल सकता है। पढ़ें : पूरा टैरोराशिफल आज के दिन महत्व: आजसावन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी है। इसे विनायकी चतुर्थी कहते हैं। ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार इस बार शुक्रवार को चतुर्थी होने से गणेशजी के साथ ही विष्णुजी और देवी लक्ष्मी की भी विशेष पूजा जरूर करें। पढ़ें: पूजन का विधि-विधान आखिर में, देख लेते हैं कि आज आप किन खबरों पर नजर रख सकते हैं और उन्हें दैनिक भास्कर ऐप पर पढ़ने के बाद शेयर भीकर सकते हैं- 7. आजइन 5 खबरों पर रहेगी नजर आज राजस्थान हाईकोर्ट स्पीकर की ओर से भेजे गए अयोग्यता नोटिस के खिलाफ सचिन पायलट के 19 बागी विधायकों की याचिका पर फैसला सुनाएगी। आज अगर फैसला आ जाता है तो जयपुर में ठहरी हुईलड़ाई का नया मोर्चा दिल्ली में खुल जाएगा। एक तरफ राम मंदिर निर्माण का माहौल है तो दूसरी तरफ बाबरी ढांचे को गिराने की साजिश में आरोपी लालकृष्ण आडवाणी का बयान आज दर्ज किया जाएगा। 32 आरोपियों में से एक 92 वर्षीय आडवाणी का बयान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से दर्ज किया जाएगा। आज 170 मीटर लम्बा ऐस्टेरॉयड यानी क्षुद्रग्रह धरती के करीब से गुजरेगा। नासा ने इसे Asteroid 2020 ND नाम दिया है। यह करीब 48 हजार किमी प्रति घंटा की स्पीड से 50 लाख किमी दूर से गुजरेगा। इसे ‘पोटेंशियली डेंजरस’ कैटेगरी में रखा गया है। आज कोरोना से फ्रंटलाइन में खड़े होकर लड़ रहे डॉक्टर्स अपने खिलाफ हो रही हिंसा के विरोध में काला बैंड पहनकर विरोध जताएंगे। ये आवाज कर्नाटक रेजिडेंट डॉक्टर संघ ने उठाई है। इसके साथ ही आज से मप्र के भोपाल, जम्मू-कश्मीर, प.बंगाल समेत कई जगह फिर से लॉकडाउन शुरू होगा। आज सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म ‘दिल बेचारा’ का ऑनलाइन प्रीमियर होगा और आज से लेकर 31 जुलाई तक कुल 5 बड़ी फिल्में आप OTT प्लेटफॉर्म पर देख सकेंगे। इनमें 31 तारीख को एक साथ 4 बड़ी फिल्मों का क्लेश भी होगा। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Rajasthan politics|High court Indian Army, Nari Shakti and Rafale missile|News Brief/Dainik Bhaskar Morning Latest [Updates]; Rajasthan, Ashok Gehlot, Sachin Pilot, Ram Mandir & Aaj Ka Rashifal https://ift.tt/2WQsr7S Dainik Bhaskar सेना को नारी शक्ति और राफेल को मिसाइल की ताकत मिलेगी, लेकिन क्या राजस्थान में पायलट भर पाएंगे उड़ान, फैसला आज
- Previous कुछ राष्ट्रपति चुनावों से पहले मुसीबत में फंसते हैं तो विदेश में कहीं युद्ध छिड़वाकर ध्यान भटकाते हैं। ट्रम्प शायद घर में ही युद्ध शुरू कर ऐसा करना चाहते हैं। सचेत रहें, उनकी इच्छा शायद पूरी हो जाए। ट्रम्प की टीम द्वारा कोरोना को संभालने के बारे में इतिहासकार बस इतना ही लिखेंगे: ‘उन्होंने ऐसे बात की जैसे चीन की तरह लॉकडाउन कर देंगे। ऐसे काम किया जैसा स्वीडन की तरह हर्ड इम्युनिटी पा लेंगे।लेकिन तैयारी दोनों की नहीं की और दावा दोनों से बेहतर होने का किया। अंत में अमेरिका अनियंत्रित वायरस और भयंकर बेरोजगारी का शिकार हो गया। बिजनेस बंद हो गए, स्कूल-यूनिवर्सिटी लकवाग्रस्त हो गए। ट्रम्प के चुनावी आंकड़े गिर गए। जो बिडेनकी राष्ट्रीय सर्वे में 15 अंकों की बढ़त के साथ शुरुआत हुई।इसलिए अपने अभियान को बचाने को आतुर ट्रम्प को मध्य-पूर्व के तानाशाह की आधिकारिक हैंडबुक में वह मिल गया जिसे वे तलाश रहे थे। ‘क्या करें जब आपके लोग आप ही के खिलाफ हो जाएं?’ शीर्षक का अध्याय। जिसका जवाब था: उन्हें एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा कर दें और फिर खुद को कानून-व्यवस्था के एकमात्र स्रोत की तरह पेश करें।’खुशकिस्मती से अमेरिका सीरिया नहीं है, फिर भी ट्रम्प वही तरीका अपना रहे हैं जो बशर अल-असद ने 2011 में अपनाया था, जब सीरिया में लोकतांत्रिक सुधारों की मांग के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन शुरू हुए थे। अल-असद सत्ता साझा करना नहीं चाहते थे इसलिए उन्होंने सुनिश्चित किया कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण न रहें।