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औरंगाबाद में एक महिला कमर दर्द की शिकायत लेकर डॉक्टरों के पास आई। उसकी जांच करते वक्त डॉक्टर हैरान रह गए। महिला के पूरे शरीर में पस (मवाद) जमा था। महिला को पहले से कोई बीमारी नहीं थी। महिला में कोरोना की एंटीबॉडी मिली थी। इसलिए डॉक्टरों ने निष्कर्ष निकाला कि यह कोरोना से ठीक होने के बाद के नए लक्षण है। तीन बार सर्जरी कर महिला के शरीर से पस निकाला गया। अब वह स्वस्थ है। दुनिया में इस तरह के महज सात मामले सामने आए हैं। भारत में यह ऐसी पहली घटना है। औरंगाबाद के बजाज नगर में रहने वालीं अंजलि (बदला हुआ नाम) 28 नवंबर को डॉ॰ हेडगेवार अस्पताल में कमर दर्द का इलाज कराने गई थीं। उनके पैरों पर सूजन थी। उन्हें लगा कि दिवाली पर ज्यादा काम की वजह से यह तकलीफ हो रही है। आम तौर पर कमर दर्द फ्रैक्चर, ट्यूमर या इन्फेक्शन की वजह से महसूस होता है। इनमें की कोई वजह उनमें नहीं दिखी। डॉक्टरों ने कहा कि इन्फेक्शन होता तो भूख न लगना, नींद न आना, बुखार चढ़ना, थकान आना या वजन कम होने जैसे लक्षण दिखाई देते, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ था। MRI रिपोर्ट से पता चली बीमारी डॉक्टरों ने अंजलि को MRI कराने की सलाह दी। उसकी रिपोर्ट देखकर वे हैरान रह गए। अंजलि के शरीर में गर्दन से लेकर रीढ़ की हड्डी तक, दोनों हाथों, पेट में, किडनी के बगल में पस जमा हुआ था। एडमिट करने के दो दिन बाद ही अंजलि को हालत बिगड़ने लगी। डॉक्टरों ने तुरंत सर्जरी कर पस निकालने का फैसला लिया। डॉ. श्रीकांत दहिभाते, डॉ. प्रसाद वैद्य और डॉ. रजनीकांत जोशी ने अंजलि के शरीर से करीब आधा लीटर पस निकाला। 21 दिसम्बर को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। एंटीजन टेस्ट नेगेटिव, शरीर में एंटीबॉडी मिली अंजलि की एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। हालांकि उनके शरीर में एंटीबॉडी पाई गई। इसका मतलब उन्हें कोरोना हो चुका था। इससे उनकी बीमारियों से लड़ने की ताकत खत्म हो गई। इसलिए उन्हें इस तरह की समस्या हुई। डॉ. दहिभाते ने इस बारे में दुनिया भर की केस स्टडी देखीं। इस दौरान उन्हें जर्नल ऑफ न्यूरोलॉजी के सितंबर के अंक में 'कोरोना के बाद के असामान्य लक्षण' विषय पर जानकारी मिली। इससे पता चला कि अब तक जर्मनी में इस तरह के 6 केस मिलने की पुष्टि हुई है। ठीक होने के बाद भी देखभाल की जरूरत स्पाइन सर्जन डॉ.श्रीकांत दहिभाते ने बताया कि भारत में यह इस तरह की पहला केस है। इसकी वजह तक जाने के लिए और स्टडी की जरूरत है। कोरोना से ठीक होने के बाद हमें खुद को सुरक्षित नहीं समझना चाहिए। भविष्य में कोरोना के वजह से अलग-अलग तरह के लक्षण दिखने लगे हैं। इसलिए कोरोना के पहले और बाद में भी देखभाल जरूरी है। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें औरंगाबाद की महिला कमरदर्द का इलाज कराने हॉस्पिटल आई थी। वहां उसे अलग तरह की समस्या का पता चला। https://ift.tt/3nO9zSl Dainik Bhaskar संक्रमण से ठीक हुई महिला के पूरे शरीर में पस जमा, यह दुनिया का सातवां और देश का ऐसा पहला केस

