आजादी से 62 साल पहले 1885 में आज ही के दिन स्कॉटलैंड के एक रिटायर्ड अधिकारी एओ ह्यूम ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना की थी। एओ ह्यूम को जीवित रहते कभी पार्टी के संस्थापक का दर्जा नहीं दिया गया था। 1912 में उनकी मौत के बाद एओ ह्यूम को कांग्रेस का संस्थापक घोषित किया गया। पार्टी की स्थापना के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है। हुआ ये था कि 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ बड़ा गदर मचा। अंग्रेज नहीं चाहते थे कि दोबारा ऐसे फिर कभी हालात बनें तो उन्होंने प्लानिंग की कि एक ऐसा प्लेटफॉर्म बना दिया जाए, जहां हिंदुस्तानी अपनी भड़ास निकाल सकें। इसके अलावा इसी मंच के तहत जो विरोध प्रदर्शन करना है, वो भी कर सकें। इस काम के लिए एओ ह्यूम को चुना गया। स्थापना अंग्रेज ने भले ही की, लेकिन अध्यक्ष भारतीय था कांग्रेस पार्टी की स्थापना भले ही एक अंग्रेज ने की थी, लेकिन इसके अध्यक्ष भारतीय ही थे। पार्टी के पहले अध्यक्ष कलकत्ता हाईकोर्ट के बैरिस्टर व्योमेश चंद्र बनर्जी थे। पार्टी का पहला अधिवेशन पुणे में होना था, लेकिन उस वक्त वहां हैजा फैला हुआ था। इस वजह से इसे बंबई (अब मुंबई) में किया गया। तस्वीर 28 दिसंबर 1885 को बंबई में हुए कांग्रेस के पहले अधिवेशन की है। इसमें 78 सदस्यों की मौजूदगी में व्योमेश चंद्र बनर्जी को कांग्रेस का पहला अध्यक्ष चुना गया था। जब कांग्रेस में फूट पड़ी 1905 में बंगाल का बंटवारा हुआ और इससे ही कांग्रेस को नई पहचान मिली। कांग्रेस ने बंटवारे का खुलकर विरोध किया। अंग्रेजी सामानों का बहिष्कार किया। कांग्रेस ने अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन शुरू ही किए थे और इसमें फूट पड़ गई। दो धड़े हो गए। एक नरम दल और एक गरम दल। गरम दल चाहता था कि आंदोलन बंगाल तक ही सीमित न रखा जाए, जबकि नरम दल खुलकर अंग्रेजों की बगावत करने के खिलाफ था। फिर कांग्रेस में एंट्री हुई गांधी की 1915 में महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे। 1919 में असहयोग आंदोलन से गांधीजी राजनीति में आए। उसके बाद बस कांग्रेस का मतलब गांधी ही हो गया। गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने कई आंदोलन किए। मसलन, सविनय अविज्ञा आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन। ये कांग्रेस की लोकप्रियता ही थी कि उस गुलाम भारत में भी पार्टी के 1.5 करोड़ से ज्यादा सदस्य थे और 7 करोड़ से ज्यादा समर्थक। आजादी के बाद की कांग्रेस 1885 में बनी कांग्रेस पार्टी के अब तक 88 अध्यक्ष रह चुके हैं। इनमें से 18 अध्यक्ष आजादी के बाद बने हैं। आजादी के बाद इन 73 सालों में से 38 साल नेहरू-गांधी परिवार ही पार्टी का अध्यक्ष रहा है। जबकि, 35 साल गैर नेहरू-गांधी परिवार ने कमान संभाली है। आजादी के बाद 1951 से लेकर 1954 तक जवाहर लाल नेहरू अध्यक्ष रहे। उनके बाद 1959 में इंदिरा गांधी अध्यक्ष बनीं फिर 1978 से 1984 तक इंदिरा दोबारा अध्यक्ष रहीं। इंदिरा गांधी की मौत के बाद 1985 से 1991 तक राजीव गांधी अध्यक्ष बने। राजीव गांधी की मौत के 7 साल बाद 1998 में सोनिया गांधी अध्यक्ष बनीं, जो 2017 तक इस पर रहीं। उसके बाद राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद अगस्त 2019 से सोनिया गांधी दोबारा अध्यक्ष हैं। राहुल दिसंबर 2017 से अगस्त 2019 तक अध्यक्ष रहे थे। भारत और दुनिया में 28 दिसंबर की महत्वपूर्ण घटनाएं : 1668 : मराठा शासक शिवाजी के पुत्र संभाजी ने मुगल शासक औरंगजेब की कैद में यातनाएं दिए जाने के कारण दम तोड़ा। 