उन्होंने गोलियां चलवाईं, गिरफ्तारियां करवाईं और अंत में यह अल-असद की नुसैरी शिया सेना और विभिन्न सुन्नी जिहादी समूहों के बीच गृह युद्ध में बदल गया। अल-असद को वह मिल गया जो वे चाहते थे। इस्लामी उग्रवादियों के बीच युद्ध, जिसमें वे रूस और ईरान के समर्थन के साथ कानून व्यवस्था देने वाले राष्ट्रपति बन सकें। अंत में उनका देश बर्बाद हो गया, हजारों सीरियाई मारे गए।लेकिन अस-असद सत्ता में हैं।मैं हिंसा का सहारा लेने वाले किसी भी प्रदर्शनकारी के खिलाफ हूं, क्योंकि इससे परिवारों, व्यापारों को नुकसान होगा, जिनमें से कई अल्पसंख्यकों के हैं। लेकिन जब मैंने सोमवार को ट्रम्प को कहते सुना कि वे उन अमेरिकी शहरों में फेडरल सेनाएं भेजेंगे, जहां के स्थानीय मेयरों ने उन्हें निमंत्रित नहीं किया है, तो मेरे दिमाग में पहला शब्द आया, ‘सीरिया।’ट्रम्प ने कहा, ‘न्यूयॉर्क, शिकागो, फिलाडेल्फिया, बाल्टिमोर और ऑकलैंड को अतिवादी वामपंथी चला रहे हैं। अगर बिडेन आ गए तो पूरा देश यही चलाएंगे। हम देश को नर्क में नहीं जाने देंगे।’ऐसे खतरे के सामने वामपंथ को होशियार होना होगा। ‘पुलिस की फंडिंग रोकने’ की मांग बंद करें। पुलिस का पैसा रोकना, पुलिस अधिकारियों को सूअर कहना, पूरे मोहल्लों को घेर लेना, ये सब गलत संदेश देते हैं।ट्रम्प इनका फायदा उठा सकते हैं। वाशिंगटन पोस्ट-एबीसी न्यूज पोल में पाया गया है कि ‘ज्यादातर अमेरिकी ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आंदोलन का समर्थन करते हैं और 69% कहते हैं कि अश्वेतों व अन्य अल्पसंख्यकों को न्याय व्यवस्था में श्वेतों के समान नहीं माना जाता। लेकिन जनता पुलिस फंडिंग को सामाजिक कार्यों में लगाने की मांग या गुलाम बनाने वाले जनरलों या राष्ट्रपतियों की मूर्तियां हटाने के खिलाफ है।’सड़क पर हिंसा और पुलिस फंडिंग रोकने की मांग का असर ट्रम्प के टीवी विज्ञापनों में भी दिख रहा है। एक विज्ञापन ऐसा है: फोन की घंटी बजती है और रिकॉर्डिंग शुरू होती है, ‘आपने 911 पुलिस इमरजेंसी पर फोन किया है। पुलिस फंडिंग रुकने के कारण यहां आपका फोन उठाने वाला कोई नहीं है। दुष्कर्म की रिपोर्ट के लिए 1, मर्डर के लिए 2 और चोरी के लिए 3 दबाएं। अन्य अपराधों के लिए नाम-पता बताएं। हम आपसे संपर्क करेंगे। आपका इंतजार समय 5 दिन है।’आज प्रदर्शनकारियों को ट्रम्प से जीतने के लिए एक अन्य विदेशी नेता, एक उदारवादी, एकरम इमामोग्लू का तरीका अपनाना चाहिए, जो अनुदार एर्डोगन की तमाम गंदी चालों के बावजूद 2019 में इस्तांबुल के मेयर का चुनाव जीते। इमामोग्लू के अभियान की रणनीति को ‘अतिवादी प्रेम’ कहा गया। इसका मतलब था एर्डोगन के ज्यादा पारंपरिक और धार्मिक समर्थकों से मिलना, उनकी बातें सुनना, उन्हें सम्मान दर्शाना और यह स्पष्ट करना कि वे ‘दुश्मन’ नहीं थे, बल्कि प्रगति के लिए जरूरी एकता और आपसी सम्मान के दुश्मन एर्डोगन उनके असली दुश्मन थे।इमामोग्लू की रणनीति पर द जर्नल ऑफ डेमोक्रेसी में प्रकाशित लेख के मुताबिक उन्होंने एर्डोगन पर जीत हासिल करने के लिए ‘समावेशन के संदेश, एर्डोगन के समर्थकों के सम्मान और रोजी-रोटी के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया जिससे विरोधी राजनीतिक गुट के मतदाता भी एक हो सके।’ इमामोग्लू 23 जून को अब तक के सबसे बड़े जनादेश के साथ फिर इस्तांबुल के मेयर बने।अतिवादी प्रेम। वाह। मैं मानता हूं कि यह अमेरिका में भी हो सकता है। यह ट्रम्प के राजनीतिक बंटवारे का सटीक जवाब होगा और ऐसी रणनीति होगी जिसकी वे कभी नकल नहीं करेंगे। (ये लेखक के अपने विचार हैं)आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करेंTrump might want to spark war in his own househttps://ift.tt/39ifDMD Dainik Bhaskar ट्रम्प वही तरीका अपना रहे हैं जो बशर अल-असद ने 2011 में अपनाया था, जब सीरिया में लोकतांत्रिक सुधारों की मांग के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन शुरू हुए थे