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दुनिया भर में इंटरनेट या सोशल मीडिया को लेकर सेंसरशिप के मामले बढ़ते जा रहे हैं। 2015 से अब तक 62 देश किसी न किसी मुद्दे पर इस तरह का बैन लगा चुके हैं। एशिया के 48 में से 27 देशों में इंटरनेट या सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर सख्ती बढ़ी है। यह खुलासा इंटरनेट मॉनिटर एजेंसी सर्फशार्क और नेटब्लॉक्स की ताजा रिपोर्ट में हुआ है। इसमें दुनिया के 185 देशों में 2015 से लेकर 30 नवंबर 2020 तक इंटरनेट बैन का विश्लेषण किया गया है। 5 साल में 185 में से 62 देशों ने लगाया बैन रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 साल में 62 देश ऐसे रहे हैं जिन्होंने इंटरनेट और सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा सख्ती दिखाई है। ऐसे देशों में इनकी कुल हिस्सेदारी 30% से ज्यादा है। इनमें सबसे ज्यादा सख्ती चीन, उत्तर कोरिया, ईरान, कतर जैसे देशों ने दिखाई है। चीन में तो विदेशी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पूरी तरह रोक है। उसने इसके लिए अपनी व्यवस्था बना रखी है। 2015 के बाद से हर 3 में से एक देश सोशल मीडिया पर रोक लगा चुका है। कतर ने वीओआईपी वाले स्काइप, फेसटाइम, वीबर जैसे एप पर 2017 से रोक लगा रखी है। 2019 में भारत में सबसे ज्यादा 121 बार बैन लगा 2019 में इंटरनेट पर 121 बार बैन लगाकर भारत दुनिया में अव्वल रहा। जम्मू-कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 370 पर फैसले के बाद अगस्त 2019 में भारत में इंटरनेट पर अब तक का दूसरा सबसे लम्बा बैन लगाया गया। इसके बाद जून 2020 में टिकटॉक समेत चीन के 59 एप पर रोक लगाई गई। चाडः 2 साल में 472 दिन तक इंटरनेट पर बैन पिछले 2 साल में इंटरनेट और सोशल मीडिया पर सबसे लम्बा बैन अफ्रीकी देश चाड में रहा। यहां 2018 और 2019 के दौरान 472 दिन तक यह बैन लगा रहा, यानी लगभग हर दूसरे दिन। ऐसा इसलिए किया गया ताकि 1990 से राष्ट्रपति पद पर काबिज इदरिस डेबी 2033 तक इस पद पर बने रह सकें। विरोधियों को रोकने के लिए सुरक्षा का हवाला देकर बैन, पेपर लीक, चुनाव भी बने रोक लगाने की वजह अलग-अलग देशों ने इंटरनेट या सोशल मीडिया पर बैन लगाने के पीछे कई तरह की दलीलें दी हैं। इनमें खास तौर पर परीक्षा के दौरान पेपर लीक होने का डर, सुरक्षा को खतरा, चुनाव और नेताओं के वीडियो वायरल होने से रोकने जैसी वजह बताई गई हैं। ज्यादातर सरकारों ने सुरक्षा का हवाला देकर विरोधियों को रोकने के लिए ऐसा किया। पाकिस्तान, मिस्र, ईरान समेत 14 देशों ने धरना, प्रदर्शन को फैलने से रोकने के लिए बैन लगाया था। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें एशिया के 48 में से 27 देशों में इंटरनेट या सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर सख्ती बढ़ी है। https://ift.tt/2JfveUs Dainik Bhaskar सेंसरशिप: एशिया के 48 में से 27 देशों में सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर सख्ती बढ़ी

दुनिया भर में इंटरनेट या सोशल मीडिया को लेकर सेंसरशिप के मामले बढ़ते जा रहे हैं। 2015 से अब तक 62 देश किसी न किसी मुद्दे पर इस तरह का बैन लगा चुके हैं। एशिया के 48 में से 27 देशों में इंटरनेट या सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर सख्ती बढ़ी है। यह खुलासा इंटरनेट मॉनिटर एजेंसी सर्फशार्क और नेटब्लॉक्स की ताजा रिपोर्ट में हुआ है। इसमें दुनिया के 185 देशों में 2015 से लेकर 30 नवंबर 2020 तक इंटरनेट बैन का विश्लेषण किया गया है।

5 साल में 185 में से 62 देशों ने लगाया बैन

रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 साल में 62 देश ऐसे रहे हैं जिन्होंने इंटरनेट और सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा सख्ती दिखाई है। ऐसे देशों में इनकी कुल हिस्सेदारी 30% से ज्यादा है। इनमें सबसे ज्यादा सख्ती चीन, उत्तर कोरिया, ईरान, कतर जैसे देशों ने दिखाई है। चीन में तो विदेशी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पूरी तरह रोक है। उसने इसके लिए अपनी व्यवस्था बना रखी है।

  • 2015 के बाद से हर 3 में से एक देश सोशल मीडिया पर रोक लगा चुका है।
  • कतर ने वीओआईपी वाले स्काइप, फेसटाइम, वीबर जैसे एप पर 2017 से रोक लगा रखी है।

2019 में भारत में सबसे ज्यादा 121 बार बैन लगा

2019 में इंटरनेट पर 121 बार बैन लगाकर भारत दुनिया में अव्वल रहा। जम्मू-कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 370 पर फैसले के बाद अगस्त 2019 में भारत में इंटरनेट पर अब तक का दूसरा सबसे लम्बा बैन लगाया गया। इसके बाद जून 2020 में टिकटॉक समेत चीन के 59 एप पर रोक लगाई गई।