1926 : इंपीरियल एयरवेज ने भारत और इंग्लैंड के बीच यात्री और डाक सेवा शुरू की। 1928 : कलकत्ता (अब कोलकाता) में पहली बार बोलती फिल्म ‘मेलोडी ऑफ लव’ प्रदर्शित हुई। 1957 : ब्रिटेन के उत्तरी भाग में स्थित देश के सबसे बड़े बूचड़खाने को पशुओं की फुट एंड माउथ बीमारी की वजह से बंद करने का फैसला किया गया। 1974 : पाकिस्तान में 6.3 की तीव्रता वाले भीषण भूकंप में 5,200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। 1995 : पोलैंड के अन्वेषक मारके कार्मिस्की एक ही वर्ष में उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुवों पर झंडा फहराने वाले पहले व्यक्ति बने। 2003 : अमेरिका में ब्रिटेन के कुछ विमानों में स्काई मार्शल यानी सुरक्षा गार्ड तैनात करने का फैसला लिया गया। 2008 : भारत के अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि और साहित्यकार प्रो. सुरेश वात्स्यायन का निधन। 2013 : दिल्ली में पहली बार कांग्रेस के समर्थन से आम आदमी पार्टी की सरकार बनी। ये सरकार 49 दिन में गिर गई। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें Today History: Aaj Ka Itihas India World 27 December Update | Mirza Ghalib Facts, Pakistan Benazir Bhutto Assassination https://ift.tt/3rvypc3 Dainik Bhaskar देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी का जन्म, इसकी स्थापना अंग्रेज ने की, लेकिन पार्टी ने आजादी की लड़ाई लड़ी
आजादी से 62 साल पहले 1885 में आज ही के दिन स्कॉटलैंड के एक रिटायर्ड अधिकारी एओ ह्यूम ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना की थी। एओ ह्यूम को जीवित रहते कभी पार्टी के संस्थापक का दर्जा नहीं दिया गया था। 1912 में उनकी मौत के बाद एओ ह्यूम को कांग्रेस का संस्थापक घोषित किया गया।
पार्टी की स्थापना के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है। हुआ ये था कि 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ बड़ा गदर मचा। अंग्रेज नहीं चाहते थे कि दोबारा ऐसे फिर कभी हालात बनें तो उन्होंने प्लानिंग की कि एक ऐसा प्लेटफॉर्म बना दिया जाए, जहां हिंदुस्तानी अपनी भड़ास निकाल सकें। इसके अलावा इसी मंच के तहत जो विरोध प्रदर्शन करना है, वो भी कर सकें। इस काम के लिए एओ ह्यूम को चुना गया।
स्थापना अंग्रेज ने भले ही की, लेकिन अध्यक्ष भारतीय था
कांग्रेस पार्टी की स्थापना भले ही एक अंग्रेज ने की थी, लेकिन इसके अध्यक्ष भारतीय ही थे। पार्टी के पहले अध्यक्ष कलकत्ता हाईकोर्ट के बैरिस्टर व्योमेश चंद्र बनर्जी थे। पार्टी का पहला अधिवेशन पुणे में होना था, लेकिन उस वक्त वहां हैजा फैला हुआ था। इस वजह से इसे बंबई (अब मुंबई) में किया गया।
जब कांग्रेस में फूट पड़ी