औरंगाबाद में एक महिला कमर दर्द की शिकायत लेकर डॉक्टरों के पास आई। उसकी जांच करते वक्त डॉक्टर हैरान रह गए। महिला के पूरे शरीर में पस (मवाद) जमा था। महिला को पहले से कोई बीमारी नहीं थी। महिला में कोरोना की एंटीबॉडी मिली थी। इसलिए डॉक्टरों ने निष्कर्ष निकाला कि यह कोरोना से ठीक होने के बाद के नए लक्षण है। तीन बार सर्जरी कर महिला के शरीर से पस निकाला गया। अब वह स्वस्थ है। दुनिया में इस तरह के महज सात मामले सामने आए हैं। भारत में यह ऐसी पहली घटना है।

औरंगाबाद के बजाज नगर में रहने वालीं अंजलि (बदला हुआ नाम) 28 नवंबर को डॉ॰ हेडगेवार अस्पताल में कमर दर्द का इलाज कराने गई थीं। उनके पैरों पर सूजन थी। उन्हें लगा कि दिवाली पर ज्यादा काम की वजह से यह तकलीफ हो रही है।

आम तौर पर कमर दर्द फ्रैक्चर, ट्यूमर या इन्फेक्शन की वजह से महसूस होता है। इनमें की कोई वजह उनमें नहीं दिखी। डॉक्टरों ने कहा कि इन्फेक्शन होता तो भूख न लगना, नींद न आना, बुखार चढ़ना, थकान आना या वजन कम होने जैसे लक्षण दिखाई देते, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ था।

MRI रिपोर्ट से पता चली बीमारी

डॉक्टरों ने अंजलि को MRI कराने की सलाह दी। उसकी रिपोर्ट देखकर वे हैरान रह गए। अंजलि के शरीर में गर्दन से लेकर रीढ़ की हड्डी तक, दोनों हाथों, पेट में, किडनी के बगल में पस जमा हुआ था। एडमिट करने के दो दिन बाद ही अंजलि को हालत बिगड़ने लगी।

डॉक्टरों ने तुरंत सर्जरी कर पस निकालने का फैसला लिया। डॉ. श्रीकांत दहिभाते, डॉ. प्रसाद वैद्य और डॉ. रजनीकांत जोशी ने अंजलि के शरीर से करीब आधा लीटर पस निकाला। 21 दिसम्बर को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।

एंटीजन टेस्ट नेगेटिव, शरीर में एंटीबॉडी मिली

अंजलि की एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। हालांकि उनके शरीर में एंटीबॉडी पाई गई। इसका मतलब उन्हें कोरोना हो चुका था। इससे उनकी बीमारियों से लड़ने की ताकत खत्म हो गई। इसलिए उन्हें इस तरह की समस्या हुई। डॉ. दहिभाते ने इस बारे में दुनिया भर की केस स्टडी देखीं। इस दौरान उन्हें जर्नल ऑफ न्यूरोलॉजी के सितंबर के अंक में 'कोरोना के बाद के असामान्य लक्षण' विषय पर जानकारी मिली। इससे पता चला कि अब तक जर्मनी में इस तरह के 6 केस मिलने की पुष्टि हुई है।

ठीक होने के बाद भी देखभाल की जरूरत

स्पाइन सर्जन डॉ.श्रीकांत दहिभाते ने बताया कि भारत में यह इस तरह की पहला केस है। इसकी वजह तक जाने के लिए और स्टडी की जरूरत है। कोरोना से ठीक होने के बाद हमें खुद को सुरक्षित नहीं समझना चाहिए। भविष्य में कोरोना के वजह से अलग-अलग तरह के लक्षण दिखने लगे हैं। इसलिए कोरोना के पहले और बाद में भी देखभाल जरूरी है।



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औरंगाबाद की महिला कमरदर्द का इलाज कराने हॉस्पिटल आई थी। वहां उसे अलग तरह की समस्या का पता चला।