चाडः 2 साल में 472 दिन तक इंटरनेट पर बैन

पिछले 2 साल में इंटरनेट और सोशल मीडिया पर सबसे लम्बा बैन अफ्रीकी देश चाड में रहा। यहां 2018 और 2019 के दौरान 472 दिन तक यह बैन लगा रहा, यानी लगभग हर दूसरे दिन। ऐसा इसलिए किया गया ताकि 1990 से राष्ट्रपति पद पर काबिज इदरिस डेबी 2033 तक इस पद पर बने रह सकें।

विरोधियों को रोकने के लिए सुरक्षा का हवाला देकर बैन, पेपर लीक, चुनाव भी बने रोक लगाने की वजह

अलग-अलग देशों ने इंटरनेट या सोशल मीडिया पर बैन लगाने के पीछे कई तरह की दलीलें दी हैं। इनमें खास तौर पर परीक्षा के दौरान पेपर लीक होने का डर, सुरक्षा को खतरा, चुनाव और नेताओं के वीडियो वायरल होने से रोकने जैसी वजह बताई गई हैं। ज्यादातर सरकारों ने सुरक्षा का हवाला देकर विरोधियों को रोकने के लिए ऐसा किया। पाकिस्तान, मिस्र, ईरान समेत 14 देशों ने धरना, प्रदर्शन को फैलने से रोकने के लिए बैन लगाया था।



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एशिया के 48 में से 27 देशों में इंटरनेट या सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर सख्ती बढ़ी है।


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दुनिया भर में इंटरनेट या सोशल मीडिया को लेकर सेंसरशिप के मामले बढ़ते जा रहे हैं। 2015 से अब तक 62 देश किसी न किसी मुद्दे पर इस तरह का बैन लगा चुके हैं। एशिया के 48 में से 27 देशों में इंटरनेट या सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर सख्ती बढ़ी है। यह खुलासा इंटरनेट मॉनिटर एजेंसी सर्फशार्क और नेटब्लॉक्स की ताजा रिपोर्ट में हुआ है। इसमें दुनिया के 185 देशों में 2015 से लेकर 30 नवंबर 2020 तक इंटरनेट बैन का विश्लेषण किया गया है।

5 साल में 185 में से 62 देशों ने लगाया बैन

रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 साल में 62 देश ऐसे रहे हैं जिन्होंने इंटरनेट और सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा सख्ती दिखाई है। ऐसे देशों में इनकी कुल हिस्सेदारी 30% से ज्यादा है। इनमें सबसे ज्यादा सख्ती चीन, उत्तर कोरिया, ईरान, कतर जैसे देशों ने दिखाई है। चीन में तो विदेशी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पूरी तरह रोक है। उसने इसके लिए अपनी व्यवस्था बना रखी है।

2015 के बाद से हर 3 में से एक देश सोशल मीडिया पर रोक लगा चुका है।

कतर ने वीओआईपी वाले स्काइप, फेसटाइम, वीबर जैसे एप पर 2017 से रोक लगा रखी है।

2019 में भारत में सबसे ज्यादा 121 बार बैन लगा

2019 में इंटरनेट पर 121 बार बैन लगाकर भारत दुनिया में अव्वल रहा। जम्मू-कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 370 पर फैसले के बाद अगस्त 2019 में भारत में इंटरनेट पर अब तक का दूसरा सबसे लम्बा बैन लगाया गया। इसके बाद जून 2020 में टिकटॉक समेत चीन के 59 एप पर रोक लगाई गई।

चाडः 2 साल में 472 दिन तक इंटरनेट पर बैन

पिछले 2 साल में इंटरनेट और सोशल मीडिया पर सबसे लम्बा बैन अफ्रीकी देश चाड में रहा। यहां 2018 और 2019 के दौरान 472 दिन तक यह बैन लगा रहा, यानी लगभग हर दूसरे दिन। ऐसा इसलिए किया गया ताकि 1990 से राष्ट्रपति पद पर काबिज इदरिस डेबी 2033 तक इस पद पर बने रह सकें।

विरोधियों को रोकने के लिए सुरक्षा का हवाला देकर बैन, पेपर लीक, चुनाव भी बने रोक लगाने की वजह

अलग-अलग देशों ने इंटरनेट या सोशल मीडिया पर बैन लगाने के पीछे कई तरह की दलीलें दी हैं। इनमें खास तौर पर परीक्षा के दौरान पेपर लीक होने का डर, सुरक्षा को खतरा, चुनाव और नेताओं के वीडियो वायरल होने से रोकने जैसी वजह बताई गई हैं। ज्यादातर सरकारों ने सुरक्षा का हवाला देकर विरोधियों को रोकने के लिए ऐसा किया। पाकिस्तान, मिस्र, ईरान समेत 14 देशों ने धरना, प्रदर्शन को फैलने से रोकने के लिए बैन लगाया था।

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एशिया के 48 में से 27 देशों में इंटरनेट या सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर सख्ती बढ़ी है।

https://ift.tt/2JfveUs Dainik Bhaskar सेंसरशिप: एशिया के 48 में से 27 देशों में सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर सख्ती बढ़ी Reviewed by Manish Pethev on December 24, 2020 Rating: 5

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