1905 में बंगाल का बंटवारा हुआ और इससे ही कांग्रेस को नई पहचान मिली। कांग्रेस ने बंटवारे का खुलकर विरोध किया। अंग्रेजी सामानों का बहिष्कार किया। कांग्रेस ने अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन शुरू ही किए थे और इसमें फूट पड़ गई। दो धड़े हो गए। एक नरम दल और एक गरम दल। गरम दल चाहता था कि आंदोलन बंगाल तक ही सीमित न रखा जाए, जबकि नरम दल खुलकर अंग्रेजों की बगावत करने के खिलाफ था।
फिर कांग्रेस में एंट्री हुई गांधी की
1915 में महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे। 1919 में असहयोग आंदोलन से गांधीजी राजनीति में आए। उसके बाद बस कांग्रेस का मतलब गांधी ही हो गया। गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने कई आंदोलन किए। मसलन, सविनय अविज्ञा आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन। ये कांग्रेस की लोकप्रियता ही थी कि उस गुलाम भारत में भी पार्टी के 1.5 करोड़ से ज्यादा सदस्य थे और 7 करोड़ से ज्यादा समर्थक।
आजादी के बाद की कांग्रेस
1885 में बनी कांग्रेस पार्टी के अब तक 88 अध्यक्ष रह चुके हैं। इनमें से 18 अध्यक्ष आजादी के बाद बने हैं। आजादी के बाद इन 73 सालों में से 38 साल नेहरू-गांधी परिवार ही पार्टी का अध्यक्ष रहा है। जबकि, 35 साल गैर नेहरू-गांधी परिवार ने कमान संभाली है।
आजादी के बाद 1951 से लेकर 1954 तक जवाहर लाल नेहरू अध्यक्ष रहे। उनके बाद 1959 में इंदिरा गांधी अध्यक्ष बनीं फिर 1978 से 1984 तक इंदिरा दोबारा अध्यक्ष रहीं। इंदिरा गांधी की मौत के बाद 1985 से 1991 तक राजीव गांधी अध्यक्ष बने। राजीव गांधी की मौत के 7 साल बाद 1998 में सोनिया गांधी अध्यक्ष बनीं, जो 2017 तक इस पर रहीं। उसके बाद राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद अगस्त 2019 से सोनिया गांधी दोबारा अध्यक्ष हैं। राहुल दिसंबर 2017 से अगस्त 2019 तक अध्यक्ष रहे थे।
भारत और दुनिया में 28 दिसंबर की महत्वपूर्ण घटनाएं :
- 1668 : मराठा शासक शिवाजी के पुत्र संभाजी ने मुगल शासक औरंगजेब की कैद में यातनाएं दिए जाने के कारण दम तोड़ा।
- 1926 : इंपीरियल एयरवेज ने भारत और इंग्लैंड के बीच यात्री और डाक सेवा शुरू की।
- 1928 : कलकत्ता (अब कोलकाता) में पहली बार बोलती फिल्म ‘मेलोडी ऑफ लव’ प्रदर्शित हुई।
- 1957 : ब्रिटेन के उत्तरी भाग में स्थित देश के सबसे बड़े बूचड़खाने को पशुओं की फुट एंड माउथ बीमारी की वजह से बंद करने का फैसला किया गया।
- 1974 : पाकिस्तान में 6.3 की तीव्रता वाले भीषण भूकंप में 5,200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई।
- 1995 : पोलैंड के अन्वेषक मारके कार्मिस्की एक ही वर्ष में उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुवों पर झंडा फहराने वाले पहले व्यक्ति बने।
- 2003 : अमेरिका में ब्रिटेन के कुछ विमानों में स्काई मार्शल यानी सुरक्षा गार्ड तैनात करने का फैसला लिया गया।
- 2008 : भारत के अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि और साहित्यकार प्रो. सुरेश वात्स्यायन का निधन।
- 2013 : दिल्ली में पहली बार कांग्रेस के समर्थन से आम आदमी पार्टी की सरकार बनी। ये सरकार 49 दिन में गिर गई।
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