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औरंगाबाद में एक महिला कमर दर्द की शिकायत लेकर डॉक्टरों के पास आई। उसकी जांच करते वक्त डॉक्टर हैरान रह गए। महिला के पूरे शरीर में पस (मवाद) जमा था। महिला को पहले से कोई बीमारी नहीं थी। महिला में कोरोना की एंटीबॉडी मिली थी। इसलिए डॉक्टरों ने निष्कर्ष निकाला कि यह कोरोना से ठीक होने के बाद के नए लक्षण है। तीन बार सर्जरी कर महिला के शरीर से पस निकाला गया। अब वह स्वस्थ है। दुनिया में इस तरह के महज सात मामले सामने आए हैं। भारत में यह ऐसी पहली घटना है। औरंगाबाद के बजाज नगर में रहने वालीं अंजलि (बदला हुआ नाम) 28 नवंबर को डॉ॰ हेडगेवार अस्पताल में कमर दर्द का इलाज कराने गई थीं। उनके पैरों पर सूजन थी। उन्हें लगा कि दिवाली पर ज्यादा काम की वजह से यह तकलीफ हो रही है। आम तौर पर कमर दर्द फ्रैक्चर, ट्यूमर या इन्फेक्शन की वजह से महसूस होता है। इनमें की कोई वजह उनमें नहीं दिखी। डॉक्टरों ने कहा कि इन्फेक्शन होता तो भूख न लगना, नींद न आना, बुखार चढ़ना, थकान आना या वजन कम होने जैसे लक्षण दिखाई देते, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ था। MRI रिपोर्ट से पता चली बीमारी डॉक्टरों ने अंजलि को MRI कराने की सलाह दी। उसकी रिपोर्ट देखकर वे हैरान रह गए। अंजलि के शरीर में गर्दन से लेकर रीढ़ की हड्डी तक, दोनों हाथों, पेट में, किडनी के बगल में पस जमा हुआ था। एडमिट करने के दो दिन बाद ही अंजलि को हालत बिगड़ने लगी। डॉक्टरों ने तुरंत सर्जरी कर पस निकालने का फैसला लिया। डॉ. श्रीकांत दहिभाते, डॉ. प्रसाद वैद्य और डॉ. रजनीकांत जोशी ने अंजलि के शरीर से करीब आधा लीटर पस निकाला। 21 दिसम्बर को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। एंटीजन टेस्ट नेगेटिव, शरीर में एंटीबॉडी मिली अंजलि की एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। हालांकि उनके शरीर में एंटीबॉडी पाई गई। इसका मतलब उन्हें कोरोना हो चुका था। इससे उनकी बीमारियों से लड़ने की ताकत खत्म हो गई। इसलिए उन्हें इस तरह की समस्या हुई। डॉ. दहिभाते ने इस बारे में दुनिया भर की केस स्टडी देखीं। इस दौरान उन्हें जर्नल ऑफ न्यूरोलॉजी के सितंबर के अंक में 'कोरोना के बाद के असामान्य लक्षण' विषय पर जानकारी मिली। इससे पता चला कि अब तक जर्मनी में इस तरह के 6 केस मिलने की पुष्टि हुई है। ठीक होने के बाद भी देखभाल की जरूरत स्पाइन सर्जन डॉ.श्रीकांत दहिभाते ने बताया कि भारत में यह इस तरह की पहला केस है। इसकी वजह तक जाने के लिए और स्टडी की जरूरत है। कोरोना से ठीक होने के बाद हमें खुद को सुरक्षित नहीं समझना चाहिए। भविष्य में कोरोना के वजह से अलग-अलग तरह के लक्षण दिखने लगे हैं। इसलिए कोरोना के पहले और बाद में भी देखभाल जरूरी है। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें औरंगाबाद की महिला कमरदर्द का इलाज कराने हॉस्पिटल आई थी। वहां उसे अलग तरह की समस्या का पता चला। https://ift.tt/3nO9zSl Dainik Bhaskar संक्रमण से ठीक हुई महिला के पूरे शरीर में पस जमा, यह दुनिया का सातवां और देश का ऐसा पहला केस 

औरंगाबाद में एक महिला कमर दर्द की शिकायत लेकर डॉक्टरों के पास आई। उसकी जांच करते वक्त डॉक्टर हैरान रह गए। महिला के पूरे शरीर में पस (मवाद) जमा था। महिला को पहले से कोई बीमारी नहीं थी। महिला में कोरोना की एंटीबॉडी मिली थी। इसलिए डॉक्टरों ने निष्कर्ष निकाला कि यह कोरोना से ठीक होने के बाद के नए लक्षण है। तीन बार सर्जरी कर महिला के शरीर से पस निकाला गया। अब वह स्वस्थ है। दुनिया में इस तरह के महज सात मामले सामने आए हैं। भारत में यह ऐसी पहली घटना है।

औरंगाबाद के बजाज नगर में रहने वालीं अंजलि (बदला हुआ नाम) 28 नवंबर को डॉ॰ हेडगेवार अस्पताल में कमर दर्द का इलाज कराने गई थीं। उनके पैरों पर सूजन थी। उन्हें लगा कि दिवाली पर ज्यादा काम की वजह से यह तकलीफ हो रही है।

आम तौर पर कमर दर्द फ्रैक्चर, ट्यूमर या इन्फेक्शन की वजह से महसूस होता है। इनमें की कोई वजह उनमें नहीं दिखी। डॉक्टरों ने कहा कि इन्फेक्शन होता तो भूख न लगना, नींद न आना, बुखार चढ़ना, थकान आना या वजन कम होने जैसे लक्षण दिखाई देते, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ था।

MRI रिपोर्ट से पता चली बीमारी

डॉक्टरों ने अंजलि को MRI कराने की सलाह दी। उसकी रिपोर्ट देखकर वे हैरान रह गए। अंजलि के शरीर में गर्दन से लेकर रीढ़ की हड्डी तक, दोनों हाथों, पेट में, किडनी के बगल में पस जमा हुआ था। एडमिट करने के दो दिन बाद ही अंजलि को हालत बिगड़ने लगी।

डॉक्टरों ने तुरंत सर्जरी कर पस निकालने का फैसला लिया। डॉ. श्रीकांत दहिभाते, डॉ. प्रसाद वैद्य और डॉ. रजनीकांत जोशी ने अंजलि के शरीर से करीब आधा लीटर पस निकाला। 21 दिसम्बर को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।

एंटीजन टेस्ट नेगेटिव, शरीर में एंटीबॉडी मिली

अंजलि की एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। हालांकि उनके शरीर में एंटीबॉडी पाई गई। इसका मतलब उन्हें कोरोना हो चुका था। इससे उनकी बीमारियों से लड़ने की ताकत खत्म हो गई। इसलिए उन्हें इस तरह की समस्या हुई। डॉ. दहिभाते ने इस बारे में दुनिया भर की केस स्टडी देखीं। इस दौरान उन्हें जर्नल ऑफ न्यूरोलॉजी के सितंबर के अंक में 'कोरोना के बाद के असामान्य लक्षण' विषय पर जानकारी मिली। इससे पता चला कि अब तक जर्मनी में इस तरह के 6 केस मिलने की पुष्टि हुई है।

ठीक होने के बाद भी देखभाल की जरूरत

स्पाइन सर्जन डॉ.श्रीकांत दहिभाते ने बताया कि भारत में यह इस तरह की पहला केस है। इसकी वजह तक जाने के लिए और स्टडी की जरूरत है। कोरोना से ठीक होने के बाद हमें खुद को सुरक्षित नहीं समझना चाहिए। भविष्य में कोरोना के वजह से अलग-अलग तरह के लक्षण दिखने लगे हैं। इसलिए कोरोना के पहले और बाद में भी देखभाल जरूरी है।

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औरंगाबाद की महिला कमरदर्द का इलाज कराने हॉस्पिटल आई थी। वहां उसे अलग तरह की समस्या का पता चला।

https://ift.tt/3nO9zSl Dainik Bhaskar संक्रमण से ठीक हुई महिला के पूरे शरीर में पस जमा, यह दुनिया का सातवां और देश का ऐसा पहला केस Reviewed by Manish Pethev on December 24, 2020 Rating: 5

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